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: *Weather: तपते पहाड़ों पर राहत की बौछारें, तीन डिग्री तक गिरा तामपान, दो दिन बारिश का अलर्ट*
पूरे प्रदेश में तेज हवाओं संग बारिश के साथ तीन डिग्री तक गिरा तामपान
आगे भी जारी रहेगा बारिश का क्रम, 20-21 को झमाझम का अलर्ट
तपते पहाड़ों पर रविवार को बरसीं राहत की बौछारों के चलते हिमाचल प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। राजधानी शिमला में इस बदले हुए मौसम के बीच ओलावृष्टि हुई, वहीं प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ बारिश होने से मौसम में ठंडक आई है। राहत की बौछारें गिरने का यह सिलसिला अगले कुछ दिन तक बरकरार रहने की उम्मीद है, जबकि 20 व 21 जून को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर रविवार सुबह से ही आसमान में काले बादल घिरने शुरू हो गए थे। शिमला में दोपहर में ही अंधेरा छा गया था और दोपहर बाद यहां काले अंबर ने जमकर ओलावृष्टि की। दोपहर बाद पहाड़ों पर कई स्थानों में बारिश शुरू हो गई थी। चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर में भी कई स्थानों पर तेज बारिश आंकी गई है। मैदानी इलाकों में भी कई स्थानों पर बारिश हुई है।
बारिश होने से अधिकतम तापमान में बीते रोज के मुकाबले तीन से चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है, जिससे मौसम ठंडा हुआ है और गर्मी से आम जनता को निजात मिली है। मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा 16 से 19 जून के बीच प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। इसके बाद 20 और 21 जून को भारी बारिश होने का अलर्ट प्रदेश भर के लिए दिया गया है। तापमान की बात करें तो शिमला का अधिकत्तम तापमान 27 डिग्री आंका गया है। सुंदरनगर का 35.1, भुंंतर का 37.2, कल्पा का 22.4, धर्मशाला का 32.0, ऊना में 39.8, नाहन में 33.8 अधिकतम तापमान रहा है।
कांगड़ा में सबसे ज्यादा बरसा पानी
रविवार को सबसे अधिक बारिश कांगड़ा में 34.0 मिलीमीटर रिकार्ड की गई है। शिमला में 7.0 मिलीमीटर, सुंदरनगर में एक मिलीमीटर, जबकि धर्मशाला में 16.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। इसके अलावा नाहन में 2.8, केलांग में 1.0, मनाली में 3.0, मंडी में 4.0, चंबा में 4.0, कुफरी में 7.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है।
: *Himachal News : विनय कुमार हाईकमान के आदेश पर कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार*
खडग़े से मिले विधानसभा उपाध्यक्ष, अध्यक्ष को लेकर चर्चा
कांगे्रस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े से विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार की रविवार को अंतत: मुलाकात हो गई। विनय कुमार पिछले चार दिनों से दिल्ली में डटे थे और उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात करनी थी। शनिवार को यह मुलाकात नहीं हो पाई, क्योंकि खडग़े अहमदाबाद गए हुए थे। ऐसे में रविवार को उनके वापस लौटने के बाद दोपहर बाद विनय कुमार की उनसे मुलाकात हुई। इस बैठक में संगठन के अध्यक्ष को लेकर चर्चा की गई है, क्योंकि विनय कुमार का नाम भी सामने आया था लिहाजा राष्ट्रीय अध्यक्ष उनसे मुलाकात करके बातचीत करना चाहते थे। इस मुलाकात के बाद विनय कुमार ने कहा कि पार्टी हाइकमान के आदेशों पर वह कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। पार्टी यदि उन्हें इस काबिल समझती है कि अध्यक्ष बनाया जाए, तो वह उनके आदेशों को स्वीकार करेंगे। हालांकि अभी यह फाइनल नहीं है कि कौन प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनेगा क्योंकि अभी एक और नाम विनोद सुल्तानपुरी का सामने है। विनोद सुल्तानपुरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पसंद हैं और उन्होंने रजनी पाटिल से उनके बारे में बात की है, मगर यहां विनय कुमार का नाम भी सामने आया था, जिसके बाद उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बात करने के लिए बुलाया था।
कांग्रेस हाईकमान यह चाहती है कि प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग से ही किसी को अध्यक्ष बनाया जाए। यहां अभी तक वर्तमान में पार्टी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह हैं जोकि राजपूत हैं, वहीं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी राजपूत हैं। उप मुख्यमंत्री मुकेश ब्राह्मण हैं। सरकार में डा. कर्नल धनी राम शांडिल और यादविंद्र गोमा के रूप में दो मंत्री हैं, जो इस वर्ग का नेतृ़त्व करते हैं। विनय कुमार को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसलिए कांग्रेस हाइकमान चाहता है कि इस वर्ग को बड़ा अधिमान दिया जाए, ताकि इस वर्ग के मतदाताओं को रिझाया जा सके। इससे पहले कांग्रेस की प्रदेश मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल ने इस दिशा में अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी है, जिसके बाद विनय कुमार को दिल्ली बुलाया गया था। चार दिन बाद रविवार शाम को उनकी मल्लिकार्जुन खडग़े से बातचीत हुई है। जल्द सीएम सुक्खू भी दिल्ली जाएंगे और आला नेताओं से इस सिलसिले में बातचीत करेंगे। इसके बाद पार्टी कोई निर्णय लेगी।
15 जुलाई को शिमला आएंगे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
15 जुलाई को सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खडग़े व प्रियंका गांधी शिमला आ रहे हैं जिनका यहां स्व. वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने का कार्यक्रम है। उससे पहले-पहले यहां पार्टी अध्यक्ष और पूरे संगठन में बदलाव संभव है। वैसे पार्टी का एक धड़ा यह भी चाहता है कि अभी प्रतिभा सिंह के हाथ में ही कमान रखी जाए और उनको आगे बढ़ाया जाए। खुद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भी इससे इन्कार नहीं किया है। अब देखना होगा कि पार्टी हाइकमान क्या करता है।
: *आज ऊना को तोहफे देंगे सीएम सुक्खू, करेंगे करोड़ों के उद्घाटन-शिलान्यास, कल निरमंड में ‘सरकार गांव के द्वार* ’
करोड़ों के उद्घाटन-शिलान्यास करेंगे; शाम को वापसी, कल निरमंड में ‘सरकार गांव के द्वार’
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोमवार को अपने एक दिन के प्रवास पर ऊना जा रहे हैं। वह सुबह शिमला से ऊना के लिए रवाना होंगे, जहां जलेड़ा नामक स्थान पर उनके कुछ कार्यक्रम हैं। यहां पर करोड़ों रुपए के उद्घाटन व शिलान्यास रखे गए थे। पिछले सप्ताह भी सीएम ने यहां जाना था, लेकिन अचानक उन्हें ऊना का दौरा बीच में छोडक़र आना पड़ा था। एक बार फिर वह ऊना जा रहे हैं। सोमवार शाम को सीएम वापस शिमला लौट आएंगे। रविवार को मुख्यमंत्री शिमला में ही थे और पूरा दिन वह ओकओवर में रहे। बताया जाता है कि यहां पर उनसे कांग्रेस के कुछ नेता मिलने के लिए पहुंचे थे, वहीं अधिकारियों के साथ भी उन्होंने कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा की। अवकाश के दिन भी सीएम ओक ओवर से कामकाज निपटाते हैं।
यहां अधिकारी पहुंचे हुए थे, जिनके साथ सीएम ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। सोमवार को उनका ऊना जाने का कार्यक्रम है, जिसके बाद मंगलवार को भी वह शिमला में नहीं होंगे। मंगलवार को सीएम ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के लिए निरमंड के बागासराहन गांव में जाएंगे। आनी विधानसभा क्षेत्र में पडऩे वाले इस गांव में लोगों की समस्याओं को सुनेंगे और वहां पर विकास के कार्यों को गति देंगे।
