आज सुबह के मुख्य समाचार पत्र ✉ *शिमला:- अवैध सेब के बग़ीचों के बाद अब अवैध घरों पर चला वन विभाग का डंडा..घर ख़ाली करवाया..परिवार टैंट के निचे रहने को मजबूर..!* *कुमारसैन के बड़ागांव के सराहन गांव में अवैध कब्जाधारियों पर हुई कारवाई ,

Jul 16, 2025 - 06:12
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आज सुबह के मुख्य समाचार पत्र ✉ *शिमला:- अवैध सेब के बग़ीचों के बाद अब अवैध घरों पर चला वन विभाग का डंडा..घर ख़ाली करवाया..परिवार टैंट के निचे रहने को मजबूर..!*   *कुमारसैन के बड़ागांव के सराहन गांव में अवैध कब्जाधारियों पर हुई कारवाई ,

: *मिड डे मील के लिए आ गया 2665 करोड़ का बजट* 

केंद्र सरकार ने पीएम पोषण योजना के तहत हिमाचल के लिए मंजूर की राशि

केंद्र सरकार ने स्कूलों में मिड-डे मील योजना के तहत बच्चों को दिए जाने वाले पोषण के लिए बजट जारी कर दिया है। पीएम पोषण योजना मिड-डे मील के तहत केंद्र सरकार ने हिमाचल को 2665.63 करोड़ का बजट जारी किया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की यह पहली किस्त है। केंद्र सरकार 90:10 के अनुपात में पीएम पोषण योजना के तहत हिमाचल को बजट जारी करता है। हिमाचल सरकार का 228.20 करोड़ का शेयर है। इसे जारी किया जाएगा। केंद्र से ग्रांट आने के बाद राज्य सरकार स्कूलों को मिड-डे मील का यह पैसा जारी होगा। प्राइमरी व अपर प्राइमरी के लिए 1998.47 करोड़ केंद्र की ग्रांट आई है। इसमें 201.61 करोड़ राज्य का शेयर होगा, जबकि बाल वाटिका के तहत हिमाचल को 267.16 करोड़ जारी हुआ है। इसमें राज्य का शेयर 26.59 करोड़ होगा। शिक्षा विभाग के मुताबिक प्राइमरी व अपर प्राइमरी के लिए जारी बजट में खाद्यान वस्तुओं के लिए 71.04 करोड़, सामग्री लागत 1358.98 करोड़, मानदेय 455.53 करोड़, यातायात 56.1 करोड़, प्रबंधन व मूल्यांकन के लिए 56.91 करोड़ का बजट जारी किया है।

इसी तरह बाल वाटिका मद में खाद्यान्न के लिए 11.85 करोड़, सामग्री लागत 239.31 करोड़, यातायात पर 8.98 करोड़, प्रबंधन व मूल्यांकन के लिए 7.2 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। पिछले काफी समय से यह ग्रांट रुकी हुई थी। राज्य सरकार लगातार केंद्र के समक्ष इस मामले को उठा रही थी, अब इसमें केंद्र की ओर से बजट जारी कर दिया गया है। अब स्कूलों में मिड-डे मील में किसी भी तरह की कमी नहीं खलेगी। हिमाचल में कक्षा पहली से आठ तक करीब 5.50 लाख बच्चों व बाल वाटिका यानी प्री नर्सरी के 50 हजार बच्चों को रोजाना पीएम पोषण योजना के तहत दोपहर का भोजन दिया जाता है।

: *Monsoon : इन तीन जिलों में भारी बारिश की आशंका, बाकी जिलों में कैसा रहेगा मौसम, जानिए* 

Himachal Weather:

शिमला, सोलन, सिरमौर के लिए मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट, शेष जिलों के लिए तीन दिन का यलो अलर्ट

हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों के लिए मौसम विभाग की चेतावनी आई है। मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए शिमला, सोलन व सिरमौर में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। कहा गया है कि इन जिलों के अधिकांश इलाकों में अत्यधिक बारिश हो सकती है, जिसमें एहतियात बरतनी जरूरी है। सोमवार को भी प्रदेश के तीन जिलों कांगड़ा, सिरमौर व मंडी के लिए ऑरेंज अलर्ट था। इस दौरान इन जिलों में कई स्थानों पर दोपहर में बारिश हुई बताई जा रही है। राजधानी शिमला में पूरा दिन रुक-रुक कर बारिश होती रही, जबकि शाम के समय यहां पर भी भारी बारिश शुरू हो गई थी। प्रदेश भर में बारिश का दौर 18 जुलाई तक जारी रहेगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार भारी बारिश प्रदेश के ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला व सोलन जिलों में होगी। 15 जुलाई को बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू व मंडी जिला में बारिश का यलो अलर्ट दिया गया है।

इसी तरह से 16 जुलाई को भी कई जिलों में भारी बारिश बताई गई है। इसमें ऊना, चंबा, कांगड़ा, मंडी व शिमला जिलों में यलो अलर्ट रहेगा। इस दिन भी इन जिलों के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी है। 17 जुलाई को भारी बारिश की चेतावनी का यलो अलर्ट ऊना, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी व सिरमौर जिलोंं के लिए दिया गया है, जबकि 18 जुलाई को चंबा, कांगड़ा व कुल्लू जिलों के लिए यलो अलर्ट आया है। इस दिन यहां पर भारी बारिश होगी। कुल मिलाकर 18 जुलाई तक फिलहाल बारिश का दौर जारी रहेगा और इस दौरान अत्यधिक बारिश होगी। प्रदेश में मौनसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है, जिससे बड़ा नुकसान हो सकता है।

बरसात से अभी तक 786 करोड़ का नुकसान

हिमाचल प्रदेश को बरसात से अभी तक 786.67 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली में है और केंद्र सरकार को उन्होंने नुकसान की जानकारी दी है। अभी यह प्रारंभिक आकलन है, जो इससे भी ज्यादा बढ़ेगा। लोक निर्माण विभाग को 345 करोड़ का नुकसान बताया जा रहा है, जबकि जलशक्ति को 414 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसके अलावा बिजली बोर्ड को भी करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है। राज्य में सोमवार शाम तक 192 छोटी बड़ी सडक़ें यातायात के लिए पूरी तरह से बंद पड़ी हुई हैं।

मंडी में हुई थी भारी तबाही

इससे पहले मंडी जिला में बहुत बड़ा नुकसान हो चुका है, जहां पर अभी भी 27 लोग लापता चल रहे हैं। प्रदेश भर में लापता लोगों का कुल आंकड़ा 35 है। इस बरसात से अभी तक मरने वालों की संख्या 105 तक हो गई है , जबकि 184 लोग घायल हैं। मरने वालों में सडक़ दुर्घटना का आंकड़ा भी शामिल है। बिलासपुर जिला में आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि चंबा में नौ, हमीरपुर में आठ, कांगड़ा में 17, किन्नौर में छह, कुल्लू में 11, लाहुल स्पीति में दो, मंडी में 21 लोगों की मौत हो चुकी है। शिमला में सात, सिरमौर में दो, सोलन में छह व ऊना में आठ लोग काल का ग्रास बन चुके हैंं।

: *सावधान! अब यह फर्जी लिंक भेज कर ठग रहे हैं शातिर, स्तर्क न रहे तो खाली हो सकता है बैंक खाता* 

