आज सुबह सात बजे का 100 मुख्य समाचार पत्र ✉ *पेट्रोल छिडक़ शराब ठेके को लगाई आग, कैमरे में कैद हुई वारदात* उपमंडल मुख्यालय करसोग के बस अड्डा समीप बीती रात शरारती तत्वों द्वारा ज्वलनशील पदार्थ का छिडक़ाव करते हुए शराब ठेके को आग लगाने वाली घटना को अंजाम दे दिया, शरारती तत्वों द्वारा शराब ठेके में लगाई गई आग वाली घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। शराब ठेका परिसर भवन के मालिक नरेश शर्मा ने बताया कि अचानक आधी रात के उपरांत एक धमाका

Jul 14, 2025 - 08:40
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आज सुबह सात बजे का 100 मुख्य समाचार पत्र ✉ *पेट्रोल छिडक़ शराब ठेके को लगाई आग, कैमरे में कैद हुई वारदात*   उपमंडल मुख्यालय करसोग के बस अड्डा समीप बीती रात शरारती तत्वों द्वारा ज्वलनशील पदार्थ का छिडक़ाव करते हुए शराब ठेके को आग लगाने वाली घटना को अंजाम दे दिया, शरारती तत्वों द्वारा शराब ठेके में लगाई गई आग वाली घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। शराब ठेका परिसर भवन के मालिक नरेश शर्मा ने बताया कि अचानक आधी रात के उपरांत एक धमाका

: *अब नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी महिलाएं, श्रम विभाग ने शर्तों के साथ एक वर्ष के लिए दी अनुमति* 

श्रम विभाग ने कुछ शर्तों के साथ एक वर्ष के लिए दी अनुमति, अधिसूचना जारी

हिमाचल प्रदेश में दुकान या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में महिला कर्मचारी विभिन्न शर्तों के साथ अब सुबह छह बजे से पहले और शाम सात बजे के बाद नाइट शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी। प्रदेश सरकार ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। महिला कर्मचारियों के नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए एक वर्ष की अवधि के लिए अनुमति दी गई है। श्रम एवं रोजगार विभाग की सचिव प्रियंका बासू इंग्टी ने इस बारे में आदेश जारी किए हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य में व्यापार करने में आसानी बढ़ाने के लिए और व्यापार सुधार कार्य योजना के तहत हिमाचल प्रदेश दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1969 (1970 का अधिनियम संख्या 10) की धारा 27 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह अनुमति दी गई है। अधिसूचना के अनुसार किसी भी महिला कर्मचारी को किसी भी दुकान या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में सुबह छह बजे से पहले और शाम सात बजे के बाद रात्रि रोजगार में नियोजित किया जा सकता है, ताकि उन्हें कार्यस्थल पर लैंगिक समानता प्रदान की जा सके। किसी भी महिला कर्मचारी को उक्त अधिनियम/आईएलपी के तहत निर्धारित ओवरटाइम और स्प्रेड ओवर से संबंधित प्रावधानों के अनुसार आठ घंटे से अधिक काम करने की अनुमति दी जा सकती है। इसके तहत नियम बनाए गए हैं। प्रत्येक महिला कर्मचारी को मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत निर्धारित मातृत्व लाभ दिया जाएगा।

जहां तक संभव हो, महिला कर्मचारियों को उनके आवास से लाने और छोडऩे के लिए पर्याप्त परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। परिवहन वाहन सीसीटीवी और जीपीएस से सुसज्जित होना चाहिए। नियोक्ता को ऐसे कार्य घंटों के दौरान सीसीटीवी के माध्यम से प्रभावी निरंतर निगरानी और बढ़ी हुई सुरक्षा के लिए पर्याप्त पर्यवेक्षण सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा नियोक्ता को संबंधित प्रतिष्ठान में कार्यस्थल पर उचित प्रकाश व्यवस्था उपलब्ध करानी होगी। नियोक्ता को संबंधित प्रतिष्ठान में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स रखना होगा और अपनी पाली के दौरान किसी भी कर्मचारी द्वारा आवश्यकतानुसार तुरंत प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करानी होगी। इसके अलावा शौचालय, वाशरूम और पेयजल सुविधाएं कार्यस्थल के निकट होनी चाहिए, जिसमें इन सुविधाओं से संबंधित सुविधाओं की ओर जाने वाला मार्ग भी शामिल होना चाहिए। नियोक्ता सुरक्षित, संरक्षित और स्वस्थ कार्य स्थिति प्रदान करेगा, ताकि किसी भी महिला कर्मचारी को उसके रोजगार के संबंध में कोई नुकसान न हो। कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीडऩ से बचाने के प्रावधानों का अनुपालन करना होगा।

: *नहीं चलेगा ‘टैग-इन-हैंड’ का खेल, एनएचएआई अब लूज फास्टैग यूजर्स को करेगा ब्लैकलिस्ट* 

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने फास्टैग के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब लूज फास्टैग यानी जो टैग वाहन की विंडस्क्रीन पर न लगाकर हाथ में रखा जाता है, जिसे आम भाषा में टैग-इन-हैंड कहा जाता है, उसकी तुरंत रिपोर्ट कर ब्लैकलिस्ट करने की व्यवस्था लागू की गई है। ये कदम इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। बता दें कि जब वाहन मालिक जानबूझकर फास्टैग को गाड़ी पर नहीं लगाते, तब इससे टोल प्लाजा पर लंबी लाइनें लग जाती हैं, गलत भुगतान रिकॉर्ड होते हैं और बंद सिस्टम में टैग का दुरुपयोग होता है। इसका असर बाकी यात्रियों पर भी पड़ता है, जिससे उन्हें बेवजह देरी और असुविधा झेलनी पड़ती है।

गौर हो कि आज देश में 98 प्रतिशत से ज्यादा वाहन फास्टैग सिस्टम से जुड़े हैं, जिससे टोल कलेक्शन डिजिटल और तेज हो गया है, लेकिन लूज टैग जैसी हरकतें पूरे सिस्टम को अस्थिर कर सकती हैं। ऐसे में इस नई व्यवस्था से टोल ऑपरेशन और ज्यादा असरदार, पारदर्शी और यात्रियों के लिए सुगम होगा। गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने कुछ नेशनल हाईवे सेक्शंस पर टोल दरें 50 प्रतिशत तक घटा दी हैं। इसमें खास तौर से ब्रिज, टनल, फ्लाईओवर और एलिवेटेड रोड शामिल हैं। इसके लिए नेशनल हाइवे फी रूल्स-2008 में संशोधन कर टोल गणना का नया फार्मूला भी लागू किया गया है। इससे आम लोगों के सफर का खर्च कम होगा और सडक़ से सफर अधिक सुलभ बनेगा।

ऐसे होगी रिपोर्टिंग और कार्रवाई

एनएचएआई ने सभी टोल कलेक्शन एजेंसियों और कॉनसेशनरों को निर्देश दिया है कि वे लूज फास्टैग की तुरंत रिपोर्ट करें। इसके लिए एक विशेष ई-मेल आईडी भी दी गई है। रिपोर्ट मिलते ही ऐसे टैग्स को ब्लैकलिस्ट या हॉटलिस्ट कर दिया जाएगा। इससे गड़बड़ी करने वालों पर त्वरित कार्रवाई संभव होगी।

: *Monsoon : हिमाचल इस दिन से रफ्तार पकड़ेगा मानसून, आठ जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी* 

राज्य में एक बार फिर से 14 जुलाई से मानसून सक्रिय हो जाएगा। कुछ दिनों से यहां मानसून कमजोर था जो फिर से रफ्तार पकड़ सकता है। मौसम विभाग ने 14 व 15 जुलाई को प्रदेश के आठ जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है, जिसके मुताबिक इन जिलों में भारी बारिश होगी। 13 जुलाई को पांच जिलों बिलासपुर, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर में भारी बारिश होने का यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, 14 जुलाई को मानसून ज्यादा सक्रिय होगा, जिसके चलते प्रदेश के आठ जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी व शिमला में बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। 15 से 17 जुलाई के बीच भी अनेक स्थानों पर बारिश होने का अलर्ट है।

बीते 24 घंटों के दौरान भी कई स्थानों पर तेज बारिश रिकार्ड की गई है। राजधानी शिमला में गुरुवार रात को काफी ज्यादा बारिश हुई, लेकिन शुक्रवार को पूरा दिन मौसम खुला रहा। बिलासपुर में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। यहां पर 40.0 एमएम, सुंदरनगर में 38.5, मंडी में 35.8, जुब्बड़हट्टी में 34.0, सराहन में 28.2, नेरी में 20.2 और शिमला में 21.0 एमएम बारिश हुई है।

: *कांग्रेस ने रिटायरमेंट के लिए RSS चीफ के बयान को बनाया हथियार* 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के 75 वर्ष की उम्र पार करने वाले नेताओं को ‘ससम्मान विदा’ होने की सलाह के बाद सियासी भूचाल आ गया है। विपक्ष ने इस बयान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए तुरंत लपक लिया और उनसे रिटायर होने की मांग कर डाली। भागवत की 75 साल की उम्र में पद छोडऩे की कथित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री को सरसंघचालक ने याद दिलाया कि वह इस साल 75 साल के हो जाएंगे। कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री भी सरसंघचालक से कह सकते हैं कि वह भी तो 11 सितंबर, 2025 को 75 साल के हो जाएंगे। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बेचारे अवार्ड जीवी प्रधानमंत्री! कैसी घर वापसी है यह। लौटते ही सरसंघचालक द्वारा याद दिला दिया गया कि 17 सितंबर, 2025 को वह 75 साल के हो जाएंगे। हालांकि प्रधानमंत्री सरसंघचालक से भी कह सकते हैं कि वह भी तो 11 सितंबर, 2025 को 75 के हो जाएंगे। एक तीर, दो निशाने। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी हमला बोलते हुए कहा कि अब दोनों अपना झोला उठाइए और एक-दूसरे को मार्गदर्शन दीजिए। उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि मोदी-भागवत जाने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं। इससे पहले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत ने पूछा था कि क्या पीएम मोदी 75 की उम्र के नियम को खुद पर भी लागू करेंगे, जैसा उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ किया था। राउत ने कहा कि मोदी जी ने लालकूष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और जसवंत सिंह जैसे नेताओं को 75 पार करने पर साइडलाइन कर दिया था। अब देखते हैं कि क्या वही नियम वह खुद पर लागू करते हैं।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की ही सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह एक स्पष्ट संदेश है और यह उस व्यक्ति के लिए है, जो सितंबर में अपना 75वां जन्मदिन मनाएंगे। आरएसएस और भाजपा के बीच यह चर्चा अब खुलकर सामने आ रही है। चतुर्वेदी ने यह भी संकेत दिया कि यह बयान भाजपा के आंतरिक नेतृत्व में बदलाव की संभावना को दर्शाता है। बता दें कि बुधवार को नागपुर में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा था कि जब आप 75 के हो जाएं, तो इसका मतलब है कि अब रुक जाइए और दूसरों के लिए रास्ता छोडि़ए। भागवत ने संघ विचारक मोरोपंत पिंगले की टिप्पणी का उल्लेख किया था कि जब 75 साल की उम्र पूरी होने पर शॉल आपके ऊपर डाला जाता है, तो इसका मतलब है कि आप एक निश्चित उम्र तक पहुंच गए हैं, अब आपको अलग हट जाना चाहिए और दूसरों को काम करने देना चाहिए।

: *HRTC New Buses: मनाली से अमृतसर, जिस्पा से दिल्ली के लिए दौड़ेंगी नई वोल्वो बसें* 

मनाली से दिल्ली के लिए भी रूट तय, यात्रियों को आरामदायक सफर करवाएगी एचआरटीसी

हिमाचल प्रदेश से नई वोल्वो बस सेवाओं को शुरू कर दिया गया है। हिमाचल के भीतर जहां वोल्वो बसों से यात्रा को और सुखद व मजबूत बनाया गया है वहीं प्रदेश से बाहर भी नई वोल्वो बसों को चलाने का निर्णय लिया गया है। जानकारी के अनुसार अमृतसर के लिए जहां मनाली से नई वोल्वो बस सेवा को शुरू किया जा रहा है। वहीं लाहुल-स्पीति के जिस्पा से भी नई वोल्वो बस दिल्ली के लिए चलेगी। शुक्रवार को ही एचआरटीसी ने इन नई बसों के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा शेष जो दूसरी नई वोल्वो बसें हैं उनकी टाइमिंग भी तय कर दी गई है।

धर्मशाला के मकलोडगंज से भी हरिद्वार के लिए नई बस सेवा को शुरू करने के आदेश हुए हैं। मनाली से अमृतसर के लिए जो नई वोल्वो बस सेवा शुरू की जा रही है, वो बस शाम चार बजे मनाली से चलेगी। जिस्पा दिल्ली के लिए वोल्वो बस का समय भी शाम चार बजे का रहेगा। यह दोनों नई बीएस-6 बसें हैं, जिनको शुरू करने के आदेश जारी किए हैं। -एचडीएम

मकलोडगंज से हरिद्वार वोल्वो बस जल्द

नादौन से भी हमीरपुर होते हुए नई वोल्वो बस दिल्ली के लिए चलेगी जो कि रात नौ बजे वहां से प्रस्थान करेगी। वैट लीज बस का एग्रीमेंट टर्मिनेट होने के बाद मकलोडगंज से हरिद्वार के लिए एचआरटीसी अपनी नई वोल्वो बस सेवा को शुरू करेगा।

शिमला से दिल्ली वोल्वो बसों की टाइमिंग

शिमला से दिल्ली के लिए नई वोल्वो बसों की सेवा को शुरू करने का निर्णय हुआ है, जिसके तहत शिमला से दिल्ली पहली बस रात आठ बजे, दूसरी बस नौ बजे भेजने के आदेश जारी हुए हैं। तीसरी बस रात 9 बजकर 30 मिनट पर जाएगी। सुबह शिमला से दिल्ली को नौ बजकर 45 मिनट पर बस चलेगी। शिमला-चंबा वाया चंडीगढ़ बस सेवा का समय शाम चार बजे का रखा गया है। यह रूट की सबसे लंबी दूरी की बस है, जिसमें कई जिलों से क्रॉस होती है यह बस चंबा तक जाएगी।

चंबा के लिए पहली बार वोल्वो बस

चंबा के लिए पहली बार एचआरटीसी वोल्वो बस सेवा शुरू कर रहा है। इसी तरह से नालागढ़ से दिल्ली के लिए नई वोल्वो बस का समय सुबह सात बजे का रखा गया है। पांवटा साहिब से भी पहली बार वोल्वो बस को शुरू किया जा रहा है। पांवटा से दिल्ली के लिए बस सुबह पांच बजे निकलेगी।

हर रूट पर दो-दो बसें

एचआरटीसी ने सभी नई वोल्वो बसों के रूट निर्धारित कर दिए हैं। उपरोक्त रूटों पर दो-दो बसें चलेंगी। पुरानी दिल्ली को चलने वाली दस बसें कंडम हो चुकी थीं, जिनको रिप्लेस कर दिया है। वो पुराने निर्धारित समय पर ही चलेंगी। जयपुर के लिए भी नई बस की डिमांड है, जिसे फिलहाल शुरू नहीं किया जा सकता है।

निगम की बढ़ेगी आमदनी

एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा का कहना है कि इन बसों के चलने से निगम की आमदनी में बढ़ोतरी होगी। निगम को जरूरी है कि बेहतरीन बस सेवाओं का संचालन करके आमदनी को बढ़ाए जिसके लिए सरकार बड़े फैसले ले रही है। खासकर चंबा रूट पर एक भी वोल्वो नहीं थी और पहली बार इस रूट पर वाया चंडीगढ़ बस चलेगी जो कि काफी लंबा सफर तय करके शिमला तक आएगी।

: *मानसून की मार…उजड़ गई जिंदगी, तहस-नहस हो गए घर, खाना-पानी कुछ बचा नहीं, अब* …

आसमान से बरसी आफत के बीच सराज में पेयजल का संकट पैदा हो गया है। साफ पानी न मिल पाने के कारण पूरा क्षेत्र ही जलजनित रोगों के मुहाने पर खड़ा है। क्षेत्र को पानी मुहैया करवाने वाली 121 करोड़ की छड़ी खड्ड पेयजल योजना मलबे में दफन है। इस पेयजल योजना के तहस-नहस होने से सराज की 50 हजार आबादी के समक्ष जल संकट गहरा गया है। त्रासदी के 11 दिन बाद भी जल शक्ति विभाग लाचार है और बिजली विभाग का फ्यूज उड़ा हुआ है। इस पेयजल योजना की पंपिंग मशीनरी आज भी रेत के ढेर में कैद है।

पेयजल योजना का लंबाथाच और रोड़ पंचायत तक फैला नेटवर्क भी ध्वस्त हो गया है। हालांकि बालीचौकी से लेकर बागाचुनौगी की तरफ के नेटवर्क को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। जलशक्ति विभाग अभी तक नुकसवान का सही अनुमान भी नहीं लगा पाया है। (एचडीएम)

146 पेयजल योजनाएं बंद, बिजली भी बहाल नहीं

सराज में जनजीवन को पटरी पर लाने की जद्दोजहद जरूर हो रही है, लेकिन अभी भी बिजली-पानी की बहाली नहीं हो पाई है। क्षेत्र में त्रासदी के 11 दिन बीत जाने के बाद भी 146 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हुई है। जलशक्ति विभाग का दावा है कि क्षेत्र में 300 हैंडपंप लगाए गए हैं और लोग उनका जल प्रयोग में ला रहे हैं, लेकिन जो तस्वीर उभरी है, उसमें तो आफत प्रभावित क्षेत्र का दौरा करते समय सीएम भी प्राकृतिक जल स्रोत का ही पानी पीते हुए नजर आ रहे हैं।

पांच ट्रांसफार्मर जमींदोज

छड़ी खड्ड में 121 करोड़ की लागत से बनाई गई पेयजल योजना को संचालित करने के लिए पांच ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए थे। मलबे ने ट्रांसफार्मर को जमींदोज कर दिया है। इनमें से चार 625 केवी के हैं, जबकि एक 450 केवी का है। ऐसे में बिजली बहाल नहीं हो पाई है।

मलबे में छह पंप दफन

121 करोड़ की पेयजल योजना के पंप हाउस में कुल छह पंप लगाए गए हैं। 425 एचपी की क्षमता के इन पंपों से सराज क्षेत्र की कुल 26 पंचायतों को पेयजल मुहैया करवाया जा रहा था। बाढ़ बाद अब इसके संचालन की संभावनाएं शून्य के बराबर ही हैं।

इन क्षेत्रों में गहराया संकट

सराज की 26 पंचायतों में जल संकट गहरा गया है। परसवाड़ा, बाड़ा, कांडा, शरण, थुनाग, शंकर देहरा, जरोल, कुथाह, पांडव शिला, छियूणी, लंबाथाच, पखरैर, कल्हणी सहित लंबाथाच सहित कई क्षेत्र ऐसे हैं,जहां पानी का संकट गहरा गया है। लोग उबाल कर पानी पीने को मजबूर हैं।

जलशक्ति विभाग के बोल

जलशक्ति विभाग के चीफ इंजीनियर उपेंद्र वैद्य कहते हैं कि सराज में पेयजल योजनाओं के संचालन को हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। थुनाग के अधीक्षण अभियंता संदीप कांत शर्मा कहते हैं कि छड़ी खड्ड पेयजल योजना सुरक्षित है। पंपिंग मशीनरी मलबे में दबी पड़ी है।

केलांग से भेजे साहब

सराज को पानी उपलब्ध करवाने के लिए केलांग में तैनात अधीक्षण अभियंता अजय गुप्ता को यहां भेजा किया है। उन्होंने बताया कि छड़ी खड्ड पेयजल योजना को चलाने की संभावनाएं खोजी जा रही हैं। सडक़ न होने के कारण इसे रिस्टोर करने का काम शुरू ही नहीं हो पाया है।

: *Himachal : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलने जाएंगे सीएम, इस तारीख को दौरा संभव* 

14 और 15 जुलाई को सुक्खू का दौरा संभव

मानसून के सीजन में एक तरफ प्रदेश आपदा से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य के वित्तीय मसले सुलझाने के लिए दिल्ली जा रहे हैं। उनका 14 और 15 जुलाई का दिल्ली का दौरा तय हुआ है। इस दौरे में हालांकि वित्तीय मसले ही प्रमुख थ, लेकिन अब प्राकृतिक आपदा का एक तीसरा कारण भी जुड़ गया है। मुख्यमंत्री केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर अतिरिक्त ऋण सीमा को लेकर बात करेंगे। इसमें तर्क दिए जा रहे हैं कि रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट न्यूनतम होने के बाद राज्य के पास लोन लिमिट कम है, जबकि टैक्स कलेक्शन के मामले में लगातार सुधार हो रहा है। हिमाचल केंद्र सरकार के सामने केरल के फार्मूले पर मदद की मांग भी कर सकता है।

इसके बाद 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डा. अरविंद पनगढिय़ा के साथ भी मुख्यमंत्री की मुलाकात संभव है। हिमाचल ने पहली बार वित्त आयोग के सामने एडिशनल मेमोरेंडम रखा है। मुख्यमंत्री खुद भी पनगढिय़ा मुलाकात कर चुके हैं। वित्त आयोग ने सभी राज्यों का दौरा कंप्लीट कर दिया है और अब रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अगस्त के आखिर में इस रिपोर्ट को आयोग भारत सरकार को सौंप सकता है। इसलिए फाइनल रिक्वेस्ट के तौर पर वित्त आयोग में मुख्यमंत्री जाएंगे। हिमाचल में 2023 के बाद 2025 में फिर मानसून ने नुकसान किया है। इस नुकसान की भरपाई के लिए भी मुख्यमंत्री केंद्रीय गृह मंत्रालय में दोबारा से बात कर सकते हैं।

: *परवाणू में नाबालिग को अगवा कर हरियाणा ले गया युवक, नौ दिन बाद सामने आई सच्चाई* 

पुलिस ने मामला दर्ज कर दबोचा आरोपी, नौ दिन बाद सामने आई सच्चाई

औद्योगिक नगर परवाणू से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां स्कूल जा रही एक 16 वर्षीय नाबालिग लडक़ी को एक युवक द्वारा बहला फुसलाकर बाइक पर अगवा कर हरियाणा के कालका ले गया और वहां उसके साथ जबरदस्ती की गई। यह सनसनीखेज वारदात पहली जुलाई को घटित हुई। हालांकि मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पीडि़ता की मां ने दस जुलाई को पुलिस थाना परवाणू में मामला दर्ज करवाया। दर्ज शिकायत के अनुसार, आरोपी युवक संजू निवासी प्राथा कसौली, 21 वर्ष ने नाबालिग लडक़ी को धमकी दी थी कि यदि उसने यह बात अपने माता-पिता या किसी अन्य को बताई, तो वह उसे और उसके परिवार को जान से मार देगा।

डर के चलते पीडि़ता ने यह बात घरवालों को कुछ दिन बीत जाने के बाद नौ जुलाई को बताई, जिसके बाद पुलिस में मामला दर्ज हुआ। एसपी गौरव सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए परवाणू पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। नाबालिग से धोखाधड़ी और जबरदस्ती की गई।

: *नाईलट कर्मियों ने ‘दिव्य हिमाचल राहत कोष’ में भेजे 10 हज़ार* 

प्रदेश के मंडी में आई भयंकर आपदा में ‘दिव्य हिमाचल’ की ओर से बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की मुहिम छेड़ी गई है। इसके तहत प्रदेश भर में ‘दिव्य हिमाचल सहायता कोष’ में मदद एकत्रित कर पीडि़त लोगों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया है।

इसी कड़ी में प्रदेश तकनीकी शिक्षा विभाग में कार्यरत टेक्रिकल एजुकेशन आउटसोर्स एसोसिएशन एनआईईएलआईटी के कर्मियों की ओर से सहयोग को हाथ आगे बढ़ाया गया है। कर्मचारियों की ओर से दिव्य हिमाचल के सौजन्य से दस हज़ार एक रुपए की राशि आपदा में सहायता कोष के लिए प्रदान की गई है। साथ ही उक्त कर्मचारियों ने हर वर्ग व क्षेत्र के अधिकारियों-कर्मियों से भी अपील की है कि आपदा की इस दुखद घड़ी में हर कोई आगे आए।

: *चुनाव आयोग को नहीं दे सकते बेलगाम ताकत* 

एक देश-एक चुनाव पर जेपीसी से बोले पूर्व सीजेआई

‘एक देश-एक चुनाव’ पर भाजपा सांसद पीपी चौधरी के नेतृत्व वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की शुक्रवार को हुई बैठक में पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेएस खेहर और डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने प्रस्तुतीकरण में कहा कि यह विधेयक सिद्धांतत: संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समय चुनाव आयोग की भूमिका गहन जांच के दायरे में आ गई है, क्योंकि उसे अत्यधिक शक्तियां प्रदान करने के प्रस्ताव पर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं और इस धारा के पुनर्मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय बहस की आवश्यकता है। वहीं, दोनों पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने जेपीसी को यह सुझाव दिया कि चुनाव आयोग के इतनी बेलगाम ताकत नहीं दी जानी चाहिए, जितनी की संशोधन बिल में प्रस्तावित की गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियंत्रण और संतुलन बनाए रखने के लिए एक सिस्टम होना चाहिए।

इसके अलावा दोनों ने संसदीय समिति को सुझाव देते हुए कहा कि चुनावों के संचालन के लिए एक निगरानी तंत्र होना चाहिए। इस बैठक में जेपीसी के चेयरमैन और भाजपा सांसद पीपी चौधरी ने कहा कि हमने अब तक महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और चंडीगढ़ में वहां की सरकार और अन्य स्टेक होल्डर्स के साथ बातचीत की है। हम पक्ष और विपक्ष सबके सुझाव लेना चाहते हैं, जिससे सबके बारे में जानकारी हो सके। उल्लेखनीय है कि पिछले साल दिसंबर महीने के दौरान ही ‘एक देश-एक चुनाव’ का बिल संसद में पास हो गया था। जानकारों की मानें, तो सरकार इसे 2029 से लागू करने की तैयारी कर रही है। यह संविधान का 129वां संशोधन था।