सफल हो रही मुहिम, सभी को सीएम का इंतजार
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के किसी दूरदराज के गांव में जाने के कार्यक्रम काफी ज्यादा सफल हो रहे हैं। वहां बेसब्री से सीएम के आने का इंतजार किया जाता है। लोग चाहते हैं कि सीएम उनके पास आएं, क्योंकि इससे गांव में विकास के कार्यों में तेजी आती है। साथ ही लोगों की जो समस्याएं रहती हैं, उनको मौके पर ही निपटा दिया जाता है। सीएम सुक्खू ने यह एक नई सोच के साथ कार्यक्रम चलाया है, जिसे सफलता मिल रही है।
बागा सराहन गांव के लोगों के बीच जाकर मुख्यमंत्री वहां की महिलाओं को 1500 रुपए के चेक भी वितरित करेंगे। बताया जाता है कि 1800 से ज्यादा महिलाओं को यह राशि मिलेगी और तीन महीने की राशि सीधे उनके बैंक खाते में डाल दी जाएगी। सरकार इस कार्यक्रम के लिए पूरी तरह से तैयार है और कुल्लू जिला प्रशासन ने वहां सभी तरह की तैयारियों को अंजाम दिया है।
: *अब इस दिन होगा वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण, राष्ट्रीय नेतृत्व के कहने पर बदली तारीख*
शिमला आएंगे सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खडग़े और प्रियंका, राष्ट्रीय नेतृत्व के कहने पर बदली तारीख
हिमाचल प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री रहे स्व. वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने के मौके पर विशेष रूप से सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और महासचिव प्रियंका गांधी आएंगे। उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को भी निमंत्रण दिया जाएगा। प्रतिमा का अनावरण अब 23 जून को नहीं, बल्कि 15 जुलाई को शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर होगा। राष्ट्रीय नेतृत्व की उपस्थिति में यह कार्यक्रम हो, इसलिए इसकी तारीख में परिवर्तन किया गया है। यह जानकारी वीरभद्र सिंह फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने एक पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व की सलाह पर शिमला के रिज मैदान पर राजा वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण अब 23 जून की जगह अगले महीने की 15 जुलाई को किया जाएगा।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, महासचिव प्रियंका गांधी बाड्रा, प्रदेश मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल सहित कई अन्य केंद्रीय नेताओं ने इस समारोह में शामिल होने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर प्रतिमा के अनावरण की तिथि 15 जुलाई को करने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने मान लिया है। इस पर उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खू का आभार जताया। उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को भी निमंत्रण दिया जाएगा, वहीं जयराम ठाकुर को भी बुलाया जाएगा। कई दूसरे भाजपा के नेता भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
बैठक में कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने पर चर्चा
विक्रमादित्य सिंह ने पीटरहॉफ में राजा वीरभद्र सिंह फाउंडेशन की बैठक की अध्यक्षता करते हुए 15 जुलाई को होने वाले प्रतिमा अनावरण समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए सभी पदाधिकारियों के साथ व्यवस्था पर विचार विमर्श करते हुए दिशा निर्देश दिए। 23 जून को वीरभद्र सिंह की जयंती है।
मंत्री-विधायक भी रहेंगे मौजूद
विक्रमादित्य सिंंह ने कहा कि सीएम, डिप्टी सीएम सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्य व विधायक इस अवसर के गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं ने इस समारोह में शामिल होने की इच्छा जताई है, परंतु 23 जून को सोनिया गांधी व प्रियंका गांधी पूर्व निर्धारित कार्र्यों के चलते व उनके दिल्ली से बाहर होने की वजह से अब इस समारोह को 23 जून की जगह 15 जुलाई को करने का निर्णय लिया गया है, ताकि शीर्ष नेतृत्व इस समारोह में शामिल हो सके
: *केंद्र ने रोका मनरेगा का बजट, पंचायतों में विकास कार्य ठप, पैसा न मिलने से शुरू नहीं हो रहे नए काम*
पैसा न मिलने से प्रदेश के गांवों में शुरू नहीं हो रहे नए काम
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में मनरेगा का बजट रोक दिया है। केंद्र सरकार से बजट न मिलने से जहां मनरेगा के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वहीं, प्रदेश में मनरेगा के नए कार्यों को बजट के अभाव में शुरू ही नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा पुराने कामों का भी भुगतान अटका हुआ है। केंद्र सरकार ने इससे पहले हिमाचल प्रदेश सरकार को मनरेगा के कार्य दिवस घटाने को कहा और अब बजट रोक दिया है। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में मनरेगा के तहत वित्त वर्ष 2025-26 में 5177 कार्य मंजूर किए गए हैं, जिसमें 904 नए कार्य मंजूर किए गए हैं। इन पर पर अभी तक कोई व्यय नहीं किया जा सका है। इनमें से 229 कार्य चल रहे हैं और इन पर 69.89 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। कुल 6311 कार्य किए जा रहे हैं, जिन पर 70.16 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश का मनरेगा बजट रोकने से प्रदेश में कई पंचायतों में मनरेगा का काम ठप हो गया है।
प्रदेश में मनरेगा के तहत कई प्रकार के कार्य हो रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से जल संरक्षण, सूखा राहत, ग्रामीण संपर्क, वनीकरण, बाढ़ नियंत्रण के कार्य शामिल हैं। इसके अलावा यह योजना ग्रामीण विकास, पर्यावरण की रक्षा, ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने, ग्रामीण और शहरी प्रवास को कम करने में भी मदद कर रही है। हिमाचल प्रदेश सरकार को पिछले वित्त वर्ष में 397 लाख कार्यदिवस मिले थे। इस वित्त वर्ष में 407 लाख कार्यदिवस का प्रस्ताव दिया गया था तो केंद्र ने कहा कि इन्हें घटाकर 250 लाख किया जाए। करोड़ों रुपए की राशि केंद्र सरकार के पास लंबित पड़ी है।
[: *Shubhman Gill: टेस्ट टीम की कमान मिलने पर शुभमन गिल का इमोशनल बयान*
सपने में भी नहीं सोचा था टीम इंडिया का कप्तान बनूंगा
20 जून से भारत का इंग्लैंड दौरा शुरू होने वाला है। पहली बार गिल टीम इंडिया की इंग्लैंड दौरे पर ही कप्तानी करेंगे। पांच मैचों की रोमांचक टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला लीड्स में खेला जाएगा। वहीं, गिल ने टेस्ट कप्तानी मिलने के बाद अब बड़ा बयान दिया है। स्काई स्पोट्र्स पर दिनेश कार्तिक के साथ एक बातचीत में शुभमन गिल ने उस पल (टेस्ट कप्तान बनने) का अपने और अपने परिवार के लिए महत्व बताया।
गिल ने कहा, ईमानदारी से कहूं , तो मुझे नहीं लगता कि मेरे पिता ने भी कभी मेरे भारत का टेस्ट कप्तान बनने का सपना देखा होगा और मैंने तो निश्चित रूप से नहीं देखा था। यह मेरे सपनों में भी नहीं था कि मैं कप्तान बनूंगा।
: *Junior Women’s Hockey: भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने 2-1 से हराया ऑस्ट्रेलिया*
कोंटिच। भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने यूरोप दौरे में अजेय क्रम जारी रखते हुए चौथे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया पर 2-1 से जीत दर्ज की। मैच की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के लिए जोसी लॉटन ने (पांचवें) मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोलकर टीम को बढ़त दिलाई।