पीएम किसान निधि के फर्जी लिंक से ठग रहे शातिर

साइबर सैल ने ठगों से बचने के लिए जारी किया अलर्ट

सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर भेज रहे फर्जी लिंक

साइबर ठग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के फर्जी लिंक से लोगों को ठग रहे हैं। कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधी की 19वीं किस्त किसानों के खातों में जमा की थी। हालांकि, इस योजना का लाभ उठाने के नाम पर साइबर ठगों ने नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया है। कई किसानों के बैंक खातों से पैसे गायब हो रहे हैं, जिससे वे भारी आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। साइबर ठग सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर पीएम किसान योजना के नाम पर फर्जी लिंक फैला रहे हैं, जिन पर क्लिक करते ही बैंक खातों से पैसे उड़ जाते हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के फर्जी लिंक से साइबर ठगी के मामलों को लेकर साइबर सैल शिमला ने अलर्ट जारी किया है। साइबर सैल की एडवाईजरी में बताया गया है कि साइबर ठग लोगों को कॉल, एसएमएस और सोशल मीडिया के माध्यम से फर्जी लिंक भेज रहे हैं। ये लिंक आधिकारिक वेबसाइट जैसा दिखता है, जिससे किसान और अन्य लोग धोखा खा जाते हैं और अपने बैंक खाते की जानकारी साझा कर देते हैं। जैसे ही लोग ओटीपी या अन्य गोपनीय जानकारी साझा करते हैं, तो उनके खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं। ठग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुडऩे के बाद किसानों को ई-केवाईसी, भू-सत्यापन और आधार लिंकिंग जैसे अन्य काम करवाने होते हैं।

ऐसे में जालसाज इन कामों को करवाने की आड़ में किसानों के साथ ठगी करने की पूरी कोशिश करते हैं और जो किसान इनकी बातों में आ जाता है वो ठगी का शिकार हो जाता है। जालसाज किसानों के मोबाइल पर ई-केवाईसी करवाने के नाम पर ठगी करते हैं। इसमें सबसे पहले लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर एक मैसेज भेजा जाता है जिसमें एक लिंक भी दिया होता है। साइबर ठग किसानों को डराने वाला मैसेज भेजते हैं जिसमें दिए गए लिंक पर क्लिक करके ई-केवाईसी करने को कहा जाता है और न करने पर आपका नाम योजना से हटाने की धमकी भी होती है। ऐसे में बिना सोचे समझे कई किसान इन लिंक पर क्लिक कर देते हैं और फिर उनका मोबाइल हैक कर उनके खाते में सेंध लगा दी जाती है। ध्यान रहे मैसेज की जगह जालसाज आपको कॉल भी कर सकते हैं। इस बात को समझ लीजिए कि जब भी आपके मोबाइल पर ऐसा कोई मैसेज या कॉल आता है जिसमे आपको ई-केवाईसी या किसी दूसरे काम को करवाने के लिए कहा जाता है, तो उस पर विश्वास करने से पहले उसकी जांच करें। ये जरूर ध्यान रहे कि ऐसे किसी मैसेज पर या उसमें दिए गए लिंक पर कभी क्लिक न करें। वरना आपके साथ फ्रॉड हो सकता है। डीआईजी मोहित चावला ने कहा कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति फोन पर ओटीपी, आधार नंबर या बैंक से जुड़ी कोई भी जानकारी मांगता है, तो उसे बिल्कुल साझा न करें। पीएम किसान योजना से संबंधित सभी जानकारियां केवल आधिकारिक वेबसाइट पर ही मिलती हैं, इसलिए केवल इस वेबसाइट पर ही भरोसा करें।

: *Himachal News: अब जीवन नहीं आसान… टूट गए घर, उजड़े खेत-खलिहान* 

सराज के त्रासदी प्रभावितों को बसाएगी सरकार, शांडिल बोले, वन टाइम पॉलसी लाने पर हो रहा विचार

सराज त्रासदी में प्रभावित हुए लोगों को सरकार बसाएगी। इसके लिए वनटाइम पॉलसी लाई जाएगी। क्षेत्र में फसलों सहित बागबानी को कितना नुकसान हुआ है, इसका भी आकलन किया जाएगा। सराज के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने बगस्याड़ में आपदा प्रभावितों के साथ नुकसान का जायजा लेने के बाद साफ कर दिया है कि सरकार सेब और क्षेत्र में की जा रही फूलों की खेती को हुए नुकसान का आकलन करवाएगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता व सैनिक कल्याण मंत्री डा. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने मंडी जिला के सराज में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर यहां हुए नुकसान तथा राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सराज विधानसभा क्षेत्र में राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। राज्य सरकार की ओर से सराज क्षेत्र को सात करोड़ रुपए तुरंत प्रभाव से जारी किए गए हैं। आपदा में बेघर हुए परिवारों को गृह निर्माण के लिए सात लाख रुपए तथा छह माह तक मकान किराए के रूप में 5000 रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे।

पूर्ण क्षतिग्रस्त श्रेणी में डाले जांएगे गाद से भरे घर

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि क्षेत्र के जिन घरों में गाद भरी है, बड़े पत्थर आ गए हैं तथा असुरक्षित हैं, उन्हें पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त श्रेणी में डालने पर सरकार विचार कर रही है। क्षतिग्रस्त घरों के सामान और पशुधन का मुआवजा भी प्रदेश सरकार देगी। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों को सभी प्रकार के नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। फू लों की खेती और सेब बागबानी को हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा। राज्य सरकार आपदा प्रभावितों को विऊर से बसाने के लिए वन टाइम पॉलिसी लाने पर विचार करेगी। सराज के आपदा प्रभावित थुनाग व जंजैहली क्षेत्रों में 13,353 से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित की गई है। इसके अतिरिक्त 5527 रोगियों को घर-गांव में आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवाई गई हैं। चिकित्सा अधिकारी जंजैहली, बगस्याड़ व करसोग के लिए तीन आपातकालीन चिकित्सा किट, 62 बॉक्स दवाइयों व इंजेक्शन के भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से बगस्याड़ क्षेत्र में जन्म प्रतिक्षा गृह स्थापित किया गया है जो कि प्रसव पूर्व मातृत्व संबंधी मामलों तथा सुरक्षित प्रसव में उपयोगी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि सडक़, बिजली, पेयजल सहित सभी आवश्यक सेवाएं बहाल करने के लिए भी युद्ध स्तर पर कायज़् जारी है। थुनाग मंडल के अंतर्गत जलशक्ति विभाग की बुरी तरह से क्षतिग्रत 241 पेयजल योजनाओं में से 167 पेयजल योजनाओं को अस्थायी तौर पर चालू कर दिया गया है।

फिर डराने लगा मंडी में बारिश का ऑरेंज अलर्ट

मंडी — जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मौसम को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने मंडी जिला के भी कई स्थानों पर भारी बारिश, आसमानी बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। इसके अलावा मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन, ऊना में अधिकांश स्थानों पर बारिश होने की संभावना जताई है।

जिला प्रशासन ने साढ़े तीन हजार राशन किट बांटी

मंडी — सराज त्रासदी के बाद राहत में लगे प्रशासन ने क्षेत्र में साढ़े छह हजार से ज्यादा तिरपाल पीडि़तों को बांट दिए हैं। आसमान से बरसी इस आफत के बाद प्रशासनिक अमले ने साढ़े तीन हजार से ज्यादा राशन किट भी बांटी है। त्रासदी के14 दिन बीत जाने के बाद भी नुकसान और प्रभावितों का सही आंकड़ा नहीं मिल पाया है। इसके अलावा 17 लापता लोगों का पता भी नहीं लगाया जा सका है।

158 सडक़ें बंद, 88 विद्युत ट्रांसफार्मर भी ठप

वर्तमान में जिला मंडी में 158 मार्ग, 88 विद्युत ट्रांसवऊार्मर तथा 133 पेयजल योजनाएं अभी भी बाधित हैं, जिन्हें सुचारू रूप से बहाल करने के लिए भी कार्य किया जा रहा है। सडक़ों को खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में मशीनरी लगाकर युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है।

सराज में पेयजल मुहैया करवाने की कोशिशें तेज

मंडी — आपदा से बुरी तरह प्रभावित सराज क्षेत्र में पेयजल सहित सभी आवश्यक सेवाएं बहाल करने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। जल शक्ति विभाग के प्रयासों से वर्तमान में 167 पेयजल योजनाओं को अस्थायी तौर पर चालू कर दिया गया है।