: *HPU : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में यूजी कक्षाओं में प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाई* 

Himachal Pradesh University

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने स्नातक डिग्री कोर्स में प्रवेश लेने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है। प्रवेश से वंचित विद्यार्थी अब 21 जुलाई तक यूजी डिग्री कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कॉलेजों के प्राचार्यों की ओर से उठाई जा रही प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग पर विचार कर शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए यूजी डिग्री कोर्स में प्रवेश की अंतिम तिथि 21 जुलाई तक बढ़ाने का फैसला लिया है। एचपीयू से संबद्ध सभी निजी और सरकारी कॉलेजों में प्रवेश की अंतिम तिथि 21 जुलाई कर दी है।

: *Job In SBI: एसबीआई ने 33 पदों पर निकाली वैकेंसी, इस डेट तक करें अप्लाई* 

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने 33 पदों पर स्पेशलिस्ट कैडर ऑफिसर की भर्ती के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया है। इस भर्ती में जनरल मैनेजर, असिस्टेंट वाइस प्रेजिडेंट और डिप्टी मैनेजर के पद शामिल हैं। एसबीआई की ये वैकेंसी खासतौर पर उन उम्मीदवारों के लिए हैं, जिन्होंने बीटेक/बीई, एमई/एमटेक या एमसीए जैसी तकनीकी डिग्रियां हासिल की हैं। साथ में अन्य अनुभव भी जरूरी हैं। आवेदन की प्रक्रिया 11 जुलाई 2025 से शुरू हो चुकी है और 31 जुलाई 2025 तक उम्मीदवार एसबीआईकी आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

इन पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी इस भर्ती में कुल 33 पद शामिल हैं, जिनमें जनरल मैनेजर (ऑडिट) का एक पद है, जिसकी सालाना सैलरी (सीटीसी) एक करोड़ रुपए तक हो सकती है। इसके अलावा असिस्टेंट वाइस प्रेजिडेंट (ऑडिट) के 14 पद हैं, जिनकी सालाना सीटीसी 44 लाख रुपए तक है। वहीं डिप्टी मैनेजर (ऑडिट) के लिए 18 पद रखे गए हैं। इन पदों के लिए आयु सीमा भी अलग-अलग तय की गई है, जनरल मैनेजर के लिए न्यूनतम आयु 45 वर्ष और अधिकतम 55 वर्ष रखी गई है। असिस्टेंट वाइस प्रेजिडेंट के लिए उम्मीदवार की आयु 33 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए, जबकि डिप्टी मैनेजर के लिए यह सीमा 25 से 35 वर्ष तय की गई है। आरक्षित वर्गों को सरकारी नियमों के अनुसार आयु में छूट दी जाएगी।

: *रामपुर में पिता-बेटी का रिश्ता तार-तार, आरोपी गिरफ्तार, मां की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर शुरू की जांच* 

प्रदेश की राजधानी शिमला के पुलिस थाना रामपुर के तहत एक क्षेत्र में रिश्तों को शर्मसार करने वाली एक और घटना सामने आई है। रामपुर पुलिस थाने क्षेत्र के तहत एक पिता के खिलाफ अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज किया है। आरोपी ने इस वारदात को अपने घर पर अंजाम दिया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला तब सामने आया जब पीडि़ता की मां ने रामपुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई।

उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके पति ने आठ जुलाई को उनके घर पर उनकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। शिकायत मिलते ही रामपुर पुलिस तुरंत हरकत में आई और भारतीय न्याय संहिता की धारा 65 (2) (दुष्कर्म) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 06 (यौन उत्पीडऩ के गंभीर अपराध) के तहत एफआईआर दर्ज की। डीएसपी रामपुर नरेश शर्मा का कहना है कि पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने का प्रयास किया जाएगा।

: *पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ फोरलेन कंपनी से करार रद्द, नाखुश NHAI ने दिखाई सख्ती, सिर्फ 45 फीसदी हो पाया काम* 

गुजरात की फर्म के सुस्त रवैये से नाखुश एनएचएआई ने दिखाई सख्ती, सिर्फ 45 फीसदी हो पाया काम

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ फोरलेन परियोजना में निर्माण कार्य कर रही गुजरात की कंपनी से आधिकारिक रूप से करार रद्द कर दिया है। लगातार धीमी प्रगति और अधूरी परियोजना के चलते एनएचएआई ने यह सख्त कदम उठाया है। साथ ही अब शेष कार्य के लिए नई निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जबकि मार्ग की सुरक्षा और मरम्मत सुनिश्चित करने के लिए 20 जुलाई से एक अस्थायी एजेंसी तैनात की जाएगी। काबिलेजिक्र है कि करीब 469 करोड़ रुपए की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत अप्रैल 2022 में हुई थी। इसे पहले सितंबर 2024 और फिर अगस्त 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बावजूद मात्र 45 फीसदी कार्य ही हो पाया। कंपनी की विफलता को देखते हुए एनएचएआई ने अब परियोजना को दोबारा पटरी पर लाने के लिए पूरी रणनीति बदल दी है।

शिमला स्थित एनएचएआई पीआईयू द्वारा जारी ताजा आदेश के अनुसार, निर्माण कार्य की समीक्षा के बाद ठेका समाप्त कर दिया गया है और शेष निर्माण के लिए नई निविदा प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। 20 जुलाई से एक अलग एजेंसी को अस्थायी रूप से तैनात किया जाएगा, जो मार्ग की मरम्मत, सफाइ, साइनेज व बरसात में जल निकासी और यात्रियों की सुरक्षा संबंधी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगी। इस रखरखाव कार्य के लिए पांच करोड़ का टेंडर किया गया है। कंपनी ने यह ठेका 37 फीसदी कम दर पर लिया थाए लेकिन निर्माण सामग्री की महंगाई और फंडिंग संकट ने योजना को बुरी तरह प्रभावित किया। -एचडीएम

सडक़ की मरम्मत का काम जारी

एनएचएआई के साइट इंजीनियर दिनेश पुनिया ने बताया कि गुजरात की कंपनी के साथ करार अब पूरी तरह खत्म हो गया है। परियोजना के शेष निर्माण के लिए नई निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसमें लगभग छह महीने लगने की संभावना है। नए ठेकेदार की नियुक्ति तक सडक़ की सुरक्षाए मरम्मत और यातायात प्रबंधन के लिए करीब पांच करोड़ रुपए का अस्थायी टेंडर किया है। यह एजेंसी 20 जुलाई से काम संभालेगी, ताकि बरसात में यात्रियों को कम से कम परेशानी झेलनी पड़े।

: *एस्पायर ने सराज के आपदा प्रभावितों को बांटी राहत सामग्री* 

शिमला के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान एस्पायर का यह संवेदनशील चेहरा है। राजधानी शिमला में हर साल नीट और जेईई में अच्छे रिजल्ट देने वाला यह संस्थान अब मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में भी विस्तारित हो रहा है। उधर, शिमला में नए बैच शुरू हो गए हैं और ब्रेन ऑफ हिमाचल 2025 कंपीटीशन भी लॉन्च हो गया है। इस व्यस्तता के बीच जब हिमाचल में भारी बरसात के कारण आपदा आई, तो संस्थान मदद करने से भी पीछे नहीं हटा। एस्पायर के एमडी योगेंद्र कुमार मीणा अपनी टीम के साथ राहत सामग्री की गाडिय़ां लेकर मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र पहुंचे।

यहां आपदा प्रभावितों से मिले। उनकी मदद की और राहत सामग्री बांटी। इसी दौरान सराज के स्थानीय विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी योगेंद्र कुमार मीणा की मुलाकात हुई। इस मुलाकात में एस्पायर के एलुमिनाई छात्रों से लेकर आईआईटी के दोस्तों की मदद लेकर और सहायता करने का भरोसा भी दिया। सराज विधानसभा क्षेत्र में बरसात के कारण सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इस आपदा में मदद के लिए कई सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं आगे आ रही हैं। उनमें से एस्पायर संस्थान भी एक है।

: *सराज को त्रासदी से उबारने के लिए 298 करोड़ रुपए* 

आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद मंडी पहुंचे उपायुक्त अपूर्व देवगन ने राहत एवं पुर्नवास कार्यों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। इसमें प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाएं बहाल करने व ग्रामीण ढांचे के पुर्ननिर्माण कार्यों पर विशेष ध्यान केंद्रित करने पर बल दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार के निर्देशोंं पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुर्नवास के लिए सभी संबंधित विभागों के समन्वय से निरंतर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभावित गांवों तक संपर्क मार्ग स्थापित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जा रही है।

मुख्य सडक़ों को बहाल करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त रास्तों के पुर्ननिर्माण पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से मनरेगा के तहत विभिन्न कार्यों के लिए अतिरिक्त सेल्फ मांगे गए थे। बैठक में जिला में क्षतिग्रस्त ग्रामीण ढांचे की मरम्मत के लिए मनरेगा के तहत आठ विकास खंडों के लिए लगभग 298 करोड़ रुपए के सेल्फ को स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें से लगभग 152 करोड़ रुपए के सेल्फ सराज विकास खंड के लिए मंजूर किए गए हैं। एचडीएम

: *पौंग झील में बहकर आ गई बेशकीमती लकड़ी* 

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के पंडोह बांध के बाद अब जिला कांगड़ा की पौंग झील के मुख्य गेट के आसपास लकड़ी देखी जा रही है। यहां दूर-दूर तक बेशकीमती लकड़ी फैली हुई है। यह बेशकीमती लकड़ी पंडोह डैम के गेट खोले जाने के बाद वहां पर पौंग झील में पहुंची है। लोगों द्वारा इस लकड़ी को उठाना शुरू कर दिया गया है।

बीते वर्ष भी पौंग झील में ऐसी ही बेशकीमती लकड़ी पहुंची थी, जिसमें से ज्यादातर लकड़ी को लोगों ने उठा लिया था और इसकी भनक लगने पर वन्य प्राणी विभाग सतर्क हो गया था और लकड़ी को कब्जे में ले लिया था। इस बारे में वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि यह मामला हमारे ध्यान में है। कोई भी व्यक्ति झील में आई लकड़ी को न उठाएं और अगर कोई ऐसा करता पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

: *पेट्रोल छिडक़ शराब ठेके को लगाई आग, कैमरे में कैद हुई वारदात* 

उपमंडल मुख्यालय करसोग के बस अड्डा समीप बीती रात शरारती तत्वों द्वारा ज्वलनशील पदार्थ का छिडक़ाव करते हुए शराब ठेके को आग लगाने वाली घटना को अंजाम दे दिया, शरारती तत्वों द्वारा शराब ठेके में लगाई गई आग वाली घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। शराब ठेका परिसर भवन के मालिक नरेश शर्मा ने बताया कि अचानक आधी रात के उपरांत एक धमाका हुआ, जिसके चलते वह तुरंत दुकान पहुंचा, तो देखा आग लगी है जिसको तुरंत बुझाने का प्रयास किया गया।

उन्होंने कहा कि इसकी सूचना करसोग पुलिस को दे दी गइ। इसके बाद डीएसपी करसोग गौरवजीत सिंह तथा पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची। यब वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी है, जिसके आधार पर करसोग पुलिस चारों शरारती तत्वों की पहचान करने के लिए जुट चुकी है और कुछ सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं।

: *पूछताछ में जुड़ती गई कडिय़ां और नूरपुर पुलिस ने पकड़ लिए बड़े तस्कर, दोनों पति-पत्नी* 

जिला पुलिस नूरपुर द्वारा गत 9 जुलाई को 32 मील में नाकाबंदी के दौरान इनोवा गाड़ी से दो युवकों से 2 किलो 84 ग्राम चरस बरामद की थी, जब उनसे पूछताछ की गई, तो अन्य दो आरोपियों विद्या देवी और उसके पति चमन लाल निवासी सुतराहड़ नूरपुर का नाम सामने आया। पुलिस ने पेशेवर ढंग से कार्रवाई करते हुए दोनों को सुतराहड़ से गिरफ़्तार किया है।

पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। एसपी नूरपुर अशोक रतन ने बताया कि पुलिस ने चरस आरोपियों से पूछताछ करके इसमें संलिप्त अन्य दो आरोपियों विद्या देवी पत्नी चमन लाल व चमन लाल पुत्र खुशी राम निवासी सुतराहड़ को सुतराहड़ से गिरफ़्तार किया है। आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

: *मौत के 9 महीने बाद फ्लैट में मिली अभिनेत्री की लाश, सड़ चुकी थी बॉडी* 

मौत के नौ महीने बाद एक एक्ट्रेस की लाश उसी के फ्लैट में मिलने से सनसनी फैल गई है। हैरत यह है कि यह लाश मौत के नौ महीने बाद मिली है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तानी मॉडल एवं अभिनेत्री हुमैरा असगर अली का शव आठ जुलाई को कराची के डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी (डीएचए) में उनके अपार्टमेंट में मिला। स्थानीय पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अभिनेत्री का शव मृत्यु के नौ महीने से अधिक समय बाद बरामद किया गया। डॉक्टरों ने कहा कि शव इतना सड़ चुका था कि यह पता लगाना लगभग असंभव था कि उनकी मृत्यु कैसे हुई। दक्षिण पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) सैयद असद रजा के अनुसार, 32 वर्षीय अभिनेत्री के शव का पता तब चला जब पुलिस और अदालत का कर्मचारी बकाया किराया न चुकाने के कारण फ्लैट खाली कराने के अदालती आदेश के साथ उनके अपार्टमेंट पहुंचे थे।

उन्होंने बताया कि बार बार दरवाजा खटखटाने पर जब कोई जवाब नहीं मिला तो अधिकारी इत्तेहाद कमर्शियल, फेज छह के चौथे मंजिल वाले अपार्टमेंट में घुसे जहां उन्होंने अभिनेत्री की सड़ी-गली लाश बरामद की। एसएसपी-दक्षिण महज़ूर अली ने कहा कि सभी दरवाजे अंदर से बंद थे और कि किसी भी तरह की गड़बड़ी के तत्काल कोई संकेत नहीं मिले हैं। शव को जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सेंटर ले जाया गया, जहां उनका पोस्टमार्टम किया गया। पुलिस सर्जन डॉ. सुम्मैया सैयद ने पोस्टमार्टम करते समय कहा कि शव इतना सड़ चुका था कि मृत्यु का कारण निर्धारित करना असंभव है। उन्होंने कहा कि नमूने डीएनए सत्यापन एवं रासायनिक विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद ही सही कारणों का पता चल सकेगा। यह मामला तब और भी दुखद हो गया जब हुमैरा के परिवार ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया।

पुलिस के अनुसार, हुमैरा के परिवार ने दो साल पहले ही उनसे नाता तोड़ लिया था और उनका अंतिम संस्कार करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। अधिकारियों ने उनके शव को दफन करने की ज़िम्मेदारी ली है और छीपा फ़ाउंडेशन ने शव को कोल्ड स्टोरेज में रखवा दिया है। पुलिस ने बताया कि हुमैरा 2018 से अपार्टमेंट में अकेली रहती थी और उसने कथित तौर पर 2024 की शुरुआत से ही किराया देना बंद कर दिया था। अधिकारियों ने यह भी पुष्टि की वह किसी से भी संपर्क नहीं रखती थी और नशे की लत का शिकार थी। पड़ोसियों के साथ भी उनके तनावपूर्ण संबंध थे। पाकिस्तानी रियलिटी शो तमाशा घर और 2015 की पंजाबी फिल्म जलेबी में एक छोटी भूमिका करने वाली हुमैरा पाकिस्तान के मनोरंजन उद्योग में अधिक जाना पहचाना नाम नहीं थीं। उसकी मौत की तरह ही पिछले महीने एक अन्य घटना घटी जिसमें टीवी अभिनेत्री आयशा खान को उनके गुलशन-ए-इकबाल अपार्टमेंट में मृत पाया गया जहां वह भी अकेली रहती थी।

: *राहुल गांधी का निशाना, ओडिशा के संसाधनों को अरबपतियों को सौंप रही भाजपा सरकार* 

 लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को ओडिशा की भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि यह सरकार राज्य की ज़मीन, जल, जंगल और अन्य संसाधनों को अडानी और अंबानी जैसे मु_ी भर अरबपतियों को सौंप रही है।

श्री गांधी ने आज यहां बारामुंडा मैदान में संविधान बचाओ रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार जनता की नहीं, बल्कि अडानी जैसे उद्योगपतियों और कुछ अन्य अरबपतियों की है, जो अब राज्य सरकार को चला रहे हैं। इस सरकार ने ज़मीन, खदानें, जंगल और पानी सिर्फ़ चार-पांच बड़े औद्योगिक घरानों को सौंप दिया है। उन्होंने मौजूदा भाजपा और पूर्ववर्ती बीजू जनता दल (बीजद) दोनों सरकारों पर राज्य के संसाधनों का 5-6 निजी कंपनियों द्वारा दोहन करने की अनुमति देने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि यह स्पष्ट है कि ओडिशा में अडानी ही भाजपा सरकार चला रहे हैं। उन्होंने पुरी रथ यात्रा के दौरान अडानी परिवार के लिए भगवान जगन्नाथ के रथ को कथित तौर पर रोके जाने का उदाहरण दिया। उन्होंने जोर दिया कि विकास केवल दो या तीन अरबपतियों के लिए नहीं, बल्कि गरीबों, दलितों और पिछड़े समुदायों के लिए है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फसल बीमा योजना और केंद्र सरकार के धन के नाम पर गरीब किसानों से हजारों करोड़ रुपये लेकर उन्हें बड़े कॉर्पोरेट घरानों को सौंपने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता ने कहा कि ओडिशा की भाजपा सरकार आदिवासियों को उनकी ज़मीन से बेदखल कर रही है और उन्हें जमीन के पट्टों से वंचित कर बड़ी कंपनियों को आवंटित कर रही है। जल, जंगल और जमीन आदिवासियों के हैं और उनके पास ही रहेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि अगर कांग्रेस राज्य में सत्ता में आई, तो वह आदिवासियों को ज़मीन वापस करेगी।

उन्होंने कहा कि संविधान गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़े समुदायों के अधिकारों की रक्षा करता है तथा इसमें कहीं भी यह नहीं लिखा है कि यह अंबानी, अडानी या किसी अन्य अरबपति का है। उन्होंने यह भी कहा कि ओडिशा और छत्तीसगढ़ में जहां भी जाओ, सिर्फ अडानी, अडानी और अडानी ही दिखाई देते हैं। उन्होंने ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य में 40,000 से ज्यादा महिलाएं लापता हो गयी हैं और उनका कोई अता-पता नहीं है।वहीं राज्य में हर दिन 15 महिलाएं यौन शोषण अथवा दुष्कर्म का शिकार होती हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर भाजपा सरकार के खिलाफ लडऩे और उसे सत्ता से हटाने का आह्वान करते हुए श्री गांधी ने कहा कि अगर आप ओडिशा में बदलाव चाहते हैं तो जाति जनगणना जरुरी है। इस तरह की जनगणना दलितों, आदिवासियों, गरीबों और पिछड़े समुदायों को सशक्त बनाएगी।

: *कपिल शर्मा के कैफे पर फायरिंग को लेकर खालिस्तान समर्थक आतंकी ने किया खुलासा* 

 *कॉमेडी शो में निहंग सिखों का मजाक उड़ाने पर की फायरिंग* 

कपिल शर्मा के कनाडा स्थित कैफे पर गोली बरसाने वाली खालिस्तान समर्थक आतंकी ने इसकी वजह बताई है। हरजीत सिंह लाडी ने बताया कि कपिल शर्मा शो पर एक पार्टिसिपेंट ने निहंग सिखों का मजाक उड़ाया था। उसने निहंगों के पहनावे और व्यवहार पर टिप्पणी की थी। इस तरह से उसने सिख समुदाय की भावनाओं का मजाक उड़ाया था। लाडी ने कहा कि कॉमेडी की आड़ में धर्म का मजाक बर्दाश्त नहीं। हरजीत सिंह बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़ा हुआ है। उसने कॉमेडियन के कैफे पर गोलीबारी की जिम्मेदारी ली है।

एक सोशल मीडिया पोस्ट में लाडी ने कहा कि उसने बीकेआई के एक अन्य साथी तूफान सिंह के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया। दोनों ने बुधवार रात कैप्स कैफे पर फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था। हरजीत सिंह लाडी एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है। बता दें कि कनाडाई सरकार बीकेआई को एक आतंकी संगठन मानती है। हरजीत सिंह ने लाडी ने लिखा कि कपिल शर्मा शो में एक कैरेक्टर ने निहंग सिखों जैसे कपड़े पहन रखे थे। उसने कुछ मजाकिया टिप्पणियां भी की थीं।

: एलपीजी आंवटन मामले में नए सिरे से फील्ड वेरिफिकेशन करने के निर्देश, जानें पूरा मामला

एलपीजी आवंटन से जुड़े एक मामले में प्रस्तावित भूमि का नए सिरे से फील्ड वेरिफिकेशन किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने ये निर्देश दिए हैं। पढ़ें पूरी खबर...

 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एलपीजी आवंटन से जुड़े एक मामले में प्रस्तावित भूमि का नए सिरे से फील्ड वेरिफिकेशन (एफवीसी) करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने एकल जज के फैसले को निरस्त करते हुए भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड को चार सप्ताह के भीतर मामले पर नए सिरे से विचार करने को कहा है।

खंडपीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता ने एलपीजी गोदाम बनाने के लिए भूमि से बिजली के तार हटाने सहित सभी कमियों को दूर कर दिया था। खंडपीठ ने कहा कि एकल जज ने फैसले को पारित करते वक्त तेल कंपनियों के संशोधित दिशा-निर्देशों में लचीलेपन के प्रावधान को ध्यान में नहीं रखा, खासकर जब आवेदक ने कमियों को ठीक कर लिया हो। खंडपीठ ने कहा कि एलपीजी गोदाम बनाने के लिए भूमि पर बिजली तारों का होना एक बड़ी अयोग्यता थी, लेकिन याचिकाकर्ता ने इस कमी को बिजली बोर्ड से मिलकर अपने खर्च पर दूर कर दिया था। अदालत ने विजय कुमार बनाम भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और अन्य मामले में दायर अपील को स्वीकार करते हुए यह फैसला दिया है।

यह है मामला

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 13 अगस्त 2017 को विभिन्न स्थानों पर एलपीजी डीलरशिप के लिए संयुक्त रूप से आवेदन आमंत्रित किए थे। याचिकाकर्ता विजय कुमार ने जिला मंडी के धर्मपुर में इसके लिए आवेदन किया था। 11 जनवरी 2018 को उन्हें भारत पेट्रोलियम की डीलरशिप के लिए चुना गया। हालांकि, 17 जनवरी 2018 को फील्ड वेरिफिकेशन के दौरान अधिकारी ने पाया कि प्रस्तावित भूमि पर हाईटेंशन बिजली तार लटक रहे थे। 30 जनवरी 2018 और 7 फरवरी 2018 को याचिकाकर्ता को डीलरशिप के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे एकल पीठ ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि आवेदन के समय गलत जानकारी दी गई थी। यह फैसला उन आवेदकों के लिए एक राहत है, जिन्हें मामूली कमियों के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

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: अवैध रूप से आवंटित वन भूमि करनी होगी वापस, जांच को एसआईटी गठित; कार्रवाई की तैयारी

हिमाचल सरकार ने अवैध रूप से आवंटित वन भूमि को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन करते हुए वन विभाग की ओर से शुक्रवार को इस बाबत राजपत्र में अधिसूचना जारी की गई। पढ़ें पूरी खबर...

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने अवैध रूप से आवंटित वन भूमि को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश पर जिलेवार एसआईटी का गठन कर दिया है। एसआईटी राजस्व विभाग की ओर से निजी व्यक्तियों या संस्थाओं को वन भूमि के अवैध या अनधिकृत आवंटन की जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन करते हुए वन विभाग की ओर से शुक्रवार को इस बाबत राजपत्र में अधिसूचना जारी की गई।

टीएन गोदावर्मन थिरुमुलपाद बनाम भारत संघ (रिट याचिका संख्या 202/1995) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने 15 मई 2025 को इस बाबत आदेश दिए थे। कोर्ट ने सभी राज्यों को ऐसे भूमि दुरुपयोग के मामलों की जांच करने और वन भूमि को दोबारा प्राप्त करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया कि प्रत्येक विशेष जांच दल की अध्यक्षता संबंधित जिले के उपायुक्त करेंगे। जिला राजस्व अधिकारी सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे, जबकि डीएफओ सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।

एसआईटी को ऐसे मामलों की पहचान और जांच करने को कहा गया है, जहां राजस्व विभाग के नियंत्रण वाली वन भूमि का गैर-वानिकी उपयोग के लिए प्रयोग किया गया है। ऐसी भूमि पर कब्जा कर उसे वन विभाग को वापस हस्तांतरित करना होगा। जहां भूमि का पुन: दावा व्यापक जनहित में न हो, वहां वन विकास के लिए भूमि की लागत का उपयोग करने के लिए कब्जाधारक से वसूली की सिफारिश करनी होगी।

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: ठियोग-हाटकोटी सड़क, सरकार के हलफनामे से हाईकोर्ट असंतुष्ट; दिए ये निर्देश

ठियोग-हाटकोटी-रोहडू सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी पर प्रदेश सरकार को स्पष्ट और विस्तृत हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए हैं। पढ़ें पूरी खबर...

