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Jul 12, 2025 - 06:21
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: *सराज के जख्मों पर सात करोड़ रुपए का मरहम* 

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी राहत, लगातार दूसरे दिन आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सराज को त्रासदी से उभारने के लिए फौरी राहत के रूप में सात करोड़ रुपए देने का फैसला लिया है। सीएम सुक्खू ने कहा कि मंडी जिला, विशेष रूप से सराज क्षेत्र में बादल फ टने के कारण काफ ी नुकसान हुआ है। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों के लिए सात करोड़ रुपए तुरंत प्रभाव से जारी कर दिए हैं। दो करोड़ रुपए पहले ही जारी कर दिए गए हैं और अब लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभागों को दो-दो करोड़ तथा बीडीओ को एक करोड़ रुपए और दिए जाएंगे, ताकि बहाली कार्यों में और गति लाई जा सके। लगातार दूसरे दिन मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों थुनाग, बगस्याड़, देजी गांव, बाड़ा और स्यांज गांव का दौरा किया। प्रभावितों का हौसला बढ़ाते हुए उन्होंने कहा मैं आपदा के इस दुखद् समय में आपके साथ खड़ा हूं और आपको फि र से बसाने के लिए राज्य सरकार कैबिनेट से विचार करने के बाद विशेष राहत पैकेज जारी करेगी। आपदा बड़ी है, पुनर्वास में समय लगेगा, लेकिन जितना भी पैसा लगे, राज्य सरकार आपकी पूरी मदद करेगी। बाड़ा में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों को फि र बसाने के लिए वन टाइम पॉलिसी लाने पर विचार करेगी।

राज्य में 68 प्रतिशत भूमि वन भूमि होने के कारण मामला केंद्र सरकार की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि मैं स्वयं नुकसान का आकलन करने के लिए आया हूं और मैंने देखा है कि बागबानों का भी काफ ी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार बागबानों का सेब मंडियों तक पहुंचाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है। प्रमुख सडक़ें खुल चुकी हैं और अब गांव के संपर्क मार्गों को खोलने का काम युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि चिंता इस बात की है कि अभी तो बरसात की शुरुआत हुई है। थुनाग विश्राम गृह में आपदा प्रभावितों की सहायता कर रही एनसीसी की छात्राओं ने भी मुख्यमंत्री से भेंट कीं। छात्राओं ने उन्हें स्कूल को हुए नुकसान के बारे में अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने वादा किया कि थुनाग में राज्य सरकार सीबीएसई आधारित स्कूल खोलेगी।

देजी में अब भी 11 लापता

मंडी के आपदा प्रभावित देजी गांव में बादल फ टने के कारण लापता हुए 11 लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है, जबकि बाड़ा में दो लोगों की मृत्यु हुई है। स्यांज गांव में चार व्यक्तियों की मौत हुई है, जबकि पांच व्यक्ति अब भी लापता हैं।

राहत कार्यों में लगे जवानों का हौसला बढ़ाया

मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों में डटे एसडीआरएफ जवानों का हौसला भी बढ़ाया और उनके काम की सराहना की। भारतीय सेना के ब्रिगेडियर यजुवेंद्र सिंह ने थुनाग में चलाए जा रहे राहत कार्यों के बारे में सीएम को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सेना के 26 जवान लोगों की मदद में लगे हैं। सीएम ने सेना के जवानों, एनडीआरएफ , एसडीआरएफ , पुलिस तथा होमगार्ड के साथ-साथ सभी स्वंयसेवी संस्थाओं का मदद के लिए आभार व्यक्त किया। कांग्रेस नेता चेत राम, जगदीश रेड्डी, विजय पाल सिंह, एपीएमसी चेयरमैन संजीव गुलेरिया, जीवन ठाकुर, नरेश चौहान, लाल सिंह कौशल, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन तथा एसपी साक्षी वर्मा भी अवसर पर उपस्थित थे।

: *Divya Himachal Relief Fund : मंडी बाढ़ प्रभावितों के लिए बढ़ रहे मदद के हाथ* 

आपदा में सब कुछ गंवा चुके लोगों के लिए आगे आए दानवीर

इस बार बरसात ने शुरुआत में ही हिमाचल को ऐसे जख्म दिए हैं, जो कभी भी भर नहीं पाएंगे। ‘दिव्य हिमाचल’ ने बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए छोटी सी पहल की है। उसके बाद दानियों ने भी मदद के हाथ बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। इससे मंडी बाढ़ प्रभावितों को भी आस बंधनी शुरू हो गई है। गौर हो कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे और करोड़ों रुपए की संपत्ति बाढ़ की भेंट चढ़ गई। इस दौरान दर्जनों लोगों की जान चली गई, सैकड़ों घर-गोशालाएं तबाह हो गए और कई मवेशी काल का ग्रास बन गए। प्राकृतिक आपदा के बाद अभी भी कई लोग लडख़ड़ाते कदमों से नदी-नालों के किनारे भटक रहे हैं। ये वे लोग हैं, जिनके अपने बाढ़ के बाद से लापता हैं।

लोगों के दुख दर्द और सरकार की मजबूरियों को समझते हुए ‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप’ ने भी मदद के हाथ बढ़ाते हुए ‘दिव्य हिमाचल सहायता कोष’ से दो लाख रुपए की प्रथम किस्त आपदा पीडि़तों को जारी करने की घोषणा की है। मीडिया गु्रप ने देश-परदेश के आमजन से आग्रह किया है कि वे भी इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग देें और आपदा प्रभावितों की मदद के लिए आगे आएं। दानी सज्जन ‘दिव्य हिमाचल सहायता कोष’ में अपने सामथ्र्य अनुसार दान दे सकते हैं। हमारी यह छोटी सी मदद पीडि़तों के नुकसान की भरपाई तो नहीं कर सकती, लेकिन उनकी तकलीफों को कुछ हद तक कम करने में जरूर मदद करेगी।

इस पते पर भेजें मदद

प्रभावितों की मदद के लिए कैश, चेक या डिमांड ड्राफ्ट ‘दिव्य हिमाचल सहायता कोष’ के नाम पर भेजें

दिव्य हिमाचल सहायता कोष, दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप, पुराना मटौर, कांगड़ा, हि. प्र.-176001 या क्यूआर कोड स्कैन करें

हेल्पलाइन

सभी दानियों के नाम ‘दिव्य हिमाचल’ में प्रकाशित किए जांएगे। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें- 70181-97293, 94184-07889, 94182-55757, 98163-24264, 78078-44144

नोट: दान की गई राशि को आयकर की धारा 80 जी के तहत छूट प्राप्त है।

TRNDKB: *Himachal : अब हिमाचल में बनेगा बोफोर्स का गोला-बारूद, मार्च 2026 में शुरू होगा उत्पादन* 

नालागढ़ में स्थापित पहला डिफेंस उद्योग मार्च 2026 में शुरू करेगा उत्पादन

निर्यात किया जाएगा एम्युनिशन, बुलेट प्रूफ जैकेट और हेलमेट भी बनाएगा

विदेशों से भी 200 मिलियन डालर के ऑर्डर ले चुकी है एसएमपीपी लिमिटेड

भारतीय सेना की बोफोर्स तोप के लिए गोला-बारूद अब हिमाचल में बनने वाला है। राज्य की पहली डिफेंस कंपनी नालागढ़ में स्थापित हुई है और यह मार्च 2026 में उत्पादन शुरू कर देगी। नालागढ़ में इस फैसिलिटी के लिए राज्य सरकार ने 800 एकड़ भूमि दी हुई है। यहां डिफेंस पार्क बनाने की योजना है, जो दो चरणों में पूरा होगा। इस पार्क में हर साल एक लाख राउंड 155 एमएम आर्टिलरी एम्युनिशन का उत्पादन होगा। यह न सिर्फ भारतीय सेना के काम आएगा, बल्कि बाहरी देशों को निर्यात भी किया जा सकेगा। यह उद्योग एसएमपीपी लिमिटेड ने लगाया है, जो अगले साल प्रोडक्शन में आने वाला है। इस कंपनी ने अब तक एडमिशन एक्सपोर्ट के मामले में 200 मिलियन डालर के ऑर्डर विदेश से प्राप्त कर लिए हैं। इस स्तर पर रक्षा उत्पाद बनाने वाली यह प्रदेश की पहली कंपनी होगी। भारतीय सेना को 155 एमएम शेल्स की जरूरत कई तरह की आर्टिलरी सिस्टम के लिए होती है। इसमें बोफोर्स, धनुष, शारंग और भारत में ही बने एडवांस्ड टाउड आर्टिलरी गन सिस्टम इत्यादि शामिल हैं।

भारतीय सेना 3000 और 155एमएम गन को इंडक्ट करना चाह रही है, इसलिए इस तरह के एम्युनिशन की डिमांड बढऩे वाली है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिन लक्ष्यभेदी हथियारों का इस्तेमाल किया गया, उनका उत्पादन भी यह कंपनी करने जा रही है। इसके लिए किसी टेक्नोलॉजी पार्टनर से कोलैबोरेशन की जा रही है। एसएमपीपी लिमिटेड इससे पहले भारतीय सेना के पर्सनल प्रोटक्शन सिस्टम पर काम करती रही है। अब तक यह कंपनी दो लाख से ज्यादा बुलेट प्रूफ जैकेट सेना को दे चुकी है और हाल ही में 27000 बुलेट प्रूफ जैकेट का ऑर्डर और आया है। यह कंपनी ऐसे हेलमेट बनाती है, जो एके-47 रायफल की गोली को भी पार नहीं होने देता। कंपनी ने यूरोपीय मिलिट्री एयरक्राफ्ट के लिए अंडर बैली प्रोटक्शन सिस्टम भी बना कर भेजे हैं।

यह कहते हैं कंपनी के सीईओ आशीष कंसल

एसएमपीपी लिमिटेड के सीईओ कम डायरेक्टर आशीष कंसल कहते हैं कि हमारा काम ट्रैक पर है और प्रोडक्शन अगले साल मार्च में शुरू हो जाएगी। कंपनी इससे पहले मार्केट सर्वे पर है और कई देशों से एम्युनिशन सप्लाई के लिए आर्डर ले चुकी है। हम पहली बार भारतीय सेना के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर ऐसी प्रोडक्शन किट बना रहे हैं, जिससे युद्ध के दौरान कैजुअल्टी भी कम होगी।

TRNDKB: *चेहरे पर चिंता, आंखों में नमी और पैरों में छाले, संकट में जननायक बने जयराम ठाकुर* 

आपदा में नायक बने जयराम ठाकुर, नाप डाली 200 किमी की पथरीली राह, नालों को पार कर, लोगों के दिल में उतरे, अपना भी टूटा घर फिर भी रुके नहीं कदम, आपदा में जनता को जम गए जयराम

कभी सोचिए, जब घर उजड़ जाए, परिवार बिखर जाए और आपकी पूरी दुनिया मलबे के नीचे दब जाए, तो उस वक्त इंसान को सबसे ज़्यादा किस चीज़ की ज़रूरत होती है.. न रोटी, न छत, न और कोई सुविधा- ..सबसे पहले चाहिए होता है एक कंधा, एक हाथ, एक आवाज़ जो कहे – मैं आपके साथ हू। इस बरसात के मौसम में हिमाचल की छोटी काशी की आंखें नम हैं। यहां बादल बरसे नहीं हैं फटे है नदियां बहीं नहीं, उफन पड़ीं। गांव उजड़े, पहाड़ खिसके और इंसान टूट गए.. इसी दर्द के बीच एक इंसान बिना किसी शोर, बिना किसी प्रचार के लगातार बस अपनो का दर्द बांटने के लिए चल रहा है। अब तक 200 किमी से ज्यादा पैदल चल चुका है— उन रास्तों पर जहां सिर्फ मलबा है, आंसू हैं, और उम्मीद की डूबती सांसें। परवाड़ा, थुनाग, कांडा, बगस्याड़, लंबाथाच, जंजैहली और देजी पखरैर जैसे स्थान, जिनके बारे में शायद आपदा से पहले आपने ज्यादा सुना भी नहीं होगा, लेकिन भारी तबाही जब मची तो एक इंसान पैदल इन गांव की जमीन को नाप आया।