चंडीगढ़-मनाली एनएच रात भर रहा बंद

पंडोह — चंडीगढ़ मनाली राष्ट्रीय राज मार्ग डेंजरस ब्लैक प्वाइंट पर रात भर बंद रहा। सोमवार को अंधेरा होने और लगातार हो रही बारिश को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन ने वाहनों और यात्रियों की जानमाल की सुरक्षा के लिए पूरी रात मंडी से पंडोह सडक़ मार्ग को बंद कर दिया है। पुलिस ने लोगों से आह्वान किया है कि रात को छोटे वाहनों के लिए वैकल्पिक सडक़ मार्ग कुल्लू के लिए वाया मंडी कटौला तथा कुल्लू से मंडी के लिए पंडोह से वाया गोहर चैलचोक सडक़ मार्ग का प्रयोग करें।

: *दानवीरों के साथ से प्रभावितों का बढ़ रहा हौसला, मदद के लिए दानी भेज रहे नेक कमाई* 

मंडी बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए दानी भेज रहे नेक कमाई

इस बार बरसात ने शुरुआत में ही हिमाचल को ऐसे जख्म दिए हैं, जो कभी भी भर नहीं पाएंगे। ‘दिव्य हिमाचल’ ने बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए छोटी सी पहल की है। उसके बाद दानियों ने भी मदद के हाथ बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। इससे मंडी बाढ़ प्रभावितों को भी आस बंधनी शुरू हो गई है। गौर हो कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे और करोड़ों रुपए की संपत्ति बाढ़ की भेंट चढ़ गई। लोगों के दुख दर्द और सरकार की मजबूरियों को समझते हुए ‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप’ ने भी मदद के हाथ बढ़ाते हुए ‘दिव्य हिमाचल सहायता कोष’ से दो लाख रुपए की प्रथम किस्त आपदा पीडि़तों को जारी करने की घोषणा की है।

मीडिया गु्रप ने देश-परदेश के आमजन से आग्रह किया है कि वे भी इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग देें और आपदा प्रभावितों की मदद के लिए आगे आएं। दानी सज्जन ‘दिव्य हिमाचल सहायता कोष’ में अपने सामथ्र्य अनुसार दान दे सकते हैं। हमारी यह छोटी सी मदद पीडि़तों के नुकसान की भरपाई तो नहीं कर सकती, लेकिन उनकी तकलीफों को कुछ हद तक कम करने में जरूर मदद करेगी।

इस पते पर भेजें मदद

प्रभावितों की मदद के लिए कैश, चेक या डिमांड ड्राफ्ट ‘दिव्य हिमाचल सहायता कोष’ के नाम पर भेजें

दिव्य हिमाचल सहायता कोष, दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप, पुराना मटौर, कांगड़ा,

हि. प्र.-176001 या क्यूआर कोड स्कैन करें

हेल्पलाइन

सभी दानियों के नाम ‘दिव्य हिमाचल’ में प्रकाशित किए जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें- 70181-97293, 94184-07889, 94182-55757, 98163-24264, 78078-44144

नोट: दान की गई राशि को आयकर की धारा 80 जी के तहत छूट प्राप्त है।

: *परवाणू-शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर सनवारा टोल टैक्स पर मारपीट, दो कर्मचारी घायल* 

पर्ची शुल्क पर ट्रक चालक-टोल कर्मी भिड़े 

परवाणू-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर स्थित सनवारा टोल टैक्स प्लाजा पर एक बार फिर टोल कर्मियों और ट्रक चालकों में मारपीट का मामला निकल कर आया, जिसमें की दो टोल कर्मी चोटिल हो गए। पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सनवारा टोल प्लाजा पर वाहन चालकों द्वारा टोल कर्मियों से मारपीट का मामला सामने आया है। इस दौरान शिकायतकर्ता अमित सिंह पुत्र अशोक सिंह निवासी वाराणसी ने धर्मपुर थाना में शिकायत दर्ज करवाई है कि 13 जुलाई की शाम ड्यूटी पर तैनात टोल कर्मी सोनू कुमार, मुकेश व अमित कुमार के साथ गाडिय़ों के चालकों ने मारपीट की। टोल प्लाजा की लेन नंबर-5 पर एचपी-64सी-9024 नंबर की गाड़ी और लेन नंबर-तीन पर एचपी25सी-2786 नंबर की गाड़ी पहुंची। लेन-5 पर चालक ने टोल कर्मी सोनू कुमार को शुल्क न देकर बहसबाजी शुरू कर दी और देखते ही देखते मारपीट पर उतर आया। इसी बीच दूसरी गाड़ी का चालक भी वहां पहुंचा और उसने भी मारपीट में साथ दिया।

हालात बिगड़ते देख अन्य टोल कर्मियों ने बीच बचाव किया, लेकिन कुछ अन्य वाहन चालक भी आकर टोल कर्मियों पर हमला करने लगे। वहीं धर्मपुर पुलिस ने इस संबंध में भारतीय न्याय संहिता की धारा 332उ, 115(2), 191(2), 190 के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है। इस दौरान सोशल एवं डिजिटल प्लेटफार्म पर वायरल हो रहे वीडियो में टोल कर्मियों द्वारा ट्रक चालक को भी पिटता देखा जा सकता है। और कुछ लोगों द्वारा एक चोटिल टोल कर्मी को भी उठाकर ले जाते भी देखा जा सकता है, ऐसे में कौन दोषी है, पुलिस जांच से ही पता चल पाएगा। वहीं इसी घटना को लेकर एक और पहलु या बात कही जा रही है, जिसमें की गलती टोल कर्मियों की दबंगई व गुंडागर्दी को वजह बताया जा रहा है। जला पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि लड़ाई की वजह टोल पर्ची शुल्क था, जिस पर विवाद लड़ाई में बदल गया। मामले की बारीकी से जांच की जा रही है।

: *शिक्षक पर छात्रा से छेड़छाड़ का आरोप, छठी कक्षा की बच्ची के माता-पिता ने की शिकायत* 

राजधानी शिमला के शहर के एक स्कूल में शर्मसार मामला सामने आया है। यहां पर एक छठी कक्षा की छात्रा ने संस्कृत के अध्यापक पर यौन हिंसा का आरोप लगाया है। इसको लेकर पीडि़ता छात्रा के माता-पिता ने महिला समिति के पास शिकायत की। वहीं सोमवार को इस मामले को लेकर समिति की महिलाएं स्कूल पहुंचीं और उस अध्यापक से पूछताछ की। इस दौरान पुलिस को भी यहां बुलाया गया और अध्यापक पर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई गई। महिला समिति सचिव सोनिया शबरवाल ने बताया कि बच्ची के माता-पिता ने महिला समिति में शिकायत दर्ज कराई कि स्कूल के शास्त्री पिछले कई दिनों से छठी कक्षा की छात्रा के साथ गलत तरीके से टच कर रहा था, जिसकी वजह से बच्ची काफी दिनों से स्कूल नहीं जा रही थी।

फिर काफी पूछने पर बच्ची ने अपनी बहन को बताया कि एक अध्यापक उसके साथ बदतमीज़ी कर रहा हैं, जिसके डर से वह स्कूल नहीं जा रही हैं। उसके बाद महिला समिति में शिकायत की। इसको लेकर समिति की कोषाध्यक्ष गजाला, उपाध्यक्ष रमा रावत और सह सचिव हिम्मी समिति की सदस्यों के साथ स्कूल में अध्यापक का घेराव किया। काफी हंगामे के बाद आरोपी की शिकायत बालूगंज थाना की गई। वहीं आरोपी अध्यापक को भी थाने लाया गया। महिला समिति ने फैसला लिया है कि समिति प्रशासन से भी मिलेगी ओर ऐसी वारदातें देने वाले लोगों को नौकरी से बर्खास्त करने की अपील करेगी