ठियोग-हाटकोटी-रोहडू सड़क के किनारे नालियों के अवरुद्ध होने और भूस्खलन से सड़क को हुए नुकसान पर सरकार की ओर से दायर हलफनामे से हिमाचल हाईकोर्ट ने असंतुष्ट है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी पर प्रदेश सरकार को स्पष्ट और विस्तृत हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भी इस मामले में पक्षकार बनाया है। अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।

खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि सरकार और विभाग की ओर से दायर हलफनामे में सड़कों की मरम्मत के कार्य का विवरण और सड़क के किस हिस्से के लिए मंजूरी मिल चुकी है व किसके लिए मांगी गई है, इस पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। अदालत में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के खड़ापत्थर के सहायक अभियंता शिव वर्धन भी व्यक्तिगत रूप से मौजूद थे। स्वीकार किया कि भूस्खलन के कारण मलबा गिरने से सड़क किनारे नालियां अवरुद्ध हो गई है। रिटेनिंग वॉल भी क्षतिग्रस्त हो गई है।

हलफनामे में कहा गया है कि नुकसान के आकलन के संबंध में अनुमान केंद्रीय मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजा गया है। कुछ मामलों में मंत्रालय से मंजूरी भी प्राप्त हो गई है। क्षतिग्रस्त रिटेनिंग वॉल की बहाली का काम शुरू कर दिया गया है। ठियोग- हाटकोटी-रोहडू सड़क की बदहाली के कारण लोगों को पेश आ रही कठिनाइयों के संबंध में इस संबंध में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में जिक्र किया गया है कि शिमला तक भी नालियों और सड़क पर जलभराव के कारण लोगों को दिक्कत हो रही है।

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: सड़कें बंद, संकट में 80 हजार की आबादी, प्रभावित गांवों तक मदद पहुंचाना मुश्किल; जानें

जिला मंडी की सराज घाटी में 30 जून की रात को आई त्रासदी से सड़कों के अवरुद्ध होने से गांवों तक मदद पहुंचाना चुनौतीपूर्ण है। पढ़ें पूरी खबर...

सराज घाटी में आपदा ने 80 हजार की आबादी को संकट में डाल दिया है। आपदा के 12वें दिन भी लोग जीवन को नए सिरे से शुरू करने की जद्दोजहद में जुटे हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, प्रशासन और स्थानीय लोग राहत कार्यों में लगे हैं। सड़कों के अवरुद्ध होने से गांवों तक मदद पहुंचाना चुनौतीपूर्ण है। रोड़, बहलीधार, बूंगरैलचौक और ढीमकटारू पंचायतों के गांव सड़क संपर्क टूटने से कटे हुए हैं। रोड़ पंचायत की पूर्व प्रधान बबली देवी बताती हैं कि राहत सामग्री दी जा रही है, लेकिन प्रभावितों को सड़क तक बुलाया जा रहा है। शिल्ह, चापड़ गांव बेहद मुश्किल में हैं। यहां 25 मकान पूर्णतः, 30 आंशिक रूप से और 26 गोशालाएं तबाह हुई हैं।

थुनाग के साथ लगती बहलीधार के बन्याड़ गांव के कुलदीप सिंह कहते हैं कि सेना के अलावा कोई उनके गांव तक नहीं पहुंचा। चिमटी, सलूट, बदनेच, शुरल, थलीधार, जोहड़ और कचूट गांवों की स्थिति भी ऐसी ही है। यहां एक दर्जन से अधिक मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। प्रभावित मस्त राम, जय सिंह, नरेंद्र कुमार, मोहन, नंद लाल, कर्म सिंह, लाभ सिंह और नरेंद्र कुमार सब कुछ गंवाकर रिश्तेदारों के पास शरण लिए हुए हैं। कुलदीप सिंह ने बताया कि राशन किट के अलावा कोई मदद नहीं मिली। पंचायत में आपदा से जानी नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन बड़ी संख्या में घर बाढ़ में बह गए।

उपतहसील बागाचनोगी की शिल्हीबागी, बागाचनोगी, शिवा कुठेहड़, भाटकीधार, कलहणी, खबलेच और जैंशला पंचायतें भी उपमंडल मुख्यालय से कटी हुई हैं। लंबाथाच-कलहणी-पंडोह मार्ग बंद है। वायुसेना ने हेलिकाप्टर से राहत सामग्री दी, लेकिन उसके बाद कोई मदद नहीं पहुंची। भाटकीधार के पूर्व प्रधान शिव लाल बताते हैं कि बिजली-पानी बहाल नहीं हुआ। उपतहसील छतरी की गतू, खुनाची, ब्रेयोगी, मेहरीधार, काकड़ाधार, बहल, बगड़ाथाच और छतरी पंचायतों में जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सड़कें बंद होने से भारी दिक्कतें हैं।

चैल-जंजैहली सड़क बहाल होने से राहत

चैल-जंजैहली सड़क छोटे वाहनों के लिए बहाल होने से बगस्याड़, थुनाग, लंबाथाच, जरोल, पांडव शीला, कुथाह, बूंगरैलचौक, संगलवाड़ा और जंजैहली में प्रशासन ने सभी परिवारों को राशन उपलब्ध करवाया है। स्वयंसेवी संस्थाएं राशन, बर्तन और घरेलू जरूरत की चीजें बांट रही हैं, जिससे राहत कार्यों में तेजी आई है।

: कांपते हाथों से मलबे में अपनों की तलाश, अब टूट रही उम्मीद; देजी, थुनाग, रूशाड़ में मातम

सराज घाटी के प्रभावित गांवों में लोग कांपते हाथों से मलबे में अपनों की तलाश कर रहे हैं। लापता लोगों को ढूंढने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमें भी जुटी हुई हैं। पढ़ें पूरी खबर...

आपदा के 11 दिन बाद भी सराज घाटी के प्रभावित गांवों में सन्नाटा पसरा है। देजी, थुनाग और रूशाड़ से लापता लोगों के घरों में मातम छाया है। हर आंख में आंसुओं का सैलाब है। बाढ़ ने न सिर्फ घर उजाड़े, बल्कि ऐसे जख्म दिए, जो शायद कभी न भरें। सरकारी आंकड़ों के अनुसार आपदा से अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 27 लोग लापता हैं। लोग कांपते हाथों से मलबे में अपनों की तलाश कर रहे हैं।

देजी गांव में बाढ़ ने दो परिवारों के 11 लोगों को छीन लिया। नौ लोग एक ही परिवार के थे। घर, खेत और बगीचे सब बह गए। रोपा में त्रिलोक, रूशाड़ में रोशन लाल, विशन जैसे नाम अब सिर्फ यादों में बचे हैं। लापता लोगों को ढूंढने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमें जुटी हुई हैं। अलग-अलग टीमें पहाड़ में मलबे के अलावा नदी नालों और मलबों के ढेर में तलाश कर रहे हैं। अपनों को तलाश करने में खुद परिजन भी जुटे हैं।

इंद्र सिंह की पत्नी और तीन बेटियां बहीं

टेलर इंद्र सिंह की पत्नी और तीन बेटियां बाढ़ में बह गईं। उनका घर मलबे का ढेर बन गया। इंद्र अब उस जगह को देखना भी नहीं चाहता। बेटियों की यादें उसे हर पल सताती हैं। वह टूट चुका है, जीने की वजह खो चुका है।

मुकेश के तीन बच्चे और पत्नी बही

मुकेश ने बेटी की सलाह मानी और थुनाग नहीं गया। फोन पर आखिरी बार बच्चों की आवाज सुनी। उनकी जुड़वां बेटियां और बेटा बाढ़ में लापता हो गए। पत्नी भुवनेश्वरी की बातें उसे कचोटती हैं। वह जिंदा है, पर जिंदगी से हारा हुआ है।

 

बाला राम का परिवार खत्म, बेटा, बहू और दो पोते बहे

थुनाग बाजार से स्वर्ण सिंह और उनकी पत्नी मथरा व दो बच्चे बाढ़ में बह गए। स्वर्ण के पिता बाला राम टूटे घर के पास भटकते हैं। कानों में पोते अरुण और पोती सोनिया की आवाज गूंज रही है। वह एनडीआरएफ से हर दिन जवाब मांगते हैं। मुख्यमंत्री से गुहार लगा चुके हैं, पर उम्मीद टूट रही है।

भावना का पति लापता

रूशाड़ गांव की भावना का पति वीरेंद्र बाढ़ में लापता है। वीरेंद्र फार्मा कंपनी में काम करता था। उनका सात साल का बेटा बार-बार पूछता है कि पापा कहां गए? भावना के पास जवाब नहीं, केवल आंसुओं भरी खामोशी। लोग दिलासा देने आते हैं, पर वह बार-बार बेसुध हो जाती है। उसका घर अब मलबे का ढेर में तब्दील हो चुका है।

नौ माह की बच्ची बची, माता-पिता और दादी बह गए

सराज विधानसभा क्षेत्र के तलबाड़ा गांव में 30 जून की भयंकर त्रासदी में नौ माह की नितिका अनाथ हो गई है। नितिका के पिता नरेश कुमार, दादी पुरणु देवी और माता की 30 जून रात बाढ़ में बह जाने से मौत हुई है। 9 माह की नितिका रसोई में सुरक्षित रहीं। इनके पिता, माता और दादी पानी का बहाव दूसरी तरफ मोड़ने में लगे थे और उसी समय पीछे से पानी आ गया और तीनों बह गए। सुबह लोगों ने बिटिया को रसोई में देखा और रिश्तेदारों ने उसे सुरक्षित निकाल लिया।

पंगलियुर से बहे दो परिवारों के नौ लोग

नाचन विस क्षेत्र के पंगलियुर गांव में 30 जून की रात को दो परिवारों के साथ नौ लोग बह गए। इनमें एक ही परिवार के सात सदस्य थे। इनमें से तीन परिजनों के शव मिले हैं। दूसरे परिवार में बुजुर्ग दंपती में से महिला का शव बरामद हुआ है।

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: Himachal Weather: हिमाचल में 184 सड़कें बंद, 14 से फिर रफ्तार पकड़ेगा मानसून; आज और कल हल्की बारिश के आसार

Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश में शनिवार और रविवार को प्रदेश में हल्की बारिश के आसार हैं। वहीं, शुक्रवार शाम तक प्रदेश में 184 सड़कें, 111 बिजली ट्रांसफार्मर और 792 जल आपूर्ति योजनाएं ठप रहीं। पढ़ें पूरी खबर...

राजधानी शिमला और हमीरपुर में शुक्रवार को हल्की बारिश हुई। प्रदेश के मैदानी जिलों में धूप खिलने से मौसम में उमस बढ़ गई है। शनिवार और रविवार को प्रदेश में हल्की बारिश के आसार हैं। 14 जुलाई से मानसून के रफ्तार पकड़ने की संभावना है। शुक्रवार शाम तक प्रदेश में 184 सड़कें, 111 बिजली ट्रांसफार्मर और 792 जल आपूर्ति योजनाएं ठप रहीं। मंडी जिले में सबसे अधिक 143 सड़कें, 107 बिजली ट्रांसफार्मर व 175 जल आपूर्ति स्कीमें बंद हैं। कांगड़ा जिला के धर्मशाला, नूरपुर व देहरा उपमंडल में 606 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं।

मानसून सीजन में 20 जून से अब तक बादल फटने, भूस्खलन व बाढ़ से मरने वालों की संख्या 91 पहुंच गई है। 131 लोग घायल हुए हैं। 34 से ज्यादा लोग अभी लापता हैं। 1584 कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसमें दुकानें भी शामिल हैं। 880 से गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। 885 मवेशियों की माैत हुई है। कुल नुकसान का आंकड़ा 749 करोड़ रुपये के पार चला गया है। इसमें से सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में ही हुआ है। मानसून सीजन में अब तक 36 लोगों की सड़क हादसों में जान गई है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अुनसार 12 और 13 जुलाई को कुछ स्थानों पर और 14 से 17 जुलाई तक अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। उधर, वीरवार रात को मुरारी देवी में 68.2, बग्गी में 49.6, पंडोह में 45.0, सलापड़ में 42.1, बिलासपुर में 40.2, सुंदरनगर में 38.5, घाघस में 38.0, मंडी में 35.8 और जुब्बड़हट्टी में 34.0 मिलीमीटर बारिश हुई।

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: आयुर्वेदिक अस्पताल में पहली बार ईएनटी डिपार्टमेंट शुरू

By: divyahimachal

डाक्टर चंदा चोपड़ा की पहल लाई रंग, डेढ़ लाख की मशीन खरीद कर दी बड़ी राहत

जिला आयुर्वेदिक अस्पताल हमीरपुर में ईएनटी स्पेशलिस्ट की तैनाती के साथ ही यहां ईएनटी डिपार्टमेंट भी शुरू हो गया है। ऐसे में अब नाक, कान और गले की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को यहां उपचार मिल रहा है। दिलचस्प बात यह है कि डिपार्टमेंट में इस्तेमाल की जाने वाली लाखों की मशीन भी इंस्टॉल कर दी गई है, जिसका श्रेय ईएनटी स्पेशलिस्ट डा. चंदा चोपड़ा को जाता है। अस्पताल में उनकी एंट्री के साथ ही न केवल यहां ईएनटी डिपार्टमेंट शुरू हुआ बल्कि डा. चंदा ने अपने पैसों से करीब डेढ़ लाख की एंडोस्कोपी मशीन भी मरीजों की सुविधा के लिए लगवा दी है।

शायद यह पहला मौका होगा जब किसी डाक्टर ने अस्पताल में अपनी तैनाती के साथ ही मरीजों के लिए अति आवश्यक एवं महंगा उपकरण अपने खर्चे से लगवाया होगा। डा. चंदा की बात करें तो उनकी तैनाती लगभग तीन माह पूर्व यहां ईएनटी डिपार्टमेंट में हुई थी, क्योंकि अस्पताल में पहली बार यह डिपार्टमेंट इंट्रोडयूश हुआ इसलिए जिन उपकरणों की जरूरत होती है वे यहां न के बराबर थे। मरीजों की जांच के दौरान जब डा. चंदा को एहसास हुआ कि नाक, कान, गले की आंतरिक बीमारी का पता लगाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण एंडोस्कोपी मशीन नहीं है तो उन्होंने बिना देरी किए इसे अपने खर्चे से लगाने की ठानी और अस्पताल प्रबंधन से मंत्रणा कर डिपार्टमेंट में यह मशीन लगवा ली। जिला आयुर्वेदिक अस्पताल की सेवाओं में दिन प्रतिदिन बढ़ौतरी की जा रही है। यहां पर ईएनटी की सुविधा को शुरू किया। ईएनटी विभाग में मरीजों को बेहतर उपचार मिल रहा है, लेकिन यहां पर एंडोस्कोपी की सुविधा नहीं थी।

जिला आयुर्वेदिक अस्पताल हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डा. दिलीप ठाकुर ने बताया कि ईएनटी विभाग में एंडोस्कोपी की सुविधा मरीजों को मिल रही है। डा. चंदा चोपड़ा ने यहां पर एंडोस्कोपी मशीन उपलब्ध करवाई है। ईएनटी विशेषज्ञ की बेहतर सेवाएं मरीजों को मिल रही हैं।

जिला आयुर्वेदिक अस्पताल हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डा. दिलीप ठाकुर

: हिमाचल पथ परिवहन निगम की बीओडी बैठक टली

By: divyahimachal

शिमला। हिमाचल पथ परिवहन निगम की प्रस्तावित निदेशक मंडल की बैठक फिलहाल टाल दी गई है। प्रदेश में हुई आपदा के चलते पूरा सरकारी तंत्र जुटा हुआ है, ऐसे में परिवहन निगम ने निदेशक मंडल की बैठक अभी नहीं करने का निर्णय लिया है। हालांकि यह बैठक काफी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें कई बड़े फैसले लिए जाने हैं। जुलाई महीने के आखिर में या फिर अगले महीने अगस्त के शुरू में ही यह बैठक हो पाएगी। वहीं एचआरटीसी के कुछ वर्गों के कर्मियों को प्रोमोट भी करना है, वह मामला भी निदेशक मंडल में जाना है।

एचआरटीसी यात्रियों की संख्या अपनी बसों में बढ़ाने के नजरिए से कुछ निर्णय लेना चाहता है। इसमें यात्रियों को कैश बैक की सुविधा देने की सोची जा रही है। जो एचआरटीसी की बस में ज्यादा सफर करेगा, पेमेंट भी क्यूआर कोड से या ऑनलाइन देगा, उसे कैश बैक की सुविधा दी जाएगी। लगभग 20 फीसदी कैशबैक ऑनलाइन दिया जाएगा।

: बिजली बोर्ड के आदेशों पर मुखर हुए कर्मचारी संगठन

By: divyahimachal 

शिमला। राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड ने अपने कर्मचारियों को कार्यालय परिसर पर किसी भी तरह के धरने व प्रदर्शन पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं, जिस पर कर्मचारी संगठन मुखर हो गए हैं। शुक्रवार को ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने मुख्यालय कुमार हाउस में बैठक कर चर्चा की और इसे असंवैधानिक करार दिया। अन्य कर्मचारी यूनियनों ने भी इसका विरोध किया है और फैसला वापस लेने को कहा है।

ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संयोजक ई. लोकेश ठाकुर व सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रबंधन बातचीत के माध्यम से मुद्दों को हल करने की दिशा में जिम्मेदारी और ईमानदारी से आगे नहीं आ रहा है।

: इंडियन एयरफोर्स में अग्निवीर वायु भर्ती के लिए आवेदन शुरू, ऐसे करें Apply

दिव्य हिमाचल ब्यूरो— नई दिल्ली

इंडियन एयरफोर्स में अग्निवीर वायु भर्ती के लिए 11 जुलाई से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो रही है। उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इस भर्ती के लिए परीक्षा की तारीख 25 सितंबर, 2025 तय की गई है। अग्निवीर वायु का कार्यकाल चार साल है। इस भर्ती में सेवा निधि योजना के अनुसार लगभग 10.08 लाख मिलेंगे। यह भर्ती अविवाहित महिला और पुरुषों के लिए होगी। अभ्यर्थी की आयुसीमा 17.5-21 साल होना अनिवार्य है। आयु पहली जनवरी 2005 से पहली जनवरी 2008 के बीच होनी चाहिए।

ऐसे करें आवेदन

ऑफिशियल वेबसाइट पर न्यू रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करके नाम, पासवर्ड के साथ लॉगइन करें।

फॉर्म में पासपोर्ट साइज फोटो, सिग्नेचर और अन्य डॉक्यूमेंट्स अटैच करें।

फीस का भुगतान करके फॉर्म प्रिव्यू और सबमिट करें।

इसका प्रिंट आउट निकाल लें।

क्वालिफिकेशन

इंटरमीडिएट (12वीं) गणित, भौतिकी और अंग्रेजी में मिनिमम 50 फीसदी नंबरों के साथ या मिनिमम 50 फीसदी अंकों के साथ मेकेनिकल/ इलेक्ट्रिकल/ इलेक्ट्रॉनिक्स/ ऑटोमोबाइल / कम्प्यूटर साइंस / इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्नोलॉजी /आईटी में इंजीनियरिंग का तीन वर्षीय डिप्लोमा या किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से भौतिकी और गणित के साथ 2 साल का वोकेशनल कोर्स जिसमें कुल 50 फीसदी अंक और अंग्रेजी में 50 फीसदी अंक हों।

सिलेक्शन प्रोसेस

लिखित परीक्षा

पीएसटी/पीईटी

दस्तावेज सत्यापन

चिकित्सा परीक्षण

मेरिट सूची

नौकरी के चार साल में यह रहेगी सैलरी

पहले साल : 30,000

दूसरे साल : 33,000

तीसरे साल : 36,500

चौथे साल : 40, 000

: एलएलबी को 16 से बंटेंगी सीटें, आबंटन कार्यक्रम आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध

दिव्य हिमाचल ब्यूरो— नई दिल्ली

दिल्ली विश्वविद्यालय ने 2025-26 शैक्षणिक वर्ष के लिए पांच वर्षीय एकीकृत एलएलबी कार्यक्रमों के लिए सीट आबंटन कार्यक्रम जारी कर दिया है। एलएलबी में प्रवेश कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (सीएलएटी 2025) के अंकों के आधार पर होंगे और कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस-यूजी) पोर्टल के माध्यम से प्रबंधित किए जाएंगे। सीट आबंटन कार्यक्रम आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। पहले राउंड का सीट आबंटन 16 जुलाई को प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें चयनित उम्मीदवारों को अपनी सीट स्वीकार करनी होगी और व्यक्तिगत रूप से दस्तावेजों का सत्यापन कराना होगा।

ये सर्टिफिकेट तैयार रखें अभ्यर्थी

जो भी उम्मीदवार एलएलबी में प्रवेश लेना चाहते हैं, उन्हें यहां बताए दस्तावेज तैयार रखने चाहिएं। आबंटन प्रक्रिया शुरू होने से पहले, उम्मीदवारों के पास सत्यापन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज तैयार होने चाहिएं-

क्लैट 2025 का स्कोरकार्ड

कक्षा 10वीं और 12वीं की मार्कशीट और प्रमाण पत्र

श्रेणी प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)

सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र जैसे आधार या पैन कार्ड

पासपोर्ट आकार की तस्वीरें

प्रवासन प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)

: *हिमाचल सेब के पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी: वन विभाग ने अवैध कब्जे पर की कार्रवाई, 100 पेड़ काटे; हटाए जाएंगे 3800 पौधे*

*शिमला जिले के चैथला गांव में कोर्ट के आदेश पर वन विभाग ने अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई शुरू की। इसमें अब तक 100 सेब के पेड़ काटे गए और 3800 पौधों को हटाया जाएगा। प्रशासन और ग्रामवासियों के सहयोग से कार्रवाई शांतिपूर्वक जारी है।*

कोटखाई के चैथला गांव में कोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। *लंबे समय से विवादित वन भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने का सिलसिला आखिरकार शुरू हो गया है। वन विभाग की अगुवाई में शुरू हुई इस कार्रवाई में अब तक करीब 100 सेब के पेड़ काटे जा चुके हैं, जबकि करीब 3800 सेब पौधों को हटाया जाना तय है, जो लगभग पौने तीन सौ बीघा भूमि पर लगाए गए थे।*

कार्रवाई में एसडीएम कोटखाई मोहन शर्मा, डीएफओ ठियोग मुनीश रामपाल, डीएसपी ठियोग सीधा शर्मा, आर ओ कोटखाई व वन विभाग के 15 कर्मचारी, 5 मशीनें, 5 मजदूर, और 6 रिजर्व फोर्स की टुकड़ी मौके पर तैनात रही। बताया गया कि यह कार्रवाई दोपहर 1:30 बजे शुरू हुई। हालांकि बारिश के चलते बीच-बीच में बाधाएं आती रहीं।

अब तक तीन खसरा नंबर की जमीन को खाली करवाया जा चुका है और कार्रवाई अभी भी जारी है। रिजर्व फोर्स को कोटखाई विकास भवन में ठहराया गया है, जहां उनके लिए मैस की भी व्यवस्था की गई है। इस कार्रवाई को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद नजर आया और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक तैयारी की गई थी। वहीं, ग्रामवासियों ने पूरी तरह से इस कार्रवाई में सहयोग दिया और शांतिपूर्वक कब्जे को हटाने दिया जा रहा है।

: *हिमाचल: अब सहकारी सभाएं चलाएंगी पेट्रोल पंप, सहकारिता ने आमंत्रित किए आवेदन*

*ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अब सहकारी सभाएं योगदान देंगी। इसके लिए सरकार के सहयोग से सभाओं को पेट्रोल पंप संचालन का जिम्मा सौंपा जाएगा।*

देश-प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अब सहकारी सभाएं योगदान देंगी। इसके लिए सरकार के सहयोग से सभाओं को पेट्रोल पंप संचालन का जिम्मा सौंपा जाएगा। *सहकारिता विभाग में पंजीकृत सहकारी सभाओं को पेट्रोल पंप संचालन की अनुमति भी प्रदान की जाएगी। इससे सहकारी सभाओं से जुड़े ग्रामीणों को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे और प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से फायदा मिलेगा*। इसके लिए सभाओं से आवेदन मांगे गए हैं।

सहकारी सभाएं बागवानी, कृषि, सहकारिता, बुनकर, हस्तशिल्प, दुग्ध, पशुपालन, लोक मित्र केंद्र, सीएससी सेंटर आदि कई प्रकार की गतिविधियां चला रहीं हैं। वहीं, अब इन सभाओं को पेट्रोल पंप संचालन का लाइसेंस भी सहकारिता विभाग की अनुशंसा पर पेट्रोलियम मंत्रालय भारत सरकार जारी करेगा। सभाओं को एक पेट्रोल पंप संचालन के लिए जो औपचारिकताएं चाहिए, वे पूरी करनी होंगी। उसके बाद उन्हें लाइसेंस प्रदान कर दिया जाएगा। सहकारिता विभाग के जिला अंकेक्षण अधिकारी राजेश जसवाल ने कहा कि सहकारी सभाओं को पेट्रोल पंप संचालन का लाइसेंस प्रदान करने की योजना है। इसके लिए सभाओं को पेट्रोलियम मंत्रालय में आवेदन करना होगा। 

*पेट्रोल पंप संचालन के लिए ये रहेंगे मुख्य दस्तावेज*

सहकारी सभाओं के सदस्यों के पहचान प्रमाण, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट (यदि उपलब्ध हो), मतदाता पहचान पत्र होना आवश्यक है। इसके अलावा भूमि का स्वामित्व प्रमाण पत्र या पट्टा समझौता, भूमि का नक्शा, भूमि का पंजीकरण प्रमाण पत्र, आर्थिक रूप से मजबूत होने का प्रमाण (बैंक स्टेटमेंट), नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड से लाइसेंस, स्थानीय नगर निगम या पंचायत से अनुमति, अग्निशमन विभाग, पर्यावरण विभाग, तेल कंपनियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि।

द लाहौल पोटेटो सोसायटी लाहौल-स्पीति साल 1989 से पेट्रोल पंप का संचालन कर रही है। जनजातीय जिला की विपरीत भौगोलिक स्थिति के बीच सोसायटी ने एक मिसाल पेश की थी। यह सोसायटी अब जिला में दो पेट्रोल पंप एक सिस्सू और दूसरा तांदी छुरपक में संचालन कर रही है, जबकि तीसरे की औपचारिकताएं पूर्ण करने में लगी है।- *सुदर्शन जस्पा, चेयरमैन*

: *हिमाचल आपदा प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों में सड़कें बहाल करने के लिए 2-2 करोड़ रुपये जारी*

*प्रदेश में सड़कों को हुए व्यापक नुकसान के मद्देनजर सरकार ने हर विधानसभा क्षेत्र के लिए 50-50 लाख की फौरी राहत जारी की है।*