वो कोई आम आदमी नहीं है, न कोई सत्ताधारी… वो हैं—पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर.. इस बार वे सत्ता में नहीं, लेकिन फिर भी सबसे आगे खड़े हैं — क्योंकि जहां कभी उन्होनें विकास की गाथा लिखी थी आज वो जगह विनाश की कहानी को बयां कर रही है। और ऐसे में एक नेता अपनो का दर्द नही समझेगा तो कौन समझेगा। इसीलिए बिना रूके बिना थकें, बस वो चल रहे हैं। अपनो तक पहुंच रहे हैं। 30 जून की रात को जब आपदा आई तो वैसे ही जयराम ठाकुर के फोन बजना शुरू हुए। तब वो मंडी में नहीं थे। फिर क्या था। सारे काम बीच में छोड़ अगले ही दिन 1 जुलाई को शिमला से मंडी के लिए निकले और फिर दो जुलाई की सुबह पूर्व मुख्यमंत्री पंडोह के समीप झूला पुल के जरिए अपने विधानसभा क्षेत्र में पैदल दाखिल हुए और उसके बाद बस प्रभावितों का दर्द बांट कर आगे बढ़ते चले गए।

इस आपदा ने जयराम ठाकुर से भी बहुत कुछ छीन लिया। उनका पुश्तैनी घर ढह गया…वो घर, जहां बचपन की यादें थीं, जहां उनकी मां की ममता थी, जहां उनके संघर्ष की शुरुआत हुई थी- आज जब तबाही के दस दिन बाद वो अपने पैतृक गांव पहुंचे तो कदम लड़खड़ा गए। आंखे पल भर के लिए मानों भर गई। मगर वो टूटे नहीं. क्योंकि ये तबाही तो कुछ भी न थी जो दर्द वो पिछले 10 दिनो में अपने विधानसभा के अलग अलग गांव में देख ऱहे थे। उसके आगे अपना दुख मानों छोटा पड़ गया हो। अपने घर की बर्बादी को छोड़, वो उन सैकड़ों लोगों के आंसू पोंछने निकल पड़े, जिनके पास अब न घर है, न सहारा। क्योंकि शायद तबाही के बीच जयराम ठाकुर यह बात समझ गए है कि घर तो देर सवेर बन ही जाएंगे, पर लोगों का हौसला टूट गया तो वो दोबारा नहीं जुड़ पाएगा। इसलिए तो कभी भाई बनकर तो कभी बेटा बनकर, और कभी पिता बन जयराम अपने लोगों से किया वो वादा की हर सुख दुख में मैं साथ रहुंगा निभाते जा रहे हैं।

कभी पत्थर पर बैठ लोगों की दास्तां सुनते हैं तो कभी टूटे घरों को दोबारा बनाने का हौंसला देते हैं। और कभी बस खामोश होकर लोगों के साथ उनका दर्द बांट रहे हैं।

न हेलिकाप्टर, न चमचमाती गाड़ियां, ना कोई लाव लशकर ना नेता के पीछे चलता समर्थकों का बड़ा कारवां– इन सब से दूर होकर जयराम ठाकुर अपनों के बीच पिछले 10 दिनों में ऐसे चले कि एक नायक की तरह लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गए।

जहां कीचड़ था, वहां उनके पैर धंसे भी, जहां खाई थी वहां कदम डगमगाए भी, मगर हौंसला नहीं टूटा, कभी छड़ी का सहारा लेकर तो कभी प्रभावितों का ही हाथ थाम कर बस वो बढ़ते जा रहे हैं। जयराम ठाकुर ने सिर्फ पैदल चलकर दूरी नहीं नापी, उन्होंने लोगों के दुखों की गहराई भी माप ली… नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उनके पास कोई बड़ा वादा तो नहीं है।

मगर एक भरोसा है… कि मैं देख रहा हूं, मैं सुन रहा हूं, और मैं आपके साथ हूं.. संकट में मिलकर उजड़ी बस्ती को दोबारा रोशन करेंगे।

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि सरकारी मशीनरी काम कर रही है मगर वह अपनी गति से चल रही है, और भी कई नेता आपदा प्रभावित इलाकों में आ रहे हैं, मगर कारवां कुछ पल रुककर प्रभावितों से मिलकर आगे बढ़ रहा है। लेकिन इन सबके बीच जयराम ठाकुर बार बार उन्ही प्रभावित इलाकों में गुजर कर न जाने अब तक कितने लोगों की आंखों के आसूं पोंछ चुके हैं ।

इसलिए इस वक्त जयराम ठाकुर एक नेता के नाते नहीं बल्कि दुख की घड़ी में इंसानियत की मिसाल बन कर हर एक हिमाचली के दिल पर राज कर रहे हैं। सड़क से लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों तक इस वक्त चर्चे जयराम ठाकुर के हैं। उनकी समर्पण, सहनशक्ति और अपनो के प्रति उनकी कर्तव्य निष्ठा को देख कर हर व्यक्ति यही कह रहा है कि आपदा में अपनों का साथ ऐसा निभाया की कद पहाड़ से ऊँचा हो गया। जयराम ठाकुर के चेहरे पर चिंता, आंखों में नमी और पैरों के छालों ने शायद उनकी छवि को और संवार दिया। जाहिर है आपदा के समय सच्चे नेतृत्व की यही पहचान होती है।

इस पहाड़ ने बहुत कुछ खोया है —

घर, खेत, रिश्ते, सपने…

लेकिन इस सबके बीच,

अगर कुछ बचा है तो वो है इंसानियत

और उसे अपने कांधों पर ढोते दिखे- जयराम ठाकुर

TRNDKB: *Himachal News: पंचायत चुनाव में बदल जाएगा आरक्षण रोस्टर, नियमों के संशोधन का ड्राफ्ट जारी* 

2010 वाला फारमेट लगेगा, नियमों के संशोधन का ड्राफ्ट जारी

पंचायत चुनाव में आरक्षण रोस्टर बदला गया है। कैबिनेट में हुए फैसले के बाद पंचायती राज विभाग ने नियमों में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के मुताबिक अब 2010 वाला आरक्षण रोस्टर लगेगा, यानी ऐसा माना जाएगा कि पंचायत चुनाव प्रथम बार संचालित किया जा रहे हैं। यह फैसला इससे पहले मंत्रिमंडल ने लिया था। इसके बाद अब पंचायत चुनाव में आरक्षण का क्रम बदल जाएगा और शुरू से सारी प्रक्रिया आरंभ होगी। पंचायती राज विभाग के सचिव ने इसके बारे में संशोधित ड्राफ्ट जारी किया है। पंचायती राज विभाग ने नियमों में संशोधन की अधिसूचना के अनुसार हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 (1994 का अधिनियम संख्यांक 4) की धारा 183 और 186 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, हिमाचल प्रदेश पंचायती राज (निर्वाचन) नियम, 1994 में और संशोधन करने के लिए नियम ड्राफ्ट जारी किया जा रहा है।

पंचायती राज विभाग के प्रस्तावित नियमों को लेकर अगर किसी का कोई आक्षेप या सुझाव हो तो वह उसे उन्हें 15 दिन की अवधि के भीतर निदेशक, पंचायती राज, हिमाचल प्रदेश एसडीए काम्प्लेक्स कुसुम्पटी, शिमला 171009, को भेज सकते हंै। इसके बाद इस ड्राफ्ट को फाइनल कर दिया जाएगा। इसी साल दिसंबर में पंचायतों में चुनाव होंगे हैं। इन चुनावों में सामान्य तौर पर आरक्षण का चौथा फारमेट लागू होना था, लेकिन राज्य सरकार ने आरक्षण रोस्टर को फिर शुरू से लगाने का फैसला कैबिनेट मेें ले लिया। इसके बाद अब वर्ष 2010 वाला फारमेट लागू हो जाएगा।

शहरी निकायों में रोस्टर पर सरकार-ईसी में तकरार

राज्य ब्यूरो प्रमुख—शिमला

हिमाचल के शहरी निकायों में अगले चुनाव से पहले लगने वाले एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण रोस्टर को लेकर राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग में तकरार हो गई है। राज्य सरकार की तरफ से शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को चि_ी लिखकर आरक्षण रोस्टर जारी न करने या फाइनल न करने के निर्देश दिए। इसके लिए जनगणना के ताजा आंकड़े न होने को वजह बताया गया। राज्य सरकार के पास जनगणना का 15 साल पुराना डाटा है, जबकि सरकार का मत है कि शहरी क्षेत्र में आबादी का गणित डायनेमिक है और बहुत जल्दी बदल जाता है, इसीलिए आरक्षित वर्गों की संख्या का सही तरीके से पता करना जरूरी है। उपायुक्तों को कहा गया कि इन परिस्थितियों को देखते हुए अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण रोस्टर न तो जारी किया जाए और न ही फाइनल किया जाए, जब तक की जनगणना का डाटा अपडेट या आधिकारिक रूप से जारी नहीं हो जाता। राज्य सरकार के इस कदम को राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रतिकूल तरीके से लिया।

राज्य चुनाव आयुक्त अनिल खाची की ओर से आयोग के सचिव सुरजीत सिंह राठौर ने इस बारे में मुख्य सचिव को पत्र लिख दिया। इसमें यह कहा गया है कि शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव तुरंत अपने पत्र को वापस लें। आयोग ने कहा है कि चुनाव करवाने और आरक्षण रोस्टर लगवाने की शक्तियां भारतीय संविधान और हिमाचल प्रदेश म्युनिसिपल एक्ट 1994 के तहत आयोग के पास निहित हैं। उनके अनुसार 2011 की जनगणना के आधार पर भी चुनाव करवाए जा सकते हैं। हिमाचल प्रदेश म्युनिसिपल एक्ट की धारा 281 के तहत भी यह अधिकार स्टेट इलेक्शन कमीशन का है, इसलिए मुख्य सचिव यह सुनिश्चित करें कि शहरी विकास विभाग के पत्र को वापस कर इस बारे में अनुपालना रिपोर्ट आयोग को दी जाए। राज्य चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि शहरी विकास विभाग के पास रोस्टर स्थगित करने की कोई संवैधानिक अथॉरिटी नहीं है।

: *फर्जी डिग्री केस में ED की बड़ी कार्रवाई* 

मानव भारती यूनिवर्सिटी के डिग्री घोटाले में तीन कमीशन एजेंटों की 1.74 करोड़ की संपत्तियां जब्त

मानव भारती यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शिमला ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सात अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है। इन संपत्तियों की कीमत बिक्री विलेख के अनुसार करीब 1.74 करोड़ रुपए बताई गई है। ये संपत्तियां बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में स्थित हैं तथा यह घोटाले में शामिल तीन कमीशन एजेंटों अभिषेक गुप्ता, हिमांशु शर्मा और अजय कुमार की हैं। ईडी ने यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की है। ईडी की तरफ से गुरुवार को इसकी जानकारी दी गई है। ईडी ने यह जांच धर्मपुर पुलिस थाना जिला सोलन, हिमाचल प्रदेश द्वारा दर्ज तीन एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। जांच में सामने आया कि एमबीयू के अध्यक्ष राज कुमार राणा ने अन्य आरोपियों और कमीशन एजेंटों के साथ मिलकर फर्जी डिग्रियों की बड़े पैमाने पर बिक्री की।