भारतीय टीम की नंदिनी ने आठवें मिनट में गोल कर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। पहले क्वार्टर के आखिर में भारतीय टीम की उपकप्तान हिना बानो ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल कर स्कोर 2-1 कर दिया। भारतीय टीम की रक्षापंक्ति ने ऑस्ट्रेलियाई हमलों को विफलकर टीम को जीत दिला दी।
[: *कालेजों में रेगुलर कक्षाएं आज से, रैगिंग पर यूजीसी के कड़े नियम, तय की संस्थान प्रमुखों की जिम्मेेदारी*
प्रदेश के 138 कालेजों में सोमवार से रेगुलर कक्षाएं लगेगी। ऐसे में यूजीसी की ओर से कालेजों में रैगिंग के लिए भी सख्त नियम लागू किए गए हैं। इसमें सभी कालेजों को इन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने रैगिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए पहली बार उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों की जिम्मेदारी तय की है। शैक्षणिक सत्र 25-26 के लिए आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, रैगिंग की घटना होने पर अब कुलपति, निदेशक और रजिस्ट्रार पर गाज गिरेगी। उन पर यूजीसी नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निर्देशों में यह भी कहा है कि ऑनलाइन प्रवेश आवेदन पत्र के साथ सभी विद्यार्थियों से हलफनामा लिया जाएगा, जिसमें वे किसी भी रैगिंग में शामिल नहीं होने का वादा करेंगे। संस्थानों में ऑनलाइन दाखिले होने के कारण विद्यार्थियों को हर साल शपथ पत्र देना होगा। इसमें विद्यार्थी का पंजीकरण नंबर भी होगा।
संस्थानों में एंटी रैगिंग कमेटी बनाना आवश्यक
यूजीसी के मुताबिक, कैंपस में ऐसी घटनाएं किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मियों को जागरूक किया जाएगा। उच्च शिक्षण संस्थानों को एंटी रैगिंग कमेटी बनानी होगी। परिसर में सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे।
झूठी जानकारी देने पर मान्यता रद्द
यूजीसी के दिशा-निर्देश आईआईटी, एनआईटी, मेडिकल, इंजीनियरिंग व प्रबंधन समेत सभी उच्च संस्थानों पर लागू होते हैं। निर्देशों के मुताबिक, झूठी जानकारी देने पर संस्थानों की मान्यता रद्द करने, जुर्माना लगाने से कोर्स की मंजूरी वापस लेने तक के प्रावधान हैं। परिसर में आत्महत्या, हत्या समेत अन्य मामलों की जांच के लिए समिति बनाई जाएगी। समिति अपनी रिपोर्ट यूजीसी को देगी। किसी मामले में पुलिस जांच होने पर कानूनी सलाहकार को भी शामिल किया जाएगा।
: *पुलिस भर्ती सेंटर पालमपुर से संदिग्ध अभ्यर्थी गिरफ्त में, पुलिस कर रही जांच-पड़ताल, की जाएगी वेरिफिकेशन*
हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती में पालमपुर के एक सेंटर में परीक्षा से संबंधित गतिविधियों को लेकर दो संदिग्ध अभ्यर्थी पुलिस विभाग की ओर से गिरफ्त में लिए गए हैं। उक्त दोनों ही उम्मीदवारों को पुलिस थाना पालमपुर में रखा गया है, जहां जांच-पड़ताल चल रही है। इससे पहले भी पुलिस भर्ती पेपर लिक व नकल गिरोह सहित अन्य मामलों में संलिप्त रह चुकी है। इसमें 27 मार्च, 2022 में पेपर लिक मामले का बड़ा खुलासा हो चुका है। इससे पहले 2017-18 में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल गिरोह को पकड़ा जा चुका है। इसके चलते इस बार हिमाचल प्रदेश पब्लिक सर्विक कमिशन को एग्जाम करवाने का जिम्मा सौंपा गया था। वहीं, पुलिस विभाग की ओर से पुलिस भर्ती से जुड़े हुए हर मामले को संवेदनशीलता से देखा जा रहा है। ऐसे में अब उक्त उम्मीदवारों की पुलिस की ओर से संदिग्ध गतिविधियों को लेकर वेरिफिकेशन की जा रही है। पुलिस विभाग के डीआईजी नोर्थ जोन अभिषेक दुल्लर ने खबर की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पालमपुर सेंटर में दो युवाओं को शक के आधार पर पकड़ा गया है, इस संबंध में जांच चल रही है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत राज्य भर में लिखित परीक्षा का आयोजन रविवार को किया गया। इस बार पिछले साल की भांति जिलावार पदों का विभाजन कर भर्ती करने के बजाय प्रदेश स्तर पर सीधे 1088 पदों पर भर्ती करने का बड़ा निर्णय लिया गया है। पुलिस विभाग में कांस्टेबल के कुल 1088 पदों में से 708 पद पुरुषों के लिए और 380 पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं।
भर्ती प्रक्रिया में चयनित होने के लिए युवाओं को पुलिस विभाग की ओर से ग्राउंड टेस्ट प्रक्रिया करवाई गई है। जो अभ्यर्थी ग्राउंड टेस्ट की बाधा पार कर चुके हैं, अब उनके लिए रविवार को एचपीएससी की ओर से लिखित परीक्षा का आयोजन करवाया गया। इस बीच की पालमपुर में स्थापित परीक्षा केंद्र में एक बड़ा सामने आया है, जिसमें दो संदिग्ध युवाओं को पुलिस विभाग की ओर से डिटेन कर पुलिस थाना पालमपुर में रखा गया है। पुलिस विभाग कांगड़ा की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्रिहोत्री ने कहा कि मामले को लेकर हर पहलू की जांच पड़ताल व वेरिफिकेशन की जा रही है। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा (27 मार्च, 2022) का प्रश्नपत्र लीक हुआ था। इस मामले में 88 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने जांच पड़ताल कर शामिल बताया था। इसमें पुलिस थाना गगल में पांच मई, 2022 को एफआईआर संख्या 41 के तहत और दूसरा मामला पुलिस थाना सीआईडी शिमला में सात मई, 2022 को एफआईआर संख्या 05 के तहत दर्ज किया गया था। (एचडीएम)
: *हरिकेश मीणा को नियुक्ति, ओंकार शर्मा सिर्फ जनजातीय विकास विभाग देखेंगे*
सरकार ने ओंकार शर्मा से वापस लिए दूसरे महकमे, आज ज्वाइन करेंगे
प्रदेश सरकार ने अंतत: आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा को नियुक्ति दे दी है। मीणा को पावर कारपोरेशन के एमडी पद से हटाया गया था, जिसके बाद से उनको कोई नियुक्ति नहीं दी गई थी। अब सरकार ने उन्हें विशेष सचिव युवा सेवाएं एवं खेल विभाग की जिम्मेदारी सौंपी है। हरिकेश मीणा सचिवालय में सोमवार को कार्यभार संभालेंगे। अभी वह जांच के घेरे में हैं, जो जारी रहेगी। सीबीआई ने उनकी बेल को रिजेक्ट करने का आवेदन हाई कोर्ट में डाला है, जिस पर सोमवार 16 जून को सुनवाई होनी है। उससे पहले सरकार ने मीणा को विशेष सचिव के पद पर तैनाती दे दी है। वहीं, वरिष्ठ आईएएस ओंकार शर्मा से सरकार ने अन्य सभी विभाग वापस ले लिए हैं और वह केवल अतिरिक्त मुख्य सचिव जनजातीय विकास विभाग का दायित्व देखेंगे।
उनसे सरकार ने राजस्व, वित्तायुक्त राजस्व, जल शक्ति विभाग, गृह एवं विजीलेंस के साथ चेयरमैन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दायित्व भी वापस ले लिया है। यह सभी विभाग अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत को सौंपे गए हैं। श्री पंत को सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व के पद पर लगाया है, जो कि वित्तायुक्त राजस्व का दायित्व भी देखेंगे। इसके साथ उनके पास वन विभाग, गृह एवं विजिलेंस का जिम्मा भी रहेगा और साथ ही वह वित्तायुक्त अपील व चेयरमैन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी होंगे।
: *Divya Himachal Survey: भारत की विदेश नीति पर हिमाचल का जबाव*
‘दिव्य हिमाचल’ सर्वे में लोगों ने दी राय, चार फीसदी ने कमेंट करने से किया किनारा