भारी बरसात के कारण प्रदेश में सड़कों को हुए व्यापक नुकसान के मद्देनजर सरकार ने हर विधानसभा क्षेत्र के लिए 50-50 लाख की फौरी राहत जारी की है। *आपदा प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों को सड़कें बहाल करने के लिए 2-2 करोड़ जारी किए गए हैं। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि राहत कार्य प्रभावित न हों, इसके लिए सबसे पहले सड़कें बहाल होना अनिवार्य है।*

लोक निर्माण विभाग के आला अधिकारियों को सड़कें बहाल होने के कार्य की रोजाना समीक्षा कर उन्हें रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं। विक्रमादित्य ने बताया कि इस राशि से टिपर और जेसीबी मशीनों की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही डंगे लगाने और नालियां बनाने में भी पैसा खर्च होगा।

*राहत पैकेज के लिए जल्द दिल्ली जाएंगे*

विक्रमादित्य ने कहा कि आपदा इतनी बड़ी है कि राहत कार्यों के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता है। इसलिए जल्द ही वह केंद्रीय मंत्रियों से मिलने दिल्ली जाएंगे और आपदा को देखते हुए प्रदेश के लिए राहत पैकेज जारी करवाने का प्रयास करेंगे।

: *हिमाचल से 10वीं-12वीं करने वाले ही स्टेट कोटे से एमबीबीएस में प्रवेश के लिए पात्र* 

राज्य की 602 एमबीबीएस सीटों के लिए जल्द आने वाला है काउंसिल शेड्यूल

हिमाचल में स्टेट कोटा का फार्मूला बदलने के कारण एमबीबीएस एडमिशन की प्रक्रिया इस बार बदल गई है। सोमवार से शुरू हो रहे सप्ताह में काउंसलिंग का शेड्यूल आने वाला है, जिसके तहत कुल 720 में से करीब 602 स्टेट कोटा सीटों पर एडमिशन फाइनल होगी। बाकी सीटें ऑल इंडिया कोटा और ईएसआई को दी जाती हैं। राज्य सरकार ने इस बार एकेडमिक सेशन 2022-23 के फार्मूले को एडमिशन की एलिजिबिलिटी के लिए लिया है। इसके तहत अब नॉन रेजिडेंट हिमाचलियों के बच्चे भी स्टेट कोटा से बाहर हो गए हैं।

अब एडमिशन तीन तरह के बिंदुओं से होगी। हिमाचली बोनाफाइड के बच्चों के लिए आठवीं, 10वीं 11वीं और 12वीं कक्षाओं में से कोई दो कक्षाएं हिमाचल में पढ़ी होनी चाहिए। गैर हिमाचली परिवारों के बच्चों के लिए 11वीं और 12वीं कक्षा हिमाचल में पढ़ी होनी चाहिए, बशर्ते अभिभावक सरकारी सेवा में हो। यदि हिमाचल का कोई व्यक्ति हिमाचल से बाहर सरकारी सेवा के कारण है, तो उसका बच्चा स्टेट कोटा के लिए अप्लाई कर सकता है। इस तरह यदि बाहर का कोई व्यक्ति हिमाचल में सरकारी सेवा के कारण है, तो उन्हें यहां की पढ़ाई दिखानी है। हिमाचल में एमबीबीएस एडमिशन की प्रक्रिया अटल मेडिकल एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी पूरी करती है। बिलासपुर एम्स की एडमिशन भारत सरकार करती है, जबकि छह सरकारी मेडिकल कालेज और एक प्राइवेट मेडिकल कालेज का एडमिशन इसी काउंसलिंग के जरिए होता है। आईजीएमसी, टांडा के अलावा हमीरपुर, नेरचौक, नाहन और चंबा मेडिकल कालेज सरकारी क्षेत्र के हैं। सोलन स्थित महर्षि मारकंडेश्वर मेडिकल कॉलेज निजी क्षेत्र का है। चार डेंटल कालेज की सीटें भी इसी काउंसलिंग से भरी जाएंगी। काउंसलिंग का शेड्यूल भी दिल्ली से तय होगा। (एचडीएम)

पिछले साल 66 अन्य छात्र पा गए थे एडमिशन

राज्य सरकार ने हिमाचल से बाहर रह रहे हिमाचलियों की डिमांड पर पिछली बार इस शर्त में बदलाव कर दिया था और नॉन रेजिडेंट हिमाचलियों को भी स्टेट कोटा ऑफर कर दिया था। इसके कारण बाहर पढ़े 66 कैंडीडेट एडमिशन पा गए थे। इस बार इनकी संख्या ज्यादा होने की आशंका थी। इसलिए इस बार नियम को बदल दिया गया। एक शिकायत यह भी आ रही थी कि फर्जी डोमिसाइल बनाने की प्रक्रिया बढ़ रही है।

: *HIMACHAL WEATHER : प्रदेश में फिर सक्रिय हुआ मानसून, इस डेट से खूब बरसेंगे मेघ* 

बारिश का यलो अलर्ट जारी

राज्य के 10 जिलों में एक बार फिर से भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। 15 जुलाई तक राज्य के ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 13 जुलाई को मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिलों के कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। 14 जुलाई को मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर में भारी बारिश होगी। 15 जुलाई के लिए मौसम विभाग ने जो पूर्वानुमान दिया है उसमें चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिलों में कई स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो रहा है।

बारिश ने हिमाचल के कुछ इलाकों खासकर मंडी जिला में बड़ी तबाही मचाई है, जहां पर बड़ा नुकसान हुआ है। राज्य को इस आपदा से अब तक 800 करोड़ से ज्यादा का नुकसान आका गया है। पिछले 24 घंटों की बात करें, तो प्रदेश के मुरारी देवी में 13 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि अघर में 10, पंडोह में आठ, कोठी में छह, मंडी में पांच, जोगिंद्रनगर में पांच, भुंतर में पंाच, भराड़ी में चार, सराहन में तीन, सुंदरनगर में तीन, मनाली में दो मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है। इसके अलावा सुजानपुर, कांगड़ा, शिमला, गुलेर, पालमपुर में भी बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार अब क्योंकि कमजोर पड़ा मानसून एक बार फिर से सक्रिय हो रहा है, तो आने वाले दिनों में कुछ जिलों में ज्यादा बारिश हो सकती है। बता दें कि प्रदेश के मंडी जिला में अभी भी कई लोग लापता है।

: *गंभीर चुनौतियों से जूझ रही भारतीय न्याय व्यवस्था, बड़े सुधार की जरूरत, बोले CJI गवई* 

कहा, कभी-कभी दशकों लग जाते हैं मुकदमों का निपटारा होने में

छात्रों को सलाह, छात्रवृत्ति पर विदेश जाकर पढ़ाई करें परिवार पर बोझ न डालें

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था इस समय कई अनोखी चुनौतियों से जूझ रही है, जिनसे निपटने के लिए इसमें सुधार की सख्त जरूरत है। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने हैदराबाद की नालसर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने छात्रों को छात्रवृत्ति पर विदेश जाकर पढ़ाई करने की सलाह दी। उन्होंने इस अवसर पर न्यायिक प्रक्रिया की कमियों और चुनौतियों पर अपने विचार व्यक्त किए। छात्रों को संबोधित करते हुए सीजेआई ने कहा कि हमारा देश और न्याय प्रणाली आज बहुत सी चुनौतियों से जूझ रही है। कई बार मुकदमों का निपटारा होने में वर्षों, बल्कि दशकों लग जाते हैं। हमने ऐसे अनेक मामले देखे हैं जहां लोग वर्षों तक विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में रहे और अंतत: उन्हें निर्दोष घोषित किया गया।

इन जटिल समस्याओं का समाधान ढूंढने में हमारी सबसे उत्कृष्ट प्रतिभाएं महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। न्यायमूर्ति गवई ने नालसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए सुझाव दिया कि वे उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की योजना बनाएं, तो छात्रवृत्ति का सहारा लें और इस प्रयास में अपने परिवार पर आर्थिक बोझ न डालें। मुख्य न्यायाधीश ने न्यायिक प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को अत्यंत आवश्यक बताया। मुख्य न्यायाधीश ने ग्रेजुएट हो चुके छात्रों को सलाह दी कि वे अपने गुरुओं का चयन उनकी शक्ति या प्रभाव के आधार पर नहीं, बल्कि उनकी ईमानदारी और मूल्यों को देखकर करें। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी एवं उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा ने भी दीक्षांत समारोह में भाग लिया। तेलंगाना उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल ने समारोह की अध्यक्षता की।

सीजेआई ने कहा, यह पेशा अकेलापन देने वाला

सीजेआई ने कानूनी पेशे से जुड़ी मानसिक चुनौतियों, अकेलेपन और संरचनात्मक असमानताओं को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि यह पेशा अकसर अकेलापन देने वाला और भावनात्मक रूप से थका देने वाला हो सकता है। काम के घंटे लंबे होते हैं। अपेक्षाएं बहुत अधिक होती हैं। आप केवल सफल होने का नहीं, बल्कि सफल दिखने का भी दबाव महसूस करेंगे। कई लोग अपनी परेशानियां छिपाते हैं। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि ऐसा न करें।

: *तुमने CUTOFF क्यों किया’…..‘मैंने नहीं किया’, जानें Air India विमान क्रैश के पीछे क्या थी वजह* 

 ‘तुमने कट ऑफ क्यों किया’….. ‘ मैंने नहीं किया’! ठीक एक माह पहले अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़े बोइंग कंपनी में विनिर्मित एयर इंडिया के विशाल ड्रीमलाइनर विमान का उस समय कॉकपिट संभाल रहे दोनों पायलटों के बीच इस संवाद के क्षण भर बाद ही सब कुछ समाप्त हो गया था। यहां ‘कट ऑफ’ से मतलब विमान के दोनों इंजनों को ईंधन की आपूर्ति करने वाली प्रणाली को चालू और बंद करने के लिए कॉकपिट मे लगे दोनों स्विच बंद होने से था। पहले पायलट के प्रश्न के उत्तर में दूसरे का कहना था कि उसने स्विच बंद नहीं किए थे।

भारतीय वायुयान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएसबीआई) की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार गत 12 जून को अहमदाबाद से उड़े एयर इंडिया के बोइंग बी787-8 ड्रीमलाइनर विमान ने पूरी गति और शक्ति से सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई हड्डे की हवाई पट्टी से उड़ान भरी थी। क्षण भर में ही विमान के इंजन को तेल पहुंचाने वाली प्रणाली के दोनों स्विच सेकेंड भर के अंतर में बंद हो गए थे। तेल न मिलने से विमान तेजी से ऊंचाई खोने लगा और एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास भवन से जा टकराया।

इस दुर्घटना में विमान के यात्री को छोड़ कर चालक दल सहित उसमें बैठे सभी व्यक्तियों और छात्रावास भवन के कुछ लोगों सहित 270 लोगों की मौत हो गई। एएसबीआई की 15 पृष्ठ की इस रिपोर्ट में उड़ान भरने के 90 सेकंड के समय के भयावह घटनाक्रम का विवरण प्रस्तुत है जो उसके ब्लैक बॉक्स के रिकार्ड की जांच से सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक विमान के शुरु में ऊंचाई पकड़ने के बाद दोनों इंजन अप्रत्याशित रूप से बंद हो गए, जिससे विमान को इंजन से मिलने वाला प्रणोदक बल बहुत कम हो गया और विमान तेज़ी से नीचे आने लगा।

ब्यूरो ने कहा है, ‘डाउनलोड किए गए उड़ान डेटा में लगभग 49 घंटे का उड़ान डेटा और छह उड़ानों की जानकारी शामिल थीं, जिनमें घटना वाली उड़ान भी शामिल थी। प्राप्त ऑडियो दो घंटे लंबा था और उसमें पूरी घटना रिकॉर्ड हो गई।’ विमान के एन्हांस्ड एयरबोर्न फ़्लाइट रिकॉर्डर (ईएआरएफ) के डाटा के विश्लेषण से पता चला कि दोनों इंजनों के ईंधन कटऑफ में लगे स्विच विमान के उड़ने के कुछ ही क्षणों बाद, एक सेकंड के अंतराल पर, अनजाने में ‘रन’ (चालू) से कट-ऑप (बंद मोड) पर चले गए थे। एक पायलट को दूसरे से पूछते हुए सुना गया, ‘तुमने कटऑफ क्यों किया?’ जिस पर जवाब था, ‘मैंने नहीं किया।’

: *Divya Himachal Relief Fund : बाढ़ प्रभावितों के जख्मों पर मरहम लगाने उमड़े दानवीर* 

आपदा में सब कुछ गंवा चुके लोगों की मदद के लिए आगे आए दानवीर

इस बार बरसात ने शुरुआत में ही हिमाचल को ऐसे जख्म दिए हैं, जो कभी भी भर नहीं पाएंगे। ‘दिव्य हिमाचल’ ने बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए छोटी सी पहल की है। उसके बाद दानियों ने भी मदद के हाथ बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। इससे मंडी बाढ़ प्रभावितों को भी आस बंधनी शुरू हो गई है। गौर हो कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे और करोड़ों रुपए की संपत्ति बाढ़ की भेंट चढ़ गई।

लोगों के दुख दर्द और सरकार की मजबूरियों को समझते हुए ‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप’ ने भी मदद के हाथ बढ़ाते हुए ‘दिव्य हिमाचल सहायता कोष’ से दो लाख रुपए की प्रथम किस्त आपदा पीडि़तों को जारी करने की घोषणा की है। मीडिया गु्रप ने देश-परदेश के आमजन से आग्रह किया है कि वे भी इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग देें और आपदा प्रभावितों की मदद के लिए आगे आएं। दानी सज्जन ‘दिव्य हिमाचल सहायता कोष’ में अपने सामथ्र्य अनुसार दान दे सकते हैं। हमारी यह छोटी सी मदद पीडि़तों के नुकसान की भरपाई तो नहीं कर सकती, लेकिन उनकी तकलीफों को कुछ हद तक कम करने में जरूर मदद करेगी।

इस पते पर भेजें मदद

प्रभावितों की मदद के लिए कैश, चेक या डिमांड ड्राफ्ट ‘दिव्य हिमाचल सहायता कोष’ के नाम पर भेजें

दिव्य हिमाचल सहायता कोष, दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप, पुराना मटौर, कांगड़ा,

हि. प्र.-176001 या क्यूआर कोड स्कैन करें

हेल्पलाइन

सभी दानियों के नाम ‘दिव्य हिमाचल’ में प्रकाशित किए जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें- 70181-97293, 94184-07889, 94182-55757, 98163-24264, 78078-44144

नोट: दान की गई राशि को आयकर की धारा 80 जी के तहत छूट प्राप्त है।

: *एचआरटीसी की नई वोल्वो के रूट व टाइमिंग, यहां देखें पूरी रूट डिटेल* 

यात्रियों को मिलेगी बेहतर सफर की सुविधा

प्रदेश में एचआरटीसी की नई वोल्वो बसें आने के बाद जहां इसका बेड़ा बढ़ गया है वहीं आम जनता को भी ज्यादा सुविधा मिलने जा रही है। सरकार ने नई वोल्वो के रूट निर्धारित कर दिए हैं, जिसके बाद वोल्वो बसों की नई टाइमिंग भी जारी हो गई है। एचआरटीसी के पास वोल्वो बसों की कुल संख्या करीब 98 हो गई हैं, जिसमें कुछ बसें पुरानी हो चुकी हैं।

ऐसी 10 बसों को अब बदल दिया गया है, जिसके बाद फिलहाल एचआरटीसी के पास कुल बस रूट 40 से ऊपर के हैं। इसमें नई वोल्वो बसें भी शामिल हुई हैं, जिनके रूटों पर अब बसों को चलाना शुरू किया जा रहा है। एचआरटीसी ने चंबा से शिमला के लिए पहली बार वोल्वो बस सेवा प्रदान की है। यह काफी लंबा रूट बताया जाता है, जिस पर लोगों को सुविधा मिलेगी। इसके साथ नाहन से भी वोल्वो बस शुरू की जा रही है। फिलहाल एचआरटीसी इन पुराने रूटों पर वोल्वो बसें चला रहा है। जो बसें बंद पड़ी हैं, उनको बदला जा रहा है और उनकी जगह पर नई वोल्वो बसें दी जा रही हैं। ऐसे 10 पुराने रूट अभी बंद पड़े हैं, जिनको आने वाले दिनों में चलाया जाएगा।

: *हिमाचल स्कूली खेलों का कैलेंडर जारी; ये रहा पूरा शैड्यूल, अंडर-12 का जिक्र नहीं* 

21 अगस्त से अंडर-14 ; चार सितंबर से अंडर-19 टूर्नामेंट

अंडर-14 टूर्नामेंट के बच्चों के लिए पहली बार रिफ्रेशमेंट का भी प्रावधान

हिमाचल सरकार ने आखिरकार स्कूली खेलों का कैलेंडर जारी कर दिया है। इसमें अंडर-14 और अंडर-19 स्पोट्र्स शामिल हैं। अंडर-14 खेलें 21 और 26 अगस्त को शुरू होंगी। कैलेंडर में अंडर-12 खेलों का जिक्र नहीं है, जबकि अंडर-19 खेलों को घोषित कर दिया गया है। जारी शेड्यूल के अनुसार 21 अगस्त से अंडर-14 टूर्नामेंट और चार सितंबर से अंडर-19 टूर्नामेंट शुरू होंगे। अंडर-14 टूर्नामेंट के बच्चों को पहली बार रिफ्रेशमेंट का भी प्रावधान किया गया है। हिमाचल प्रदेश राजकीय शारीरिक शिक्षक संघ ने इस फैसले का स्वागत किया है।

शिक्षा विभाग ने कुल 24 दिन का स्पोट्र्स कैलेंडर जारी किया है, जिसमें जोनल जिला और स्टेट लेवल स्पोट्र्स शामिल हैं। जिला स्तरीय टूर्नामेंट में अंडर-14 माइनर गल्र्स का पहली सितंबर से, अंडर 14 मेजर ब्वॉयज का तीन सितंबर, माइनर ब्वॉयज का सात सितंबर, मेजर गल्र्स का नौ सितंबर और अंडर-14 बॉयज एंड गल्र्स का 18 और 21 सितंबर को टूर्नामेंट होगा। इसी तरह स्टेट लेवल टूर्नामेंट का शेड्यूल 25 सितंबर से 13 अक्तूबर तक दिया गया है। इसके लिए शिमला, मंडी, चंबा, ऊना, कांगड़ा और हमीरपुर वेन्यू तय किए गए हैं। अंडर-14 के लिए कुल 26 दिन टूर्नामेंट के लिए रखे गए हैं, जबकि अंदर-19 के लिए कुल 24 दिन टूर्नामेंट के लिए होंगे। इस शेड्यूल से यह भी स्पष्ट हो गया है कि अंडर 12 खेलें अब कैलेंडर का हिस्सा नहीं हैं।

: *ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने को महत्त्वपूर्ण पहल, साइबर क्राइम से निपटने को 38 कमांडो तैनात* 

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी में होगी स्पेशल ट्रेनिंग

प्रदेश में साइबर क्राइम से निपटने को साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में साइबर क्राइम के लगातार बढ़ रहे मामलों ने पुलिस के साथ-साथ लोगों के भी होश उड़ा रखे हैं। पढ़े-लिखे और यहां तक की सेवानिवृत्त अधिकारी भी साइबर अपराधियों के चंगुल में आकर अपनी जीवन भर की जमा पूंजी गंवा रहे हैं। ऐसे शातिर ठगों से निपटने में पुलिस की ओर से भरसक प्रयास तो किए जा रहे हैं, लेकिन बहुत हद तक कामयाबी नहीं मिल रही है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से ही साइबर अपराधियों से निपटने के लिए साइबर कमांडो ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इनमें साइबर अपराध से जुड़ी बारिकियों के साथ इससे निपटने के विभिन्न तरीकों की तकनीकी जानकारी दी जा रही है।

हिमाचल प्रदेश के 38 पुलिस जवानों को साइबर कमांडो के रूप में ट्रेनिंग देने के लिए चुना गया है। इन 38 जवानों में कमलेश, मुनीष कुमार, अक्षय गुप्ता, अजय कुमार, हरि ओम, ओंकार सिंह, पंकज कुमार, कार्तिक वालिया, अरविंद कुमार, अमित भारद्वाज, विशाल शर्मा, संजय कुमार, शुभम भंडारी, अशिष कुमार, अभिषेक कपूर, अश्वनी ठाकुर, जय सूर्याकांत परिहार, पुनीत कुमार, हरीश नायक, मोनिका कुमारी, संदीप श्याम, अशीष पठानिया, पूजा कश्यप, संजू कुमार, दीक्षित शर्मा, मयंत ठाकुर, करणदेव चौहान, सुमित सिंह, पंकज कुमार वर्मा, अशीष, मनु शर्मा, राम शर्मा, मधु शर्मा, अकाश ठाकुर, शशांक, शुभम चौहान व रोहित गुलेरिया शामिल हैं। इन्हें इनकी विशेषज्ञता के आधार पर भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा चुना गया है। साइबर कमांडो की ट्रेनिंग छह माह तक दी जाएगी। ट्रेनिंग आईआईटी मद्रास, राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी गांधीनगर और नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में होगी। डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने बताया कि साइबर कमांडो ट्रेनिंग गृह मंत्रालय की एक पहल के तहत दी जा रही है। इस ट्रेनिंग का मकसद पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को सिस्टम फोरेंसिक, साइबर अपराध का पता लगाने और रोकथाम तकनीकों में आवश्यक कौशल से लैस करना है। साइबर खतरे लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए संवेदनशील डाटा की सुरक्षा व आनलाइन धोखाधड़ी से निपटने में यह पहल बेहद महत्त्वपूर्ण है।

: *भूखे लोगों के लिए कब्रिस्तान बना गाजा, भोजन के इंतजार में 819 मौतें* 

यूएनआरडब्ल्यूए प्रमुख बोले, नरसंहार की कू्रर और चालाक योजना अंजाम दे रहा इजरायल

फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि इजरायल गाजा में नरसंहार की एक कू्रर और चालाक योजना को अंजाम दे रहा है और मई से सहायता मांगते हुए लगभग 800 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। यह रिपोर्ट अल जजीरा ने शनिवार को पेश की। यूएनआरडब्ल्यूए प्रमुख फिलिप लाजारिनी ने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हमारी निगरानी में, गाजा बच्चों और भूखे लोगों के लिए कब्रिस्तान बन गया है।

लाज़ारिनी गुरुवार को मध्य गाज़ा शहर देइर अल-बला में पोषण संबंधी पूरक आहार के लिए कतार में खड़े नौ बच्चों और चार महिलाओं सहित 15 लोगों की इजरायली सेना द्वारा हत्या पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। उनकी यह टिप्पणी गाजा पट्टी में एक और खूनी दिन पर आई है, जब चिकित्सा सूत्रों ने बताया कि राफा में जीएचएफ द्वारा संचालित सहायता केंद्र के पास 45 लोग मारे गए। विवादास्पद अमरीकी और इजरायल समर्थित जीएचएफ ने मई में अपना संचालन शुरू करने के बाद से गाजा के संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले सहायता वितरण नेटवर्क को प्रभावी ढंग से दरकिनार कर दिया है, जब इजरायल ने गाजा पर अपनी दो महीने से अधिक लंबी नाकेबंदी में ढील दी थी।

भोजन के इंतजार में 819 मौतें

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि तब से अब तक भोजन का इंतजार करते हुए 819 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 634 लोग जीएचएफ स्थलों के आसपास और 185 लोग मानवीय सहायता काफिलों के पास मारे गए हैं, जिनमें से कुछ संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित हैं। इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने मई से सात जुलाई के बीच गाजा में सहायता केंद्रों के पास 798 हत्याएं दर्ज की हैं।

: *कभी था सत्ता के करीब; आज गरीब हो गया ये होटल, अब निजी हाथों में जाएगा* 

राजसी ठाठबाट का गवाह रहा है धर्मशाला होटल

हिमाचल प्रदेश की नैसर्गिक छटा के बीच स्थित ऐतिहासिक कश्मीर हाउस कभी राजाओं की शानो-शौकत और सत्ता की गतिविधियों का केंद्र रहा है। यह भव्य होटल जिसे कभी राजा कश्मीर का महल कहा जाता था और फिर हिमाचल के मुख्यमंत्री का निवास रहा है। अब राज्य सरकार के उपक्रम एचपीटीडीसी (हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम) के एक लोकप्रिय होटल के रूप में कार्य कर रहा है और देश-विदेश के पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। यह खूबसूरत भवन, जो राजतंत्र से लेकर लोकतंत्र के सत्ता प्रमुखों का निवास रहा है, अब निजी हाथों में जाने को तैयार है। इस भव्य भवन का निर्माण सन 1935 में लाहौर के प्रसिद्ध वकील अमर नाथ सूद ने करवाया था।

सूद, जो लाहौर में अपना सारा कामकाज समेट कर धर्मशाला आ बसे थे, उन्होंने इन खूबसूरत वादियों के बीच एक ऐसा भवन बनवाया, जो आज भी अपनी भव्यता से धर्मशाला आने वाले पर्यटकों को कश्मीर सी अनुभूति करवाता है। उस समय, लाहौर और धर्मशाला में केवल दो ही कालेज थे- लाहौर कालेज जहां अंग्रेज बच्चों को शिक्षा मिलती थी और धर्मशाला कालेज जहां हिंदुस्तानी छात्र पढ़ाई करते थे। अमर नाथ सूद के पुत्र भी धर्मशाला कालेज में ही शिक्षा ग्रहण कर रहे थे और उन्हें यहां का शांत वातावरण इतना भा गया कि उन्होंने यहीं रहने का निश्चय किया। कश्मीर के राजा हरि सिंह की सुजानपुर टिहरा में सुमंगल थी और जब भी वह हिमाचल आते थे, तो आस-पास के अन्य स्थानों का भी भ्रमण करते थे। इसी दौरान, उनकी मुलाकात कांगड़ा के राजा संसार चंद कटोच की पुत्री तारा देवी से हुई। तारा देवी के सौंदर्य पर मोहित होकर राजा हरि सिंह ने उनसे विवाह करने का निश्चय किया। इसी बीच, राजा हरि सिंह धर्मशाला में रुके और उनकी मुलाकात अमर नाथ सूद से हुई। वर्ष 1963 में, राजा हरि सिंह ने यह भवन अमरनाथ सूद से 70 हजार रुपए में खरीद लिया और इसे एक राजमहल का रूप दिया। आज भी, लगभग 4985.67 वर्ग मीटर भूमि कश्मीर हाउस होटल के नाम पर है।