इन कमीशन एजेंटों ने फर्जी डिग्री खरीदने के इच्छुक लोगों को विश्वविद्यालय प्रबंधन से संपर्क करवाने में अहम भूमिका निभाई और बदले में मोटा कमीशन लिया। ईडी की जांच के अनुसार फर्जी डिग्रियों की इस अवैध बिक्री से लगभग 387 करोड़ रुपए की काली कमाई हुई, जिसका इस्तेमाल राणा और उनके सहयोगियों ने देश के विभिन्न राज्यों में चल-अचल संपत्तियां खरीदने में किया। गौर हो कि इस मामले में ईडी ने पहले भी कई बार कार्रवाई की है। 29 जनवरी, 2021 को ईडी ने 194.14 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच की थीं। इसे बाद में पीएमएलए के न्यायिक प्राधिकरण ने भी मंजूरी दी। इसके बाद 10 जनवरी, 2025 को ईडी ने सात अचल संपत्तियां, जिनकी कीमत लगभग 5.8 करोड़ रुपए थी, अस्थायी रूप से अटैच की और इसे भी न्यायिक प्राधिकरण ने पुष्टि की।

जांच में और होंगे खुलासे

अब हालिया कार्रवाई के साथ मानव भारती यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री मामले में कुल अटैच की गई संपत्तियों का आंकड़ा बढक़र करीब 202 करोड़ रुपए हो गया है। इस बीच ईडी ने इस घोटाले में शामिल 14 व्यक्तियों और दो संस्थाओं के खिलाफ विशेष पीएमएलए अदालत, शिमला में अभियोजन शिकायत भी दायर की थी, जिस पर अदालत ने चार जनवरी, 2023 को संज्ञान लिया था। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक फर्जी डिग्री घोटाले की जांच अभी भी जारी है और आने वाले दिनों में और भी कार्रवाई कर सकता है।

: *Kangana को सीखनी होंगी समाजसेवा की बातें, शांता की सांसद को नसीहत* 

पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि मंडी में कई लोग अपने घर परिवार सहित मलबे में बह गए, उनमें से जो बचे हैं, वे मायूस होकर लाचार घूम रहे हैं। उन्होंने खुशी है जताई है कि प्रदेश और केंद्र सरकार तथा कुछ लोग राहत कार्यों में सहायता कर रहे हैं, लेकिन इस बात की बहुत हैरानी है कि कंगना रणौत जैसे कुछ नेता और संपन्न लोगों ने राहत कोष के लिए अभी तक कोई सहायता नहीं दी है। कंगना रणौत प्रदेश की ऐसी योग्य और बहादुर बेटी है, जिसने एक साधारण गांव और परिवार से निकल कर भारत के फिल्म जगत में अपना शानदार नाम कमाया है। उसी योग्यता और परिश्रम से वह राजनीति में भी अपना नाम बना सकती है। अब वह राजनीति में आई हैं, तो उन्हें समाजसेवा की सभी बातें सीखनी होगी।

उन्होंने कंगना रणौत से आग्रह किया है कि वह अतिशीघ्र अपनी ओर से एक बड़ी रकम राहत कोष में दें और उसके बाद सिनेमा जगत के करोड़पति अपने मित्रों से धन संग्रह करके राहत कोष में योगदान करें। राज्यसभा मिला कर प्रदेश में छह सांसद हैं। उन की सांसद निधि भी 30 करोड़ होती है। आशा है कि इस धन का उपयोग भी राहत कार्यों में हो रहा होगा। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से हिमाचल प्रदेश भारत के उत्तर के संपन्न पांच प्रदेशों में शामिल है। यदि कर्मचारी, अधिकारी, नेता तथा अन्य संपन्न लोग राहत कोष में धन दें, तो राहत कोष में करोड़ों रुपए इकट्ठा होता है। इस प्रकार की भयंकर आपदा में पूरे समाज को एकजुट होकर पूरी शक्ति से लगना पड़ेगा। आज आपदा पीडि़तों की सहायता ही भगवान की सच्ची पूजा है।

: *सौ करोड़ की फर्जी जीएसटी बिलिंग का भंडाफोड़, हिमाचल, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर तक फैला जाल* 

परवाणू से चला फर्जीवाड़े का नेटवर्क; हिमाचल, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर तक फैला जाल

जीएसटी विभाग ने एक बेहद संगठित और बहु-राज्यीय फर्जी बिलिंग रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें परवाणू स्थित एक टैक्सपेयर द्वारा करीब 100 करोड़ रुपए का फर्जी कारोबार खड़ा कर सरकार को भारी चूना लगाया गया। इस मामले की तह में जाते हुए अब यह खुलासा हुआ है कि यह नेटवर्क हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर तक फैला हुआ था और इसमें 27 से अधिक बड़े लाभार्थी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। राज्य कर एवं आबकारी विभाग व जीएसटी विंग दक्षिण ज़ोन के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया कि विभागीय जांच में सामने आया है कि आरोपी ने फर्जी जीएसटीआईएन प्राप्त कर न केवल बिलिंग की, बल्कि भारी मात्रा में इनपुट टैक्स के्रडिट का गलत लाभ उठाया। उन्होंने बताया की इसका पहला चरण 2017-18 से 2022-23 तक फर्जी बिलों की डोर-टू-डोर डिलीवरी तक पाया गया। जीएसटी विभाग के दक्षिण जोन परवाणू ने अप्रैल, 2022 में इस फर्जीवाड़े का सुराग पकड़ा था। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि आरोपी रेलवे आपूर्तिकर्ता के रूप में शुरू होकर 32.02 करोड़ का कारोबार कर चुका था, जिसमें 2.29 करोड़ का टैक्स देय था।

इस दौरान जारी डिमांड ऑर्डर 103732761 एवं फर्जी लेन-देन की कुल राशि 100 करोड़ के आसपास है जो ब्लॉक आईटीसी 47260374, जो कि सरकार के खाते में जमा हो चुका है। संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया कि इस टैक्सपेयर द्वारा स्थानीय स्क्रैप डीलर को फर्जी सप्लाई के एवज में 14.66 करोड़ का कर, ब्याज और जुर्माने का नोटिस दिया गया, जिसमें 1.14 करोड़ की वसूली की जा चुकी है। वहीं हाई कोर्ट ने विभाग की कार्रवाई को पूरी तरह वैध ठहराया। इस फर्जीवाड़े का दूसरा चरण वर्ष 2023-24 से 2025-25, जो अब सीजीएसटी की रडार पर है। जीडी ठाकुर ने बताया कि इसी टैक्सपेयर ने परवाणू स्थित अपनी फर्म से 63.36 करोड़ का कारोबार किया, जिसकी जांच अब सीजीएसटी चंडीगढ़ विंग द्वारा की जा रही है। (एचडीएम)

यह रही विभागीय कार्रवाई

विभागीय कार्रवाई में दो डीलरों ने स्वेच्छा से आठ करोड़ का आईटीसी रिवर्स किया, वहीं एक का जीएसटीआईएन डीजीजीआई की सिफारिश पर रद्द कर दिया गया। इसके साथ एक और अन्य का जीएसटीआईएन सस्पेंड कर नोटिस जारी किया गया, दोनों परवाणू के ही हैं।

: *थुनाग का बागबानी कालेज सुंदरनगर शिफ्ट, जगत सिंह नेगी बोले, आपदा को देखते हुए लिया फैसला, तुरंत लागू* 

बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी बोले, आपदा को देखते हुए लिया फैसला, तुरंत लागू

छात्रों को एग्जाम के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा, नई एडमिशन प्रभावित नहीं होगी

बाढ़ से डरे छात्र और अभिभावक एक दिन पहले ही सचिवालय में मिले थे मंत्री से

मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र में स्थापित कालेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फोरेस्ट्री थुनाग को तुरंत प्रभाव से सुंदरनगर शिफ्ट किया जा रहा है। राज्य सचिवालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि छात्रों को प्राकृतिक आपदा के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री से चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार इस कालेज को बंद नहीं कर रही, बल्कि इसे सिर्फ शिफ्ट किया जा रहा है। बागबानी मंत्री ने बताया कि करीब 300 छात्र-छात्राएं वहां पढ़ाई कर रहे थे और 30 जून को आपदा की रात जागते रहने की वजह से उनकी जान बच पाई। बाद में जैसे-तैसे पैदल चलकर ये वहां से निकले और बुधवार को राज्य सचिवालय में उनसे भी मिले थे। बागबानी मंत्री ने कहा कि थुनाग के इस कालेज में अभी इन्फ्रास्ट्रक्चर उस तरह का नहीं है। रूरल डिवेलपमेंट ट्रेंनिंग सेंटर में यह कालेज चल रहा है और सीनियर सेकेंडरी स्कूल का स्पेस भी लिया हुआ है। एक निजी भवन में केवल सात लड़कियों के लिए होस्टल चल रहा है।

प्राकृतिक आपदा के बाद यूनिवर्सिटी ने 14 जुलाई तक यहां छुट्टियां घोषित कर दी थीं, लेकिन बच्चे और अभिभावक दोबारा वहां वापस जाने को तैयार नहीं हैं। थुनाग में इस कालेज के लिए कोई विकल्प के रूप में स्थान भी नहीं है, जो सुरक्षित हो। इसलिए इस कालेज को शिफ्ट करना पड़ रहा है। बागबानी मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए छात्र-छात्राओं के लिए एग्जाम की तैयारी करने को थोड़ा और समय दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी को इस बारे में एग्जाम शेड्यूल बदलने को कहा गया है। नए सत्र की 100 सीटों पर होने वाली नई भर्ती प्रभावित नहीं होगी। इस एडमिशन प्रक्रिया को तय समय सारणी के अनुसार पूरा किया जाएगा।

: *आपदा में मददगार बनी एसडीआरएफ, दो गर्भवती महिलाओं को पालकी में उठाकर पहुंचाया अस्पताल* 

जंजैहली से 14 किलोमीटर पैदल चल नेरचौक मेडिकल कालेज में दिलवाया उपचार

मंडी के सराज में गत दिनों बादल फटने से हुई भारी तबाही के बीच एसडीआरएफ जहां लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं, वहीं गर्भवती महिलाओं के लिए भी मददगार बन रही है। एसडीआरएफ के जवानों ने बादल फटने से हुई भारी तबाही के बीच जंजैहली से दो गर्भवती महिलाओं को पालकी में उठाकर पैदल मेडिकल कालेज नेरचौक पहुंचाया। बादल फटने से हुई भारी तबाही के बीच जंजैहली क्षेत्र के अधिकतर रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। ऐसे में जंजैहली सहित आस पास के क्षेत्रों में वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है। तबाही के मंजर के बीच एसडीआरएफ के जवान दिन-रात लोगों की सेवा जुटे हुए हैं। एसडीआरएफ के जवानों ने करीब 14 किलोमीटर पैदल चलकर गर्भवती महिलाओं को पालकी में कंधों पर उठाकर पैदल ही अस्पताल पहुंचाया है।

एसडीआरएफ के जवानों ने जंजैहली से रायगढ़-करसोग होते हुए मंडी तक दो गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाया। बबली देवी पत्नी ज्ञान चंद गांव रुशाद, डाकघर जरोल तहसील थुनाग, जिला मंडी को क्षेत्रीय अस्पताल मंडी पहुंचाया, जहां गत सात जुलाई को गर्भवती महिला ने नवजात शिशु बालिका को जन्म दिया। महिला को क्षेत्रीय अस्पताल मंडी से छुट्टी दे दी गई और सुरक्षित घर पहुंच गई है। इसके अलावा मोहिनी पत्नी देश राज निवासी गांव रोड, जरोह, मंडी को एसडीआएफ के जवानों ने मेडिकल कालेज नेरचौक में पहुंचाया। उधर, एसपी एसडीआरएफ अर्जित सेन ठाकुर का कहना है कि एसडीआरएफ के जवानों ने जंजैहली से रायगढ़-करसोग होते हुए मंडी तक दो गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाया। एसडीआरएफ की टीमें बादल फटने से हुई भारी तबाही के बीच राहत एवं बचाव कार्य में दिन रात जुटी हैं। एसपी अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि एक महिला को प्रसव के बाद छुट्टी दे दी गई है, जिसे सुरक्षित घर पहुंचा दिया गया है। एक महिला को नेरचौक मेडिकल में भर्ती करवाया गया है।