क्या आप मानते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की विदेश नीति कमजोर हुई है? ‘दिव्य हिमाचल’ मीडिया हाउस के इस बार के साप्ताहिक सर्वे में यह सवाल पूछा गया। इस सवाल की सात दिन तक 19431 लोगों तक रीच रही। कुल 1034 प्रबुद्धजनों ने अपनी राय दी। सर्वे में 59 प्रतिशत लोगों ने माना कि भारत की विदेश नीति पिछले कुछ साल में कमजोर हुई है। हालांकि 37 प्रतिशत लोग भारत की विदेश नीति से संतुष्ट दिखे। उन्होंने भारत की विेदश नीति को सफल बताया। वहीं, चार फीसदी लोगों ने पता नहीं कहकर सवाल का जवाब देना सही नहीं समझा।
सर्वे में सबसे ज्यादा रिएक्शन यूट्यूब पर मिले, तो न्यूज वेबसाइट ‘दिव्य हिमाचल’ डॉटकॉम और ‘दिव्य हिमाचल’ टीवी के फेसबुक पेज पर भी कई लोगों ने अपनी राय दी। कुल मिलाकर सर्वे में लोगों ने अपनी मिलीजुली प्रतिक्रिया दी। अगर आप भी ‘दिव्य हिमाचल’ के सवाल पर कोई कमेंट या राय देना चाहते हैं तो आप यूट्यूब, न्यूज वेबसाइट ‘दिव्य हिमाचल’ डॉटकॉम और फेसबुक पेज पर दे सकते हैं।
भारत की विदेश नीति सबसे सफल
सर्वे के कमेंट सेक्शन में सूरज राणा ने लिखा कि विदेश नीति कमजोर नहीं खत्म हुई है। एक अन्य यूजर ने लिखा कि बहुत कमजोर हुई है। अरविंद ठाकुर ने लिखा कमजोर तो हुई है, लेकिन उतनी नही, जितनी पाकिस्तान की। रामपाल शर्मा ने कहा कि भारत की विदेश नीति सबसे सफल है। आरएस भारद्वाज ने भी माना कि विदेश नीति सशक्त हुई है। संजीव चौहान ने कहा कि विदेश नीति मजबूत हुई है।
: *प्राचीन अघंजर महादेव मंदिर पर ग्रामसभा में फैसला, पंचायत प्रतिनिधि-लोग होंगे शामिल*
धर्मशाला के खनियारा में विवाद के चलते एसडीएम करेंगे अध्यक्षता, पंचायत प्रतिनिधि-लोग होंगे शामिल
जिला मुख्यालय धर्मशाला के साथ लगते प्राचीन अघंजर महादेव मंदिर खनियारा के विवाद पर अब विस्तार से जांच पड़ताल सहित स्थानीय सोकणी द कोट ग्राम पंचायत की विशेष ग्राम सभा कर सभी लोगों की सहमति से उचित निर्णय लिया जाएगा। विशेष ग्राम सभा में धर्मशाला के उपमंडलाधिकारी एसडीएम मोहित रत्न, तहसीलदार गिरीराज ठाकुर, पंचायत प्रधान अमर सिंह सहित सभी पंचायत प्रतिनिधि व समस्त पंचायत निवासी का कोरम मौजूद रहेगा। उक्त विशेष ग्राम सभा को लेकर अब तक तिथि का निर्धारण नहीं किया गया है। हालांकि ग्राम सभा का आयोजन जून माह में ही किया जाएगा, जिससे कि मंदिर में चल रहे विवाद को समय रहते सुलझाया जा सकें। जिला मुख्यालय धर्मशाला के खनियारा अघंजर महादेव मंदिर विवाद को अब प्रशासन, स्थानीय पंचायत साकेणी द कोट के प्रतिनिधियों सहित लोगों की ओर से मिलकर सुलझाया जाएगा।
गौर हो कि अंघजर महादेव मंदिर को कमेटी ट्रस्ट की ओर से सरकारी नियंत्रण-भूमि पर अवैध कब्जे व मौजूदा महंत की ओर से अपने स्तर पर ही मंदिर को चलाए जाने को लेकर विवाद चल रहा है। उक्त विवाद तीन जून को एडीबी के भवन में ताला तोडऩे व एसडीएम व तहसीलदार के मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल करते समय और भडक़ गया था, जिसमें मंदिर के महंत कर्ण गिरी, दर्शन गिरी व महादेव गिरी तीन साधुओं संग सात लोगों को मिलाकर 10 लोगों को 7/51 के तहत हिरासत में लिया गया था। ग्राम पंचायत सोकणी दा कोट के प्रधान अमर सिंह ने कहा कि ग्राम सभा के दौरान इस मामले में कमेटी के पुनर्गठन सहित अन्य मामलों पर भी प्रशासन के साथ मिलकर सहमति बनेगी।
यह है विवाद
प्राचीन ऐतिहासिक अघंजर महादेव मंदिर खनियारा धर्मशाला में मंदिर की कमेटी ट्रस्ट व महंत बाबाओं के बीच मंदिर को सरकारी नियंत्रण में लेने पर विवाद चल रहा है। साथ ही मंदिर की भूमि को लेकर भी कई सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसमें भूमि पर अवैध कब्जों को लेकर मंदिर कमेटी ने सवाल उठाते हुए उसे दुरुस्त किए जाने की भी बात रखी है। इसमें कॅमेटी की ओर से ही मंदिर में तैनात मंहत बाबा व कुछ लोग अपने स्तर पर ही मंदिर को चलाने का भी प्रयास कर रहे हैं, जिसके चलते लगातार ऐतिहासिक मंदिर में विवाद बढ़ रहा है।
: *Mandi News: पद्धर पुलिस ने दबोचा भगोड़ा, कपूरथला से लूटपाट कर भागे थे तीन शातिर, दो अभी फरार*
कपूरथला (पंजाब) से कई अपराधों में शामिल भगोड़ों का एक साथी मंडी के पद्धर में पकड़ा गया है। गिरोह के तीन सदस्य कांगड़ा से जोगिंद्रनगर, घटासणी, पद्धर तक लगाए गए सभी पुिलस नाकों को तोड़ते हुए पद्धर पहुंचे। पद्धर पुलिस ने उनका पीछा किया, लेकिन वह हाथ नहीं आए। तीनों ग्वाली के बिरोजा निकासी स्टोर के समीप अपनी गाड़ी को सडक़ के किनारे खड़ा कर जंगल की ओर भाग गए। गिरोह के एक सदस्य की छलांग लगाते समय टांग टूट गई। वहीं सरवाला गांव के लोगों ने उसे एक गौशाला के समीप छिपा हुआ देख लिया और पद्धर पुलिस को सूचित किया। इन भगोड़़ो के पीछे लगी हुई पुलिस ने सरवाला गांव के पास उसे दबोच लिया, लेकिन दो सदस्य अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
पद्धर पुलिस के मुतािबक उन्होंने भागने में पीबी 05- एआर 3904 कार प्रयोग में लाई। उन्होंने गाड़ी की नंबर प्लेट बदली और हिमाचल नंबर की गाड़ी की नंबर प्लेट एचपी 34 एफ 2481 लगा दी थी। पुलिस के हत्थे चढ़े युवक की पहचान जॉनी, पुत्र मोहन लाल, निवासी फिरोजपुर पंजाब के रूप में हुई है। जॉनी को उपचार के लिए जोनल अस्पताल मंडी रैफ र कर दिया गया है। उसके दो साथी जगशीर, फिरोजपुर और सुनील कुमार निवासी बिहार का रहने वाला है। थाना प्रभारी सौरभ ठाकुर ने बताया कि दोनों युवकों की तलाश जारी है। इस युवक को पुलिस हिरासत में लेने के लिए पंजाब पुलिस मंडी पहुंच रही है।
: *जिप लाइन की केबल टूटने से किशोरी घायल, मनाली के नेहरूकुंड के पास हादसा, पत्थरों के बीच गिरी*
पर्यटन स्थल मनाली के नेहरूकुंड के पास जिप लाइन की अचानक तार टूट गई। तार टूटने से जिप लाइन का लुत्फ उठा रही महाराष्ट्र की एक किशोरी नीचे पत्थरों के ऊपर गिर गई, जिससे उसके शरीर पर गहरी चोटें आई हैं। इसके बाद तुरंत उसे उपचार के लिए मनाली अस्पताल लाया गया, इसके बाद यहां से चंडीगढ़ रैफर की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। इस घटना से बच्ची के परिजन परेशान हो गए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार परिजनों के साथ मनाली घूमने के लिए आई 12 वर्षीय तृषा पुत्री प्रफूल्ल निवासी नागपुर महाराष्ट्र नेहरूकुंड के पास जिप लाइन पर लटकते समय अचानक केबल टूटने से गिर गई। इस दुर्घटना के बाद किशोरी को गंभीर चोटें आईं और उसे तुरंत मनाली अस्पताल लाया गया।
इसके बाद चंडीगढ़ में भर्ती किया गया। वहीं, अब उसे नागपुर के एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया है, जहां उसका इलाज चल रहरा है। पुलिस ने किशोरी तृषा का मेडिकल करवाकर एमएलसी हासिल कर रही है। परिजनों के बयान लिखकर आगामी कार्रवाई लाई जा रही है। इस घटना की पुष्टि डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने की है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जिप लाइन की जांच भी की जा रही है।
: *HP News : हिमाचल आएगी वर्ल्ड बैंक की टीम, दोबारा होगी पावर डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट की समीक्षा*
दोबारा होगी पावर डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट की समीक्षा, दो हजार करोड़ की परियोजना पर तेजी से हो रहा काम