सत्ता का केंद्र, पर्यटन का गढ़

वर्ष 1973 में यह संपत्ति हिमाचल प्रदेश सरकार के पास आ गई। मई 1974 में, इसे पर्यटन निगम द्वारा अपने अधीन ले लिया गया और 1978 तक यह भवन कांगड़ा के डिवीजन कमिश्नर के कार्यालय के रूप में कार्य करता रहा। 1991 में, यह फिर से पर्यटक निगम के होटल के रूप में कार्य करने लगा। 10 अक्तूबर, 1994 को प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इसे अपना सरकारी आवास घोषित किया। 1994 से लेकर 31 जुलाई 1997 तक यह प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास रहा।

ऐतिहासिक होटल के भविष्य पर कई सवाल

धर्मशाला में स्थित इस पुराने और ऐतिहासिक होटल को अब प्रदेश सरकार और हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है। यह कदम कश्मीर हाउस के भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े करता है। क्या निजीकरण इस ऐतिहासिक धरोहर को नई पहचान देगा या इसकी मूल आत्मा को खत्म कर देगा।

फ्रिज का काम करती थी बावड़ी

इस भवन के साथ ही एक पानी की बावड़ी भी थी, जिसका इस्तेमाल उस समय फ्रिज के रूप में किया जाता था। बावड़ी का पानी इतना ठंडा था कि यदि किसी को दही जमाना होता, तो उसे बावड़ी में बने एक खांचे में रख दिया जाता था। महल से कुछ दूरी पर पशुओं के लिए गोशालाओं का भी निर्माण करवाया गया था।

: *इसरो के मानव अंतरिक्ष अभियान की तैयारी तेज, गगनयान की उड़ान के लिए इंजन तैयार* 

इसरो के गगनयान की उड़ान के लिए इंजन तैयार, मिशन एबॉर्ट ट्रायल सफल

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को बताया कि उसने गगनयान मिशन के लिए सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (एसएमपीएस) का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसके साथ ही इस सिस्टम के सभी जरूरी परीक्षण भी पूरे कर लिए गए हैं। शुक्रवार को इस सिस्टम का 350 सेकंड (करीब 6 मिनट) तक एक बड़ा परीक्षण किया गया। इसका मकसद यह देखना था कि अगर उड़ान के दौरान कोई गड़बड़ी हो जाए और मिशन को बीच में रोकना पड़े (जिसे ‘मिशन एबॉर्ट’ कहा जाता है), तो यह सिस्टम सही तरीके से काम करता है या नहीं।

गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिस पर काम किया जा रहा है। इसरो ने एक बयान में कहा कि हॉट परीक्षण के दौरान प्रोपल्शन सिस्टम का प्रदर्शन पूर्वानुमानों के अनुसार सामान्य रहा। इसरो के मुताबिक, गगनयान के सर्विस मॉड्यूल में एक खास सिस्टम लगाया गया है, जो दो तरह के ईंधन से चलता है। यह सिस्टम उस हिस्से को मदद करता है, जो इनसानों को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा। इसका काम रॉकेट को सही कक्षा (ऑर्बिट) में पहुंचाना, उड़ान के दौरान दिशा को नियंत्रित करना, जरूरत पडऩे पर रॉकेट की गति को धीमा करना और अगर कोई गड़बड़ी हो जाए, तो मिशन को बीच में रोककर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाना है।

चार घंटे तक परीक्षण

इस मॉडल पर इसरो ने 25 बार अलग-अलग तरह के परीक्षण किए, कुछ सामान्य हालात और कुछ मुश्किल हालातों में। ये सारे परीक्षण कुल 14,331 सेकंड (करीब चार घंटे) तक चले। इनका मकसद यह देखना था कि यह सिस्टम गगनयान इनसान को सुरक्षित ले जाने की जरूरतों पर खरा उतरता है या नहीं।

: *इसरो के मानव अंतरिक्ष अभियान की तैयारी तेज, गगनयान की उड़ान के लिए इंजन तैयार* 

इसरो के गगनयान की उड़ान के लिए इंजन तैयार, मिशन एबॉर्ट ट्रायल सफल

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को बताया कि उसने गगनयान मिशन के लिए सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (एसएमपीएस) का काम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसके साथ ही इस सिस्टम के सभी जरूरी परीक्षण भी पूरे कर लिए गए हैं। शुक्रवार को इस सिस्टम का 350 सेकंड (करीब 6 मिनट) तक एक बड़ा परीक्षण किया गया। इसका मकसद यह देखना था कि अगर उड़ान के दौरान कोई गड़बड़ी हो जाए और मिशन को बीच में रोकना पड़े (जिसे ‘मिशन एबॉर्ट’ कहा जाता है), तो यह सिस्टम सही तरीके से काम करता है या नहीं।

गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिस पर काम किया जा रहा है। इसरो ने एक बयान में कहा कि हॉट परीक्षण के दौरान प्रोपल्शन सिस्टम का प्रदर्शन पूर्वानुमानों के अनुसार सामान्य रहा। इसरो के मुताबिक, गगनयान के सर्विस मॉड्यूल में एक खास सिस्टम लगाया गया है, जो दो तरह के ईंधन से चलता है। यह सिस्टम उस हिस्से को मदद करता है, जो इनसानों को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा। इसका काम रॉकेट को सही कक्षा (ऑर्बिट) में पहुंचाना, उड़ान के दौरान दिशा को नियंत्रित करना, जरूरत पडऩे पर रॉकेट की गति को धीमा करना और अगर कोई गड़बड़ी हो जाए, तो मिशन को बीच में रोककर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापस लाना है।

चार घंटे तक परीक्षण

इस मॉडल पर इसरो ने 25 बार अलग-अलग तरह के परीक्षण किए, कुछ सामान्य हालात और कुछ मुश्किल हालातों में। ये सारे परीक्षण कुल 14,331 सेकंड (करीब चार घंटे) तक चले। इनका मकसद यह देखना था कि यह सिस्टम गगनयान इनसान को सुरक्षित ले जाने की जरूरतों पर खरा उतरता है या नहीं।

: *Ind vs Eng 3rd Test : लॉर्ड्स टेस्ट में तीसरे दिन तक बराबरी की टक्कर* 

जडेजा ने इंग्लैंड के खिलाफ 9वां और ओवरऑल 25वां अद्र्धशतक जड़ा

भारत और इंग्लैंड के बीच लाड्र्स मैदान पर खेला जा रहा टेस्ट मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है। मैच के तीसरे दिन अंतिम समाचार लिखने तक भारत ने पहली पारी में 387 रन बना लिए थे। इस आधार पर भारत की पहली पारी इंग्लैंड खिलाफ बराबरी पर छूटी। जवाब में इंग्लैड ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक बिना विकेट खोए दो रन बना लिए थे। इससे पहले भारत ने तीसरे दिन 145/3 के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया था। ऋषभ पंत (74 रन) रनआउट हुए।

नीतीश कुमार रेड्डी (30 रन) को बेन स्टोक्स, केएल राहुल (100 रन) को शोएब बशीर ने पैवेलियन का रास्ता दिखाया। रविंद्र जडेजा 72 रन बनाकर आउट हुए। उन्हें क्रिस वोक्स ने विकेटकीपर जैमी स्मिथ के हाथों कैच कराया। वहीं वाशिंगटन सुंदर ने 23 रन का योगदान दिया। इंग्लैंड ने पहली पारी में 387 रन बनाए थे। बुमराह ने पहली पारी में पांच विकेट झटके थे।

: *Air India हादसा: पायलटों ने चालू कर दिए थे दोनों ईंधन स्विच, लेकिन तब तक हो गई थी देर* 

अहमदाबाद विमान हादसे पर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पायलटों ने वायुयान में इंजनों तक तेल पहुंचाने की प्रणाली के बंद पड़े दोनों स्विच फौरन चालू कर दिए थे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई 171 (अहमदाबाद-लंदन) का संचालन प्रथम अधिकारी पीएफ (पालयलट फ्लाइट) क्लाइव कुंदर और कॉकपिट से उड़ान का प्रबंधन पायलट मॉनिटरिंग (पीएम) कैप्टन सुमित सभरवाल कर रहे थे। उड़ान के दौरान वरिष्ठ कैप्टन उड़ान की निगरानी और प्रबंधन करता है।

दुर्घटना के एक माह बाद जारी एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार उड़ान में प्रयुक्त बोइंग 787-8 विमान के दोनों इंजनों को ईंधन मिलना बंद होने से अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ने के तुरंत बाद वह ऊंचाई खोने लगा था। इसी दौरान एक पायलट ने देखा कि ईंधन प्रणाली के दोनों स्विच ऑफ हैं और उसने दूसरे से कहा कि उसने ऐसा क्यों किया। दूसरे पायलट ने कहा कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया था। रिपोर्ट के अनुसार तत्काल दोनों स्विच चालू कर दिए गए थे, लेकिन इंजन ताकत के साथ विमान को फिर ऊंचाई दे पाते कि वह एक मेडिकल कालेज छात्रावास से जा टकराया। रिपोर्ट में ईंधन कटौती से संबंधित कॉकपिट में हुई बातचीत का केवल संक्षिप्त विवरण दिया गया है। इसमें यह नहीं बताया गया है कि अमुक बात किसने की।

एएआईबी के अनुसार, “एक पायलट को दूसरे से यह पूछते हुए सुना गया कि तुमने कटौती क्यों की। दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि मैंने ऐसा नहीं किया।” रिपोर्ट के अनुसार पायलटों ने विमान को बचाने का बहादुरी से प्रयास किया। ईंधन कटौती के 10 से 14 सेकंड के भीतर, उन्होंने दोनों ईंधन स्विच को वापस ‘रन’ की स्थिति में किया। रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि विमान के दोनों इंजनों ने स्वचालित रूप से पुनः कार्य करना शुरू कर दिया, इंजन 1 में सुधार के संकेत दिखाई दिये और इंजन 2 के फिर से प्रज्वलित होने की प्रकिया होने लगी थी, लेकिन अपर्याप्त समय और कम ऊँचाई के कारण विमान को टक्कर से नहीं बचाया जा सका।

रिपोर्ट का कहना है कि जब विमान के इंजनों ने काम करना बंद किया था, उस समय वह केवल 625 फुट ऊपर था, और इंजन पुनः आरंभ करने की प्रक्रिया में 29 सेकंड से कहीं अधिक समय लगता था। आज के जेट इंजन उड़ान के दौरान पुनः चालू हो जाते हैं, लेकिन इसमें कई मिनट लग जाते हैं और इसके लिए विमान अधिक ऊंचाई पर होना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस विमान (वीटी-एएनबी) के रखरखाव का रिकॉर्ड साफ़-सुथरा था और 2023 से इसके ईंधन नियंत्रण स्विच में कोई खराबी दर्ज नहीं की गयी थी। बार-बार इसके सभी आवश्यक निरीक्षण किये जा रहे थे, और विमान विधिवत उड़ान योग्य प्रमाणित था।

इस मामले में हालांकि एक विचारणीय प्रश्न उठ रहा है कि जब अमेरिकी संघीय उड्डयन एजेंसी ने 787 मॉडल सहित बोइंग विमानों पर ईंधन नियंत्रण स्विच लॉकिंग तंत्र से जुड़ी संभावित समस्याओं के संबंध में विशेष उड़ान योग्यता सूचना बुलेटिन संख्या एनएच-18-33 वर्ष 2018 में, जारी किया था, तो उसके संदर्भ में इस विमान को लेकर क्या सावधानी बरती गयी। यह बुलेटिन उन रिपोर्टों के बाद जारी किया गया था, जिनमें कहा गया था कि बोइंग 737 विमानों पर ईंधन नियंत्रण स्विच बिना लॉकिंग सुविधाओं के लगाये गये थे। वह बुलेटिन अनिवार्य निर्देश नहीं, बल्कि केवल एक परामर्श था। एयरलाइन ने विमान के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल को 2019 और 2023 में बदला था, लेकिन यह काम ईंधन स्विच समस्याओं से संबंधित नहीं थे।

महत्वपूर्ण बात यह है कि एयर इंडिया ने अमेरिकी उड्डयन एजेंसी के बुलेटिन को आधार बना कर कोई निरीक्षण नहीं किया। एएआईबी प्राथमिक रिपोर्ट में यह बात विशेष रूप से लिखी है, “ यह रिपोर्ट प्रारंभिक है और इसमें परिवर्तन हो सकता है। ”

: *ऋषभ पंत ने रचा इतिहास, तोड़ दिया सर विवियन रिचर्ड्स का सालों पुराना यह रिकॉर्ड* 

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान में खेला जा रहा है। इस मैच में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 387 रन बनाए हैं। इसके जवाब में भारत ने अब तक तीन विकेट के नुकसान पर 250 के करीब रन लिए हैं। भारत की ओर से पंत और राहुल क्रीज पर डटे हुए हैं। एक तरफ जहां राहुल शतक के करीब पहुंच गए हैं तो वहीं पंत ने भी अपना अर्धशतक पूरा कर लिया है। पंत ने अपना अर्धशतक छक्के के साथ पूरा किया। इस छक्के के साथ ही ऋषभ पंत ने एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर डाला है।

दरअसल पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में अब तक 35 छक्के जड़ दिए हैं, जिससे उन्होंने वेस्टइंडीज के दिग्गज सर विवियन रिचर्ड्स को पीछे छोड़ दिया है, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 34 छक्के जड़े थे। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड अब पंत के नाम दर्ज हो गया है, जबिक रिजर्ड्स अब दूसरे नंबर पर आ गए हैं। लिस्ट में तीसरे नंबर पर टिम साउदी हैं जिन्होंने 30 छक्के लगाए हैं, चौथे नंबर पर 27 छक्कों के साथ जायसवाल का नाम है तो वहीं, टीम इंडिया के कप्तान शुभमन गिल 26 छक्कों के साथ पांचवें नंबर पर कायम हैं।

: *MBBS में दाखिले को NEET UG काउंसलिंग का शेड्यूल जारी, इस डेट से करें रजिस्ट्रेशन* 

21 जुलाई से शुरू होंगे रजिस्ट्रेशन, 12.36 लाख छात्रों ने पास की है परीक्षा

एमबीबीएस और बीडीएस दाखिले के लिए एमसीसी यानी मेडिकल काउंसिलिंग कमेटी ने नीट यूजी 2025 काउंसिलिंग का शेड्यूल जारी कर दिया है। मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में दाखिले को लेकर होने वाली काउंसिलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन 21 जुलाई से शुरू होंगे। एमसीसी काउंसिलिंग 2025 विभिन्न राज्यों में 15 फीसदी ऑल इंडिया कोटा सीटों और एएमयू, बीएचयू, जेएमआई और ईएसआईसी की 100 फीसदी सीटों के लिए आयोजित की जाती है। नीट क्वॉलिफाइड अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट mcc.nic.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। नीट यूजी 2025 में बैठने वाले 22.09 लाख छात्रों में से 12.36 लाख ने परीक्षा पास की है। लेकिन एनएमसी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश कुल 780 मेडिकल कॉलेजों (सरकारी और प्राइवेट दोनों) में एमबीबीएस की महज 1,18,190 सीटें ही हैं। नीट के माध्यम से ही देश भर के मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में संचालित एमबीबीएस, बीडीएस कोर्सेज में दाखिला मिलता है। इसके अलावा बीएएमएस, बीएचएमएस, बीवीएससी, बीयूएमएस, बीएससी नर्सिंग जैसे कोर्सेज में भी इससे दाखिला मिलता है। नीट 2025 काउंसिलिंग को दो टाइप में बांटा जा सकता है, 15 प्रतिशत ऑल इंडिया कोटा सीट और 85 प्रतिशत राज्य कोटा सीट। एमसीसी ऑल इंडिया कोटा सीटों के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया आयोजित करता है, वहीं राज्य काउंसिलिंग अथॉरिटी नीट स्टेट कोटा काउंसिलिंग प्रक्रिया करवाते हैं।

दस्तावेजों की सूची

1. नीट यूजी 2025 एडमिट कार्ड और रिजल्ट स्कोरकार्ड

2. कक्षा 10वीं और 12वीं की मार्कशीट और सर्टिफिकेट

3. जन्म प्रमाण पत्र

4. कैटेगरी प्रमाण पत्र

5. निवास प्रमाणपत्र (राज्य कोटा

के लिए)

6. पासपोर्ट साइज फोटो

7. आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र

8. माइग्रेशन सर्टिफिकेट (अगर लागू हो तो)

एमसीसी इन सीटों की करवाएगी काउंसिलिंग

एमसीसी 15 फीसदी ऑल इंडिया कोटा (एआईक्यू) सीटों, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की 100 फीसदी एमबीबीएस व बीडीएस सीटों, एम्स, जेआईपीएमईआर (जिपमर), एएमयू में 100 फीसदी एमबीबीएस सीटों और डीयू, आईपी विश्वविद्यालय, वीएमएमसी और एबीवीआईएमएस में 15 फीसदी ऑल इंडिया कोटा सीटों को लेकर मेडिकल सीटें भरने के लिए नीट यूजी काउंसिलिंग 2025 आयोजित करेगी।

780 मेडिकल कालेजों में 1,18,190 एमबीबीएस सीटें

हमारे देश में 780 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1,18,190 सीटें उपलब्ध हैं। देश में मेडिकल एजुकेशन, मेडिकल प्रोफेशनल्स, संस्थान व रिसर्च की निगरानी करने वाली संस्थान एनएमसी के मुताबिक देश में सर्वाधिक 12545 एमबीबीएस सीटें कर्नाटक और उसके बाद 12475 यूपी में हैं। तमिलनाडु में 12050 और महाराष्ट्र में 11,846 एमबीबीएस सीटें हैं। इसके बाद तेलंगाना में 9040, गुजरात में 7250, आंध्र प्रदेश में 6785, राजस्थान में 6476, पश्चिम बंगाल में 5676, मध्य प्रदेश में 5200 और केरल में 4905 एमबीबीएस सीटें हैं। बिहार में 2995, ओडिशा में 2725, छत्तीसगढ़ में 2255, हरियाणा में 2185, पंजाब में 1850, पुडुचेरी में 1830, असम में 1650, दिल्ली में 1497 और उत्तराखंड में 1400 सीटें हैं।

: *ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने को महत्त्वपूर्ण पहल, साइबर क्राइम से निपटने को 38 कमांडो तैनात* 

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी में होगी स्पेशल ट्रेनिंग

प्रदेश में साइबर क्राइम से निपटने को साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में साइबर क्राइम के लगातार बढ़ रहे मामलों ने पुलिस के साथ-साथ लोगों के भी होश उड़ा रखे हैं। पढ़े-लिखे और यहां तक की सेवानिवृत्त अधिकारी भी साइबर अपराधियों के चंगुल में आकर अपनी जीवन भर की जमा पूंजी गंवा रहे हैं। ऐसे शातिर ठगों से निपटने में पुलिस की ओर से भरसक प्रयास तो किए जा रहे हैं, लेकिन बहुत हद तक कामयाबी नहीं मिल रही है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से ही साइबर अपराधियों से निपटने के लिए साइबर कमांडो ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इनमें साइबर अपराध से जुड़ी बारिकियों के साथ इससे निपटने के विभिन्न तरीकों की तकनीकी जानकारी दी जा रही है।

हिमाचल प्रदेश के 38 पुलिस जवानों को साइबर कमांडो के रूप में ट्रेनिंग देने के लिए चुना गया है। इन 38 जवानों में कमलेश, मुनीष कुमार, अक्षय गुप्ता, अजय कुमार, हरि ओम, ओंकार सिंह, पंकज कुमार, कार्तिक वालिया, अरविंद कुमार, अमित भारद्वाज, विशाल शर्मा, संजय कुमार, शुभम भंडारी, अशिष कुमार, अभिषेक कपूर, अश्वनी ठाकुर, जय सूर्याकांत परिहार, पुनीत कुमार, हरीश नायक, मोनिका कुमारी, संदीप श्याम, अशीष पठानिया, पूजा कश्यप, संजू कुमार, दीक्षित शर्मा, मयंत ठाकुर, करणदेव चौहान, सुमित सिंह, पंकज कुमार वर्मा, अशीष, मनु शर्मा, राम शर्मा, मधु शर्मा, अकाश ठाकुर, शशांक, शुभम चौहान व रोहित गुलेरिया शामिल हैं। इन्हें इनकी विशेषज्ञता के आधार पर भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा चुना गया है। साइबर कमांडो की ट्रेनिंग छह माह तक दी जाएगी। ट्रेनिंग आईआईटी मद्रास, राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी गांधीनगर और नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में होगी। डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने बताया कि साइबर कमांडो ट्रेनिंग गृह मंत्रालय की एक पहल के तहत दी जा रही है। इस ट्रेनिंग का मकसद पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को सिस्टम फोरेंसिक, साइबर अपराध का पता लगाने और रोकथाम तकनीकों में आवश्यक कौशल से लैस करना है। साइबर खतरे लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए संवेदनशील डाटा की सुरक्षा व आनलाइन धोखाधड़ी से निपटने में यह पहल बेहद महत्त्वपूर्ण है।

: *आयुर्वेदिक विभाग में 394 पदों पर निकली भर्ती, ये रहेगी शैक्षणिक योग्यता* 

युवाओं के लिए आयुर्वेदिक विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने का सुनहरा मौका सामने आया है। केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने लोअर डिवीजन क्लर्क, स्टेनोग्राफर, स्टाफ नर्स, रिसर्च ऑफिसर और मल्टी टास्किंग स्टाफ समेत कुल 394 पदों पर बंपर भर्ती निकाली है। आवेदन की प्रक्रिया पहली जुलाई, 2025 से शुरू हो चुकी है और अंतिम तिथि 31 अगस्त, 2025 तय की गई है। सीसीआरएएस की यह भर्ती ग्रुप ए, बी और सी श्रेणियों के तहत की जा रही है। इच्छुक उम्मीदवार सीसीआरएएस की आधिकारिक वेबसाइट ccras.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस भर्ती में सबसे ज्यादा वैकेंसी मल्टी टास्किंग स्टाफ के लिए हैं, जिनकी संख्या 179 है। इसके अलावा लोअर डिवीजन क्लर्क (37 पद), अप्पर डिवीजन क्लर्क (39 पद), स्टेनोग्राफर ग्रेड-1 (10 पद), स्टाफ नर्स (14 पद), फार्मासिस्ट, ड्राइवर, रिसर्च असिस्टेंट, रिसर्च ऑफिसर (आयुर्वेद/पैथोलॉजी) समेत कई अहम पद शामिल हैं। यदि कोई अभ्यर्थी आवेदन प्रक्रिया के दौरान कोई गलती कर देता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। सीसीआरएएस ने ऐसी स्थिति के लिए एक संशोधन विंडो की व्यवस्था की है, जो तीन सितंबर, 2025 को सुबह 10 बजे से शुरू होकर पांच सितंबर, 2025 को शाम 6 बजे तक खुली रहेगी।

योग्यता और आयुसीमा— इन पदों के लिए योग्यता 10वीं, 12वीं, आईटीआई, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, एमडी/एमएस, बीएससी, एमएससी और एमफॉर्मा तक निर्धारित की गई है। उम्मीदवारों की उम्र सीमा न्यूनतम 27 वर्ष से अधिकतम 40 वर्ष तय की गई है।

आवेदन शुल्क— सीसीआरएएस भर्ती 2025 के तहत अलग-अलग ग्रुप के पदों के लिए आवेदन शुल्क भी अलग-अलग तय किया गया है। ग्रुप-ए के पदों पर आवेदन करने वाले सामान्य और ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों को 1000 रुपए के साथ 500 रुपये प्रोसेसिंग फीस देनी होगी। वहीं ग्रुप बी के लिए 500 रुपए आवेदन शुल्क और 200 रुपए प्रोसेसिंग फीस निर्धारित की गई है। ग्रुप सी के पदों के लिए सामान्य और ओबीसी अभ्यर्थियों को 200 रुपए आवेदन शुल्क के साथ 100 रुपए प्रोसेसिंग फीस देनी होगी। खास बात यह है कि एससी, एसटी, पीडब्ल्यूडी, ईडब्ल्यूएस, महिलाओं और पूर्व सैनिकों के लिए आवेदन पूरी तरह नि:शुल्क रखा गया है।

: *सराज में 241 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त, मुकेश बोले- बहाली का काम युद्ध स्तर पर जारी* 

उप-मुख्यमंत्री एवं जल शक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सराज विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में आई आपदा के कारण जल शक्ति विभाग की 241 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं और इनकी बहाली का कार्य विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक 150 योजनाओं को आंशिक रूप से बहाल किया गया है, जबकि शेष योजनाओं को शीघ्र बहाल करने के लिए विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी दिन-रात दुर्गम परिस्थितियों में कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि योजनाओं की मरम्मत के लिए अनुकूल मौसम के बावजूद दुर्गम से दुर्गम क्षेत्रों में लोगों को स्वच्छ एवं निर्बाध पेयजल सुनिश्चित करवाने के दृष्टिगत कार्य किया जा रहा है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वह स्वयं राहत एवं बचाव कार्यों तथा क्षतिग्रस्त योजनाओं की बहाली के कार्यों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं तथा ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में लोगों को पेयजल सहित अन्य आवश्यक सामग्री सुनिश्चित करना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

: *कांगड़ा बस स्टैंड पर छेड़छाड़ मामला: 5 और आरोपी हिरासत में, कुल 6 गिरफ्तारियां* 