[: *उमर अब्दुल्ला से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से की यह मांग* 

जम्मू कश्मीर की सुरक्षा सुनिश्चित करें

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी का यह बयान आया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद राज्य में पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए ऐसे कदम उठाने जरूरी हैं। गौरतलब है कि कोलकाता स्थित राज्य सचिवालय में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और ममता बनर्जी की मुलाकात हुई थी। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बातचीत थी।

ममता बनर्जी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अपना जुड़ाव दिखाते हुए कहा कि कश्मीर समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक सौंदर्य की भूमि है और इस भूमि से डरना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे पर्यटकों को कश्मीर आना चाहिए। वहां डरने की कोई बात नहीं है। भारत सरकार को भी यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिएं कि ज्यादा से ज्यादा लोग वहां जा सकें। सीमा सुरक्षा केंद्र के अधीन है, इसलिए उन्हें जरूरी कदम उठाने चाहिएं।

जम्मू-कश्मीर की यात्रा करेंगी ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने अपनी जम्मू-कश्मीर की यात्रा के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद उमर यहां आए और उन्होंने मुझे आमंत्रित किया। मैंने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। अब मैं दुर्गा पूजा के बाद (जम्मू-कश्मीर) जाने की योजना बनाऊंगी।

: *शशि थरूर ने एमरजेंसी को बताया काला अध्याय, कहा, नसबंदी अभियान था मनमाना और क्रूर फैसला* 

अपने बयानों से इन दिनों अपनी पार्टी को असहज करने वाले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अब अपने एक आर्टिकिल में एमरजेंसी को भारतीय इतिहास का काला अध्याय बताते हुए, इससे सबक लेने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने उस दौरान चलाए गए नसबंदी अभियान को मनमाना और क्रूर फैसला बताया। थरूर का मलयालम भाषा के अखबार ‘दीपिका’ में यह आर्टिकल गुरुवार को प्रकाशित हुआ है। उन्होंने लिखा कि अनुशासन और व्यवस्था के लिए उठाए गए कदम कई बार ऐसी क्रूरता में बदल जाते हैं, जिन्हें किसी तरह उचित नहीं कहा जा सकता। 50 साल पहले 25 जून, 1975 को तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में एमरजेंसी लगाई थी। यह 21 मार्च, 1977 तक लागू रही थी। इस दौरान केंद्र सरकार ने कई सख्त फैसले लिए थे।

थरूर ने लिखा कि इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी का जबरन नसबंदी अभियान चलाने का फैसला क्रूरता का उदाहरण बन गया। गरीब ग्रामीण इलाकों में टारगेट पूरा करने के लिए हिंसा और दबाव का सहारा लिया गया। नई दिल्ली जैसे शहरों में बेरहमी से झुग्गियां तोड़ी गईं। हजारों लोग बेघर हो गए। उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। शशि थरूर ने अपने आर्टिकल में लिखा कि लोकतंत्र को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह एक बहुमूल्य विरासत है, जिसे लगातार संरक्षित करना जरूरी है। सत्ता को सेंट्रलाइज करने, असहमति को दबाने और संविधान को दरकिनार करने का असंतोष कई रूपों में फिर सामने आ सकता है। अक्सर ऐसे एक्शन को देशहित या स्थिरता के नाम पर उचित ठहराया जाता है। इस अर्थ में एमरजेंसी एक चेतावनी के रूप में खड़ा है। लोकतंत्र के संरक्षकों को हमेशा सतर्क रहना होगा।

: *एमएलए ने घर-द्वार सुना लोगों का दुखड़ा* 

अनुराधा राणा ने अधिकारियों के साथ लाहुल के गांवों का किया दौरा

कार्यालय संवाददाता-केलांग

प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा इन दिनों लोगों को समस्याओं को उनके घरद्वार पहुंचकर सुन रहीं हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को भी विधायक ने लाहुल के गांवों का दौरा किया। विधायक अनुराधा राणा ने जूंडा, ओथांग, यांगथांग, तिबोक, लोमच आदि गांवों विभागीय अधिकारियों के साथ जन समस्याओं को जाना। उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर समस्याओं का समाधान करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहने का आश्वासन दिया। सभी पंचायतों और गांवों में विधायक निधि और अन्य हेड से विकास कार्यों के लिए दी गई धनराशि को तय सीमा के अंदर खर्च करने के निर्देश दिए। सभी विकासात्मक कार्यों का निरीक्षण किया जाएगा। जिला परिषद सदस्य छेजांग डोलमा, प्रधान सोनदेई, युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष साहिल विशेष रूप से मौजूद रहे।

: *इंडिया-MVA गठबंधन की जरूरत नहीं, राउत का दावा, उद्धव-राज ठाकरे को साथ देखना चाहती है जनता* 

शिवसेना -उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) नेता और राज्य सभा सांसद संजय राउत का मानना है कि स्थानीय निकायों के आगामी चुनावों में इंडिया ब्लॉक या महा विकास अघाड़ी (एमवीए) जैसा राष्ट्रीय गठबंधन बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है और इसका निर्णय स्थानीय नेतृत्व पर छोड़ दिया जाना चाहिए क्योंकि इन चुनावों में स्थानीय मुद्दे महत्त्वपूर्ण होते हैं। श्री राउत ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) बहुप्रतीक्षित चुनावों के संदर्भ में कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और श्री राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ मिलकर चुनाव लडऩे की जनता की मांग बढ़ रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हाल ही में हुई मराठी विजय रैली के दौरान यह भावना स्पष्ट परिलक्षित हुई है।

राजनीतिक गठबंधन को लेकर मौजूदा अस्पष्टता पर उन्होंने कहा कि अगर मुंबई को बचाना है, तो उद्धव और राज को नगर निगम चुनाव साथ मिलकर लडऩा होगा। यही लोगों की भावना है और वे इस मांग को •ाोरदार तरीके से उठा रहे हैं। गठबंधन के बारे में कुछ कहने पर राज ठाकरे की सीमा के बारे में उन्होंने कहा कि हर किसी की अपनी कार्यशैली होती है। ये सीमा उनके नेतृत्व के तरीके का हिस्सा हो सकती है। हम खुलकर बोलना पसंद करते हैं; हो सकता है कि उनका तरीका ऐसा न हो, लेकिन जल्द ही ची•ों स्पष्ट हो जाएंगी।

भागवत पीएम को कर रहे रिटायर होने का इशारा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की हाल में की गई टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर में 75 वर्ष के हो जाएंगे। आरएसएस और मोदी के अपने नियमों के अनुसार उन्हें इस उम्र में संन्यास ले लेना चाहिए। आरएसएस उन्हें बार-बार यही याद दिला रहा है। आपने सत्ता का सुख भोगा है और दुनिया घूमी है। अब हट जाइए और देश को सुरक्षित हाथों में सौंप दीजिए। उन्होंने श्री मोदी पर सत्ता तक पहुंचने के लिए लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और जसवंत ङ्क्षसह जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं को दरकिनार करने का भी आरोप लगाया।

: *इटली टी-20 वर्ल्ड कप के टिकट से एक जीत दूर, इस टीम से होगा अगला मैच* 

कप्तान बोले; किसी सपने जैसा लग रहा, अगला मैच नीदरलैंड्स से

इटली 2026 टी-20 वल्र्ड कप में क्वॉलिफाई करने से एक जीत दूर है। आईसीसी मेंस टी-20 वल्र्ड कप यूरोप रीजनल फाइनल में इटली ने स्कॉटलैंड को 12 रन से हराया। टी-20 वल्र्ड कप 2026 भारत और श्रीलंका में खेला जाएगा। मेजबान भारत और श्रीलंका के अलावा अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका, अमरीका, वेस्टइंडीज, आयरलैंड, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और कनाडा पहले ही पहुंच चुके हैं। इस टूर्नामेंट में 20 टीमें हिस्सा लेंगी, ऐसे में सात टीमों की जगह खाली है। इटली अब प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर है और अगर वह शुक्रवार को नीदरलैंड्स के खिलाफ आखिरी मुकाबला जीत लेते हैं, तो वल्र्ड कप में उनका स्थान पक्का हो जाएगा। अगर उन्हें इस मैच में करीबी हार भी मिलती है और जर्सी या स्कॉटलैंड अपना मैच बड़े अंतर से नहीं जीतते, तो इटली फिर भी क्वॉलिफाई कर जाएगा। इटली की कप्तानी जो बन्र्स कर रहे हैं। वह इटली से पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए 23 टेस्ट खेल चुके हैं। उन्होंने कहा, यह भावुक पल है। स्कॉटलैंड जैसी मजबूत टीम को हराना हमारे सभी खिलाडिय़ों, स्टाफ और फेडरेशन के लिए बड़ी उपलब्धि है। हम वल्र्ड कप के एकदम करीब हैं। यह किसी सपने जैसा लग रहा है। उम्मीद है कि यह सिर्फ शुरुआत है।

डोप परीक्षण में विफल होने पर जैस्मीन कौर निलंबित

नई दिल्ली। भारतीय शॉटपुट खिलाड़ी जैस्मीन कौर को राष्ट्रीय डोङ्क्षपग रोधी एजेंसी (नाडा) ने अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है, क्योंकि उनके डोप परीक्षण में प्रतिबंधित पदार्थ की मौजूदगी का पता चला है। जैस्मीन का नाम अस्थायी निलंबन के तहत आने वाले एथलीटों की नवीनतम सूची में शामिल है, क्योंकि उनका परीक्षण टरबुटालाइन के लिए सकारात्मक आया था। टरबुटालाइन को एक उत्तेजक पदार्थ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

: *Ind vs Eng : इंग्लैंड के चार विकेट पर 251 रन, जो रूट 99 रन पर नाबाद* 

जो रूट (नाबाद99 ) और कप्तान बेन स्टोक्स (नाबाद 39) रनों की जूझारू पारी की बदौलत इंग्लैंड ने तीसरे टेस्ट मैच के पहले दिन गुरुवार को दिन का खेल समाप्त होने के समय चार विकेट पर 251 रन बना लिये है। इससे पहले आज यहां इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड के लिए जैक क्रॉली और बेन डकेट की सलामी जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 43 रन जोड़े। नीतीश कुमार रेड्डी ने अपने पहले ही ओवर में बेन डकेट (23) को आउटकर इस साझेदारी को तोड़ा। इसके बाद रेड्डी ने एक बार फिर बेहतरीन गेंदबाजी का नमूना पेश करते हुए इसी ओवर की आखिर गेंद पर जैक क्रॉली (18) को भी पंत के हाथों आउटकर भारत को एक ही ओवर में दोहरी सफलता दिलाई। नीतीश कुमार रेड्डी 2002 के बाद इस तरह अपने पहले ही ओवर में दो विकेट झटकने वाले दूसरे भारतीय तेज गेंदबाज बन गए हैं। 2002 के बाद अब तक केवल दो भारतीय तेज गेंदबाजों ने पुरुष टेस्ट मैचों में पारी के अपने पहले ओवर में दो बार विकेट लेने का कारनामा किया हैं। इरफान पठान ने 2006 में कराची में पाकिस्तान के खिलाफ हैट्रिक ली थी। आज नीतीश कुमार रेड्डी ऐसा करने वाले दूसरे तेज गेंदबाज बन गए हैं।