हिमाचल प्रदेश में वल्र्ड बैंक की सहायता से चल रहे पावर डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट की समीक्षा को एक बार फिर से वल्र्ड बैंक की टीम आएगी। अभी इनका आने का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है, मगर बताया जा रहा है कि जुलाई महीने में यह टीम एक बार फिर यहां आकर समीक्षा करेगी। वल्र्ड बैंक ने यहां के अधिकारियों को कुछ नए टास्क दिए थे, जिनको लेकर समीक्षा होगी। पिछली बार जब वल्र्ड बैंक की टीम यहां आई थी, तो उसने प्रोजेक्ट के कामकाज पर संतोष जाहिर किया था, जिसके साथ कुछ कमियों को दूर करने को कहा गया था। यहां दो हजार करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। पावर सेक्टर में रिफॉर्म लाने के लिए वल्र्ड बैंक ने हिमाचल को पैसा दिया है। हालांकि कुछ काम अभी तक नहीं हो पाने पर विश्व बैंक की टीम ने नाराजगी भी जताई है और कहा है कि उसे समय पर पूरा किया जाए, जिसकी समीक्षा अगले दौरे के दौरान होगी।
फिलहाल राहत की बात यह है कि प्रोजेक्ट के तहत जो काम चल रहे हैं, उनके लिए यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देने के साथ ही पैसा भी रिलीज करने की बात कही थी, जिस पर यहां से यूसी भेजने का काम शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र के अलग-अलग काम चल रहे हैं। विश्व बैंक के प्रोजेक्ट के तहत यहां ऊर्जा निदेशालय, बिजली बोर्ड, ट्रांसमिशन कारपोरेशन और पावर कारपोरेशन को अलग-अलग कार्यों के लिए पैसा दिया जा रहा है। अभी तक सरकार बिजली को बेचने व खरीदने के लिए सिंगल ट्रेडिंग डेस्क स्थापित नहीं कर पाई है, जिसे लेकर विश्व बैंक ने नाराजगी जताई थी, मगर इस पर सरकार ने एक नए आदेश जारी किए हैं, परंतु अभी उस पर सही तरह से अमल नहीं हो पाया है। इसमें तकनीकी खामियां हैं, जिनको सरकार दूर करने में जुटी है। एसएलडीसी में स्काडा इम्प्रूवमेंट पर चल रहे कार्यों को विश्व बैंक ने सराहा और इंटीग्रेटिड रिसोर्स प्लान को लेकर भी कागजी कार्रवाई को देखा गया। हाइड्रो पावर सेक्टर में किस तरह से रिफॉर्म किए जा रहे हैं, इनको लेकर भी जानकारी ली गई।
ट्रांसमिशन लाइनों पर भी चर्चा
ट्रांसमिशन लाइनों को लेकर भी विश्व बैंक के अधिकारियों ने जानकारी ली है। यहां पर कहां-कहां ट्रांसमिशन का काम चल रहा है इसके बारे में पूछा गया। इसमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट बिजली बोर्ड का है जिसमें 13 शहरों में बिजली अपग्रेडेशन का काम किया जा रहा है। 13 शहरों में अब तक किए गए कार्यों की भी आने वाले दिनों में समीक्षा की जाएगी।
[: *Parwanoo Taradevi Ropeway: साल में एक लाख सैलानियों की शर्त*
परवाणू से तारादेवी रोप-वे बनाने को कंपनी तैयार
पीपीपी मोड पर बनाने की कोशिश कर रही सरकार
परवाणू से तारादेवी के लिए पीपीपी मोड पर रोप-वे बनाया जाना है। निजी कंपनियों की तरफ से कुछ प्रस्ताव रोप-वे कारपोरेशन को मिले हैं। हालांकि अभी टेंडर को एक महीने के लिए आगे खिसका दिया गया है, परंतु अभी तक जो शर्तें कंपनियों ने रखी हैं, उसके अनुसार अडानी ने कहा है कि एक लाख टूरिस्ट एक साल में इस रोप-वे के जरिए शिमला पहुंचेंगे, तो ही यह फलीभूत हो सकेगा। इससे ज्यादा टूरिस्ट आएंगे, तो वह सरकार को अतिरिक्त राशि भी देने को तैयार हैं। अधिकारियों का मानना है कि यदि परवाणू से तारादेवी के लिए रोप-वे बन जाता है, तो इतनी संख्या में टूरिस्ट आसानी से इसके जरिए यहां पर आएंगे, क्योंकि बाहर से आने वाले टूरिस्ट रोप-वे का रोमांच उठाना चाहते हैं। अभी तक प्रदेश में जहां रोप-वे लगे हैं, वे सफल ही रहे हैं और वहां टूरिस्ट की संख्या बढ़ी है। जब निजी कंपनी पीपीपी मोड पर इसका निर्माण करती है, तो यकीनन फायदा होगा। इसमें कंपनी के साथ और भी शर्तों को रखा गया है। टूरिस्ट की संख्या के हिसाब से सरकार को पैसा मिलेगा और यह राशि टेंडर में शामिल की गई है।
अभी तक अडानी ने इसमें रूझान दिखाया है, लेकिन उसके साथ एक- दो और कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। कंपनियों से हुई बातचीत के आधार पर ही टेंडर को एक महीने आगे खिसकाया गया है। अब छह जुलाई को इसका टेंडर ओपन होगा, जिसमें देखना होगा कि कितनी कंपनियों ने हिस्सा लिया है। करोड़ों रुपए के इस प्रोजेक्ट को सरकार सिरे चढ़ाना चाहती है, क्योंकि जब परवाणू से तारादेवी तक रोप-वे में टूरिस्ट आएंगे, तो वहां से आगे शिमला के लिए भी रोप-वे का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इससे शिमला में वाहनों की कतारें नहीं लगेंगी और पहाड़ों के ऊपर से रोमांचकारी सफर का पूरा मजा टूरिस्ट ले सकेंगे। शिमला में भी वे रोप-वे जरिए ही घूमेंगे। तारादेवी से शिमला के लिए सरकारी क्षेत्र में रोप-वे लग रहा है, जबकि परवाणू से तारादेवी तक पीपीपी मोड पर निजी कंपनी द्वारा रोप-वे लगाने की योजना है। अब देखना होगा कि इसमें कितना रूझान कंपनियां दिखाती हैं, क्योंकि बातचीत के बाद जिन जरूरतों को कंपनियां सुझा रही थीं, उनको टेंडर में शामिल किया गया है। फायनांशियल बिड व टेक्निकल बिड के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी।
: *गाय-भैंस का घरद्वार इलाज, वेटरिनरी डिपार्टमेंट की पहल, 44 वाहन दे रहे सेवाएं, 1962 टॉल फ्री नंबर बना मददगार*
हिमाचल में वेटरिनरी डिपार्टमेंट की पहल, 44 वाहन दे रहे सेवाएं, 1962 टॉल फ्री नंबर बना मददगार
ग्रामीण जन जीवन में पशुधन का विशेष महत्त्व है। ग्रामवासियों द्वारा पशुओं को पूजा जाता है, क्योंकि पशुधन मानव का पोषण करने सहित आजीविका का साधन भी होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की पशुधन पर निर्भरता तथा ग्रामीण आर्थिकी में इसके योगदान को देखते हुए प्रदेश सरकार में पशुपालकों के हित में कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सर्वप्रथम अपनी चुनावी गारंटी को पूरा करते हुए सरकार द्वारा गाय और भैंस के दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा अपने अढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में पशुपालकों के हितार्थ विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। घरद्वार पर उत्कृष्ट पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए मोबाइल वेटरिनरी यूनिट की स्थापना की गई है तथा 44 चिकित्सा पशु वाहन क्रय कर प्रदेशभर में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। किसी भी प्रकार के रोग अथवा अन्य समस्याओं के लिए 1962 टॉल फ्री हेल्पलाइन आरंभ की गई है।
इस दूरभाष के माध्यम से अब तक पशु रोग से संबंधित 18723 तथा अन्य जानकारी से संबंधित 17850 मामले प्राप्त हुए हैं जिनका निपटारा मोबाइल वेटरिनरी यूनिट तथा पशुपालन विभाग के कर्मचारियों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर किया गया है। गरीबी रेखा से नीचे रह रहे पशुपालकों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहन करने के ध्येय से सरकार द्वारा गर्भित पशु आहार योजना का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है। सरकार द्वारा इस योजना के तहत अभी तक 31 हजार 110 पशुपालकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर गर्भित पशु आहार उपलब्ध करवाया गया है। इससे उनकी काफी मदद हो रही है।
पशुपालन को बढ़ावा दे रही प्रदेश सरकार
पशुपालन को बढ़ावा देने व पशुपालकों के लिए इस क्षेत्र को आर्थिक रूप से आकर्षक बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों से न केवल पशुपालन युवाओं के लिए घर-द्वार पर जीविकोपार्जन का विश्वसनीय जरिया बनेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल प्रदान करते हुए प्रदेश के विकास में सहयोगी भी बनेगा।
बकरी का दूध 70 रुपए लीटर खरीद रही सरकार