कांगड़ा बस स्टैंड पर 11 जुलाई की रात एक महिला के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले में कांगड़ा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच और आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। इसके साथ ही इस मामले में अब तक कुल 6 लोगों को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। यह घटना 11 जुलाई की रात को प्रकाश में आई, जब पुलिस को 112 पर एक कॉल के माध्यम से बस स्टैंड पर एक महिला के साथ छेड़छाड़ की सूचना मिली। सूचना मिलते ही कांगड़ा पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और पीडि़ता का बयान दर्ज किया। उसी रात भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 75 (छेड़छाड़), 115(2) (गलत तरीके से रोकने या अवरोधित करने का प्रयास) और 3(5) (आपराधिक साजिश या उकसाना) के तहत एक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए अगले दिन सुबह ही पहले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।

इस संवेदनशील मामले में कांगड़ा पुलिस ने न केवल आरोपियों की गिरफ्तारी में तेजी दिखाई है, बल्कि पीडि़ता और उसके परिवार की सुरक्षा और सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा है। थाना प्रभारी (एसएचओ) कांगड़ा और उनकी टीम ने पीडि़ता और उसके परिवार को सुरक्षित आवास और भोजन उपलब्ध कराया है, जो पुलिस की संवेदनशीलता और जनता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उधर, एसएसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री का कहना है कि कांगड़ा पुलिस ने इस मामले में अपनी त्वरित कार्रवाई और जनता की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। आगे की जांच जारी है और पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी हुई है।

: *दलाई लामा 45 दिवसीय लद्दाख यात्रा पर रवाना* 

 तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा शनिवार सुबह मकलोडगंज स्थित अपने आवास से 45 दिवसीय लद्दाख यात्रा पर रवाना हो गए हैं। दो साल में यह उनकी पहली लद्दाख यात्रा है, जिसे लेकर संबंधित क्षेत्र में खासा उत्साह है। लद्दाख रवाना होने से पहले, दलाई लामा ने हाल ही में अपने 90वें जन्मदिन पर मिली शुभकामनाओं के लिए दुनिया भर से हज़ारों लोगों के समारोह में शामिल होने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह देखना उत्साहजनक था।

अपनी यात्रा के दौरान, दलाई लामा सबसे पहले लद्दाख की ऊंचाई के अनुकूल होने के लिए कुछ दिनों तक आराम करेंगे। उनके कार्यक्रम में लेह और आसपास के क्षेत्रों में कई सार्वजनिक प्रवचन और निजी कार्यक्रम शामिल हैं। इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ज़ांस्कर का दौरा होगा, जो अपने प्राचीन मठों और संरक्षित बौद्ध विरासत के लिए प्रसिद्ध एक दूरस्थ और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। लद्दाख बौद्ध संघ के अध्यक्ष त्सेरिंग दोरजे ने दलाई लामा की इस यात्रा पर “बहुत खुशी” व्यक्त की। उन्होंने हिमालयी क्षेत्र में दलाई लामा की उपस्थिति के गहन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। संघ ने अपने पूज्य नेता के भव्य स्वागत के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं।

गौरतलब है कि दलाई लामा ने जुलाई 2024 में संयुक्त राज्य अमरीका में घुटने की सर्जरी के कारण लद्दाख की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी थी। इसके बाद के महीनों में, लद्दाख के धार्मिक और सामुदायिक नेता निमंत्रण को नवीनीकृत करने के लिए उनके कार्यालय के साथ सक्रिय संपर्क में रहे, जिसे अंततः उन्होंने स्वीकार कर लिया। अक्टूबर 2024 में, एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल—जिसमें लद्दाख गोनपा एसोसिएशन के थिक्से रिनपोछे, त्सेरिंग दोरजे, त्सेरिंग अंगदस और लद्दाख युवा संघ के जिग्मेट रबतन शामिल थे—ने 2025 की यात्रा के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए दलाई लामा से उनके धर्मशाला स्थित आवास पर मुलाकात की थी।

वर्तमान यात्रा के दौरान, दलाई लामा बौद्ध दर्शन, सार्वभौमिक करुणा और सर्वधर्म सद्भाव पर केंद्रित शिक्षाएं देंगे—ऐसे मूल्य जिन्हें उन्होंने जीवन भर निरंतर बढ़ावा दिया है। उनकी इस यात्रा से लद्दाख में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को नया प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।

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*चंबा में आज बिजली रहेगी बंद*

चंबा। बिजली बोर्ड उपमंडल नंबर-एक व दो चंबा के 11केवी सिटी फीडर वन व टू, 11केवी पक्काटाला फीडर, 11केवी फीडर खजियार व सरोल के अधीन उठाउ पेयजल योजना की लाइन बनाने हेतु तेरह व पंद्रह जुलाई को सिटी फीडर वन के तहत सुल्तानपुर, ओबडी, माई का बाग, रूफला, घांगनी, चंबी, औद्योगिक नगर बालू, तडोली, परेल, पीडब्ल्यूडी आफिस, एचआटीसी वर्कशाप, लोअर जुलाहकड़ी और सिटी फीडर टू के तहत हटनाला, बनगोटू, चमेशनी, अप्पर कसाकडा, सर्किट हाउस, कोर्ट काम्प्लेक्स, डीसी आफिस, भियोड व बन्नू, 11 केवी फीडर पक्काटाला के तहत पक्काटाला, सिविल अस्पताल, जनसाली, रामगढ़, कश्मीरी व चरपट में बिजली आपूर्ति सवेरे नौ से शाम पांच बजे या कार्य समाप्ति तक बाधित रहेगी। इसके अलावा खजियार फीडर के तहत मंगला, साच, खज्जियार, बसोधन, तलाई, टपून, सरोडी, द्रम्मण, मियाडीगला, बेधन, रठियार व सरोल फीडर के तहत सरोल, घोल्टी, नखली, भद्रम, सिद्धपुरा, राजपुरा व तडोली में भी बिजली आपूर्ति इस अवधि में बाधित रहेगी।

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*चंबा के चुराह में गलत दवाई खाने से गई जान*

मानसिक तौर से परेशान चल रहा था मान सिंह; मामला दर्ज, जांच में जुटी पुलिस

चुराह उपमंडल ग्राम पंचायत बिहाली में गलत दवा का सेवन करने से व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान मान सिंह निवासी गांव जंजोग के तौर पर की गई है, जोकि पिछले काफी समय मानसिक तौर से परेशान चल रहा था। पुलिस ने शनिवार को शव का मेडिकल कालेज चंबा में पोस्टमार्टम करवाने के उपरांत परिजनों के हवाले कर दिया है। पुलिस ने घटना की रपट रोजनामचे में डालकर विस्तृत कारणों की जांच आरंभ कर दी है। जानकारी के अनुसार मान सिंह की गलत दवा का सेवन करने से तबीयत बिगड़ गई। इस पर परिजनों ने तुरंत मान सिंह को उठाकर सिविल अस्पताल तीसा पहुंचाया। जहां मौजूद चिकित्सक ने मान सिंह को मृत घोषित करार दे दिया।

इस दौरान सूचना पाते ही तीसा पुलिस थाना से टीम ने अस्पताल पहुंचकर शव को कब्जे में लेने के साथ ही रिश्तेदारों के बयान दर्ज किए। उनके अनुसार मान सिंह पिछले कुछ वर्षों से मानसिक तौर से परेशान होने के चलते दवा का सेवन करता था। ऐसे में गत रोज मान सिंह की गलत दवा का सेवन करने से मौत हो गई। फिलहाल उन्होंने मान सिंह की मौत को लेेकर किसी तरह का संदेह जाहिर नहीं किया है। पुलिस ने इस संदर्भ में बीएनएसएस की धारा 194 के तहत कार्रवाई अमल में लाई है। उधर, एसपी चंबा अभिषेक यादव ने बताया कि घटना को लेकर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

रावी में कूदे बुजुर्ग का नहीं लगा कोई सुराग

चंबा। करिया से सटे भडियां पुल से रावी नदी में कूदकर लापता हुए बुजुर्ग का शनिवार तीसरे दिन भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। परिजन पिछले तीन दिनों से लापता बुजुर्ग को रावी नदी के हरसंभावित जगह तलाश रहे हैं। मगर रावी नदी का पानी मटमैला व बहाव तेज होने के चलते फिलहाल बुजुर्ग का कोई पता नहीं चल पाया

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*कांगड़ा बस स्टैंड पर छेड़छाड़ मामला: 5 और आरोपी हिरासत में, कुल 6 गिरफ्तारियां*

कांगड़ा बस स्टैंड पर 11 जुलाई की रात एक महिला के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले में कांगड़ा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच और आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। इसके साथ ही इस मामले में अब तक कुल 6 लोगों को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। यह घटना 11 जुलाई की रात को प्रकाश में आई, जब पुलिस को 112 पर एक कॉल के माध्यम से बस स्टैंड पर एक महिला के साथ छेड़छाड़ की सूचना मिली। सूचना मिलते ही कांगड़ा पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और पीडि़ता का बयान दर्ज किया। उसी रात भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 75 (छेड़छाड़), 115(2) (गलत तरीके से रोकने या अवरोधित करने का प्रयास) और 3(5) (आपराधिक साजिश या उकसाना) के तहत एक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए अगले दिन सुबह ही पहले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।

इस संवेदनशील मामले में कांगड़ा पुलिस ने न केवल आरोपियों की गिरफ्तारी में तेजी दिखाई है, बल्कि पीडि़ता और उसके परिवार की सुरक्षा और सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा है। थाना प्रभारी (एसएचओ) कांगड़ा और उनकी टीम ने पीडि़ता और उसके परिवार को सुरक्षित आवास और भोजन उपलब्ध कराया है, जो पुलिस की संवेदनशीलता और जनता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उधर, एसएसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री का कहना है कि कांगड़ा पुलिस ने इस मामले में अपनी त्वरित कार्रवाई और जनता की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। आगे की जांच जारी है और पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी हुई है।

: *सामने कांच पर फास्टैग नहीं लगाने वाले ब्लैकलिस्ट होंगे:* हाथ से फास्टैग दिखाने वालों पर सरकार सख्त

'लूज फास्टैग’ रखने वाले यूजर्स को अब ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। जानबूझकर फास्टैग को गाड़ी की विंडस्क्रीन पर न लगाने वाले हाईवे यूजर्स को ‘लूज फास्टैग’ या ‘टैग-इन-हैंड’ कहा जाता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, इससे ई-टोल कलेक्शन सिस्टम में गड़बड़ी आती है और बाकी यात्रियों को परेशानी होती है।

सामने कांच पर फास्टैग नहीं लगाने वाले ब्लैकलिस्ट होंगे:हाथ से फास्टैग दिखाने वालों पर सरकार सख्त, जानें क्या हैं नए नियम

नई दिल्ली18 घंटे पहले

NHAI ने फास्टैग के दुरुपयोग को रोकने के लिए ये नियम लागू किया है। (फाइल फोटो)

NHAI ने फास्टैग के दुरुपयोग को रोकने के लिए ये नियम लागू किया है। (फाइल फोटो)

‘लूज फास्टैग’ रखने वाले यूजर्स को अब ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। जानबूझकर फास्टैग को गाड़ी की विंडस्क्रीन पर न लगाने वाले हाईवे यूजर्स को ‘लूज फास्टैग’ या ‘टैग-इन-हैंड’ कहा जाता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, इससे ई-टोल कलेक्शन सिस्टम में गड़बड़ी आती है और बाकी यात्रियों को परेशानी होती है।

यहां कुछ सवालों के जरिए समझें इसका आप पर क्या असर होगा...

1. सवाल: फास्टैग को लेकर NHAI ने क्या नया नियम बनाया है?

जवाब: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने फास्टैग के दुरुपयोग को रोकने के लिए ये नियम लागू किया है। अब अगर कोई ड्राइवर फास्टैग को गाड़ी की विंडशील्ड पर नहीं चिपकाता और उसे हाथ में रखकर (जिसे 'लूज फास्टैग' या 'टैग-इन-हैंड' कहते हैं) टोल प्लाजा पर दिखाता है, तो उसका फास्टैग ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

2. सवाल: ऐसा नियम क्यों लाया गया है?

जवाब: कुछ ड्राइवर जानबूझकर फास्टैग को विंडस्क्रीन पर नहीं चिपकाते। वे इसे हाथ से दिखाकर स्कैन कराते हैं। इससे ज्यादा समय लगता है और टोल प्लाजा पर जाम लगता है। इससे दूसरे यात्रियों को भी परेशानी होती है।

इसके अलावा कुछ ड्राइवर एक ही फास्टैग को कई गाड़ियों के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं। इससे टोल से गुजरने वाली गाड़ियों का डेटा मिस मैच होता है। यह गैर कानूनी है।

3. सवाल: यह नियम कब से लागू हो रहा है?

जवाब: NHAI ने 11 जुलाई 2025 को इसकी घोषणा की थी। टोल कलेक्शन एजेंसियों को तुरंत ऐसे फास्टैग की रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है, जिसके आधार पर NHAI फास्टैग को ब्लैकलिस्ट करेगी।

4. सवाल: यह नियम क्यों इतना जरूरी है?

जवाब: NHAI जल्द ही 'एनुअल पास सिस्टम' और 'मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF)' टोलिंग शुरू करने वाली है। इन नए सिस्टम्स में फास्टैग की सही स्थिति बहुत जरूरी है, ताकि टोल कलेक्शन बिना रुकावट हो और सिस्टम की विश्वसनीयता बनी रहे।

5. सवाल: अगर कोई ड्राइवर 'लूज फास्टैग' इस्तेमाल करता पकड़ा गया तो क्या होगा?

जवाब: NHAI ने टोल कलेक्शन एजेंसियों को एक खास ईमेल ID दी है, जिसके जरिए वे तुरंत ऐसे फास्टैग की जानकारी दे सकते हैं। इसके बाद NHAI उस फास्टैग को ब्लैकलिस्ट या हॉटलिस्ट कर देगी, जिससे वह काम करना बंद कर देगा।

: *Himachal : बिना शर्त आपदा राहत पैकेज दे केंद्र* 

मुख्यमंत्री सुक्खू बोले, पहले भी नहीं आई थी पूरी मदद, राहत पर राज्य ने खर्चे थे 4500 करोड़

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि केंद्र सरकार को आपदाग्रस्त प्रदेश के लिए बिना शर्त राहत पैकेज देना चाहिए, ताकि प्रभावितों की जल्द से जल्द मदद की जा सके। उन्होंने कहा कि पिछली आपदा में केंद्र सरकार की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया था, जिसमें यह अनुमान लगाया गया था कि प्रदेश को लगभग 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके बावजूद पोस्ट डिजास्टर नीड असेस्मेंट के तहत हमें अब तक केवल कुछ ही राशि प्राप्त हुई है। राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से 2023-24 में प्रभावित परिवारों को 4,500 करोड़ रुपए का विशेष आपदा राहत पैकेज दिया। हमारी अपेक्षा थी कि केंद्र सरकार उस राशि की पूरी भरपाई करेगी, लेकिन भारत सरकार ने सिर्फ 2006 करोड़ की मंजूरी दी है, जिसमें से भी 25 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार का है। इस पैसे को जारी करने के लिए भी कई तरह की शर्तें लगा दी गई हैं और प्रोजेक्ट प्रोपोजल मांगे जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि बिना किसी शर्त के राहत पैकेज प्रदान किया जाए, ताकि सहायता सीधे प्रभावित परिवारों तक पहुंचाई जा सके।

राज्य सरकार 2023 में हुई क्षति का पुनर्निर्माण अपने संसाधनों से भी कर चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा ने हमें गहरे जख्म दिए हैं। मैंने लोगों की आंखों में वह पीड़ा देखी है, जो अपनों को खोने का असहनीय दु:ख देती है। सरकार ने आपदा की फौरी राहत के लिए महत्त्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। हम घर बनाएंगे, पशुओं का मुआवजा देंगे और बच्चों की पढ़ाई भी बाधित नहीं होने देंगे। हम वह हर कार्य करेंगे, जो आपको संबल दे, भरोसा दे और फिर से आगे बढऩे की ताकत दे, लेकिन केंद्र सरकार को अपने आपदा राहत देने के तरीके पर विचार करना चाहिए।

बादल फटने की घटनाओं पर हो शोध

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा है कि बादल फटने जैसी घटनाओं के पीछे के वैज्ञानिक और पर्यावरणीय कारणों का गहराई से अध्ययन किया जाना समय की आवश्यकता है। ऐसा अध्ययन आपदा प्रबंधन की रणनीतियों को सशक्त बनाने के साथ-साथ हमें पर्यावरणीय असंतुलनों को समझने और भविष्य की चुनौतियों के प्रति तैयार रहने में सक्षम बनाएगा। हिमाचल में लगभग मानसून के हर सीजन में अब नुकसान हो रहा है। जिन राज्यों में बिजली परियोजनाओं के लिए बड़े बांध बने हैं, वहां इस तरह की स्टडी की सही मायनों में जरूरत है।

आज चंडीगढ़ से दिल्ली पहुंचेंगे सीएम

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू रविवार सुबह चंडीगढ़ रवाना हो गए। सोमवार सुबह वह चंडीगढ़ से दिल्ली जाएंगे। दिल्ली में मुख्यमंत्री अगले दो दिन हिमाचल से संबंधित मामले उठाएंगे। सोमवार को वह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करने वाले हैं, जिसमें राज्य के लिए अतिरिक्त लोन की मांग तर्क सहित की जाएगी। आपदा राहत मेकैनिज्म को लेकर मुख्यमंत्री केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री की मुलाकात वित्त आयोग के अध्यक्ष डा. अरविंद पनगढिय़ा से भी तय हुई है

: *Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का ऐलान, पंजाब में बनेंगे 13000 अत्याधुनिक स्टेडियम* 

मुख्यमंत्री भगवंत मान बोले, राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने से रुकेगी नशे की लत

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने रविवार को ऐलान किया किराज्य सरकार जल्द ही पूरे पंजाब में 13000 अत्याधुनिक स्टेडियमों का निर्माण शुरू करेगी, जिनमें से पहले चरण के तहत 3083 स्टेडियमों का निर्माण कार्य पहले ही चल रहा है। अपने सरकारी आवास पर मीडियाकर्मियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कहावत सभी जानते हैं कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है, इसलिए राज्य सरकार द्वारा पंजाब के युवाओं की असीम ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाने के लिए खेलों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसका उद्देश्य राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और युवाओं को नशे की लत से दूर रखना है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये स्टेडियम पूरे राज्य में, खासकर गांव स्तर पर खेल भावना को प्रोत्साहित करने में अधिक सहायक होंगे। मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकारों ने खेल के बुनियादी ढांचे के विकास या युवाओं के रोजगार पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके परिणामस्वरूप पूरे राज्य में नशे का कारोबार बिना किसी रोकटोक के इतने बड़े पैमाने पर फैल गया और पंजाब के कई युवा नशे के आदी हो गए।

भगवंत सिंह मान ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई नशा विरोधी मुहिम के कारण राज्य की स्थिति अब दिन-ब-दिन बदल रही है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि युवाओं को खेलों से जोडऩे और उन्हें नशे से दूर रखने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब के प्रत्येक गांव में आधुनिक खेल सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक ऐतिहासिक मिशन शुरू किया है। राज्य सरकार युवाओं को रोजगार के अवसर और विश्व स्तरीय खेल सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले होनहार खिलाडिय़ों को इन नई सुविधाओं में उभरते खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने के लिए कोच के रूप में नियुक्त किया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने पुष्टि की कि पंजाब सरकार राज्य की खोई हुई शान को बहाल करने के अपने प्रयासों में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भले ही पिछली सरकारों ने खेल के बुनियादी ढांचे की पूरी तरह उपेक्षा की, फिर भी कई खिलाड़ी अपनी व्यक्तिगत दृढ़ता और मेहनत से नाम कमाने में सफल रहे। खेल प्रेमी और राज्य के मुखिया होने के नाते उन्होंने राज्य के युवाओं को नशे से दूर रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। भगवंत सिंह मान ने आशा व्यक्त की कि इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम मिलेंगे, जिससे पंजाब के युवा हर क्षेत्र में राज्य का नाम रोशन करेंगे।

: *कसाब को फांसी दिलाने वाले निकम जाएंगे राज्यसभा, राष्ट्रपति ने पूर्व राजनयिक समेत चार लोग किए मनोनीत* 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व राजनयिक हर्ष शाृंगला समेत चार लोग किए मनोनीत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। इनमें पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को फांसी दिलाने वाले वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम, पूर्व राजनयिक हर्ष शृंगला, इतिहासकार मीनाक्षी जैन और समाजसेवी सदानंदन मास्टर के नाम शामिल हैं। इस लिस्ट में विशेष रूप से हर्ष शृंगला और उज्ज्वल निकम के नामों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए पहचाने जाते है। हर्ष शृंगला भारत के पूर्व विदेश सचिव रह चुके हैं और अमरीका में भारत के राजदूत के तौर पर भी सेवाएं दे चुके हैं। उन्हें कूटनीति और रणनीतिक मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। वहीं उज्ज्वल निकम देश के जाने-माने विशेष सरकारी वकीलों में गिने जाते हैं, जिन्होंने कई हाई-प्रोफाइल और आतंकवाद से जुड़े मामलों में प्रभावशाली भूमिका निभाई है। 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के केस में उन्हें राज्य सरकार की ओर से विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया गया, जो उनके करियर का बड़ा मोड़ साबित हुआ। निकम ने टाडा अदालत में 14 साल से अधिक समय तक सेवाएं दीं और आतंकवाद से जुड़े मामलों में अभियोजन का नेतृत्व किया। उनका सबसे चर्चित मामला रहा 2008 का 26/11 मुंबई हमला, जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब के खिलाफ राज्य सरकार का पक्ष मजबूती से रखा।

बाद में निकम ने खुलासा किया कि कसाब द्वारा जेल में मटन बिरयानी की मांग वाली बात उन्होंने जानबूझकर मीडिया के सामने फैलाई थी, ताकि जनता के गुस्से को सही दिशा मिल सके। यह बयान लंबे समय तक चर्चा में रहा। उधर, डा. मीनाक्षी जैन मध्यकालीन और औपनिवेशिक भारत की एक प्रख्यात इतिहासकार हैं। वह वर्तमान में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद की वरिष्ठ फेलो हैं। साल 2020 में डा. मीनाक्षी जैन को उनके योगदान के लिए भारत सरकार से पद्मश्री पुरस्कार मिला था। इसी तरह सदानंदन मास्टर शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में दशकों से कार्यरत हैं। उन्होंने विशेषकर वंचित वर्गों, अनुसूचित जातियों और जनजातियों के बीच शिक्षा और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा दिया है। उनकी छवि एक जमीनी स्तर पर काम करने वाले निष्ठावान कार्यकर्ता की है। ये नियुक्तियां उन सीटों के लिए की गई हैं, जो पहले के नामित सदस्यों के सेवानिवृत्त होने से खाली हुई थीं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80(3) के तहत, राष्ट्रपति को राज्यसभा में 12 सदस्यों को नॉमिनेट करने का अधिकार है। ये सदस्य कला, साहित्य, विज्ञान, सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में विशेष योगदान के लिए चुने जाते हैं। वर्तमान में राज्यसभा की कुल सदस्य संख्या 245 है, जिसमें 233 निर्वाचित और 12 नामांकित सदस्य शामिल हैं।

पीएम मोदी ने दी बधाई

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वश्री उज्जवल निकम, हर्षवर्धन शाृंगला, सी सदानंद मास्टर और डा. मीनाक्षी जैन का राज्यसभा के लिए मनोनयन का स्वागत करते हुए उन्हें हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। श्री मोदी ने इन हस्तियों के सार्वजनिक जीवन में योगदान का उल्लेख करते हुए संसद में उनके सफल कार्यकाल की कामना की।

: *Monsoon : मॉनसून के निशाने पर कांगड़ा और सिरमौर, इस दिन के लिए जारी हुआ ऑरेंज अलर्ट* 

भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी

-मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

-16 जुलाई को 10 जिलों में भारी बारिश

मॉनसून के निशाने पर इस बार कांगड़ा और सिरमौर जिला हैं। यहां के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट दिया है। 14 जुलाई सोमवार को इन दो जिलों के लिए यह अलर्ट दिया गया है जहां अधिकांश स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। इस चेतावनी के साथ मौसम विभाग ने एहतियात बरतने को कहा है। कांगड़ा जिला में पहले भी भारी बारिश का दौर चल रहा है परंतु अब अत्यधिक बारिश की चेतावनी है वहीं सिरमौर जिला में भी अत्यधिक बारिश होने से बड़े नुकसान की शंका जताई गई है। रविवार को मौसम विभाग ने जो पूर्वानुमान जारी किया है उसके अनुसार 10 जिलों में 16 जुलाई को भारी बारिश होगी। इससे पूर्व 14 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर व चंबा के साथ कुल्लू में बारिश नहीं होगी वहीं किन्नौर व लाहौल में भी बारिश नहीं होगी। इस दिन कांगड़ा में अत्यधिक बारिश, मंडी में भारी बारिश, शिमला में भारी बारिश, सोलन में भारी बारिश व सिरमौर में अत्यधिक बारिश की चेतावनी जारी की गई है। 15 जुलाई को भी ऊना, बिलासपुर, कुल्लू, हमीरपुर में बारिश नहीं होने की बात कही गई है जबकि इस दिन चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर में भारी बारिश होने की चेतावनी है।

16 जुलाई को मौसम विभाग ने ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है। 17 जुलाई की बात करें तो इस दिन केवल चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी व सिरमौर में भारी बारिश की चेतावनी है। शेष जिलों में इस दिन बारिश नहीं होगी। राजधानी शिमला में फिलहाल बीच-बीच में बारिश हो रही है और इसके साथ मौसम भी खुल जाता है। मौसम खुलने से रविवार को भी काफी देर तक धूप रही मगर दोपहर में बारिश हो गई और धुंध छा गई। पिछले 24 घंटों की बात करें तो जोत में 3 मिलीमीटर बारिश हुई, वहीं कुफरी में 2, शिमला में 1, चौपाल में एक, कंडाघाट, पांवटा, सोलन, चुवाड़ी, नारकंडा, रोहडू व हमीरपुर में एक-एक मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।