भोजनकाल तक इंग्लैंड ने दो विकेट पर 84 रन बना लिये थे। इसके बाद जो रूट और ऑली पोप धीमी रफ्तार के साथ रन जोड़ेते हुए पारी को चायकाल तक 49 ओवर में दो विकेट पर 153 के स्कोर तक ले गये हैं। चायकाल तक जो रूट ने अपना अर्धशतक पूरा किया। स्टंप के रूट (नाबाद 54) और ऑली पोप (नाबाद 44) रन बनाकर खेल रहे थे। चायकाल के बाद बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड को 50वें ओवर की पहली ही गेंद पर रवींद्र जडेजा ने ऑली पोप (44) को आउटकर भारत को तीसरी सफलता दिलाई। इसके बाद बल्लेबाजी करने आये हैरी ब्रूक (11) को बुमराह ने बोल्ड कर पवेलियन भेज दिया। स्टंप के समय जो रूट 191 गेंदों में (नाबाद 99) और कप्तान बेन स्टोक्स 102 गेंदों में (नाबाद 39) रन बनाकर खेल रहे थे। भारत की ओर नीतीश कुमार रेड्डी ने दो विकेट लिये। जसप्रीत बुमराह और रवींद्र जडेजा ने एक-एक बल्लेबाज को आउट किया।

: *क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया भी नहीं बना पाया यह रिकार्ड, पर भारत ने कर दिखाया* 

भारत ने क्रिकेट जगत में एक ऐसा रिकार्ड बना दिया है, जिसे वल्र्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया और वल्र्ड टेस्ट चैंपियन टीम साउथ अफ्रीका भी नहीं बना सकी है, लेकिन भारत ने यह कारनामा कर दिखाया है। जानकारी के अुनसार भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में गुरुवार को टॉस हारने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार सबसे ज्यादा टॉस हारने का रिकार्ड बना दिया है।

इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इस तरह भारत के नाम अब पुरुष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार सबसे ज्यादा टॉस हारने का रिकार्ड हो गया है। भारत अब तक लगातार 13 टॉस हार चुका है और उसने वेस्टइंडीज के 12 टॉस हारने के रिकार्ड को पीछे छोड़ दिया है।

टॉप-3 टीमें

13 टॉस लगातार भारत ने हारे (31 जनवरी, 2025 से 10 जुलाई, 2025)

12 टॉस वेस्टइंडीज ने हारे (2 फऱवरी 1999 से 21 अप्रैल 1999)

11 बार टॉस इंग्लैंड हारा (17 दिसंबर 2022 से 12 मार्च 2023)

: *फर्जी डिग्री केस में ED की बड़ी कार्रवाई* 

मानव भारती यूनिवर्सिटी के डिग्री घोटाले में तीन कमीशन एजेंटों की 1.74 करोड़ की संपत्तियां जब्त

मानव भारती यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शिमला ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सात अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है। इन संपत्तियों की कीमत बिक्री विलेख के अनुसार करीब 1.74 करोड़ रुपए बताई गई है। ये संपत्तियां बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में स्थित हैं तथा यह घोटाले में शामिल तीन कमीशन एजेंटों अभिषेक गुप्ता, हिमांशु शर्मा और अजय कुमार की हैं। ईडी ने यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की है। ईडी की तरफ से गुरुवार को इसकी जानकारी दी गई है। ईडी ने यह जांच धर्मपुर पुलिस थाना जिला सोलन, हिमाचल प्रदेश द्वारा दर्ज तीन एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। जांच में सामने आया कि एमबीयू के अध्यक्ष राज कुमार राणा ने अन्य आरोपियों और कमीशन एजेंटों के साथ मिलकर फर्जी डिग्रियों की बड़े पैमाने पर बिक्री की।

इन कमीशन एजेंटों ने फर्जी डिग्री खरीदने के इच्छुक लोगों को विश्वविद्यालय प्रबंधन से संपर्क करवाने में अहम भूमिका निभाई और बदले में मोटा कमीशन लिया। ईडी की जांच के अनुसार फर्जी डिग्रियों की इस अवैध बिक्री से लगभग 387 करोड़ रुपए की काली कमाई हुई, जिसका इस्तेमाल राणा और उनके सहयोगियों ने देश के विभिन्न राज्यों में चल-अचल संपत्तियां खरीदने में किया। गौर हो कि इस मामले में ईडी ने पहले भी कई बार कार्रवाई की है। 29 जनवरी, 2021 को ईडी ने 194.14 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच की थीं। इसे बाद में पीएमएलए के न्यायिक प्राधिकरण ने भी मंजूरी दी। इसके बाद 10 जनवरी, 2025 को ईडी ने सात अचल संपत्तियां, जिनकी कीमत लगभग 5.8 करोड़ रुपए थी, अस्थायी रूप से अटैच की और इसे भी न्यायिक प्राधिकरण ने पुष्टि की।

जांच में और होंगे खुलासे

अब हालिया कार्रवाई के साथ मानव भारती यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री मामले में कुल अटैच की गई संपत्तियों का आंकड़ा बढक़र करीब 202 करोड़ रुपए हो गया है। इस बीच ईडी ने इस घोटाले में शामिल 14 व्यक्तियों और दो संस्थाओं के खिलाफ विशेष पीएमएलए अदालत, शिमला में अभियोजन शिकायत भी दायर की थी, जिस पर अदालत ने चार जनवरी, 2023 को संज्ञान लिया था। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक फर्जी डिग्री घोटाले की जांच अभी भी जारी है और आने वाले दिनों में और भी कार्रवाई कर सकता है।

TRNDKB: *11 महीने की निकिता की सहायता के लिए प्रशासन ने खोला बैंक अकांउट, 18 साल की होने पर दी जाएगी एकत्रित राशि* 

जिला प्रशासन ने आपदा प्रभावित 11 माह की निकिता की मदद के लिए 25,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की है। शेष राशि को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है। निकिता के नाम पर एक विशेष बैंक खाता खोला गया है, जिसमें सरकारी मुआवजा और सार्वजनिक दान जमा किया जाएगा, जो उसकी शिक्षा और भविष्य के लिए उपयोग किया जाएगा। निकिता की मदद के लिए 150 से अधिक लोगों ने संपर्क किया है, जिनमें से कुछ ने आर्थिक सहायता और अडॉप्शन की पेशकश की है।

हालांकि, परिवार ने अडॉप्शन की पेशकश को ठुकरा दिया है। निकिता ने सराज में बाढ़ में अपने पिता को खो दिया। उसके पिता रामेश कुमार का शव बरामद हो गया है, जबकि उसकी मां राधा देवी और दादी पूनम देवी अभी भी लापता हैं। वर्तमान में निकिता की देखभाल उसके चाची तारा देवी और अन्य परिजन कर रहे हैं।

TRNDKB: *बाढ़ पीडि़तों के पुनर्वास को लेकर सीएम सुक्खू का बड़ा फैसला, ऐसे घर बनाकर देगी सरकार* 

बाढ़ पीडि़तों के पुनर्वास को लेकर सीएम सुक्खू का बड़ा फैसला, अब सुरक्षित भूमि पर बसाए जाएंगे लोग

प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाकर देगी सरकार

थुनाग में बेघर हुए लोगों को सुक्खू सरकार प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाकर देगी। बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर बसाने से लेकर क्षतिग्रस्त परियोजनाओं के संबंध में डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। थुनाग दौरे के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावितों का दर्द जाने के बाद प्री फेब्रिकेटेड घर बनाकर आश्रय देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी जिला के थुनाग विश्राम गृह में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ बैठक कर आपदाग्रस्त सराज क्षेत्र में हुए नुकसान और राहत एवं बचाव कार्र्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को शीघ्र राहत पहुंचाने के लिए सडक़ों और बाधित जल एवं विद्युत आपूर्ति योजनाओं की बहाली के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर राज्य के लिए एक विशेष राहत पैकेज देने का अनुरोध करेंगे।

सीएम सुक्खू ने संबंधित विभागों को क्षतिग्रस्त सडक़ों, पुलों, बिजली और जल परियोजनाओं के लिए अविलंब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तत्काल तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सडक़ एवं अवसंरचना निधि के अंतर्गत 56 किलोमीटर लंबी चैलचौक-जंजैहली सडक़ के सुदृढ़ीकरण कार्य प्रस्तावित किए जाएंगे। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावितों को हरसंभव मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया।

जयराम के निर्देश मानें अधिकारी

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ समन्वय स्थापित कर अंतर-विभागीय सहयोग के माध्यम से प्रमुख योजनाओं की बहाली के लिए राहत कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि भारी तबाही के बावजूद, 60 प्रतिशत पेयजल योजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को आवश्यकतानुसार क्षेत्र में बेली पुलों और सस्पेंशन पुलों का निर्माण कर संपर्क बहाल करने को कहा, जिसके लिए राज्य सरकार पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाएगी।

प्रभावितोंं के पुनर्वास पर भी की मंत्रणा

सीएम सुक्खू और जयराम ठाकुर ने आपदा में अपनी जमीन गंवाने वाले परिवारों के पुनर्वास को लेकर चर्चा की। जयराम ठाकुर ने कहा कि बादल फ टने की घटनाओं से क्षेत्र में भारी तबाही हुई है और मानसून के बाद जल्द ही सर्दियां शुरू होने वाली हैं। ऐसे में जिन लोगों ने सब कुछ खो दिया है, उनके पुनर्वास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने मंडी उपायुक्त को निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों के अस्थायी पुनर्वास के लिए तुरंत सुरक्षित स्थानों की पहचान की जाए, जहां प्री-फैब्रिकेटिड घर बनाकर उन्हें तत्काल आश्रय दिया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को बागबानी से जुड़े किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने के भी निर्देश दिए।

TRNDKB: *सीएम सुक्खू से बच्चों ने पूछा सवाल, हमारे स्कूल कब खुलेंगे, हम रेस्टहाउस में नहीं रहना चाहते* 

आपदा राहत शिविर के निरीक्षण को पहुंचे सीएम सुक्खू से बच्चों ने पूछा सवाल

आपदा प्रभावित सराज विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर मुख्यमंत्री को भी कई नए अनुभव हो रहे हैं। उनकी कोशिश है कि वह आपदा प्रभावित हर बच्चे, व्यस्क और बुजुर्ग से मिलें। इसी कोशिश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को सराज विधानसभा क्षेत्र के बाड़ा और कैलोधार निरीक्षण कुटीर स्थित अनाह गांव के आपदा राहत शिविर का दौरा किया। उन्होंने यहां पीडि़त परिवारों को सांत्वना दी और शिविर में रह रहे प्रभावित बच्चों के साथ लंच किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बच्चों से आपदा में बह गए उनके घरों के बारे में पूछा। इस पर बच्चे तपाक से बोले, हमारे स्कूल कब खुलेंगे। बच्चों की यह बात सुनकर मुख्यमंत्री ने डीसी मंडी से जाना कि स्कूल कब तक बंद हैं। डीसी ने उन्हें बताया कि आपदा के कारण 14 जुलाई तक स्कूल बंद रखे गए हैं। मुख्यमंत्री ने डीसी को हालात की समीक्षा करने के बाद स्कूल खोलने के निर्देश दिए।

सीएम सुखविंदर सिंह ने बच्चों से पूछा कि क्या वे स्कूल जाना चाहते हैं, तो सबने ‘हां’ कहा। इस पर उन्होंने कहा, जल्दी आपके स्कूल खोल दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बच्चों से बातों-बातों में राहत शिविर में सुविधाओं की टोह भी ली। बच्चों ने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वे अपने घर जाना चाहते हैं। रेस्ट हाउस में नहीं रहना चाहते। मुख्यमंत्री बच्चों से बोले कि घर तो अब रहा नहीं, फिर कैसे रहेंगे। इस पर बच्चे बोले कि टेंट में रह लेंगे। मुख्यमंत्री ने उन्हें समझाया कि टेंट में नहीं रह सकते। सीएम सुक्खू ने बच्चों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि वह उनको घर बनाकर देंगे। मुख्यमंत्री ने उनके साथ बड़े प्यार से बातचीत की और घर, आपदा व पढ़ाई के बारे में जाना।