वर्तमान में प्रदेश सरकार प्रतिदिन औसतन 38400 पशुपालकों से 2 लाख 25 हजार लीटर गाय का दूध 51 रुपए प्रति लीटर के समर्थन मूल्य पर खरीद रही है। इसी प्रकार प्रतिदिन औसतन 1482 पशुपालकों से 7800 लीटर भैंस का दूध 61 रुपए प्रति लीटर समर्थन मूल्य पर गुणवत्ता के आधार पर खरीदा जा रहा है। प्रदेश सरकार ने पायलट आधार पर 70 रुपए प्रति लीटर की दर से बकरी के दूध की खरीद भी आरंभ की है। इसके अलावा नई दुग्ध उपार्जन सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है तथा इनमें अब तक 5166 किसानों को जोड़ा गया है।
छह लाख ब्रॉयलर चूजे बांटे
हिम कुक्कुट पालन योजना के तहत 602500 एक दिन की आयु के व्यावसायिक ब्रॉयलर चूजे वितरित किए गए हैं और 155 व्यावसायिक ब्रॉयलर इकाइयों की स्थापना के लिए 6 करोड़ 13 लाख रुपए की राशि आबंटित की गई है। पशुपालन विभाग द्वारा 21वीं पशुधन गणना का कार्य निर्धारित समय अवधि में किया गया है।
: *सुंदरनगर में चलती गाड़ी में स्टंट करने पर चालान*
कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करने वाले पर्यटकों पर सुंदरनगर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। हरियाणा नंबर के एक पर्यटक वाहन में सवार कुछ युवकों ने जडोल के समीप चलती गाड़ी की खिड़कियों से बाहर निकलकर अठखेलियां करते नजर आए। इस लापरवाही भरे कृत्य का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुलिस हरकत में आ गई और रविवार शाम को ऑनलाइन चालान कर दिया। डीएसपी सुंदरनगर भारत भूषण ने बताया कि वायरल वीडियो के आधार पर संबंधित वाहन की पहचान की गई।
इसके बाद मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए नियमों की उल्लंघना पर 2500 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। डीएसपी ने स्पष्ट किया कि ट्रैफिक नियमों की अवहेलना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
: *शहरी निकायों में शुरू होगा ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान*
प्रदेश के 15 शहरी निकायों में 3000 पौधे लगाएंगी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने शुरू की मुहिम, पौधे लगाने को स्थान तय
प्रदेश के शहरी निकायों में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान शुरू किया जाएगा। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं शहरी निकायों में पेड़ लगाएंगी। प्रदेश में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत 15 शहरी निकायों में तीन हजार पेड़ लगाने का निर्णय लिया गया है। भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान शुरू किया है, जिसके तहत अमृत मित्रों के माध्यम से महिलाओं के लिए पेड़ पहल को क्रियान्वित किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से प्रेरित होकर, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने अपनी अनूठी अमृत मित्र पहल (अमृत 2.0, डे-एनयूएलएम के साथ मिलकर) के तहत महिलाएं वृक्षों के लिए नाम के वृक्षारोपण अभियान शुरू करने का लक्ष्य रखा है। महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्य अमृत और एनयूएलएम प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में, जलाशयों और पार्कों के पास उपयुक्त स्थानों की पहचान करने, वृक्षारोपण और पौधों के रोपण का कार्य करेंगे।
साथ ही उनकी जीवित रहने की सुनिश्चितता कम से कम एक से दो वर्षों के लिए भी सुनिश्चित करेंगे। इसमें लगाए गए पौधों की दीर्घकालिक सेहत और जीवित रहने को सुनिश्चित करना, आवश्यक देखभाल प्रदान करना और उत्पन्न होने वाली किसी भी समस्या का समाधान करना है। अभियान के पहले चरण में शहरी निकायों के अधिकारियों को स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के साथ साइट का दौरा करने को कहा गया है। इस पहल के एक हिस्से के रूप में, 15 शहरी निकायों में वृक्षारोपण के लिए 47 अलग-अलग स्थानों की पहचान की गई है और 361 एसएचजी सदस्यों ने विभिन्न शहरी निकायों में साइट विजिट में भाग लिया। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, विजिट करने वाले एसएचजी सदस्यों को एक स्मारिका किट प्रदान की गई, जिसमें एक नीला हैंड बैग, पानी की बोतल, डायरी और पेन शामिल थे। इसके अलावा बैनर, होर्डिंग्स, आईडी कार्ड और अन्य संबंधित वस्तुओं सहित अभियान सामग्री संबंधित यूएलबी द्वारा खरीदी गई थी। भारत सरकार के निर्देशानुसार, इसमें शामिल व्यय को अमृत 2.0 योजना के फंड से पूरा किया जाएगा।
प्रदेश में कहां, कितने सदस्य छेड़ेंगे मुहिम
भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत हिमाचल प्रदेश के 15 शहरी निकायों में 3000 के करीब पेड़ लगाए जाएंगे। इसमें एमसी बिलासपुर में 27 एसएचजी सदस्य, एमसी डलहौजी में 22 एसएचजी सदस्य, एमसी पांबटा साहिब में 25 एसएचजी सदस्य, नगर पंचायत रिवाल्सर में दस एसएचजी सदस्य, एमसी सुंदर नगर में 22 एसएचजी सदस्य, एमसी कुल्लु में 30 एसएचजी सदस्य, एमसी सुजानपुर में 30 एसएचजी सदस्य, नगर निगम शिमला में 70 एसएचजी सदस्य, एमसी कांगड़ा में 22 एसएचजी सदस्य, पालमपुर में 24 एसएचजी सदस्य, एमसी नगरोटा में 15 एसएचजी सदस्य, बद्दी में 12 एसएचजी सदस्य, एमसी परवाणु में 20 एसएचजी सदस्य, एमसी नालागढ़ में द10 एसएचजी सदस्य पेड़ लगाएंगे।
तीन चरणों में चलाया जाएगा अभियान
पहले चरण में स्थल पहचान के लिए महिला स्वयं सहायता समूह जल निकायों, पार्को या स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा चिन्हित किसी अन्य स्थान का भ्रमण करेंगी। प्रत्येक एसएचजी सदस्य को एक विशिष्ट स्थल / स्थान के साथ जोड़ा जाएगा। भ्रमण के पश्चात, परिशिष्ट-2 के अनुसार एक साइट विजिट रिपोर्ट तैयार कर अमृत 2.0 पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। दूसरे चरण में पहचान किए गए स्थलों पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा। तीसरे चरण में जीवितता की निगरानी एक से दो वर्ष तक करना है।
प्रदेश में कहां, कितने सदस्य छेड़ेंगे मुहिम
भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत हिमाचल प्रदेश के 15 शहरी निकायों में 3000 के करीब पेड़ लगाए जाएंगे। इसमें एमसी बिलासपुर में 27 एसएचजी सदस्य, एमसी डलहौजी में 22 एसएचजी सदस्य, एमसी पांबटा साहिब में 25 एसएचजी सदस्य, नगर पंचायत रिवाल्सर में दस एसएचजी सदस्य, एमसी सुंदर नगर में 22 एसएचजी सदस्य, एमसी कुल्लु में 30 एसएचजी सदस्य, एमसी सुजानपुर में 30 एसएचजी सदस्य, नगर निगम शिमला में 70 एसएचजी सदस्य, एमसी कांगड़ा में 22 एसएचजी सदस्य, पालमपुर में 24 एसएचजी सदस्य, एमसी नगरोटा में 15 एसएचजी सदस्य, बद्दी में 12 एसएचजी सदस्य, एमसी परवाणु में 20 एसएचजी सदस्य, एमसी नालागढ़ में द10 एसएचजी सदस्य पेड़ लगाएंगे।
तीन चरणों में चलाया जाएगा अभियान
पहले चरण में स्थल पहचान के लिए महिला स्वयं सहायता समूह जल निकायों, पार्को या स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा चिन्हित किसी अन्य स्थान का भ्रमण करेंगी। प्रत्येक एसएचजी सदस्य को एक विशिष्ट स्थल / स्थान के साथ जोड़ा जाएगा। भ्रमण के पश्चात, परिशिष्ट-2 के अनुसार एक साइट विजिट रिपोर्ट तैयार कर अमृत 2.0 पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। दूसरे चरण में पहचान किए गए स्थलों पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा। तीसरे चरण में जीवितता की निगरानी एक से दो वर्ष तक करना है।
: *दो महीने के लिए मत्स्य आखेट पर लगी रोक, मछुआरों ने पौंग झील से समेट अपने जाल*