: *हिमाचल में इस बार सिर्फ एक एजेंसी खरीदेगी सेब* 

हिमफैड नहीं करेगी कारोबार, एचपीएमसी प्रदेश में खोलेगा 263 सेब खरीद केंद्र

हिमाचल प्रदेश में इस बार हिमफैड सेब के कारोबार में नहीं जुड़ेगा। सूत्रों के अनुसार चूंकि अब नई शर्तों के आधार पर बागबानों से गुणवत्तायुक्त सेब की खरीद की जानी है, तो मंडी मध्यस्थता योजना यानी एमआईएस के तहत केवल एक ही एजेंसी को सरकार काम सौंपने जा रही है। इसे लेकर अगली कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया जाएगा जहां एमआईसी की सेब खरीद का पूरा काम एचपीएमसी को सौंपने पर निर्णय हो सकता है। इसके साथ कैबिनेट बैठक में सेब का खरीद मूल्य भी तय किया जाएगा, जोकि अभी तक तय नहीं हो सका है। हालांकि प्रदेश में सेब का सीजन शुरू हो गया है और मंडियों में सेब पहुंचने लग पड़ा है, मगर अभी सरकार को एमआईएस की खरीद प्रक्रिया को फाइनल करना है। एचपीएमसी में सेब पर आधारित उत्पाद तैयार करने के लिए दो नए संयंत्र स्थापित कर दिए हैं और आधुनिक संयंत्र में बेहतरीन उत्पाद तैयार किए जाएंगे। ऐसे में सरकार चाहती है कि पूरा सेब एक ही एजेंसी को दिया जाए, जो इसका उचित उपयोग करेगी। हिमफैड भी इस काम को करती थी, लेकिन उसके पास आधारभूत ढांचे की कमी है और फिर सेब को उसे भी आगे बेचना ही होता है, क्योंकि वह इससे किसी तरह के उत्पाद तैयार नहीं करती है।

ऐसे में सरकार उससे यह काम न करवाने पर विचार कर रही है और पूरा कारोबार एचपीएमसी को ही सौंपने पर विचार हो रहा है। इसे लेकर अभी फैसला कैबिनेट की बैठक में होगा। सूत्रों की मानें तो एचपीएमसी को 263 सेब खरीद केंद्र खोलने को कहा गया है। ये सेब खरीद केंद्र एचपीएमसी द्वारा शिमला जिला के अलावा कुल्लू, मंडी, किन्नौर व चंबा जिलों में खोले जाएंगे। सबसे अधिक सेब शिमला जिला में मिलता है, वहीं कुल्लू जिलों में भी बागबान एमआईएस के तहत सेब बेचते हैं। इस बार भी पिछले साल की तरह ही बी या सी ग्रेड का सेब खरीदा जाएगा। तय है कि डी ग्रेड का सेब नहीं लिया जाएगा। पिछले साल सरकार ने एमआईएस के तहत कई तरह की नई शर्तों का समावेश किया था और नई शर्तों के आधार पर गुणवत्तायुक्त सेब की ही खरीद की जाती है। वर्तमान में सरकार ने इस एजेंसी के फायदे के लिए कई अहम फैसले लिए हैं, जिनका असर इस सेब सीजन में देखने को मिलेगा। फिलहाल एचपीएमसी ही सेब खरीद का कारोबार करेगी और किन शर्तों पर यह किया जाएगा, यह जल्द साफ हो जाएगा। कैबिनेट में इस पूरे प्रस्ताव को ले जाया जाएगा, जिसमें सरकार आगे कुछ बड़े निर्णय लेगी। अभी तक एमआईएस की सेब खरीद का मूल्य 12 रुपए प्रति किलो रखा गया है, जिसे पिछले साल भी बढ़ाया नहीं गया था। माना जा रहा है कि इस साल भी यह रेट शायद ही बढ़ेगा, लेकिन फैसला कैबिनेट को परिस्थितियों को देखकर लेना है।

: *कैबिनेट जाएगा ट्रकों के एसआरटी का मामला, सेब सीजन में बाहरी राज्यों के ट्रकों को मिल सकती है राहत* 

हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन के दौरान आने वाले बाहरी राज्यों के ट्रकों का एसआरटी माफ करने का मामला कैबिनेट में जाएगा। आगामी दिनों में होने वाली कैबिनेट की बैठक के लिए परिवहन विभाग की तरफ से यह मामला भेजा जाएगा। इससे यहां बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से ट्रक आते हैं और लगभग डेढ़ से दो महीने तक यहां से सेब की ढुलाई का काम करते हैं, क्योंकि हिमाचल में जरूरत के हिसाब से ट्रकों की उपलब्धता नहीं है, लिहाजा दूसरे राज्यों से सरकार को ट्रक मंगवाने पड़ते हैं। पूरे सीजन में यह काम करते हैं और इस दौरान सरकार इनका एसआरटी माफ करती है। बताया जा रहा है कि पहली अगस्त से यहां पर ट्रकों का एसआरटी माफ किया जाता है, जिसके लिए परिवहन विभाग अगले कैबिनेट में प्रस्ताव लाएगा, क्योंकि मंत्रिमंडल से इस छूट को देने के लिए मंजूरी लेनी पड़ती है। लिहाजा इस सेब सीजन के लिए इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा।

इससे बागबानों को सेब ढुलाई में फिर कोई परेशानी पेश नहीं आती। इस बार प्रदेश में सेब का सीजन भी अच्छा चलने की उम्मीद है, क्योंकि सेब की फसल इस बार काफी ज्यादा बताई जा रही है। हालांकि आपदा के चलते सडक़ों की स्थिति को लेकर चिंता कायम है, मगर फिर भी अभी सेब सीजन की शुरुआत में सडक़ें खुली हुई हैं। वैसे कुल्लू वैली में थोड़ी दिक्कत जरूर है, जहां पर गत शनिवार मुख्य मार्ग बंद हो गया था, मगर अब इसे भी शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा इस बार थुनाग आदि क्षेत्रों में आपदा से बड़ा नुकसान हुआ है, जहां पर सडक़ें बहाल नहीं हो पाई हैं। इस कारण वहां के सेब सीजन को नुकसान हो सकता है, परंतु सरकार पूरी तरह से बहाली में जुटी हुई है। ऐसे में दूसरे राज्यों से ट्रकों को यहां पर ढुलाई के लिए बुलाने की तैयारी है और इस पर राज्य सरकार उनका एसआरटी माफ कर सकती है।

: *Himachal News : हिमाचल में नए सिरे से बनेंगी वोटर लिस्ट, पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर* 

राज्य चुनाव आयोग ने सभी जिलाधीशों को तय शेड्यूल पर काम करने को कहा

प्रदेश में 20 जुलाई से वोटर लिस्ट बनाने का काम शुरू हो जाएगा। राज्य चुनाव आयोग ने सभी जिलाधीशों को इस संबंध में साफ कर दिया है कि जो शेड्यूल है, उसके मुताबिक ही काम करना है। 15 जुलाई तक इन्हें आपत्तियों का निपटारा करना है तो वहीं 20 जुलाई को वोटर लिस्ट बनाने का काम शुरू हो जाएगा, जिसके लिए निर्देश दे दिए गए हैं। निर्धारित शेड्यूल के अनुसार ही इस पर काम पूरा करने को कहा गया है। प्रदेश में इस साल के अंत में पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकायों के चुनाव होंगे। इसके लिए राज्य चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। लोगों से आपत्तियां व सुझाव लेने के लिए समय दिया गया था, जिसमें पांच नगर निगमों पर आपत्तियां आई थीं, वहीं कुछ शहरी निकाय भी इसमें शामिल हैं। मगर 42 ऐसे शहरी निकाय थे, जहां पर कोई विवाद नहीं और निर्विवाद इनका निपटारा हो गया है। इसके बाद अभी सरकार के शहरी विकास विभाग की तरफ से एक अधिसूचना जारी हुई थी, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया। मगर फिर सभी जिलाधीशों को राज्य चुनाव आयोग ने निर्देश दिए।

अब 20 जुलाई से वोटर लिस्ट बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। 20 जुलाई के बाद प्रदेश भर में वोटर लिस्ट नए सिरे से तैयार करने का सिलसिला राज्य चुनाव आयोग शुरू कर देगा। इससे पहले जहांं-जहां पर भी आपत्तियां हैं, उनके निपटारे को समय दिया गया है। अभी डिविजनल कमिश्रर के स्तर पर भी कुछ आपत्तियां गई हैं। जहां पर कोई विवाद नहीं, वहां पर दो जुलाई तक प्रारूप को फाइनल करने का समय दिया गया था, जो हो चुका है। वहीं जहां पर आपत्तियां हैं, उनका फाइनल प्रारूप 11 जुलाई तक पूरा करना था, जो नहीं हो सका और अब 15 जुलाई का समय है। इसके बाद राज्य चुनाव आयोग यहां पर पोलिंग स्टेशन चिन्हित करने का काम शुरू करेगा।

: *स्कूटी-गाड़ी की टक्कर में दर्दनाक हादसा : अंब-ऊना एनएच पर सडक़ दुर्घटना में दो युवकों की मौत* 

अंब-ऊना नेशनल हाई-वे पर कटौहडक़लां में रविवार दोपहर बाद हुए भीषण सडक़ हादसे में हमीरपुर के दो युवकों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान राजेश कुमार (22) पुत्र जागीर सिंह, निवासी केहरवीं (हमीरपुर) तथा अक्षय (22) पुत्र अशोक कुमार निवासी घरान बाड़ी (हमीरपुर) के रूप में हुई है। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार राजेश व अक्षय स्कूटी पर सवार होकर जा रहे थे। इस दौरान कटौहडक़लां में उनकी भिड़ंत एक स्कॉर्पियों गाड़ी से हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि स्कूटी के परखच्चे उड़ गए।

इस हादसे में गंभीर अक्षय व राजेश बुरी तरह से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत बाद सिविल अस्पताल अंब लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उन्हें क्षेत्रीय अस्पताल ऊना रैफर कर दिया, लेकिन दोनों ने कुछ घंटे बाद उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। थाना प्रभारी अंब अनिल उपाध्याय ने बताया कि पुलिस ने हादसे में शामिल वाहनों को कब्जे में लेकर मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।

: *इजरायली हमलों में 19 की मौत, गाजा पट्टी में पानी भरने कतार में खड़े थे लोग, बच्चे भी शामिल* 

गाजा पट्टी में रविवार को इजरायली हमलों में 19 लोग मारे गए, जिनमें छह बच्चे भी शामिल हैं। ये लोग पानी भरने के लिए एक जगह पर जमा हुए थे। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह हमले ऐसे समय में हुए हैं, जब मध्यस्थ संघर्ष विराम के प्रयासों में जुटे हुए हैं। इजरायल और हमास के बीच 21 महीने से जारी युद्ध को रोकने और कुछ इजरायली बंधकों को छुड़ाने के लिए जारी बातचीत में अब तक कोई खास प्रगति नहीं हुई है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पिछले हफ्ते वॉशिंगटन में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ इस समझौते पर चर्चा करने पहुंचे थे। हालांकि, बातचीत में एक नई अड़चन सामने आ गई। यह अड़चन संघर्षविराम के दौरान इजरायली सैनिकों की तैनाती को लेकर है, जिससे नए समझौते की संभावनाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इजरायल दक्षिण गाजा के एक महत्त्वपूर्ण इलाके में अपने सैनिकों की तैनाती बनाए रखना चाहता है।

उसका कहना है कि यह इलाका रणनीतिक रूप से जरूरी है, लेकिन हमास का मानना है कि इस इलाके में सैनिकों की मौजूदगी की जिद यह संकेत देती है कि इजरायल अस्थायी युद्धविराम के बाद दोबारा युद्ध शुरू करने की योजना बना रहा है। इजरायल का कहना है कि वह युद्ध तभी खत्म करेगा, जब हमास पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दे, अपने हथियार छोड़ दे और देश से बाहर चला जाए, लेकिन हमास ऐसा करने से इनकार कर रहा है। हमास का कहना है कि वह बचे हुए 50 बंधकों को रिहा करने को तैयार है, लेकिन इसके बदले में वह युद्ध पूरी तरह खत्म करने और इस्राइली सेना की पूरी तरह वापसी की मांग कर रहा है।

: *Diamond League: पोलैंड में इस दिन भिड़ेंगे नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम* 

सिलेसिया (पोलैंड)। दोहरे ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा 16 अगस्त को पोलैंड के सिलेसिया में होने वाली डायमंड लीग (डीएल) में गत चैंपियन पाकिस्तान के अरशद नदीम के खिलाफ एक बहुप्रतीक्षित मुकाबले में आमने-सामने होंगे। पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद दोनों खिलाडिय़ों की यह पहली टक्कर होगी। चोपड़ा और नदीम आठ अगस्त, 2024 को पेरिस में हुए पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता के एक साल बाद एक-दूसरे का सामना करेंगे। नदीम पेरिस में 92.97 मीटर के शानदार थ्रो के साथ भारतीय खिलाड़ी को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। तोक्यो ओलंपिक 2021 में स्वर्ण जीतने वाले 27 साल के चोपड़ा को पेरिस में 89.45 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा था।

विश्व एथलेटिक्स के एक बयान में कहा गया है कि चोपड़ा और नदीम सिलेसिया डायमंड लीग में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में प्रतिस्पर्धा करेंगे। सिलेशिया डायमंड लीग के आयोजकों ने भी चोपड़ा और नदीम के बीच इस मुकाबले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह भारतीय सुपरस्टार के लिए हिसाब बराबर करने का पहला अवसर हो सकता है। पोलैंड के प्रशंसकों को नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम के मुकाबले का इंतजार है। भारतीय खिलाड़ी के लिए पेरिस ओलंपिक के बाद यह पाकिस्तान के चिर-प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ हिसाब बराबर करने का पहला मौका होगा।

: *Karamchari : 18 जुलाई से हर रोज गेट मीटिंग करेंगे एचआरटीसी बस ड्राइवर* 

एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन ने निर्णय लिया है कि 18 जुलाई से वे सडक़ों पर उतर आएंगे। इनके संघर्ष की शुरुआत गेट मीटिंग से होगी, जोकि पूरे प्रदेश में की जाएगी। रोजाना अलग-अलग डिपो में चालक यूनियन के पदाधिकारी गेट मीटिंग करेंगे और वहां पर एक व्यापक रणनीति बनाई जाएगी। खुद चालक यूनियन के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी इन गेट मीटिंग में शामिल होंगे और चालकों को एकजुट करने का अभियान चलेगा। उन्होंने पहले ही चेतावनी दे दी है कि पहली अगस्त से केवल आठ घंटे ही बस चलाएंगे।

जहां पर भी आठ घंटे की ड्यूटी पूरी होगी, वहीं सडक़ पर बस को खड़ा कर दिया जाएगा। अभी इस संघर्ष में एचआरटीसी के परिचालक शामिल नहीं हुए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि वो भी जल्दी ही इसका ऐलान कर देंगे, क्योंकि चालकों व परिचालकों दोनों का नाइट ओवर टाइम परिवहन प्रबंधन नहीं दे पा रहा है। यह राशि करीब 100 करोड़ रुपए की हो चुकी है, जिसे यह लोग चरणबद्ध ढंग से मांग रहे हैं, परंतु एचआरटीसी के पास देने के लिए पैसा नहीं है और इस वजह से चालक यूनियन ने निर्णय लिया है कि वो नाइट ओवर टाइम अब नहीं करेंगे।

: *उत्तर कोरिया ने अमरीका-दक्षिण कोरिया-जापान को चेताया, सैन्य अभ्यास पर कड़ा रुख

सुरक्षा में सैन्य कार्रवाई को तैयार

उत्तर कोरिया ने रविवार को अमरीका, दक्षिण कोरिया और जापान को कड़ी चेतावनी दी है। उसने कहा है कि अगर उसके खिलाफ कोई भी सुरक्षा खतरा पैदा होता है, तो वह सैन्य कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह चेतावनी इन तीनों देशों द्वारा हाल ही में एक अमरीकी रणनीतिक बमवर्षक के साथ किए गए संयुक्त हवाई अभ्यास के बाद आई है। उत्तर कोरिया के लगातार बढ़ते परमाणु कार्यक्रम के जवाब में, अमरीका, दक्षिण कोरिया और जापान ने अपने त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यासों को फिर से तेज कर दिया है।

शुक्रवार (11 जुलाई) को तीनों देशों ने कोरियाई प्रायद्वीप के पास अमरीकी परमाणु-सक्षम बमवर्षकों के साथ एक बड़ा संयुक्त हवाई अभ्यास किया था। इसी दौरान, उनके शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने सियोल में मुलाकात की और उत्तर कोरिया से आग्रह किया कि वह क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली अपनी सभी ‘अवैध गतिविधियों’ को तुरंत बंद करे। उत्तर कोरिया इन अमरीकी नेतृत्व वाले सैन्य अभ्यासों को आक्रमण का पूर्वाभ्यास मानता है। प्योंगयांग लंबे समय से यह तर्क देता रहा है कि उसे अमरीकी सैन्य खतरों से खुद को बचाने के लिए परमाणु हथियार विकसित करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

साझेदारी के खिलाफ सामने आया रूस

मॉस्को। रूस और नॉर्थ कोरिया की साझेदारी अब अमरीका के खिलाफ खुलकर सामने आ रही है। हाल ही में रूस के विदेश मंत्री ने अमरीका, दक्षिण कोरिया और जापान को उत्तर कोरिया को निशाना बनाकर किसी भी सुरक्षा साझेदारी करने के खिलाफ सख्त चेतावनी दे दी है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री चोई सोन के साथ बैठक के लिए उत्तर कोरिया के पूर्वी वोनसान शहर पहुंचे थे। शनिवार को चोई के साथ बैठक के बाद लावरोव ने अमरीका सहित पश्चिमी देशों पर उत्तर कोरिया के आसपास सैन्य तैनाती का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि हाल के सालों में रूस और उत्तर कोरिया के बीच संबंध मजबूत हुए हैं

: *चेतावनी के बाद भी उड़ाया ड्रीमलाइनर, विमान का संतुलन बताने वाला सेंसर फेल होने का था अलर्ट* 

विमान का संतुलन बताने वाला सेंसर फेल होने का था अलर्ट ; सरकार बोली, अभी नतीजा न निकालें

अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के क्रैश होने की शुरुआती जांच रिपोर्ट शुक्रवार रात करीब अढ़ाई बजे जारी की गई। यह रिपोर्ट एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने जारी की है। भारत सरकार की यह संस्था हवाई हादसों की जांच करती है। एएआईबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई-171 कोड के साथ लंदन जाने वाले एअर इंडिया ड्रीमलाइनर ने पिछली उड़ान दिल्ली से अहमदाबाद के बीच भरी थी। उड़ान के ठीक बाद पायलट ने ‘स्ञ्ज्रक्च क्कह्रस् ङ्गष्ठष्टक्र’ नाम का तकनीकी अलर्ट दर्ज कराया था।

इस अलर्ट का मतलब है कि विमान का संतुलन बताने वाला सेंसर फेल हो सकता है। यह सेंसर बताता है कि विमान का हॉरिजेंटल स्टेबलाइजर (पिच बैलेंस बनाने वाला पिछला पंख) किस स्थिति में है। यदि यह डेटा सही न मिले, तो ऑटोपायलट, पिच कंट्रोल और स्टॉल प्रोटेक्शन जैसे अहम सिस्टम गलत कमांड दे सकते हैं। विशेषकर टेकऑफ और शुरुआती चढ़ाई जैसे क्रिटिकल फेज में यह गलती हो सकती है।

क्रिटिकल अलर्ट के एक घंटे बाद उड़ान भरने की इजाजत

पायलट ने सुबह 11.17 बजे यह अलर्ट दिया था और 12.40 बजे विमान को उड़ान की मंजूरी दे दी गई। यानी महज एक घंटे में गड़बड़ी दूर करने का दावा करके विमान को उड़ान के लिए क्लियर कर दिया गया। इसी विमान ने दोपहर 1.38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए टेकऑफ किया और महज 30 सेकंड बाद दोनों इंजन बंद होने से यह एयरपोर्ट के पास बने मेडिकल होस्टल बिल्जिंग पर कै्रश हो गया। हादसे में विमान में सवार 241 लोगों समेत कुल 260 लोग मारे गए थे। विमान में केवल एक यात्री जिंदा बचा था। हादसे की शुरुआती रिपोर्ट को लेकर सरकार ने कहा है कि इस पर स्टडी की जा रही है। इस पर अभी कोई निष्कर्ष न निकाला जाए।

: *यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे का बड़ा कदम, डिब्बों और इंजनों में लगेंगे CCTV कैमरे* 

नई दिल्ली। रेलवे ने ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सभी डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। रेल मंत्रालय ने रविवार को बताया कि यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से सभी 74 हजार डिब्बों और 15 हजार इंजनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। प्रत्येक डिब्बे में चार सीसीटीवी कैमरे और इंजनों में छह कैमरे लगाऐ जाएंगे। ये कैमरे अत्याधुनिक होंगे और 100 किमी प्रति घंटे से भी अधिक रफ्तार में तथा कम रोशनी में भी उच्च गुणवत्ता वाली सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराएंगे।

रेलवे के अनुसार यात्री डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रायोगिक परिणाम के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। कैमरों के लगने के बाद अपराधी और संगठित गिरोह की गतिविधियों पर लगाम लगेगी जो भोले-भाले यात्रियों का फायदा उठाते हैं।यात्रियों की निजता को कायम रखने के लिए कैमरे दरवाजों के पास सामान्य आवागमन क्षेत्र में लगाए जाएंगे।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने शनिवार को एक बैठक में इंजनों और कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के कार्य की प्रगति की समीक्षा की है। बैठक में रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। रेलवे अधिकारियों ने बताया है कि उत्तर रेलवे के लोको इंजन और कोचों में इसके सफल परीक्षण किए जा चुके हैं। प्रत्येक रेलवे कोच में चार डोम सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे । इनमें से दो प्रवेश मार्ग पर और प्रत्येक लोकोमोटिव में छह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसमें लोकोमोटिव के आगे, पीछे और दोनों तरफ एक-एक कैमरा लगाया जाएगा। डिब्बों के सामान्य आवागमन क्षेत्रों में कैमरे लगाने का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा में सुधार करना है। निजता बनाए रखते हुए ये कैमरे शरारती तत्वों की पहचान करने में भी मदद करेंगे।

: *Himachal News : हिमाचल में नए सिरे से बनेंगी वोटर लिस्ट* 

राज्य चुनाव आयोग ने सभी जिलाधीशों को तय शेड्यूल पर काम करने को कहा

प्रदेश में 20 जुलाई से वोटर लिस्ट बनाने का काम शुरू हो जाएगा। राज्य चुनाव आयोग ने सभी जिलाधीशों को इस संबंध में साफ कर दिया है कि जो शेड्यूल है, उसके मुताबिक ही काम करना है। 15 जुलाई तक इन्हें आपत्तियों का निपटारा करना है तो वहीं 20 जुलाई को वोटर लिस्ट बनाने का काम शुरू हो जाएगा, जिसके लिए निर्देश दे दिए गए हैं। निर्धारित शेड्यूल के अनुसार ही इस पर काम पूरा करने को कहा गया है। प्रदेश में इस साल के अंत में पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकायों के चुनाव होंगे। इसके लिए राज्य चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। लोगों से आपत्तियां व सुझाव लेने के लिए समय दिया गया था, जिसमें पांच नगर निगमों पर आपत्तियां आई थीं, वहीं कुछ शहरी निकाय भी इसमें शामिल हैं। मगर 42 ऐसे शहरी निकाय थे, जहां पर कोई विवाद नहीं और निर्विवाद इनका निपटारा हो गया है। इसके बाद अभी सरकार के शहरी विकास विभाग की तरफ से एक अधिसूचना जारी हुई थी, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया। मगर फिर सभी जिलाधीशों को राज्य चुनाव आयोग ने निर्देश दिए।

अब 20 जुलाई से वोटर लिस्ट बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। 20 जुलाई के बाद प्रदेश भर में वोटर लिस्ट नए सिरे से तैयार करने का सिलसिला राज्य चुनाव आयोग शुरू कर देगा। इससे पहले जहांं-जहां पर भी आपत्तियां हैं, उनके निपटारे को समय दिया गया है। अभी डिविजनल कमिश्रर के स्तर पर भी कुछ आपत्तियां गई हैं। जहां पर कोई विवाद नहीं, वहां पर दो जुलाई तक प्रारूप को फाइनल करने का समय दिया गया था, जो हो चुका है। वहीं जहां पर आपत्तियां हैं, उनका फाइनल प्रारूप 11 जुलाई तक पूरा करना था, जो नहीं हो सका और अब 15 जुलाई का समय है। इसके बाद राज्य चुनाव आयोग यहां पर पोलिंग स्टेशन चिन्हित करने का काम शुरू करेगा।

: *नदी-नालों से दूरी बढ़ाने को बदलेगा टीसीपी एक्ट, सरकारी दफ्तर भी पानी से 100 मीटर दूर बनाने के दिए हैं निर्देश* 

सीएम सुक्खू ने सरकारी दफ्तर भी पानी से 100 मीटर दूर बनाने के दिए हैं निर्देश

हिमाचल में मानसून के सीजन में ज्यादा नुकसान वहीं हो रहा है, जहां कंस्ट्रक्शन नदी-नालों या खड्डों के नजदीक है। 2023 में आई प्राकृतिक आपदा में भी क्षति का यही नेचर था। इस बार मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र के थुनाग और जंजैहली जैसे एरिया में नालों और खड्डों के नजदीक कंस्ट्रक्शन से ही क्षति ज्यादा हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी अधिकारियों की बैठक में सरकारी भवनों के लिए खड्डों और नदियों से कम 100 मीटर की दूरी का फार्मूला बनाने को कहा है। इससे पहले मंडी जिला के धर्मपुर में हर बरसात में बस स्टैंड पानी का निशाना बनता है। इस बार सराज में लंबाथाच डिग्री कॉलेज में क्षति इसलिए हुई, क्योंकि यह भी खड्ड के किनारे था। इसलिए राज्य सरकार चाहती है कि सरकारी के अलावा निजी कंस्ट्रक्शन के लिए भी खड्डों और नालों से दूरी बढ़ाई जाए। इसलिए टीसीपी एक्ट में बदलाव जरूरी है।

2023 की प्राकृतिक आपदा के बाद टाउन एंड कंट्री प्लानिंग रूल्स में बदलाव हुआ था। पहले नाले से तीन मीटर और खड्ड से पांच मीटर की दूरी किसी भी तरह की कंस्ट्रक्शन के लिए थी। इसे बढ़ाकर वर्ष 2023 में नाले के लिए पांच मीटर और खड्ड के लिए सात मीटर किया गया था। बड़ी नदियों के लिए नदी के हाई फ्लड लेवल के आधार पर ही दूरी तय होती है। सामान्य तौर पर इसे 25 मीटर भी मान लिया जाता है, लेकिन पांच और सात मीटर की यह दूरी कम पड़ रही है और इसे बढ़ाया जा सकता है। भवन निर्माण की निगरानी से लेकर नक्शा पास करने के मेकेनिज्म को भी और सख्त किया जा सकता है। जहां बाढ़ के कारण नुकसान हुआ है, वहां दोबारा से कंस्ट्रक्शन कैसे होगी? इसको लेकर भी रेगुलेशन पर विचार चल रहा है।

कितने गांव-कस्बे खड्डों के किनारे?