मुख्यमंत्री ने नौनिहालों के साथ खाया खाना

राहत शिविर के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने बच्चों को अपने पास बिठाकर खाना खिलाया। खाना खाने के बाद बेटियों ने कहा कि उन्हें यह लगा ही नहीं कि वे मुख्यमंत्री के साथ बैठकर लंच कर रही हैं

: *खुद के घर की दरारें देख भर आई आंखें, कदम लडख़ड़ाए, दूसरों को हौसला देते अपने घर पहुंचकर टूटे जयराम* 

नियती का खेल देख लीजिए… बादल बरसे तो पूरे सराज मेंं तबाही की ऐसी तस्वीर उभरी, जिसे देख हर कोई सिहर उठा। इस तबाही के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सबसे पहले लोगों के आंसू पोंछने के लिए सराज पहुंचे। बादल फटने के बाद त्रासदी की इन तस्वीरों को देख जयराम ठाकुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों के आंसू पोंछते-पोंछते जब दस दिन बाद अपने घर पंहुचे, तो तबाही का मंजर देख व्यथित हो गए। इस मंजर ने उनको अंदर से इतना तोड़ा कि पांव लडख़ड़ा गए और आंखें भर आर्ईं। घर की ओर जाती पगडंडी पर जयराम ठाकुर लडख़ड़ा गए। अपनों की पीड़ा ने उनके चेहरे को दर्द से भर दिया। घर की दरारें देख जयराम ठाकुर भावुक हो गए। बिना कुछ बोले बस उस घर को निहारते रहे, जहां से जीवन की डगर पर चलना सीखा था।

इस घर की चौखट से निकलकर के जयराम ठाकुर ने सियासत की सीढिय़ां हिमाचल की सत्ता के उच्चतम पद तक चढ़ी भी और आज त्रादसी ने उसी घर की नींव हिला दी। घर के पास लैंड स्लाइड से बगीचा गया, बाथरूम का नामोनिशान मिटा और खतरे की जद में आए इस घर से एक भाई भागने को मजबूर हो गया। जयराम ने तीन विधानसभा चुनाव इसी घर में रह करके लड़े और सराज (चच्योट) का प्रतिनिधित्व किया। तांदी में बने इस पुश्तैनी घर की दरारों ने विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर क ो अंदर तक हिला दिया। इस पुश्तैनी घर में जयराम ठाकुर के भाई बीरी सिंह और उनका परिवार रहता है। 30 जून और पहली जुलाई की रात जब बारिश हुई, तो पूरा परिवार जयराम ठाकुर के उस घर में पहुुंचा, जो हिमाचल की सियासत की शक्ति का केंद्र है।

आपदा के 10 दिन बाद लिया पुश्तैनी घर का जायजा

जयराम ठाकुर दस दिनों के बाद चंद पलों के लिए अपने पुश्तैनी घर पंहुचे थे और अपने आंसुओं को अपने अंदर ही समेटकर क्षेत्र के दूसरे लोगों को ढांढस बधाने के लिए चल दिए। 10 दिन बाद जयराम ठाकुर अपने पुराने घर की दरारें देखकर के कुछ पल के लिए यूं लडख़ड़ाए मानों उनकी दुनिया ही उजड़ गई हो। इसके बाद जयराम अपना दर्द समेटकर आगे बढ़ गए, लेकिन इस त्रासदी ने पूरे सराज को ऐसे जख्म दिए हैं, जिन्हें समेट पाया प्रक ृति के अलावा किसी के बस की बात नहीं है।

: *Shrikhand Mahadev Yatra : श्रीखंड महादेव के दर्शन को पहले दिन 656 श्रद्धालु रवाना* 

मिलफेड के अध्यक्ष ने हरी झंडी दिखा रवाना किया जत्था, प्रशासन ने यात्रा को किए पुख्ता इंतजाम

कठिन एवं दुर्गम धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा आज से आधिकारिक तौर पर शुरू हो गई है। मिलफेड के अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर ने गुरुवार प्रात: करीब 5.30 बजे यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रा के पहले दिन कुल 656 यात्री रवाना हुए, जिनमें 626 पुरुष व 30 महिला श्रद्धालु शामिल हैं। इस अवसर पर उनके साथ जिला परिषद अध्यक्ष कुल्लू पंकज परमार, एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह, डीएसपी चंद्रशेखर कायथ भी मौजूद रहे। यात्रा 23 जुलाई तक चलेगी। मिल्कफैड के अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर ने इस दौरान कहा कि इस बार यात्रा के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रत्येक बेस कैंप में सेक्टर मजिस्ट्रेट, पुलिस, राजस्व, बचाव दल और मेडिकल टीमें तैनात की गई है। इस बार यात्रा में बदलाव करते हुए ट्रस्ट ने निर्णय लिया कि प्रतिदिन 800 श्रद्धालुओं का जत्था एक दिन में रवाना होगा। उन्होंने श्रीखंड जा रहे श्रद्धालुओं से यात्रा में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने का आग्रह किया और यात्रा में किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन न करने की अपील की।

उन्होंने श्रद्धालुओं की यात्रा मंगलमय होने की कामना भी की। वहीं एसडीएम मनमोहन सिंह ने इस दौरान कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्ग को पांच सेक्टरों में विभाजित किया गया है और पांच बेस कैंप स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सिंहगाड़, थाचडू, कुंशा, भीमडवारी और पार्वतीबाग में बनाए गए इन बेस कैंपों में स्वास्थ्य, पुलिस, होमगार्ड, एसडीआरएफ, अभिमास मनाली की टीम तैनात होगी एवं अन्य जरूरी व्यवस्थाएं की गई है। उन्होंने बताया कि सिंहगाड में श्रद्धालुओं का पंजीकरण और स्वास्थ्य जांच की जाएगी। सिंहगाड़ में ही किसी कारणवश जिनका ऑनलाइन पंजीकरण नही हो पाया है। एसडीएम ने कहा कि प्रशासन की ओर से यात्रा के दौरान खाने की दरें तय की गई हैं। इसके अलावा कुछ स्थानों पर लंगर की व्यवस्था भी रहेगी। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि बिना पंजीकरण के यात्रा पर न जाएं और प्रशासन का सहयोग करें।

5500 यात्रियों ने करवाया पंजीकरण

श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट निरमंड के उपाध्यक्ष एवं एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने बताया कि गुरुवार सायं चार बजे तक गए उक्त यात्रियों में से 365 यात्रियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाई थी, जबकि 291 यात्री ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के ज़रिए रवाना हुए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने वाले यात्रियों की संख्या करीब 5500 पहुंच गई है। सभी बेस कैंपों में नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किए गए हैं। श्रद्धालुओं के लिए सिंहगाड़ में ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा भी दी गई है।

TRNDKB: *प्रदेश में छह दिन बारिश का पूर्वानुमान, इन जिलों के कुछ स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट* 

Himachal Weather:

कांगड़ा-सिरमौर के कुछ स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट

प्रदेश में दस से 16 जुलाई तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में अधिकांश स्थानों, जिसमें कसोल, जुब्बल, मनाली, शिमला, सुजानपुर टीरा, गुलेर, कसौली, सोलन पर हल्की से मध्यम बारिश और कई स्थानों जैसे धौलाकुंओं, बिलासपुर में भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश में 10, 11, 13, 14 और 15 जुलाई को राज्य के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है, जबकि 12 को प्रदेश के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। वहीं, 16 जुलाई को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान है। शुक्रवार के लिए कांगड़ा, सिरमौर जिला के कुछ स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है, जबकि 11 से 16 जुलाई तक कई भागों के लिए येलो अलर्ट है। अगले 4-5 दिनों के दौरान न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।

प्रदेश के अधिकतम तापमान ऊना में 33.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि न्यूनतम तापमान नारकंडा में 12.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। शिमला में अधिकतम तापमान 24.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। सुंदरनगर में अधिकतम तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22.8 डिग्री सेल्सियस, भुंतर में अधिकतम तापमान 29.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21.6 डिग्री सेल्सियस, कल्पा में अधिकतम तापमान 24.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 13.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

TRNDKB: *Himachal : जून में सवा 12 करोड़ की साइबर ठगी* 

हिमाचल में बढ़े मामले, ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर सबसे अधिक शिकार

हिमाचल में सिर्फ जून महीने में ही सवा 12 करोड़ से अधिक साइबर ठगी हुई है। शातिर ऑनलाइन ट्रेडिंग इन्वस्टमेंट के नाम पर प्रदेश के लोगों को शिकार बना रहे हैं। राज्य में बड़े अकांउट यानी 20 लाख से अधिक की ठगी के ही 25 से अधिक मामले प्रदेश के विभिन्न साइबर थानों में दर्ज हैं। सबसे ज्यादा ठगी का शिकार सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी, पूर्व सैनिक व उद्योगपति हुए है। हिमाचल प्रदेश में शेयर मार्केट में निवेश/ इन्वेस्टमेंट के नाम पर साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मात्र जून महीने में ही 20 लाख या इससे अधिक की साइबर ठगी के कुल 25 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से 18 मामले इन्वेस्टमेंट फ्रॉड से संबंधित हैं।

इसमें 12 करोड़ 25 लाख से अधिक की राशि की हानि हुई है, जिसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आ रहे फेक इन्वेस्टमेंट लिंक ही ठगी का बड़ा कारण बने हुए हैं। साइबर ठगों की ओर से भारी भरकम रिटर्न देने के लालच दिखाकर करोड़ों रुपए ठगने का खेल खेला जा रहा है। इसके अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिक सेक्सटॉर्शन से संबंधित जालसाजी के भी अधिक मामले सामने आ रही हैं। इसके अलावा ऑनलाइन जुआ व ऑनलाइन लॉटरी के चक्कर में भी लाखों लूटा रहे हैं।

ऑनलाइन ठगी से सावधान

नॉर्थ जोन साइबर थाना धर्मशाला के एएसपी प्रवीण धीमान ने बताया कि सोशल मीडिया में साइबर ठगों के झांसे में आकर ऑनलाइन बैटिंग न करें। आज के दौर में साइबर अपराधियों को हर तरीके से लोगों, पूर्व अधिकारियों-सैनिकों सहित वृद्ध जनों को ऑनलाइन ही झांसे में लिया जा रहा है। ऐसे में अलर्ट रहें।

TRNDKB: *Himachal : जून में सवा 12 करोड़ की साइबर ठगी* 

हिमाचल में बढ़े मामले, ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर सबसे अधिक शिकार

हिमाचल में सिर्फ जून महीने में ही सवा 12 करोड़ से अधिक साइबर ठगी हुई है। शातिर ऑनलाइन ट्रेडिंग इन्वस्टमेंट के नाम पर प्रदेश के लोगों को शिकार बना रहे हैं। राज्य में बड़े अकांउट यानी 20 लाख से अधिक की ठगी के ही 25 से अधिक मामले प्रदेश के विभिन्न साइबर थानों में दर्ज हैं। सबसे ज्यादा ठगी का शिकार सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी, पूर्व सैनिक व उद्योगपति हुए है। हिमाचल प्रदेश में शेयर मार्केट में निवेश/ इन्वेस्टमेंट के नाम पर साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मात्र जून महीने में ही 20 लाख या इससे अधिक की साइबर ठगी के कुल 25 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से 18 मामले इन्वेस्टमेंट फ्रॉड से संबंधित हैं।

इसमें 12 करोड़ 25 लाख से अधिक की राशि की हानि हुई है, जिसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आ रहे फेक इन्वेस्टमेंट लिंक ही ठगी का बड़ा कारण बने हुए हैं। साइबर ठगों की ओर से भारी भरकम रिटर्न देने के लालच दिखाकर करोड़ों रुपए ठगने का खेल खेला जा रहा है। इसके अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिक सेक्सटॉर्शन से संबंधित जालसाजी के भी अधिक मामले सामने आ रही हैं। इसके अलावा ऑनलाइन जुआ व ऑनलाइन लॉटरी के चक्कर में भी लाखों लूटा रहे हैं।