जवाली। पौंग झील में 16 जून से लेकर 15 अगस्त तक मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध के चलते मछुआरे आज रविवार को अपने जाल समेट कर घरों को ले आए तथा किश्तियों को सूखी जगह पर बांध कर घर को वापस आ गए। अब दो माह तक झील में बीरानी छाई रहेगी। पौंग झील किनारे मछली के अवैध शिकार को रोकने के लिए विभागीय टीमों ने तंबू गाड़ दिए हैं। मत्स्य विभाग की टीमों द्वारा अब झील में कड़ी निगरानी रखी जाएगी। अब दो माह तक पौंग झील की मछली का स्वाद चखने को नहीं मिलेगा।
मत्स्य विभाग द्वारा इस बार पौंग झील में कतला, राहु, मृगल, कॉमनकार्प, ग्रासकार्प प्रजाति का 80लाख बीज डालने का लक्ष्य रखा गया है। मछली प्रजनन सीजन होने के चलते दो माह तक झील में मत्स्य आखेट पर प्रतिबंध रहता है तथा इन दो माह में मछलियों को पनपने का भी समय मिल जाता है। झील सहित खड्डों-नालों में भी मत्स्य विभाग की टीमों द्वारा चैकिंग की जाएगी।
मत्स्य निदेशक विवेक चंदेल ने कहा कि 16 जून से 15 अगस्त तक झील में मत्स्य आखेट पर पूर्णतया प्रतिबंध लग गया है। उन्होंने कहा झील में नजर रखने के लिए 17 टीमों द्वारा तंबू गाड़ दिए गए हैं। एक फ्लाइंग स्कवायड भी गठित किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर बन्द सीजन में कोई मछली पकड़ता पाया गया तो उसको जुर्माना किया जाएगा।
[: केंद्र ने रोका मनरेगा का बजट, पंचायतों में विकास कार्य ठप, पैसा न मिलने से शुरू नहीं हो रहे नए काम
By: divyahimachal
पैसा न मिलने से प्रदेश के गांवों में शुरू नहीं हो रहे नए काम
स्टाफ रिपोर्टर — शिमला
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश में मनरेगा का बजट रोक दिया है। केंद्र सरकार से बजट न मिलने से जहां मनरेगा के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वहीं, प्रदेश में मनरेगा के नए कार्यों को बजट के अभाव में शुरू ही नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा पुराने कामों का भी भुगतान अटका हुआ है। केंद्र सरकार ने इससे पहले हिमाचल प्रदेश सरकार को मनरेगा के कार्य दिवस घटाने को कहा और अब बजट रोक दिया है। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में मनरेगा के तहत वित्त वर्ष 2025-26 में 5177 कार्य मंजूर किए गए हैं, जिसमें 904 नए कार्य मंजूर किए गए हैं। इन पर पर अभी तक कोई व्यय नहीं किया जा सका है। इनमें से 229 कार्य चल रहे हैं और इन पर 69.89 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। कुल 6311 कार्य किए जा रहे हैं, जिन पर 70.16 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश का मनरेगा बजट रोकने से प्रदेश में कई पंचायतों में मनरेगा का काम ठप हो गया है।
प्रदेश में मनरेगा के तहत कई प्रकार के कार्य हो रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से जल संरक्षण, सूखा राहत, ग्रामीण संपर्क, वनीकरण, बाढ़ नियंत्रण के कार्य शामिल हैं। इसके अलावा यह योजना ग्रामीण विकास, पर्यावरण की रक्षा, ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने, ग्रामीण और शहरी प्रवास को कम करने में भी मदद कर रही है। हिमाचल प्रदेश सरकार को पिछले वित्त वर्ष में 397 लाख कार्यदिवस मिले थे। इस वित्त वर्ष में 407 लाख कार्यदिवस का प्रस्ताव दिया गया था तो केंद्र ने कहा कि इन्हें घटाकर 250 लाख किया जाए। करोड़ों रुपए की राशि केंद्र सरकार के पास लंबित पड़ी है।
: ईरान की भयानक मिसाइलों के आगे आयरन डोम क्यों नाकाम, कौन-सा डिफेंस सिस्टम बना इस्राइल की ढाल?
अमर उजाला
Israel vs Iran Conflict News : इस्राइल का एयर डिफेंस सिस्टम किन-किन हिस्सों को मिलाकर बना है? यह कितना ताकतवर है? जिस आयरन डोम की लगातार चर्चा होती है, वह इस बार मिसाइलों को रोकने में सफल क्यों नहीं हुआ? इसके अलावा इस्राइल की पूरी रक्षा प्रणाली को क्या खतरे हैं और उसके मित्र देश कैसे इसमें मदद कर रहे हैं? आइये जानते हैं...
इस्राइल की तरफ से शुक्रवार सुबह ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर जबरदस्त हमले किए गए। इस्राइली एयरस्ट्राइक से ईरान में सैन्य अफसरों और वैज्ञानिकों समेत करीब 50 लोगों के मारे जाने की बात सामने आई है। इसके जवाब में ईरान ने भी शनिवार आते-आते इस्राइल पर बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन्स की बारिश कर दी। इस्राइली सेना ने इन हमलों में अपने तीन नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है।
ईरान के इस हमले के बाद इस्राइल में तेल अवीव और येरुशलम में कई जगह बड़े धमाकों की खबरें आई हैं। बताया जा रहा है कि इस्राइल का आयरन डोम सिस्टम ईरान की कई बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में नाकाम साबित हुआ। इसी के चलते उसके कुछ क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, अगर इस्राइल की हवाई हमलों से सुरक्षा करने वाली रक्षा प्रणाली पर गौर किया जाए तो सामने आता है कि आयरन डोम सिर्फ उसके एयर डिफेंस सिस्टम का एक हिस्सा है। इस्राइल की सुरक्षा आयरन डोम के अलावा उसकी 'ऐरो'और 'डेविड्स स्लिंग' नाम की रक्षा प्रणालियां करती हैं।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर इस्राइल का एयर डिफेंस सिस्टम किन-किन हिस्सों को मिलाकर बना है? यह कितना ताकतवर है? जिस आयरन डोम की लगातार चर्चा होती है, वह इस बार मिसाइलों को रोकने में सफल क्यों नहीं हुआ? इसके अलावा इस्राइल की पूरी रक्षा प्रणाली को क्या खतरे हैं और उसके मित्र देश कैसे इसमें मदद कर रहे हैं? आइये जानते हैं...
किन डिफेंस सिस्टम्स को मिलाकर बनी है इस्राइल की एकीकृत हवाई रक्षा प्रणाली?
इस्राइल हवाई हमलों से अपनी सुरक्षा के लिए सिर्फ आयरन डोम पर ही निर्भर नहीं है। दरअसल, आधुनिक समय में इस्राइल पर अधिकतर हमले फलस्तीन में स्थित गाजा पट्टी से ही हुए हैं। इन्हें हमास के लड़ाके समय-समय पर अंजाम देते आए हैं। ऐसे में इस्राइल का आयरन डोम सिस्टम इन्हें रोककर लगातार पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरता रहा है। हालांकि, यह आयरन डोम इस्राइल की रक्षा प्रणाली का सिर्फ एक हिस्सा है। इसके अलावा इस्राइली सेना (आईडीएफ) कुछ और रक्षा प्रणालियों का इस्तेमाल भी दुश्मन के हमलों को रोकने के लिए करती है। यह सभी सिस्टम मिलकर इस्राइल की सुरक्षा करते हैं।
1. क्या है आयरन डोम सिस्टम?
इस्राइल की रक्षा में सबसे बड़ा पहरा आयरन डोम को ही माना जाता है। जब कोई रॉकेट सीमा में प्रवेश करता है, तो आयरन डोम के रडार उसकी पहचान करते हैं और कंप्यूटर सिस्टम तय करता है कि वह रॉकेट आबादी वाले क्षेत्र में गिरेगा या नहीं। अगर हां, तो इंटरसेप्टर मिसाइल तुरंत दागी जाती है और हवा में ही उसे नष्ट कर देती है। ईरान के हमलों से पहले गाजा से हमास की तरफ से दागे गए हजारों रॉकेट को आयरन डोम ने सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया था।
हालांकि, आयरन डोम छोटी दूरी तक मार करने वाले रॉकेट्स और आर्टिलरी (तोप के हमलों) को खत्म करने के लिए ही बनाया गया। इसका मकसद फलस्तीन से होने वाले हमलों को रोकना ही रखा गया था। इसके चलते लंबी दूरी से आ रही तेज रफ्तार मिसाइलें, ड्रोन या एयरक्राफ्ट कई बार इसके दायरे में आने से बच जाते हैं। इतना ही नहीं कई बार जबरदस्त और बार-बार हमलों की स्थिति में आयरन डोम सिस्टम के रॉकेट खत्म भी हो सकते हैं।
2. क्या है डेविड्स स्लिंग सिस्टम?