: *पूर्व सीएम शांता कुमार ने पूछा, जब गैर कानूनी कब्जा कर पौधे लगाए, तब कहां थे अधिकारी* 

पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल उच्च न्यायालय को आदेश दिया कि सरकार अतिशीघ्र सरकार की वन भूमि पर लगे हुए सेब के बागीचों को काट कर उस भूमि पर सरकार का कब्जा करवाए। हिमाचल के एक गांव में तीन सौ बीघा वन भूमि पर कई वर्ष पहले गैर कानूनी कब्जा करके चार हजार सेब के पौधे लगाए गए थे। आज वहां शानदार बागीचा है और सेब के पौधों पर लगे हुए सेब अपनी लाली बिखेर रहे हैं। अब अदालत के आदेश पर उन पेड़ों को काटा जा रहा है। यह एक गांव की कहानी है, पूरे प्रदेश में लाखों करोड़ों की भूमि पर वर्षों से इस प्रकार के अवैध कब्जे हुए थे। उन्होंने कहा कि सरकार की वन भूमि पर गैर कानूनी कब्जा एक दिन में नहीं हुआ। चार हजार सेब के पौधे लगाने में और उन में फल आने में वर्षों लगे। जब शुरू में गैर कानूनी कब्जा किया गया और बगीचा लगाया गया, तो सरकार कहां थी।

आज के समय में हर समय हर जगह सरकार होती है। अधिकारी और कर्मचारी होते हैं, परंतु भ्रष्टाचार के प्रभाव में चंद चांदी के सिक्कों में सबका ईमान बिकता है और पूरे देश में इस प्रकार की शर्मनाक घटनाएं होती हैं। शांता कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय से बडी नम्रता के साथ एक प्रश्न पूछा है कि कई वर्षों के बाद सरकार की वन भूमि पर लगे इन पेड़ों को काटने के आदेश तो दे दिया, परंतु न्यायालय ने यह क्यूं नहीं सोचा कि यह अपराध सबसे पहले कब्जा करने और सेब के पौधे लगाने पर हुआ था। न्यायालय ने इसके साथ ही यह आदेश क्यों नही दिया कि सबसे पहले अवैध कब्जा होने पर उस समय के कर्मचारी और अधिकारियों पर भी मुकदमा चले और उन्हें भी सख्त सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बहुत से स्थानों पर अवैध कब्जे होते हैं और लाखों करोड़ों रुपए के भवन बनाकर किराए पर दे दिए जाते हैं।

सैकड़ों पेड़ कटना पर्यावरण से खिलवाड़

शिमला। माकपा के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि एक साथ सैंकड़ों सेब के पौधों को कटाना सही नहीं है। एक ओर सरकार पेड़ लगाने और पर्यावरण बचाने की बात कहती है और दूसरी ओर एक साथ सैंकड़ों सेब के पौधे काट रहे हैं। यह पर्यावरण के साथ खिलवाड़ है। उत्पादक संघ ने भी गहरी नाराजगी और चिंता जाहिर की है। संघ ने राज्य सरकार से अपील की है कि हाई कोर्ट में याचिका दायर की जाए। उन्होंने कहा कि वन विभाग अपनी जमीन में सेब के पौधों को अपने अधीन कर सकता था और इससे स्वयं बेच भी सकता था।

: *केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बोले, ऐसे लोग जरूरी, जो सरकार के खिलाफ अदालत जा सकें* 

गडकरी बोले, नेताओं और सिस्टम में अनुशासन के लिए कोर्ट का सहारा लेना जरूरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि समाज में कुछ ऐसे लोग भी होने चाहिए, जो सरकार के खिलाफ अर्जी दाखिल कर सकें। उन्होंने नागपुर में दिवंगत प्रकाश देशपांडे स्मृति कुशल संगठक पुरस्कार कार्यक्रम के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि लोक प्रशासन में अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी है कि किसी भी गलती पर अदालत का रुख किया जाए। अदालत के माध्यम से प्रशासन में अनुशासन बनाए रखा जा सकता है। समाज में कुछ लोग ऐसे होने चाहिए, जो सरकार के खिलाफ अदालत में अर्जी दाखिल कर सकें। ऐसा करने से नेता अनुशासन में रहते हैं। कई बार सरकार में बैठे मंत्री भी वह काम नहीं कर पाते हैं, जो अदालत के आदेश पर हो जाते हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि जनता को लुभाने की राजनीति नेताओं और मंत्रियों के आड़े आती है और वे जनहित में कदम नहीं उठा पाते। इस दौरान उन्होंने ऐसे कई लोगों के उदाहरण भी दिए, जिन्होंने सरकार के खिलाफ ही किसी मामले में अर्जी दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि प्रशासन में अनुशासन बनाए रखने के लिए यह जरूरी चीज है। कई बार ऐसा हुआ है कि जब लोग अदालत गए, तो सरकार को अपने किसी फैसले से पीछे हटना पड़ा।

: *दीवार फांद कब्रिस्तान पहुंचे उमर, एक दिन बाद मनाया शहीदी दिवस, एलजी ने लगाई थी रोक* 

एक दिन बाद शहीदी दिवस मनाया, एलजी ने लगाई थी रोक

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सोमवार दोपहर करीब एक बजे श्रीनगर के नक्शबंद साहिब कब्रिस्तान में दाखिल हुए। उन्होंने यहां 13 जुलाई, 1931 को जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह के खिलाफ आवाज उठाने पर मारे गए 22 लोगों की कब्रों पर फातिहा पढ़ा और फूल चढ़ाए। जम्मू-कश्मीर सरकार 13 जुलाई को शहीदी दिवस के तौर पर मनाना चाहती थी, लेकिन उपराज्यपाल ने इसकी परमिशन नहीं दी थी। 13 जुलाई को उमर ने दावा किया था कि उन्हें और उनकी पार्टियों के दूसरे नेताओं को नजरबंद किया गया है। उमर ने एक्स पोस्ट में लिखा- 13 जुलाई, 1931 के शहीदों की कब्रों पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फातिहा पढ़ा। सरकार ने मेरा रास्ता रोकने की कोशिश की और मुझे नौहट्टा चौक से पैदल चलने के लिए मजबूर किया। नक्शबंद साहब दरगाह के गेट को बंद कर दिया, मुझे दीवार फांदने के लिए मजबूर किया।

मुझे पकडऩे की कोशिश की, लेकिन मैं आज रुकने वाला नहीं था। बता दें 13 जुलाई, 1931 को कुछ लोगों ने महाराजा हरि सिंह का विरोध किया था। उन पर डोगरा सेना ने फायरिंग की थी, इसमें 22 लोग मारे गए थे। तब से इनका शहीदी दिवस मनाए जाने लगा। 2020 में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस दिन को राजपत्र की छुट्टियों की लिस्ट से हटा दिया था।

उमर का आरोप, मेरे साथ हाथापाई की गई

उमर ने सिक्योरिटी से झड़प वाला वीडियो भी एक्स पर शेयर किया, इसमें लिखा- मेरे साथ शारीरिक रूप से हाथापाई की गई, लेकिन मैं कठोर स्वभाव का हूं और मुझे रोका नहीं जा सकता था। मैं कोई गैरकानूनी या अवैध काम नहीं कर रहा था। यकीनन इन ‘कानून के रक्षकों’ को यह बताने की जरूरत है कि किस कानून के तहत वे हमें फातिहा पढऩे से रोकने की कोशिश कर रहे थे।