ऑनलाइन ठगी से सावधान

नॉर्थ जोन साइबर थाना धर्मशाला के एएसपी प्रवीण धीमान ने बताया कि सोशल मीडिया में साइबर ठगों के झांसे में आकर ऑनलाइन बैटिंग न करें। आज के दौर में साइबर अपराधियों को हर तरीके से लोगों, पूर्व अधिकारियों-सैनिकों सहित वृद्ध जनों को ऑनलाइन ही झांसे में लिया जा रहा है। ऐसे में अलर्ट रहें।

TRNDKB: *दूसरे दिन भी सराज में डटे रहे CM, आपदा प्रभावितों से बोले, विशेष राहत पैकेज जारी करेगी सरकार* 

 मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को दूसरे दिन भी मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों थुनाग, बगस्याड़, देजी गांव, बाड़ा और स्यांज गांव का दौरा किया। देजी गांव में बादल फटने के कारण 11 लोग लापता हैं, जबकि बाड़ा में दो लोगों की मृत्यु हुई है। स्यांज गांव में चार व्यक्तियों की मौत हुई है, जबकि पांच व्यक्ति अभी भी लापता हैं। मुख्यमंत्री ने सभी मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवारों के साथ संवेदनाएं व्यक्त कीं।

पखरैर पंचायत घर में आपदा प्रभावितों ने मुख्यमंत्री को बताया कि ऐसी आपदा दो सौ साल में भी नहीं आई। लेकिन इस बार आपदा में कई बादल फटे, बहुत सारा पानी एक साथ आया और लोग बड़ी मुश्किल से जान बचाकर भागे। मुख्यमंत्री ने राजस्व अधिकारियों को सभी तरह के नुकसान का आकलन तुरंत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन घरों में गाद भरी है या बड़े बड़े पत्थर आ गए हैं अथवा जो घर अब रहने के लिए असुरक्षित हैं, उनको पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घरों की श्रेणी में डाला जाए ताकि प्रभावितों को अधिक से अधिक मुआवजा मिल सके। उन्होंने प्रभावित परिवारों को आश्वासन दिया कि उनके क्षतिग्रस्त सामान और पशुधन का मुआवजा भी सरकार देगी। मुख्यमंत्री ने राजस्व अधिकारियों को फूलों की खेती करने वाले किसानों और सेब बागवानों को हुए नुकसान का आकलन करने के भी निर्देश दिए।

प्रभावितों का हौसला बढ़ाते हुए उन्होंने कहा ”मैं आपदा के इस दुःखद् समय में आपके साथ खड़ा हूं और आपको फिर से बसाने के लिए राज्य सरकार कैबिनेट से विचार करने के बाद विशेष राहत पैकेज जारी करेगी। आपदा बड़ी है, पुनर्वास में समय लगेगा लेकिन जितना भी पैसा लगे, राज्य सरकार आपकी पूरी मदद करेगी।’’

बाड़ा में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों को फिर बसाने के लिए वन टाइम पॉलिसी लाने पर विचार करेगी। राज्य में 68 प्रतिशत भूमि वन भूमि होने के कारण मामला केंद्र सरकार की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। थुनाग के वानिकी एवं उद्यानिकी कॉलेज की अस्थाई रूप से कक्षाएं मण्डी जिले के सुन्दरनगर में चलाई जाएंगी ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

सीएम सुक्खू ने कहा कि मंडी जिला, विशेष रुप से सराज क्षेत्र में बादल फटने के कारण काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों के लिए सात करोड़ रुपए तुरंत प्रभाव से जारी कर दिए हैं। दो करोड़ रुपए पहले ही प्रदान कर दिए हैं और अब लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभागों को दो-दो करोड़ तथा बीडीओ को एक करोड़ रुपए और दिए जाएंगे ताकि बहाली कार्यों में और गति लाई जा सके। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं नुकसान का आकलन करने के लिए आया हूँ और मैंने देखा है कि बागबानों का भी काफी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार बागवानों का सेब मंडियों तक पहुँचाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है। प्रमुख सड़कें खुल चुकी हैं और अब गांव के सम्पर्क मार्गों को खोलने का काम युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि चिंता इस बात की है कि अभी तो बरसात की शुरूआत हुई है।

थुनाग विश्राम गृह में आपदा प्रभावितों की सहायता कर रही एन.सी.सी. की छात्राओं ने भी मुख्यमंत्री से भेंट की। मुख्यमंत्री ने उनके सेवा भाव की सराहना की। स्कूल की छात्राओं ने उन्हें स्कूल को हुए नुकसान के बारे में अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने वादा किया कि थुनाग में राज्य सरकार सीबीएसई आधारित स्कूल खोलेगी। मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों में डटे एसडीआरएफ जवानों का हौसला भी बढ़ाया और उनके काम की सराहना की। भारतीय सेना के ब्रिगेडियर यजुवेंद्र सिंह ने थुनाग में चलाए जा रहे राहत कार्यों के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी और आगे की रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सेना के 26 जवान लोगों की मदद में लगे हैं। मुख्यमंत्री ने सेना के सभी जवानों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस तथा होमगार्ड के साथ-साथ सभी स्वंयसेवी संस्थाओं का मदद के लिए आभार व्यक्त किया।

TRNDKB: *नादौन से सराज पहुंची आपदा राहत सामग्री, मुख्यमंत्री ने जताया आभार* 

मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के बाद राहत कार्यों में जहां प्रशासन जुटा हुआ है, वहीं सामाजिक संस्थाएं और आमजन भी बड़ी संख्या में लोगों को राहत सामग्री प्रदान करने के लिए आगे आ रहे हैं। इसी क्रम में, हमीरपुर जिला की नादौन विधानसभा के बड़ा जोन से भी राहत सामग्री भेजी गई है। राहत सामग्री आज मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को थुनाग में औपचारिक रूप से सौंपी गई। राहत सामग्री में 5 बोरी आटा, 11 बोरी चावल, एक क्विंटल चीनी, 60 किलो चने की दाल, 60 किलो माह, 45 लीटर तेल, 50 किलो आलू, 10 बाल्टियां, 10 मग, 90 जोड़ी जूते-चप्पल, 3700 प्लेटें व गिलास, प्रेशर कुक्र, बच्चों के दूध की बोतलें और स्नान व कपड़े धोने का साबुन शामिल है।

एसबीआई के सेवानिवृत्त प्रबंधक सुदर्शन जरियाल, पूर्व उप-प्रधान राजेश कुमार, 20 सूत्रीय कार्यक्रम के सदस्य कुलदीप कुमार, जीत सिंह, निखिल कुमार, अतुल पटियाल और बलवीर सिंह ने मुख्यमंत्री के सराज दौरे के दौरान आज मुख्यमंत्री को यह सामग्री सौंपी। मुख्यमंत्री ने इस पुण्य कार्य के लिए सभी दानी सज्जनों का आभार जताया और कहा कि यह समाज में संवेदनशीलता और एकजुटता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह राहत सामग्री उपायुक्त मंडी के माध्यम से आपदा प्रभावित परिवारों को वितरित की जाएगी।

TRNDKB: *CM ने नेता प्रतिपक्ष के साथ की राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा, अधिकारियों को दिए ये निर्देश* 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार देर शाम मंडी ज़िला के थुनाग विश्राम गृह में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ बैठक कर आपदाग्रस्त सराज क्षेत्र में हुए नुकसान और राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को शीघ्र राहत पहुंचाने के लिए सड़कों और बाधित जल एवं विद्युत आपूर्ति योजनाओं की बहाली के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर राज्य के लिए एक विशेष राहत पैकेज देने का अनुरोध करेंगे।

सीएम सुक्खू ने सम्बंधित विभागों को क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों, बिजली और जल परियोजनाओं के लिए अविलम्ब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तत्काल तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) के अंतर्गत 56 किलोमीटर लंबी चैलचौक-जंजैहली सड़क के सुदृढ़ीकरण कार्य प्रस्तावित किए जाएंगे। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए।

उन्होंने अधिकारियों को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ समन्वय स्थापित कर अंतर-विभागीय सहयोग के माध्यम से प्रमुख योजनाओं की बहाली के लिए राहत कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि भारी तबाही के बावजूद, 60 प्रतिशत पेयजल योजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को आवश्यकतानुसार क्षेत्र में बेली पुलों और सस्पेंशन पुलों का निर्माण कर सम्पर्क बहाल करने को कहा जिसके लिए राज्य सरकार पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाएगी।

सुखविंद्र सिंह सुक्खू और जयराम ठाकुर ने इस आपदा में अपनी जमीन गंवाने वाले परिवारों के पुनर्वास को लेकर चर्चा की। जयराम ठाकुर ने कहा कि बादल फटने की घटनाओं से क्षेत्र में भारी तबाही हुई है और मानसून के बाद जल्द ही सर्दियां शुरू होने वाली हैं। ऐसे में जिन लोगों ने सब कुछ खो दिया है, उनके पुनर्वास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने मंडी के उपायुक्त को निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों के अस्थायी पुनर्वास के लिए तुरंत सुरक्षित स्थानों की पहचान की जाए, जहां प्री-फैब्रिकेटिड घर बनाकर उन्हें तत्काल आश्रय दिया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को बागवानी से जुड़े किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने के भी निर्देश दिए। पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी, कांग्रेस नेता चेत राम, जगदीश रेड्डी, विजय पाल सिंह, एपीएमसी अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, जीवन ठाकुर, नरेश चौहान, उपायुक्त अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा इस अवसर पर उपस्थित थे।

TRNDKB: *हमीरपुर के न्यूज पोर्टल पर केस दर्ज, एक करोड़ का मानहानि नोटिस* 

हिमाचल सरकार की एक आईएएस अधिकारी का नाम गलत मंशा से सोशल मीडिया पोर्टल पर प्रयोग करने के लिए शिमला में एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर कार्मिक और स्वास्थ्य विभाग की सचिव एम. सुधा देवी ने दर्ज करवाई है। जानकारी के अनुसार हमीरपुर के एक न्यूज़ पोर्टल ने हैदराबाद की डिप्टी स्टेट टैक्स अधिकारी को रिश्वत के केस में पकड़े जाने की खबर के बहाने हिमाचल सरकार की स्वास्थ्य एवं कार्मिक विभाग की सचिव का नाम गलत मंशा से प्रयोग किया।

इसके बाद बुधवार को दिनभर स्वास्थ्य सचिव के कार्यालय में विजिलेंस की रेड से संबंधित फोन आते रहे, जबकि यह मामला हैदराबाद का था। स्वास्थ्य सचिव ने इसकी शिकायत एसपी साइबर क्राइम को शिमला में दी। उसके बाद पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 336(4), 356(2) और 79 में यह मामला दायर कर लिया है। यह केस देवभूमि मिरर नाम से एक न्यूज़ पोर्टल पर दर्ज हुआ है। बाद में इस पोर्टल ने इस फेसबुक पोस्ट को एडिट किया। इस मामले के केस दर्ज करने के अलावा, स्वास्थ्य सचिव ने एक करोड़ का सिविल डिफेमेशन का नोटिस इस न्यूज़ पोर्टल को दिया है और साथ ही भारतीय न्याय संहिता की धारा 356(1) के तहत क्रिमिनल डिफेमेशन का नोटिस भी दिया गया है। इस नोटिस में कहा गया है कि सस्ती लोकप्रियता या व्यूअरशिप पाने के लिए राज्य सरकार के एक जिम्मेदार अधिकारी के नाम का इस्तेमाल किया गया। इस कृत्य में इंटेंशन शुरू से गलत थी। एसपी साइबर ्रक्राइम शिमला ने एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की है।