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को एक ऐसी स्टडी की भी जरूरत महसूस हो रही है, जिससे पता चल सके कि राज्य में कितने गांव या कस्बे खड्डों के किनारे बसे हुए हैं और पानी की रेंज में हैं। 2024 में रामपुर के समेज में आई प्राकृतिक आपदा के बाद हिमालय नीति अभियान ने उसे एरिया में इस तरह की स्टडी की थी। इसमें पता चला था कि पानी और खेती के लालच में लोग नदी या खड्ड के किनारे माइग्रेट हो रहे हैं। राज्य सरकार को यह मामला भी केंद्र से उठाने की जरूरत है कि ऐसे गांवों को शिफ्ट करने के लिए फॉरेस्ट लैंड आबंटित की जा सके।

: *पुलिस ने बिगड़ैल चालकों पर कसा शिकंजा, छह माह में सात लाख से ज्यादा वाहनों के चालान* 

हिमाचल प्रदेश में पुलिसिंग और सार्वजनिक सुरक्षा में प्रगति हिमाचल प्रदेश पुलिस राज्य में कानून और व्यवस्था को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए डिजिटल हाई-टेक उपकरणों का लाभ उठा रही है। पुलिस ने प्रदेश भर में वर्ष 2025 में जनवरी से जून माह तक छह माह में 709026 वाहनों के चालान किए गए हैं। इन चालानों में से 194076 वाहनों के चालानों का निपटारा करके 19 करोड़ 93 लाख 151 रुपये जुर्माने के रूप में वसूल किए हैं। वर्ष 2024 के मुकाबले में इस वर्ष 2025 में चालानों का आंकड़ा बढ़ गया है। गत वर्ष 2024 में 412050 चालान किए थे और इस वर्ष 2025 में छह माह में 709026 वाहनों के चालाना किए गए हैं। इनमें ड्रंक एंड ड्राइव के जून माह तक 7693 चालान, वाहन चलाते समय मोबाइल चलाने पर 6497 चालान, बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर 9796 चालान, बिना हेल्मेट के दोपहिया वाहन चलाने पर 152524 चालान किए गए हैं।

विश्व बैंक द्वारा प्रायोजित सडक़ सुरक्षा परियोजना और परिवहन विभाग की वित्त पोषण योजना के तहत पुलिस ने सार्वजनिक सुरक्षा, विशेष रूप से साइबर अपराध, मादक पदार्थों और सडक़ सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए कई आधुनिक उपकरण हासिल किए हैं। आधुनिक उपकरणों का एकीकरण वर्तमान में, हिमाचल प्रदेश के राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 66 से अधिक एकीकृत यातायात प्रबंधन प्रणालियां चालू हैं। एआईजी टीटीआर विनोद कुमार ने बताया कि इस वर्ष में जनवरी से जून माह तक छह माह में 709026 वाहनों के यातायात उल्लंघनों पर चालान किए गए और 194076 वाहनों के चालानों का निपटारा करके 19 करोड़ 93 लाख 151 रुपए जुर्माने के रूप में वसूल किए हैं। उन्नत उपकरणों का उपयोग यातायात पुलिस नियमित रूप से एल्को सेंसर और स्पीड गन का उपयोग करती है, जो सडक़ सुरक्षा बनाए रखने में जांच अधिकारियों की सहायता करते हैं। प्रदेश में छह माह में आईटीएमएस से करीब अढ़ाई लाख वाहनों के चालान किए गए हैं। (एचडीएम)

किस जिला में, कितने चालान

प्रदेश में पहली जनवरी से 30 जून तक किए गए चालानों में पुलिस जिला बद्दी में 56935, बिलासपुर में 71292, चंबा में 30611, पुलिस जिला देहरा में 11285, हमीरपुर में 43973, कांगड़ा में 36844, किन्नौर में 12750, कुल्लू में 84741, लाहुल-स्पीति में 8391, मंडी में 128002, पुलिस जिला नुरपुर में 15946, शिमला में 55660, सिरमौर में 44361, सोलन में 37599 और ऊना में 70636 वाहनों के चालान किए गए हैं।

: *28 घंटेे बाद खुल पाया चंडीगढ़-मनाली एनएच, अभी भी 196 सडक़ें बंद, बरसात से हो चुका है 770 करोड़ का नुकसान* 

प्रदेश में अभी भी 196 सडक़ें बंद, बरसात से हो चुका है 770 करोड़ का नुकसान

चंडीगढ़ -मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग 28 घंटों के बाद यातायात के लिए बहाल हो पाया है। यहां फंसे हुए लोगों को वाहनों में ही रात भर काटनी पड़ी। रविवार शाम को यह मार्ग खुला, जिसके बाद फंसे हुए लोग वहां से निकल पाए। बरसात के चलते प्रदेश में बड़ा नुकसान लगातार हो रहा है। भू-स्खलन से मार्ग बाधित हो रह हैं और अभी भी प्रदेश में 196 सडक़ें आवाजाही के लिए बंद पड़ी हुई हैं। बरसात से अब तक प्रदेश में 770.97 करोड़ का नुकसान आंका गया है। मंडी व कांगड़ा में सबसे ज्यादा नुकसान रिकॉर्ड किया जा रहा है। बादल फटने की घटनाओं से पेश आई त्रासदी में लोक निर्माण विभाग व जलशक्ति विभाग के साथ बिजली बोर्ड को बड़ा नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग को अभी तक 345.73 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 409.00 करोड़ हुआ है। मानसून सीजन के दौरान अभी तक पेश आए विभिन्न हादसों में 98 लोगों की मौत हो चुकी है। मंडी में सबसे ज्यादा मौतें हुई है। यहां पर अभी तक 21 लोग अकाल मौत का ग्रास बन चुके हैं। इसके अलावा बिलासपुर में सात, चंबा में नौ, हमीरपुर में आठ, कांगड़ा में 14, किन्नौर में छह, कुल्लू में 10, लाहौल स्पीति में दो, शिमला मेंं सात, सिरमौर में दो, सोलन व ऊना में 6-6 लोगों की मौतें हुई हंै। प्रदेश के कांगड़ा में दो, किन्नौर में एक, कुल्लू में दो, लाहुल स्पीति में एक, मंडी में 27 और शिमला में अभी भी एक व्यक्ति लापता चल रहा है।

प्रदेश में अभी भी 196 सडक़ों के साथ एक नेशनल हाईवे यातायात के लिए बाधित चल रहा है। कांगड़ा में अभी भी 12 सडक़ें बंद है। इसमें नगरोटा में एक, शाहपुर में चार, पालमपुर में छह और जयसिंहपुर में एक सडक़ बंद है। कुल्लू के बंजार में चार, कुल्लू में एक और निरमंड सब डिवीजन में 12 सडक़ें बाधित हैं। मंडी में 53 सडक़ों के साथ एक नेशनल हाईवे बंद चल रहा है। मंडी के धर्मपुर में 11, सराज में 93, थलोट में 27, मंडी में दो, गोहर में एक, करसोग में चार, सरकाघाट में सात, जोगिंद्रनगर में एक, सुंदरनगर में दो और पद्धर में सात सडक़ें बंद पड़ी हैं। इसके अलावा सिरमौर में 11 व ऊना में तीन सडक़ें यातायात के लिए बहाल नहीं हो पाई है, जिससे यहां पर जनता को अभी भी आवाजाही के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

73 बिजली ट्रांसफार्मर ठप

प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर 73 बिजली ट्रांसफार्मर भी बंद पड़े हुए हैं। इसके अलावा 787 पेयजल परियोजनाएं भी बाधित हंै, जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। युद्ध स्तर पर विभागों द्वारा बहाली का काम किया जा रहा है।

: *सर्च ऑपरेशन बंद, अब ब्यास से आस, अपनों को खो चुके लोगों की उम्मीदें पड़ी धुंधली, नदी के किनारों पर रखी जाएगी नजर* 

अपनों को खो चुके लोगों की उम्मीदें पड़ी धुंधली

सराज में आई त्रासदी के बाद लापता हुए लोगों की तलाश के लिए चलाया जा रहा सर्च ऑपरेशन फिलहाल बंद कर दिया गया है। प्रशासनिक स्तर पर 17 लापता लोगों की तलाश के लिए 12 दिनों से चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन पर आघोषित विराम लगा दिया गया है और सर्च ऑपरेशन में लगे जवानों को अगले आदेशों तक इस ऑपरेशन से पीछे हटने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही डॉग स्क्वायड को भी वापस बुला लिया गया है। थुनाग, जरोल, बगस्याड, लंबाथाच, शिल्ही बागी, बाड़ा और पखरैर में फिलहाल सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया गया है।

अब इस सर्च ऑपरेशन का दायरा मंडी से बाहर हमीररपुर और कांगड़ा पौंग डैम किनारे की ओर बढ़ाया गया है। हमीरपुर और कांगड़ा के पुलिस थानों को हिदायत जारी की गई है कि वे ब्यास किनारे नजर रखें। एनडीआरएफ, एसएसडीआरएफ व आईटीबीपी ने भी पहले के मुताबिक अपनी नफरी कम कर दी है। जो जवान प्रभावित क्षेत्रों में रोके हैं, उनको भी सर्च ऑपरेशन से हटा दिया गया है। ये जवान प्रभावितों को राहत सामग्री बांटने और लोगों को सुरक्षा देंगे।

जारी रहेगी ड्रोन से तलाश

सराज त्रासदी से प्रभावित क्षेत्रों में बेशक 17 लापता लोगों की तलाश पर विराम लग गया हो, लेकिन फिर भी मंडी पुलिस ड्रोन के सहारे उम्मीदों की उड़ान भरती रहेगी। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने कहा प्रभावितों क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से सर्च ऑपरेशन जारी है। पुलिस लापता लोगों की अभी भी तलाश कर रही है।

मृत माने जाएंगे लापता

भारी बारिश के बाद आई सराज त्रासदी के 12 दिन बीत जाने के बाद लापता 17 लोगों को मृत घोषित करने की तैयारी चल रही है। प्रशासनिक अमला मंडी पुलिस की एक रिपोर्ट के इंतजार में है और उसके बाद लापता 17 लोगों को मृत मानकर उनके परिजनों का मुत्यु प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

सराज में आई आसमानी आफत ने निगले 15 लोग

सराज में आई त्रासदी के दौरान बादलों ने 15 लोगों को मौत बांटी है। इनमें सबसे अधिक चार लोग पंगलियूर गांव के हैं। सैंज की देवकु देवी, कनिका, पार्वती देवी और इंद्र देव ने आपदा में जान खोई है। बाड़ा के विधि सिंह और मनगहरी देवी तथा तल्वाड़ा के रमेश कुमार भी त्रासदी का शिकार हुए हैं। थुनाग के बुद्घि सिंह, धार जोल के चिंतराम, शिल्ही बागी के दंपत्ति तापे राम और जयवंती देवी, रोड़ के सुरेंद्र सिंह भी आपदा का शिकार हुए हैं। करसोग के सुरमु गांव के जीतराम और ललित कुमार की मौत हुई है। एक शव नगरोटा सूरियां में बरामद किया गया था, लेकिन उसकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। अब लापता लोगों की तलाश ब्यास नदी के किनारे ही जारी रखी जाएगी।

: *शालवी नदी में गिरी कार, दो लोगों की मौत, एक बच्चा लापता, दो अन्य घायल* 

 हिमाचल प्रदेश में शिमला जिले के नेरुआ से लगभग 13-14 किलोमीटर दूर नेरुआ-फेडजपुल मुख्य मार्ग पर तंदूरी-बाथल के पास शनिवार शाम एक स्कॉर्पियो वाहन शालवी नदी में गिर गया। यह दुर्घटना शाम लगभग 7:00 बजे हुई और इसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान शिमला के नेरुआ तहसील निवासी कुमार सुचि और पंजाब के नवांशहर जिले के गुरमेल लाल के रूप में हुई है। वाहन में लगभग 8 से 10 साल के एक बच्चे सहित पांच लोग सवार थे। कार सड़क से उतरकर लगभग 80 से 100 मीटर नीचे नदी में गिर गई।

प्रत्यक्षदर्शियों का अनुमान है कि कार किसी तीखे मोड़ पर या फिसलन के कारण नियंत्रण खो बैठी। दोनों घायलों की पहचान नवांशहर के बड़माजरा गांव की बलविंदर कौर (35) और उसी जिले के बंगा के बेटे केशव कुमार (32) के रूप में हुई है। दोनों को इलाज के लिए नेरुआ अस्पताल ले जाया गया। बलविंदर कौर के बेटे के भविष्य को लेकर अब चिंता का विषय है। ऐसा माना जा रहा है कि वह नदी की धारा में बह गया होगा। स्थानीय निवासियों और थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम द्वारा त्वरित खोज प्रयासों के बावजूद, बच्चे का पता नहीं चल पाया है। अंधेरे और नदी में बढ़ते जल स्तर के कारण चल रहा अभियान बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

: भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात जून में 11 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा

भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात जून में 11 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया. वैश्विक कमोडिटी बाजार विश्लेषण फर्म केप्लर के पोत ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, भारत ने जून में 2.08 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) रूसी कच्चे तेल का आयात किया. जुलाई 2024 के बाद से सबसे अधिक है.

यूरोपीय थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर ने कहा कि जून में भारत के कच्चे तेल के वैश्विक आयात में 6 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि रूस के आयात में महीने-दर-महीने 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. जुलाई 2024 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. रूस से इनमें से आधे से अधिक आयात भारत की तीन रिफाइनरियों द्वारा किए गए.

भारत अपनी ज़रूरत का 85 प्रतिशत से ज़्यादा कच्चा तेल आयात करता है. परंपरागत रूप से, मध्य पूर्व इसका मुख्य स्रोत था, लेकिन पिछले लगभग तीन वर्षों से रूस इसका मुख्य आपूर्तिकर्ता बना हुआ है. फरवरी 2022 में मास्को द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद, जब पश्चिमी देशों ने रूसी कच्चे तेल से दूरी बना ली, तो रूस ने वैकल्पिक खरीदारों को आकर्षित करने के लिए भारी छूट की पेशकश शुरू कर दी.

भारतीय रिफाइनरियों ने इस अवसर का लाभ उठाया. रूस, भारत के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा स्रोत बन गया. पश्चिम एशिया के पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं को पीछे छोड़ दिया. अब भारत के तेल आयात में रूस का योगदान 40 प्रतिशत तक है. जून में, भारत ने अपने दूसरे सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता इराक से लगभग 8,93,000 बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) कच्चा तेल आयात किया. जो महीने-दर-महीने 17.2 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है.

सऊदी अरब से आयात 5,81,000 बैरल प्रतिदिन (मई से लगभग अपरिवर्तित) रहा. जबकि संयुक्त अरब अमीरात से आयात 6.5 प्रतिशत बढ़कर 4,90,000 बैरल प्रतिदिन हो गया. भारत के तेल आयात में इराक का योगदान 18.5 प्रतिशत था. उसके बाद सऊदी अरब का 12.1 प्रतिशत और संयुक्त अरब अमीरात का 10.2 प्रतिशत है

केप्लर के अनुसार, अमेरिका भारत का पांचवा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है. आयात की मात्रा लगभग 3,03,000 बैरल प्रतिदिन और बाजार हिस्सेदारी 6.3 प्रतिशत है. सीआरईए ने कहा कि जून में रूस के कच्चे तेल निर्यात का 47 प्रतिशत चीन ने खरीदा, उसके बाद भारत (38 प्रतिशत), यूरोपीय संघ (6 प्रतिशत) और तुर्की (6 प्रतिशत) का स्थान रहा.

एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स के अनुसार, अमेरिका से भारत के कच्चे तेल के प्रवाह में 2024 की पहली छमाही की तुलना में 2025 की पहली छमाही में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. जबकि इसी अवधि में ब्राजील से प्रवाह 80 प्रतिशत बढ़ा है. जो गैर-ओपेक कच्चे तेल के लिए इसके रिफाइनरों की बढ़ती आत्मीयता का संकेत देता है. क्योंकि, नई दिल्ली आपूर्ति के अपने स्रोत को व्यापक बनाने की कोशिश कर रही है.

एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटीज एट सी के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वर्ष की पहली छमाही में अमेरिका से 2,71,000 बीपीडी कच्चे तेल का आयात किया, जो 2024 की इसी अवधि में आयातित 1,80,000 बीपीडी से लगभग 51 प्रतिशत अधिक है. भारतीय रिफाइनरियां अतीत में अपेक्षाकृत बड़ी मात्रा में अमेरिकी कच्चे तेल का उपयोग करती रही हैं, लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों में जब भारत ने रूसी कच्चे तेल की ओर रुख किया तो यह मात्रा धीमी हो गई.

नई अमेरिकी सरकार के साथ नए सिरे से कूटनीति के बीच अमेरिकी कच्चे तेल के लिए भारत की रुचि में फिर से सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं. ब्राजील से कच्चे तेल के प्रवाह में छह महीने की अवधि में सबसे तीव्र वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 80 प्रतिशत बढ़कर 41,000 बीपीडी से 73,000 बीपीडी हो गई.

: विचित्र: कर्नाटक के रायचूर से एक हैरान कर देने वाली घटना -

एक नव विवाहित दंपति बाइक से जा रहे थे, रास्ते में कृष्णा नदी का पुल आया तो पत्नी ने पति से कहा कि चलो सेल्फी लेते हैं और ब्रिज पर दोनों जब सेल्फी लेने के लिए गए और सेल्फी ले रहे थे तभी पत्नी ने अपने पति को धक्का दे दिया

पति तैराक था नदी के बीच में एक चट्टान पर बैठ गया और आसपास के लोगों ने उसे बचा लिया 

अब पत्नी कह रही है कि -"मैंने उसे जानबूझकर धक्का नहीं दिया अनजाने में हाथ लग गया"

पति कह रहा है कि -"नहीं मेरी पत्नी ने मुझे धक्का दिया"

अब क्या मामला है पुलिस जांच कर रही है

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*डंकी रूट पर साढ़े 17 करोड़ का लेन-देन, एनआईए ने गिरफ्तार किया था चंबा का सनी, तीन खातों से पैसे इधर-उधर*

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से धर्मशाला से पकड़े गए चंबा निवासी सनी धोंकर के तीन अंकाउट से साढ़े 17 करोड़ से अधिक का डंकी रूट व हवाला का लेनदेन हुआ है। उक्त पैसों का डंकी रूट से ह्यूमन ट्रैफिकिंग कर एक सौ से अधिक लोगों को अमरीका भेजने सहित लेटिन अमरीका से हवाला पैसों से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। पंजाब के शातिरों के मास्टरमाइंड शातिरों की ओर से डंकी रूट से अमरीका सहित अन्य यूरोपिय कंट्री में भेजने वाले व हवाला पैसों के मामलों में चंबा निवासी सन्नी बड़ा साथी पाया गया है, जिसमें उक्त शातिरों को पैसों को ठिकाने लगाने का भी काम करता था। उक्त मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी एनआईए की ओर से पंजाब पुलिस द्वारा 13 मार्च, 2025 को दर्ज एफआईआर के तहत जांच की जा रही है। इसमें एक सौ से अधिक लोगों को अवैध रूप से डंकी रास्ते से अमरीका भेजा गया था, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति से 45-45 लाख रुपए लेने का आरोप है। मामले में एनआईए की ओर से मुख्य आरोपी दिल्ली के तिलकनगर निवासी गगनदीप सिंह उर्फ गोल्डी को पहले ही मार्च में ही गिरफ्तार किया जा चुका है। चार जुलाई को दिल्ली व हिमाचल के धर्मशाला में संयुक्त रूप से रेड डाली गई थी, जिसमें कोतवाली बाजार के पास लगते क्षेत्र में चंबा निवासी सन्नी धोंकर निवासी चंबा व शुभम संधाल उर्फ दीप हुंडी निवासी रोपड़ पंजाब को न्यू दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।

उक्त सभी आरोपियों ने इसी वर्ष फरवरी, 2025 में ही एक सौ से अधिक लोगों को डंकी रास्ते से अवैध रूप से कई देशों से होते हुए जिसमें स्पेन, मैक्सिको सहित अन्य से होते हुए अमरीका में पहुंचाया था। इस दौरान ही उक्त शातिर डंकी व अन्य कई तरीकों से हवाला का पैसा भी इधर-उधर करते थे। अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े हुए हर पहलू की गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने चार जुलाई को सुबह धर्मशाला के कोतवाली बाजार क्षेत्र से एक युवक को डंकी रूट के जरिए विदेश भेजने, मानव तस्करी व हवाला पैसों के लेन-देन के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार युवक की पहचान 32 वर्षीय सन्नी धोंकर निवासी चंबा के रूप में हुई है। वह बीते कुछ वर्षों से धर्मशाला में रह रहा है। उधर, कांगड़ा की एसएसपी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि एनआईए ने सन्नी को धर्मशाला से गिरफ्तार किया था। आरोपी पर डंकी रूट से कुछ लोगों को विदेश भेजने, मानव तस्करी व हवाला के आरोप हैं, जिनकी एनआईए की ओर से जांच की जा रही है। एजेंसी को जांच के दौरान कांगड़ा पुलिस की ओर से सहयोग प्रदान किया जा रहा है। (एचडीएम)

: *सर्च ऑपरेशन बंद, अब ब्यास से आस, अपनों को खो चुके लोगों की उम्मीदें पड़ी धुंधली, नदी के किनारों पर रखी जाएगी नजर*

सराज में आई त्रासदी के बाद लापता हुए लोगों की तलाश के लिए चलाया जा रहा सर्च ऑपरेशन फिलहाल बंद कर दिया गया है। प्रशासनिक स्तर पर 17 लापता लोगों की तलाश के लिए 12 दिनों से चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन पर आघोषित विराम लगा दिया गया है और सर्च ऑपरेशन में लगे जवानों को अगले आदेशों तक इस ऑपरेशन से पीछे हटने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही डॉग स्क्वायड को भी वापस बुला लिया गया है। थुनाग, जरोल, बगस्याड, लंबाथाच, शिल्ही बागी, बाड़ा और पखरैर में फिलहाल सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया गया है।

अब इस सर्च ऑपरेशन का दायरा मंडी से बाहर हमीररपुर और कांगड़ा पौंग डैम किनारे की ओर बढ़ाया गया है। हमीरपुर और कांगड़ा के पुलिस थानों को हिदायत जारी की गई है कि वे ब्यास किनारे नजर रखें। एनडीआरएफ, एसएसडीआरएफ व आईटीबीपी ने भी पहले के मुताबिक अपनी नफरी कम कर दी है। जो जवान प्रभावित क्षेत्रों में रोके हैं, उनको भी सर्च ऑपरेशन से हटा दिया गया है। ये जवान प्रभावितों को राहत सामग्री बांटने और लोगों को सुरक्षा देंगे।

जारी रहेगी ड्रोन से तलाश

सराज त्रासदी से प्रभावित क्षेत्रों में बेशक 17 लापता लोगों की तलाश पर विराम लग गया हो, लेकिन फिर भी मंडी पुलिस ड्रोन के सहारे उम्मीदों की उड़ान भरती रहेगी। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने कहा प्रभावितों क्षेत्रों में ड्रोन के माध्यम से सर्च ऑपरेशन जारी है। पुलिस लापता लोगों की अभी भी तलाश कर रही है।

मृत माने जाएंगे लापता

भारी बारिश के बाद आई सराज त्रासदी के 12 दिन बीत जाने के बाद लापता 17 लोगों को मृत घोषित करने की तैयारी चल रही है। प्रशासनिक अमला मंडी पुलिस की एक रिपोर्ट के इंतजार में है और उसके बाद लापता 17 लोगों को मृत मानकर उनके परिजनों का मुत्यु प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

सराज में आई आसमानी आफत ने निगले 15 लोग

सराज में आई त्रासदी के दौरान बादलों ने 15 लोगों को मौत बांटी है। इनमें सबसे अधिक चार लोग पंगलियूर गांव के हैं। सैंज की देवकु देवी, कनिका, पार्वती देवी और इंद्र देव ने आपदा में जान खोई है। बाड़ा के विधि सिंह और मनगहरी देवी तथा तल्वाड़ा के रमेश कुमार भी त्रासदी का शिकार हुए हैं। थुनाग के बुद्घि सिंह, धार जोल के चिंतराम, शिल्ही बागी के दंपत्ति तापे राम और जयवंती देवी, रोड़ के सुरेंद्र सिंह भी आपदा का शिकार हुए हैं। करसोग के सुरमु गांव के जीतराम और ललित कुमार की मौत हुई है। एक शव नगरोटा सूरियां में बरामद किया गया था, लेकिन उसकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। अब लापता लोगों की तलाश ब्यास नदी के किनारे ही जारी रखी जाएगी।

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Admin तेज रफ्तार न्यूज देश का बोलबाला