: *सिराज पर लगा मैच फीस का 15 फीसदी जुर्माना* 

 भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज पर मैच फीस का 15 प्रतिशत जुर्माना लगा है। मैच फीस के अलावा उन्हें एक डिमेरिट प्वाइंट भी दिया गया है। सिराज लॉड्र्स में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट के चौथे दिन बेन डकेट को आउट करने के बाद एग्रेसिव सेलिब्रेशन करते नजर आए थे। यह आईसीसी आचार संहिता के लेवल-1 उल्लंघन के बराबर है।

डकेट के विकेट पर सिराज का एग्रेसिव सेलिब्रेशन रविवार को छठे ओवर में इंग्लैंड ने दूसरी पारी में अपना पहला विकेट गंवाया। सिराज ने शॉर्ट ऑफ लेंथ बॉल फेंकी। बेन डकेट पुल करने गए, लेकिन बॉल ज्यादा नहीं उछली और वे मिड ऑन पर जसप्रीत बुमराह के हाथों कैच हो गए। डकेट का विकेट मिलते ही सिराज एग्रेसिव सेलिब्रेशन करते नजर आए।

: *FIFA Club World Cup : चेल्सी ने दूसरी बार जीता फीफा क्लब वर्ल्ड कप* 

 चेल्सी ने दूसरी बार फीफा क्लब वल्र्ड कप का खिताब जीत लिया है। टीम ने न्यू जर्सी के मेटलाइफ स्टेडियम में खेले गए फाइनल में फ्रेंच क्लब पेरिस सेंट जर्मेन को 3-0 से हराया। इससे पहले चेल्सी ने 2021 में भी खिताब अपने नाम किया था। इस बार यह टूर्नामेंट अलग फॉर्मेट में खेला गया। इसमें 32 टीमों ने हिस्सा लिया और इसकी शुरुआत 14 जून को हुई थी।

2000 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट में पिछले साल तक आठ टीमें ही हिस्सा लेती थी। चेल्सी के लिए कोल पाल्मर ने दो गोल किए। 22वें मिनट में पाल्मर ने पहला गोल दागा। इसके आठ मिनट बाद उन्होंने टीम की तरफ से दूसरा गोल कर दिया। 30वें मिनट तक चेल्सी की बढ़त 2-0 की हो गई थी।

: *Ind vs Eng 3rd Test : रोमांचक लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत को 22 रन से हराया* 

भारत व इंग्लैंड के बीच यहां ऐतिहासिक लार्डस के मैदान में खेले गए रोमांचक तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने भारत को 22 रन से हरा दिया। भारत की तरफ से केएल राहुल ने 39 व आलरांउडर रविंद्र जडेजा ने सर्वाधिक 61 रन की नाबाद जुझारू पारी खेली।

इंग्लैंड की तरफ से कप्तान बेन स्टोक्स ने तीन विकेट लिए जोफरा आर्चर ने भी भारत के तीन बल्लेबाजों को पैवेलियन की राहत दिखाई। इस तरफ इंग्लैंड ने सीरिज में 2-1 की बढ़त बना ली।

: *जस्टिस तरलोक सिंह चौहान अब झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस* 

कॉलेजियम की सिफारिश के बाद केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान अब झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की शिफारिश के बाद केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान दो बार हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक न्यायाधीश रह चुके हैं। नौ जनवरी, 1964 को रोहड़ू में जन्मे न्यायाधीश चौहान की बिशप कॉटन स्कूल शिमला से प्रारंभिक शिक्षा पूरी हुई। डीएवी कालेज चंडीगढ़ से ऑनर्स के साथ स्नातक व पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने व लाला छबील दास वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रख्यात चैंबर में शामिल हुए। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में वकालत शुरू करते हुए कानून की सभी क्षेत्रों में महारत हासिल की। वह 23 फरवरी, 2014 को हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बनने के बाद 30 नवंबर, 2014 को हाई कोर्ट के स्थाई न्यायाधीश बनाए गए।

वह हाई कोर्ट से ऐसे पहले न्यायाधीश है, जिन्होंने विदेशों में आयोजित कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है। वह 12 नवंबर 2016 से गवर्निंग काउंसिल के और हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य के रहे । वह 18 नवंबर, 2018 से 13 मार्च, 2020 तक न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष रहे। हाई कोर्ट में कम्प्यूटर और ई-कोर्ट कमेटी के प्रमुख होने के कारण उन्हेांने हाई कोर्ट के साथ साथ अधीनस्थ न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण ने नई ऊंचाइयों को बढ़ाया। अब इन मामलों की जानकारी प्राप्त करने के अलावा अधिवक्ता / वादकर्ता विभिन्न अन्य सेवाओं तक भी पहुंच बना सकते हैं। प्रमाणित प्रति के लिए ऑनलाइन आवेदन करना, न्यायालय शुल्क का भुगतान ऑनलाइन करना, कारण-सूची का उपयोग, ई-फाइल ए केस (आईटीआर), केवल ई-गेट पास के लिए आवेदन करना जैसी सुविधा अब संभव हो गई है।

: *पावर कारपोरेशन के पूर्व एमडी की अंतरिम राहत बढ़ी* 

प्रदेश हाई कोर्ट ने चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत से जुड़े मामले में पावर कारपोरेशन के पूर्व एमडी हरिकेश मीणा को मिली अंतरिम राहत 11 अगस्त तक बढ़ा दी है। सात अप्रैल को हाईकोर्ट ने प्रार्थी मीणा को अंतरिम राहत देते हुए जांच टीम को प्रार्थी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाही न करने के आदेश दिए थे। न्यायाधीश विरेंदर सिंह के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान प्रार्थी मीणा की ओर से बताया गया था कि हाई कोर्ट की एकल पीठ ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है, इसलिए इस मामले में सीबीआई आवश्यक पक्षकार है, जबकि राज्य सरकार की अब कोई भूमिका नहीं है। इस पर कोर्ट ने सीबीआई को प्रदीवादी बनाते हुए राज्य सरकार के स्थान पर सीबीआई को प्रतिवादी बनाने के आदेश जारी किए थे।

इस मामले में दस मार्च से लापता एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर रहे विमल नेगी निदेशक का शव 18 मार्च को गोबिंदसागर झील में मिला था। नेगी के लापता होने के बाद उनकी पत्नी ने सीएम को पत्र लिख पावर कारपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा, निदेशक देसराज समेत अन्य उच्च अधिकारियों पर उनके पति को प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है।

: *अनुराग ठाकुर ने बच्चों को बांटे स्कूल बैग* 

पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को प्राकृतिक आपदा से प्रभावित सराज विधानसभा के बगस्याड़, थुनाग व सराज बाज़ार का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने राहत सामग्री भी बांटी। अनुराग ठाकुर ने आपदाग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर राहत व पुनर्वास कार्यों को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।

अनुराग ठाकुर ने अपने निजी प्रयासों से सराज विधानसभा में 1000 स्कूल बैग, 2000 कॉपी, 2000 पेंसिलए 1000 बॉक्सए 1000 पेन, 1000 शार्पनर, 5000 बिस्किट पैकेट, 5000 प्रोटीन बॉक्स, 1000 क्लिप बोर्ड स्कूली बच्चों को बांटे। अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में प्राकृतिक आपदा का रूप बहुत भयावह है। ख़ासकर मंडी जिला में आपदा ने विकराल क़हर ढाया है। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्वास हमारी प्राथमिकता है और हम हालत को सामान्य करने में कामयाब होंगे।

: *बागबानों को 58 रुपए 50 पैसे में यूनिवर्सल कार्टन* 

पिछले साल के मुकाबले 68 पैसे की बढ़ोतरी; एचपीएमसी ने किया टेंडर, जल्द मिलेगी सप्लाई