: *करिया-भड़िया पुल से रावी नदी में कूदा बुजुर्ग, लापता, पुलिस ने चलाया सर्च ऑपरेशन*

चम्बा करिया गांव के भगत राम(85) पुत्र सागर को लोगों ने करिया-भड़िया पुल से नदी में छलांग लगाते हुए देखा और तुरंत पुलिस को सूचित किया।

हिमाचल प्रदेश के चंबा में एक बुजुर्ग व्यक्ति रावी नदी में कूद गया। जानकारी के अनुसार करिया गांव के भगत राम(85) पुत्र सागर को लोगों ने करिया-भड़िया पुल से नदी में छलांग लगाते हुए देखा और तुरंत पुलिस को सूचित किया। नदी में कूदने के बाद बुजुर्ग लापता है। एसएचओ सुरेंद्र कुमार ने कहा कि ग्रामीणों और पुलिस ने लापता को तलाशने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया है

: *लिफ्ट लगाने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी, हिमाचल प्रदेश में सुरक्षा नियम सख्ती से लागू करेगी सुक्खू सरकार* 

हिमाचल प्रदेश में सुरक्षा नियम सख्ती से लागू करेगी सुक्खू सरकार, प्रदेश भर में काम कर रही 1900 मशीनें ही पंजीकृत

प्रदेश में सार्वजनिक और निजी दोनों परिसरों में लिफ्ट स्थापित करने के लिए स्वीकृति और लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। लोक निर्माण विभाग के सचिव डा. अभिषेक जैन ने बताया कि हिमाचल प्रदेश लिफ्ट अधिनियम, 2009 के तहत कोई भी व्यक्ति, जो अपने परिसर में लिफ्ट लगाना चाहता है, उसे लिफ्ट स्थापित होने के एक महीने के भीतर अनुमति और लाइसेंस के लिए आवेदन करना जरूरी है। इस अधिनियम के बारे में लोगों को पर्याप्त जानकारी नहीं है। 31 अगस्त, 2024 तक पूरे प्रदेश में केवल 1000 लिफ्टें ही पंजीकृत थीं, जबकि अब यह संख्या बढक़र 1900 हो गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुक्खू के निर्देशानुसार, लिफ्टों की स्वीकृति और लाइसेंस से जुड़े सभी कार्यों के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है जिससे लोगों में लिफ्ट की सुरक्षा को लेकर विश्वास पैदा हो और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। जैन ने बताया कि जो लोग लिफ्ट लगाना चाहते हैं वे वेबसाइट पर जाकर नागरिक पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि अब पंजीकरण, अनुमति और नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है और शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन गेटवे के माध्यम से किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा जन सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश के दृष्टिगत लिया गया है। लिफ्टों का समय-समय पर निरीक्षण भी किया जा रहा है। डा. जैन ने बताया कि जून, 2025 तक 3500 लिफ्ट निरीक्षण किए जा चुके हैं, जबकि पिछले साल अगस्त तक केवल 750 निरीक्षण हुए थे। अधिनियम के अनुसार हर लिफ्ट के भीतर उसका पंजीकरण और लाइसेंस की प्रति लगाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा जांच और स्वत: नवीनीकरण की सुविधा के कारण लिफ्ट दुर्घटनाओं में कमी आई है और लोगों में सुरक्षा को लेकर विश्वास भी बढ़ा है। डॉ. जैन ने अपील की कि लोग अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार लिफ्ट संचालन को लाइसेंस प्राप्त करें।

पांच महीने में 5.58 लाख रुपए राजस्व

लोक निर्माण विभाग के सचिव डा. अभिषेक जैन ने बताया कि अब तक प्रदेश के होटलों, सरकारी कार्यालयों तथा अन्य सार्वजनिक और निजी इमारतों में लगभग 3500 लिफ्टें संचालित की जा रही हैं। अगस्त, 2024 तक लगभग 2500 लिफ्ट बिना पंजीकरण के थीं, जिनमें से अब केवल 1500 लिफ्ट्स का पंजीकरण बाकी है। इन मामलों में नोटिस भी जारी किए गए हैं। इससे राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अधिनियम लागू होने के बाद 16 वर्षों में मात्र 7.5 लाख रुपए का राजस्व मिला था, जबकि फरवरी,2025 से जून, 2025 तक 5.58 लाख राजस्व प्राप्त हुआ है।

: *नई दिल्ली: सभी किसानों के खाते में इस दिन जमा होंगे 2000 रूपये*

*10 जुलाई गुरुवार 2025*

*नई दिल्ली:* देशभर के करोड़ों किसानों के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त को जल्द ही किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर करने जा रही है। इस बार भी पात्र किसानों को ₹2000 की आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे वे अपनी खेती से जुड़ी जरूरतों को पूरा कर सकें।

पीएम किसान योजना का उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहारा देना है ताकि वे उन्नत खेती की ओर बढ़ सकें। अब तक 19 किस्तें दी जा चुकी हैं और 20वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। इस बार भी करोड़ों किसान इसका लाभ पाने वाले हैं, लेकिन इसके लिए ई-केवाईसी और डीबीटी एक्टिवेशन जरूरी है।

PM किसान को लेकर किसानों में काफी उत्साह है:*

पिछली यानी 19वीं किस्त फरवरी 2025 में किसानों के खातों में ट्रांसफर की गई थी। ऐसे में अब सरकार की ओर से 20वीं किस्त जुलाई 2025 के पहले सप्ताह में जारी की जा सकती है।हालांकि अभी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन पिछली किस्तों के पैटर्न को देखते हुए यह तय है कि जुलाई के पहले सप्ताह

: चंबा रावी नदी में कूदने वाले अनवर वेग का शव 11 दिन बाद हुआ बरामद

 रावी नदी में कूदने वाले 48 वर्षीय अनवर बेग पुत्र आजम बेग निवासी हरदासपुरा का शव 11 दिन बाद चमेरा जलाश्य में मिला। शीतला पुल के पास स्कूटी खड़ी करके वह नदी में कूद गया था।

जिसके बाद पुलिस व दमकल विभाग ने कई दिनों तक सर्च अभियान चलाया। परिजनों ने भी उन्हें तलाश करने के लिए अपने स्तर पर प्रयास किए लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया। बुधवार को चकलू में स्थानीय लोगों ने जलाश्य में एक शव को देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शव को बाहर निकाला और लापता अनवर बेग के परिजनों को भी वहां बुलाया। परिजनों ने शिनाख्त की। इसके उपरांत शव पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि पुलिस नदी में कूदने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच कर रही है।

: *खुद के घर की दरारें देख भर आई आंखें, कदम लडख़ड़ाए, दूसरों को हौसला देते अपने घर पहुंचकर टूटे जयराम*

नियती का खेल देख लीजिए… बादल बरसे तो पूरे सराज मेंं तबाही की ऐसी तस्वीर उभरी, जिसे देख हर कोई सिहर उठा। इस तबाही के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सबसे पहले लोगों के आंसू पोंछने के लिए सराज पहुंचे। बादल फटने के बाद त्रासदी की इन तस्वीरों को देख जयराम ठाकुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों के आंसू पोंछते-पोंछते जब दस दिन बाद अपने घर पंहुचे, तो तबाही का मंजर देख व्यथित हो गए। इस मंजर ने उनको अंदर से इतना तोड़ा कि पांव लडख़ड़ा गए और आंखें भर आर्ईं। घर की ओर जाती पगडंडी पर जयराम ठाकुर लडख़ड़ा गए। अपनों की पीड़ा ने उनके चेहरे को दर्द से भर दिया। घर की दरारें देख जयराम ठाकुर भावुक हो गए। बिना कुछ बोले बस उस घर को निहारते रहे, जहां से जीवन की डगर पर चलना सीखा था।

इस घर की चौखट से निकलकर के जयराम ठाकुर ने सियासत की सीढिय़ां हिमाचल की सत्ता के उच्चतम पद तक चढ़ी भी और आज त्रादसी ने उसी घर की नींव हिला दी। घर के पास लैंड स्लाइड से बगीचा गया, बाथरूम का नामोनिशान मिटा और खतरे की जद में आए इस घर से एक भाई भागने को मजबूर हो गया। जयराम ने तीन विधानसभा चुनाव इसी घर में रह करके लड़े और सराज (चच्योट) का प्रतिनिधित्व किया। तांदी में बने इस पुश्तैनी घर की दरारों ने विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर क ो अंदर तक हिला दिया। इस पुश्तैनी घर में जयराम ठाकुर के भाई बीरी सिंह और उनका परिवार रहता है। 30 जून और पहली जुलाई की रात जब बारिश हुई, तो पूरा परिवार जयराम ठाकुर के उस घर में पहुुंचा, जो हिमाचल की सियासत की शक्ति का केंद्र है।

आपदा के 10 दिन बाद लिया पुश्तैनी घर का जायजा

जयराम ठाकुर दस दिनों के बाद चंद पलों के लिए अपने पुश्तैनी घर पंहुचे थे और अपने आंसुओं को अपने अंदर ही समेटकर क्षेत्र के दूसरे लोगों को ढांढस बधाने के लिए चल दिए। 10 दिन बाद जयराम ठाकुर अपने पुराने घर की दरारें देखकर के कुछ पल के लिए यूं लडख़ड़ाए मानों उनकी दुनिया ही उजड़ गई हो। इसके बाद जयराम अपना दर्द समेटकर आगे बढ़ गए, लेकिन इस त्रासदी ने पूरे सराज को ऐसे जख्म दिए हैं, जिन्हें समेट पाया प्रक ृति के अलावा किसी के बस की बात नहीं है।

: *Kangana को सीखनी होंगी समाजसेवा की बातें, शांता की सांसद को नसीहत, कहा…पढ़ें पूरी खबर*

पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि मंडी में कई लोग अपने घर परिवार सहित मलबे में बह गए, उनमें से जो बचे हैं, वे मायूस होकर लाचार घूम रहे हैं। उन्होंने खुशी है जताई है कि प्रदेश और केंद्र सरकार तथा कुछ लोग राहत कार्यों में सहायता कर रहे हैं, लेकिन इस बात की बहुत हैरानी है कि कंगना रणौत जैसे कुछ नेता और संपन्न लोगों ने राहत कोष के लिए अभी तक कोई सहायता नहीं दी है। कंगना रणौत प्रदेश की ऐसी योग्य और बहादुर बेटी है, जिसने एक साधारण गांव और परिवार से निकल कर भारत के फिल्म जगत में अपना शानदार नाम कमाया है। उसी योग्यता और परिश्रम से वह राजनीति में भी अपना नाम बना सकती है। अब वह राजनीति में आई हैं, तो उन्हें समाजसेवा की सभी बातें सीखनी होगी।

उन्होंने कंगना रणौत से आग्रह किया है कि वह अतिशीघ्र अपनी ओर से एक बड़ी रकम राहत कोष में दें और उसके बाद सिनेमा जगत के करोड़पति अपने मित्रों से धन संग्रह करके राहत कोष में योगदान करें। राज्यसभा मिला कर प्रदेश में छह सांसद हैं। उन की सांसद निधि भी 30 करोड़ होती है। आशा है कि इस धन का उपयोग भी राहत कार्यों में हो रहा होगा। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से हिमाचल प्रदेश भारत के उत्तर के संपन्न पांच प्रदेशों में शामिल है। यदि कर्मचारी, अधिकारी, नेता तथा अन्य संपन्न लोग राहत कोष में धन दें, तो राहत कोष में करोड़ों रुपए इकट्ठा होता है। इस प्रकार की भयंकर आपदा में पूरे समाज को एकजुट होकर पूरी शक्ति से लगना पड़ेगा। आज आपदा पीडि़तों की सहायता ही भगवान की सच्ची पूजा है।

: सावधान रहें

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 "सतर्क रहे, सुरक्षित रहें "

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Admin तेज रफ्तार न्यूज देश का बोलबाला