हिमाचल प्रदेश में सेब बागबानों को इस बार एचपीएमसी के माध्यम से एक बार फिर यूनिवर्सल कार्टन दिया जाएगा। पिछले साल सरकार ने हिमाचल में यूनिवर्सल कार्टन को लागू कर दिया था और इस नियम को इस साल भी लागू किया गया है। अब प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन में ही सेब बागबान अपने सेब बेच सकेंगे। ऐसे में सरकार ने तय किया है कि इस साल भी कार्टन दिया जाएगा और सरकार की एजेंसी एचपीएमसी बागबानों तक यह कार्टन पहुंचाएगी। इस साल यूनिवर्सल कार्टन की पेटी में 0.68 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। एचपीएमसी ने बाकायदा कंपनियों से टेंडर किया और टेंडर के बाद नई दरों का निर्धारण किया गया है। यूनिवर्सल कार्टन की आपूर्ति के लिए एचपीएमसी ने कार्टन निर्माता को आपूर्ति आदेश जारी कर दिए हैं।

इसकी आपूर्ति एक सप्ताह में विभिन्न सेब उत्पादक क्षेत्रों मे स्थित एचपीएमसी के शाखा कार्यालयों के माध्यम से आरंभ की जाएगी। यानि बागबान एचपीएमसी के सेंटरों में जाकर वहां से कॉर्टन की खरीद कर सकते हैं। पिछले साल से बागबानों को कार्टन सरकार द्वारा तय दरों पर देने का निर्णय लिया गया था, ताकि बागबानों को परेशानी न हो। वैसे इस बार कई कंपनियां यूनिवर्सल कार्टन बनाने के लिए आगे आई हैं और उन्होंने सप्लाई शुरू भी कर दी है। अब क्योंकि सेब सीजन शुरू हो गया है, तो यहां पर कार्टन का कारोबार भी शुरू हो जाएगा। एचपीएमसी के जीएम सन्नी शर्मा ने बताया कि कार्टन का रेट टेंडर करने के बाद तय कर दिया गया है। बागबानों को जल्द ही इसकी सप्लाई शुरू हो जाएगी। जो भी बागबान कार्टन लेना चाहता है, वह ऑर्डर दे सकता है।

ये है नई दरें

पांच प्लाई का यूनिवर्सल ट्रे पैक्ड कार्टन 20 किलो की पैकिंग का 57 रुपए में दिया जाएगा, जिसके साथ उस पर जीएसटी अलग से लगेगा। वहीं इससे बड़े साइज की 20 किलो की पेटी का मूल्य 58 रुपए 50 पैसे निर्धारित किया गया है, जिसकी काफी ज्यादा डिमांड रहती है। इसमें भी जीएसटी अलग से लिया जाएगा। ये दोनों सफेद रंग के कार्टन होंगे। इसी तरह से ब्राउन कलर का क्राफ्ट पेपर वाला 20 ेिकलो पैकिंग का कार्टन 49 रुपए 50 पैसे में मिलेगा, जिसमें जीएसटी अलग से लगेगा। यूनिवर्सल ट्रे वाला ब्राउन कलर का दूसरा कार्टन 51 रुपए का मिलेगा, जिसमें भी जीएसटी लगेगा। उपरोक्त सभी ऑटोमेटिक कार्टन होंगे। सेमि ऑटोमेटिक कार्टन का रेट 49 रुपए 50 पैसे से लेकर 58 रुपए 50 पैसे तक रहेगा, जिसमें जीएसटी अलग से लगेगा। यह सभी रेट 20 किलो कार्टन की पैकिंग के हैं। बताया जाता है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष के दामों में औसत लगभग 0.68 पैसे तक की बढ़ोतरी हुई है।

[: *कैदियों की एचआईवी-हेपेटाइटिस जांच हो* 

स्टेट ओवरसाइट कमेटी ने समीक्षा बैठक के दौरान दिए निर्देश

हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक राजीव कुमार की अध्यक्षता में स्टेट ओवरसाइट कमेटी की बैठक सोमवार को यहां आयोजित हुई। बैठक में कारागार एवं सुधार गृह तथा अन्य क्लोज सेटिंग में चलाए जा रहे कार्यों की वर्ष 2025-26 (अप्रैल से जून माह) की समीक्षा की गई। परियोजना निदेशक राजीव कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशों के तहत सभी जेलों के प्रत्येक कैदियों की एचआईवी, सिफलिस, टीबी, हेपेटाइटिस आदि की जांच सुनिश्चित करवाई जाए।

इससे 95-95-95 का लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा तथा समस्त कैदियों के स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने में सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि जो कैदी संक्रमित पाए जाते हैं, उन्हें जेल व स्वास्थ्य सेवाओं के साथ मजबूत समन्वय स्थापित कर चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जाए। बैठक में कारागार एवं सुधार गृह, पुलिस, राज्य महिला एवं बाल विकास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन टीबी, राज्य हेपेटाइटिस नियंत्रण, राज्य एड्स नियंत्रण विभाग के समस्त अनुभाग, दिशा टीम व एचएलएफपीपीटी संस्था के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

: *चुनाव: पंचायतें घटी, शहरी निकाय बढ़े* 

25 जुलाई तक बनेंगे मतदान केंद्र, राज्य चुनाव आयोग को रिपार्ट सौंपेंगे सभी जिलाधीश

हिमाचल प्रदेश में 25 जुलाई तक सभी पंचायतों व शहरी निकायों के लिए मतदान केंद्रों का निर्धारण करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि सभी पंचायतों, नगर पंचायतों, नगर परिषदों व नगर निगमों में मतदान केंद्र निर्धारित किए जाएंगे। कहां-कहां पर मतदान केंद्र होगा, इसकी पूरी जानकारी जिलाधीश राज्य चुनाव आयोग को भेजेंगे। केवल एक नगर निगम शिमला में इस बार चुनाव नहीं हो रहा है। बता दें कि इस बार प्रदेश में पंचायतों की संख्या कम हुई है, लेकिन शहरी निकाय बढ़ गए हैं, क्योंकि कई पंचायतों को सरकार ने तोडक़र नगर पंचायतों या परिषदों में शामिल किया है। ऐसे में इस बार नगर निकायों में भी चुनाव के लिए अच्छी खासी मशक्कत होनी है। राज्य में इस बार नगर निगम शिमला को छोडक़र 73 शहरी निकायों में चुनाव होने हैं, जोकि इसी साल के अंत तक प्रस्तावित हैं। राज्य चुनाव आयोग अपने इसी शेड्यूल के मुताबिक इस काम में जुटा हुआ है और सभी जिलाधीशों को भी उसने निर्देश दिए हैं कि निर्धारित शेडयूल पर अमल किया जाए।

पिछली बार के पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की बात करें तो उस समय 3615 पंचायतों में चुनाव करवाए गए थे और तब 21405 मतदान केंद्र निर्धारित किए गए थे। इस बार पंचायतों की संख्या कुछ घटी है लिहाजा मतदान केंद्रों की संख्या भी घटेगी। 25 जुलाई तक इसकी तस्वीर सामने आ जाएगी कि पंचायतों के चुनाव के लिए कितने मतदान केंद्र होंगे। इसके अलावा नगर निकायों के लिए 460 के करीब मतदान केंद्र बनाए गए थे, जिनकी संख्या में इजाफा होगा। प्रदेश सरकार ने अब राज्य में आठ नगर निगम बना दिए हैं। इनमें से सात में अभी चुनाव होने हैं। कुल 74 शहरी निकाय हैं, जिनमें चुनाव करवाए जाने हैं। हिमाचल प्रदेश में इसी साल में पंचायती राज व शहरी निकायों के चुनाव होने हैं। इसके लिए राज्य चुनाव आयोग की तैयारियां चल रही हैं। पिछले दिनों शहरी निकाय विभाग की तरफ से एक पत्र जारी किया गया था जिसमें प्रोसेस को टर्न डाउन करने का प्रयास था, जिस पर राज्य चुनाव आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। अब उनके शेडयूल के अनुसार ही सभी जिलाधीश काम कर रहे हैं और इसी मुताबिक आगे चुनाव की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।

नए वोटर बनाने के लिए शेड्यूल जारी होगा

मतदान केंद्रों के निर्धारण के बाद फिर वोटर लिस्ट बनाने के लिए शेड्यूल जारी होगा। इसके लिए भी बाकायदा कुछ समय दिया जाएगा, जिसमें नए वोटर बनाए जाएंगे और पुरानी सूची को अपडेट किया जाएगा। फिलहाल राज्य चुनाव आयोग की तरफ से केवल मतदान केंद्रों के निर्धारण का शेड्यूल है।

: *मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री से की भेंट, राज्य की ऋण सीमा बढ़ाने का किया आग्रह* 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री को हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति से अवगत करवाया और प्रदेश की ऋण सीमा बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने जानकारी दी कि हाल ही में भारी बारिश के कारण प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य को सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने वित्त मंत्रालय में प्रदेश के लम्बित विभिन्न मामलों पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित थे।

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*एक तोला चिट्टे के लिए 90 हजार में बेच दी पिता की कार, शिमला में हुई थी शादी, मायके में रहती है आरोपी*

हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में चार वर्ष के बच्चे की मां ने अपने पिता की कार को महज एक तोला चिट्टा (हेरोइन) के लिए बेच दिया। अदालत से रिहाई के बाद आरोपी बेटी अपने पिता के घर लौट आई थी लेकिन दो दिन पहले फिर फरार हो गई है।

नशा किस कदर परिवारों को तबाह कर रहा है। इसकी हकीकत भयावह होती जा रही है। हमीरपुर में चार वर्ष के बच्चे की मां ने अपने पिता की कार को महज एक तोला चिट्टा (हेरोइन) के लिए जालंधर में बेच दिया। सदर थाना में 28 जून को कार चोरी मामले में दर्ज केस में यह खुलासा हुआ है। मामले में पिता ने अपनी बेटी पर कार चोरी के आरोप लगाए थे।

इस मामले में आरोपी बेटी के दोस्त हमीरपुर शहर के एक युवक को भी गिरफ्तार किया था जो कि अब न्यायिक हिरासत में है। दोनों ने मिलकर कार को जालंधर एक व्यक्ति को बेचा था। अदालत से रिहाई के बाद आरोपी बेटी अपने पिता के घर लौट आई थी लेकिन दो दिन पहले फिर फरार हो गई है। जिस व्यक्ति को कार बेची गई थी उसे भी मैक्लोडगंज में गाड़ी सहित पकड़ा गया है। हालांकि, गाड़ी बरामद करने के बाद उसे रिहा कर दिया गया है।

कार बेचने वाली युवती और उसका युवक दोस्त ड्रग टेस्ट में पॉजीटिव पाए गए हैं। दोनों ने जालंधर में जाकर महज एक तोला चिट्टा लेकर लाखों रुपये की कार को बेच दिया। बीते 28 जून पुलिस को दी शिकायत में आरोपी युवती के पिता ने कहा था कि उनकी बेटी नशे की आदी है और बिना बताए उनकी कार लेकर घर से भाग गई है। कुछ दिन बाद वह हमीरपुर लौटी। पहले उसने कार को लेकर अभिज्ञता जाहिर की। पुलिस ने युवती को गिरफ्तार किया और इसके बाद पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर जालंधर में कार को 90 हजार में बेचा है। इसके बाद चिट्टे की एवज में कार का सौदा होने का खुलासा हुआ।

शिमला में हुई थी शादी, मायके में रहती है आरोपी

आरोपी युवती की शिमला में कुछ वर्ष पूर्व शादी हुई थी, लेकिन वह बेटे के जन्म के बाद यह हमीरपुर में अपने पिता के घर रह रही थी। उसे चिट्टे की लत लंबे समय से है। एक बार नादौन थाना पुलिस ने चिट्टे के साथ उसे गिरफ्तार किया है। यह केस कोर्ट में विचाराधीन है। अब चोरी के मामले में कार की बरामदगी के बाद फिर से वह घर से फरार हो गई है।

नाती को पाल रहे आरोपी युवती के पिता

आरोपी बेटी के पिता अपने चार वर्ष के नाती को पाल रहे हैं लेकिन बेटी की नशे की लत ने उन्हें भी लाचार बना दिया है। वह इतने परेशान हो गए हैं कि बेटी को जमानत मिलने के बाद घर लाने से इन्कार कर दिया था। बावजूद बेटी कुछ दिन घर में रही और उसके बाद अब फिर लापता हो गई है।

मामले में चोरी की गई कार को बरामद कर लिया गया है। आरोपी युवती के लापता होने की जानकारी परिजनों की ओर से मिली है। मामले में हर पहलू की गंभीरता से जांच की जा रही है।

: *शिमला:- अवैध सेब के बग़ीचों के बाद अब अवैध घरों पर चला वन विभाग का डंडा..घर ख़ाली करवाया..परिवार टैंट के निचे रहने को मजबूर..!*

*कुमारसैन के बड़ागांव के सराहन गांव में अवैध कब्जाधारियों पर हुई कारवाई , वन विभाग ने अवैध सेब का बगीचा काटा गया और साथ ही अवैध भूमि पर बनाए मकान को भी खाली करवाया। जिससे परिवार अब अपने सामान के साथ खुले आसमान के नीचे टेंट में रहने को मजबूर हो गया है। इसके अलावा परिवार के पास जो गाय थी उसे भी गौ सदन भेजा दिया गया है। इस सख्त कारवाई को देखते हुए अन्य अवैध कब्जाधारि हैरत में पड़े हुए है..!*

: संख्याः 819/2025 शिमला 15 जुलाई, 2025

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित हिमाचल के लिए उदार केंद्रीय सहायता का आग्रह किया 

केंद्रीय गृह मंत्री से भेंट कर राहत मापदंडों में संशोधन कर 30 प्रतिशत करने की मांग की

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भंेट कर प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में भारी वर्षा और भू-स्खलन से अब तक लगभग एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जबकि मॉनसून की अभी शुरूआत ही हुई है। प्राकृतिक आपदा के कारण कई लोगों की जान गई है तथा सड़कों, पुलों, भवनों, पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं और विद्युत आपूर्ति परियोजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है।

मुख्यमंत्री ने राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से उदार सहायता का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 से प्रदेश को निरंतर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है और पिछले तीन वर्षों में प्रदेश को लगभग 21 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

श्री सुक्खू ने अमित शाह को बताया कि प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार राज्य आपदा राहत कोष और राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के माध्यम से हर सम्भव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि बार-बार प्राकृतिक आपदाएं आने के कारण प्रदेश के लिए अपने सीमित संसाधनों से पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण तथा बुनियादी ढांचे को बहाल करना बेहद कठिन हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए निधारित दिशा-निर्देश काफी कम है। उन्होंने वर्तमान सीमा को संशोधित कर इसे 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का आग्रह किया। इससे राज्य को राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों में काफी मदद मिलेगी।

अमित शाह ने मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश को हर सम्भव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।

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: एसी टू डीसी चंबा अपराजिता चंदेल ने ज्वाइन की ड्यूटी

जिला चंबा की नवनियुक्त एसी टू डीसी अपराजिता चंदेल ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। अपराजिता चंदेल वर्ष 2019 की एचएएस अधिकारी हैं। इससे पहले वह हमीरपुर जिला में एसी टू डीसी के पद पर कार्यरत थी। पिछले दिनों सरकार ने अपराजिता चंदेल का तबादला एसी टू डीसी चंबा के पद पर किया गया था। सरकारी आदेशों के बाद अपराजिता चंदेल ने चंबा में अपनी सेवाएं देना आरंभ कर दी है।

अपराजिता चंदेल चंबा जिला में एक बार पहले भी एसडीएम चुराह के पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। अपराजिता चंदेल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला व पवित्र मणिमहेश यात्रा का डीसी मुकेश रेप्सवाल के नेतृत्व में उचित संचालन पहली प्राथमिकता है। वहीं मिंजर मेले में भी उचित व्यवस्था बनाने के प्रयास किए जाएंगे। मूल रूप से जिला बिलासपुर की झंडूता के भंजवानी की वासी अपराजिता चंदेल ने बतौर एसी टू डीसी प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए कहा कि मिंजर मेला व पवित्र मणिमहेश यात्रा का उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल के नेतृत्व में बेहतर आयोजन है।

: हिमाचल में भांग की खेती के लिए बनेगा बोर्ड

By: 🙏divyahimachal🙏

हिमाचल प्रदेश में औषधीय गुणों के लिए भंाग की खेती को वैद्य करार देने पर सरकार ने प्रयास तेज कर दिए है। पिछले कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को नियम बनाने के लिए कहा था, जिनका खाका तैयार हो गया है। मंगलवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक हुई है जिसमें इन नियमों पर चर्चा के बाद ड्राफ्ट रूल्ज कानून विभाग को भेज दिए गए हैं। अब कानून विभाग इनको वेट करेगा जिसके बाद अगली कैबिनेट बैठक में यह एजैंडा आ सकता है।

सूत्रों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में भांग डिवेलपमेंट बोर्ड बनाया जाएगा। सरकार एक विशेष बोर्ड इस काम को अंजाम देने के लिए बनाएगी, जिसमें नियुक्तियों का आधार क्या होगा इस पर अभी कैबिनेट में चर्चा की जाएगी। इसी बोर्ड के पास प्रदेश में शक्तियां होंगी जो औषधीय उत्पादन के लिए लोगों को लाइसेंस देगा, जिसके माध्यम से यहां लोग आगे भांग की खेती वैद्य तरीके से कर सकेंगे। दूसरे राज्यों में जहां पर भांग की खेती को वैद्य बनाया गया है, वहां पर भी इसी तरह की एक अलग संस्था इसका संचालन करती है। इसी तर्ज पर प्रदेश में भांग डिवेलपमेंट बोर्ड बनाया जाएगा, ऐसा प्रस्ताव है। हालांकि इस पर अभी मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा होगी और वहीं पर इसका फैसला लिया जाएगा। पिछले सप्ताह शिमला में निजी कंपनियों द्वारा एक प्रदर्शनी भी सरकार ने लगवाई थी, जिसमें खुद मुख्यमंत्री भी गए थे और उन्होंने वहां कहा था कि जल्दी ही हिमाचल में भंाग की खेती को वैद्य रूप दे दिया जाएगा। इससे पहले मंत्रिमंडल की बैठक में नियम बनाने को कहा गया था। प्रदर्शनी में आई निजी कंपनियों ने भांग पर आधारित अपने उत्पाद दिखाए और बताया कि भंाग का इस्तेमाल किसलिए किया जाता है। इससे कपड़े तक बनते हैं, वहीं दवाओं में इसका इस्तेमाल होता है। दवा कंपनियों का मानना है कि हिमाचल की भंाग के औषधीय गुण अन्य राज्यों की अपेक्षा ज्यादा हैं, लिहाजा यहां पर इस खेती को वैद्य करार दिया जाता है, तो इससे बड़े पैमाने पर स्वरोजगार शुरू हो सकता है।

प्रदेश के लगभग सभी स्थानों पर भांग का उत्पादन खुद ब खुद होता है। सालों से सरकार भंाग कटाई का अभियान चलाती रही है, लेकिन यही भंाग लोगों की आजीविका का बड़ा साधन भी बन सकती है। इससे बड़े पैमाने पर यहां स्वरोजगार मिलेगा। इस दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है और जल्दी ही इसके नतीजे देखने को मिलेंगे। मंगलवार को राजस्व, बागबानी, जनजातीय विकास एवं जनशिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में भांग की खेती को वैध करने को लेकर बनाए जा रहे ड्राफ्ट रूल्स को लेकर चर्चा की गई। विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। ड्राफ्ट रूल्स में संशोधन करने के बाद यह एजेंडा मंत्रिमंडल की बैठक में ले जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रधान सचिव विधि शरद कुमार लगवाल, सचिव बागबानी सी पालरासू, विशेष सचिव हरबंस सिंह ब्रसकोन, आयुक्त आबकारी एवं कराधान यूनुस, अतिरिक्त आयुक्त आबकारी एवं कराधान राजीव डोगरा, अतिरिक्त सचिव राजस्व बलवान चंद, संयुक्त सचिव प्रवीण कुमार टाक, निदेशक कृषि डॉ रविंद्र सिंह जसरोटिया और वरिष्ठ निजी सचिव तुलसी राम शर्मा उपस्थित रहे।

: संख्याः 819/2025 शिमला 15 जुलाई, 2025

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित हिमाचल के लिए उदार केंद्रीय सहायता का आग्रह किया 

केंद्रीय गृह मंत्री से भेंट कर राहत मापदंडों में संशोधन कर 30 प्रतिशत करने की मांग की

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भंेट कर प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में भारी वर्षा और भू-स्खलन से अब तक लगभग एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जबकि मॉनसून की अभी शुरूआत ही हुई है। प्राकृतिक आपदा के कारण कई लोगों की जान गई है तथा सड़कों, पुलों, भवनों, पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं और विद्युत आपूर्ति परियोजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है।

मुख्यमंत्री ने राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से उदार सहायता का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 से प्रदेश को निरंतर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है और पिछले तीन वर्षों में प्रदेश को लगभग 21 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।

श्री सुक्खू ने अमित शाह को बताया कि प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार राज्य आपदा राहत कोष और राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के माध्यम से हर सम्भव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि बार-बार प्राकृतिक आपदाएं आने के कारण प्रदेश के लिए अपने सीमित संसाधनों से पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण तथा बुनियादी ढांचे को बहाल करना बेहद कठिन हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए निधारित दिशा-निर्देश काफी कम है। उन्होंने वर्तमान सीमा को संशोधित कर इसे 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का आग्रह किया। इससे राज्य को राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों में काफी मदद मिलेगी।

अमित शाह ने मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश को हर सम्भव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।

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: *हिमाचल नई दिल्ली में गडकरी से मिली मुख्यमंत्री सुक्खू, सड़कों और रोपवे परियोजनाओं को लेकर हुई बातचीत*

*मंगलवार को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर आपदा से हुए नुकसान के बारे में बताया और कुछ सड़कों को प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में शामिल करने का आग्रह किया।*

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भू-स्खलन से हुए भारी नुकसान से अवगत करवाया। *उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यों में सहयोग और प्रदेश की कुछ सड़कों को प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में शामिल करने का आग्रह किया।*

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोनाओं में विभिन्न कारणों से हो रहे विलंब के बारे में भी केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी और इन परियोजनाओं की सभी औपचारिकताएं पूरी करवाने का आग्रह किया, ताकि निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जा सके।

*ज्यादा से ज्यादा रोपवे परियोजनाओं को स्वीकृति देने का किया अनुरोध*

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में सुरंग निर्माण को प्राथमिकता देने पर भी बल दिया। इसके अलावा उन्होंने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सड़कों के संबंध में भी चर्चा की। जिनका मामला रक्षा मंत्रालय से उठाया गया है। उन्होंने इन सड़कों पर भी जल्द कार्रवाई करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अधिक संख्या में रोप-वे परियोजनाओं को स्वीकृति देने का अनुरोध किया, ताकि यातायात की समस्या का समाधान कर लोगों को लाभान्वित किया जा सके।

*केंद्रीय मंत्री ने दिया ये आआश्वासन*

केंद्रीय मंत्री ने राज्य को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, सचिव लोक निर्माण अभिषेक जैन, प्रधान आवासीय आयुक्त सुशील कुमार सिंगला और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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