डेविड्स स्लिंग इस्राइल का एक जगह पर स्थापित हथियार है, जो कि छोटी और मध्यम दूरी तक मार करने वाले रॉकेट, मिसाइलों, ड्रोन्स और अन्य हथियारों को मार सकता है। इसकी रेंज करीब 300 किलोमीटर तक है। आयरन डोम सिस्टम की तरह ही यह हिट-टू-किल हथियार यानी देखते ही मार गिराने वाला सिस्टम है। इससे निकले रॉकेट किसी भी निशाने से टकराकर उसे ध्वस्त कर देते हैं।
एक तरह से देखा जाए तो यह इस्राइल के घातक आयरन डोम और लंबी दूरी तक मार करने वाले ऐरो मिसाइल सिस्टम के बीच की खाली जगह को भरता है। यह प्रणाली बहुस्तरीय इस्राइली वायु रक्षा प्रणाली का हिस्सा है।
3. क्या है ऐरो डिफेंस सिस्टम?
इस्राइल के एकीकृत डिफेंस सिस्टम से जुड़ी तीसरी अहम रक्षा प्रणाली है 'ऐरो'। मौजूदा समय में इस्राइल इसके दूसरे और तीसरे वर्जन को संचालित करता है। यह सिस्टम पूरी तरह से रक्षा के लिए बनाया गया है और लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों (सुपरसॉनिक-हाइपरसॉनिक) को तबाह करने में कारगर है।
ऐरो-2
ऐरो-2 और ऐरो-3 के बीच मुख्य अंतर दोनों की मारक क्षमता का है। ऐरो-2 वायुमंडल के अंदर रहते हुए छोटी और मध्यम दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को 50 किलोमीटर की ऊंचाई में जाकर ही मार गिराने की क्षमता रखता है। यह 500 किलोमीटर दूर मौजूद मिसाइलों को भी पहचान लेता है और काफी करीब आने पर (100 किलोमीटर तक में) दुश्मन की मिसाइल को तबाह कर देता है। ऐरो-2 की मिसाइलें आवाज की गति से नौ गुना तेज रफ्तार से बढ़ती हैं और यह सिस्टम एक साथ 14 लक्ष्यों को भेद सकता है।
तकनीक के अनुसार, एरो-2 एक ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन वारहेड का उपयोग करता है जो लक्ष्य के पास जाकर विस्फोट करता है। ऐरो-2 को पहली बार इस्राइल ने किसी संघर्ष में 2017 में इस्तेमाल किया था। तब सीरिया की एक जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल को मार गिराया गया था।
ऐरो-3
ऐरो-3 वायुमंडल के बाहर, यानी अंतरिक्ष की सीमा के पास जाकर लंबी दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को इंटरसेप्ट करता है। यानी दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइल जब अपनी शीर्षतम ऊंचाई पर होती हैं, तब ही इन्हें तबाह कर दिया जाता है। यानी एरो-3 लंबी दूरी की और इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) को निष्क्रिय करने में सक्षम है। इसकी रेंज 2400 किलोमीटर तक दुश्मन के निशानों को भेदने की है।
एरो-3 में काइनेटिक किल तकनीक होती है जिसमें कोई वॉरहेड नहीं होता और मिसाइल केवल टक्कर से दुश्मन मिसाइल को नष्ट कर देती है। इसे पहली बार संघर्ष में 2023 में उतारा गया, जब यमन से हूती विद्रोहियों ने दक्षिण इस्राइल में स्थित एइलाट शहर को निशाना बनाने की कोशिश की थी।
4. क्या है आयरन बीम डिफेंस सिस्टम?
आयरन बीम डिफेंस सिस्टम के तहत इस्राइल ने एक ऐसी ताकतवर लेजर विकसित की है, जो कि रॉकेट, ड्रोन और टैंक-रोधी मिसाइलों को खत्म कर सकती है। यह रोशनी की ऊर्जा की अवधारणा पर काम करती है। इसके तहत लाइट की इंटेसिटी इतनी बढ़ा दी जाती है कि यह पदार्थों को काटा जा सके। इसे पहली बार तब तैनात किया गया था, जब हमास ने 7 अक्तूबर 2023 को दक्षिणी इस्राइल पर हमला बोला था और इस्राइली सेना ने गाजा पर पूरी तरह धावा बोल दिया था।
इस्राइल की रक्षा प्रणालियों को ईरान से किस तरह का खतरा?
इस्राइल को सबसे बड़ा खतरा ईरान की जबरदस्त रूप से खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइलों से है, जो कि ताकतवर होने के साथ आवाज की गति से कई गुना तेजी के साथ उड़ान भरती हैं और अंतरिक्ष के अंत तक जाकर दुश्मन देश को निशाना बनाती हैं। यह मिसाइलें कुछ मिनटों के अंदर ही ईरान से इस्राइल के बीच की हजारों किलोमीटर की दूरी को पार कर सकती हैं
इस्राइल की चिंता यह भी है कि ऐरो-3 जैसे मिसाइल-रोधी सिस्टम में इंटरसेप्टर्स लगाए जाने की एक सीमा होती है और यह काफी महंगे होते हैं। इतना ही नहीं यह बैलिस्टिक मिसाइल के मुकाबले हमेशा सटीक नहीं होते। ऐसे में इनके दुश्मन के हमलों को नाकाम करने की क्षमता अचूक नहीं होती।
बीते साल जब ईरान ने इस्राइल पर हमला किया और उसकी 30 बैलिस्टिक मिसाइल दक्षिण इस्राइल के सैन्य बेसों के करीब गिरीं थीं, तब अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित मिडलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एक विश्लेषण में सामने आया था कि इस्राइल के पास ऐरो-3 के इंटरसेप्टर्स की काफी कमी है। इतना ही नहीं पिछले महीने ही हूतियों की तरफ से दागी गई एक मिसाइल इस्राइली एयर डिफेंस और अमेरिकी रक्षा प्रणालियों को चकमा देते हुए इस्राइल के तेल अवीव में बेन गुरियोन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को निशाना बनाने में सफल रही थी।
इस्राइल के साथ एक समस्या और भी है। यह परेशानी है सतह के करीब और धीरे उड़ने वाले ड्रोन्स, जो कि इस्राइली एयर डिफेंस सिस्टम के रडार से बच निकलते हैं। ऐसे में इस्राइल के लिए इन्हें ट्रैक करना और खत्म करना काफी मुश्किल हो जाता है। बीते वर्षों में इस्राइल ने ऐसे ड्रोन्स को खत्म करने के लिए लड़ाकू विमानों को भी उतारा है।
: गर्मियों में शीतल जल ही नहीं, कई स्वास्थ्य लाभ भी देता है मटके का पानी
By: divyahimachal
प्रयागराज। आधुनिक तकनीक से बने फ्रिज से बाजार भले पटे पड़े हैं, बावजूद घड़ा अथवा मटका अपनी उपयोगिता को हर स्तर पर महत्वपूर्ण साबित करता है। इसका शीतल जल प्राकृतिक खनिजों से भरपूर होता है क्योंकि मिट्टी से पानी में हल्के खनिज तत्व मिलते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक और पर्यावरण अनुकूल है। घड़ा प्राकृतिक तरीके से पानी को ठंडा करता है। गर्मी में मटके का पानी जितना शीतल और सुकूनदायक लगता है, स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही लाभदायक होता है। इसमें रोगों से लड़ने की क्षमता होती ही है, साथ ही कुछ बीमारियां भी दूर होती हैं। गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही चाक पर हुनरमंद हाथों से तराशे गए “मिट्टी के घड़े और सुराही गरीबों के फ्रिज” बन गए हैं।
प्रयागराज में नैनी स्थित आरोग्य आश्रम एवं आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के आयुर्वेदाचार्य डाक्टर नरेंद्र नाथ केसरवानी ने बताया कि आज जब बाजार आधुनिक तकनीक से बने फ्रिज से भरे पड़े हैं, तब भी मटका अपनी उपयोगिता और महत्व को साबित करता है। यह प्राकृतिक तरीके से पानी को ठंडा करता है। गर्मी में मटके का पानी जितना ठंडा और सुकूनदायक होता है, स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही लाभदयक होता है। इसके पानी में रोगों से लड़ने की क्षमता के साथ ही कुछ बीमारियां भी दूर होती हैं।
डा केसरवानी ने बताया कि यह पानी कई खनिजों जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम और आयरन से भरपूर होता है, जो शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करते हैं। घडे का ‘अल्कलाइन पानी’ जिसका पीएच सात से अधिक होता है और क्षारीय गुणों से भरपूर होता है, पीने से एसिड रिफ्लक्स से राहत मिलती है। यह पानी शरीर के एसिड-बेस बैलेंस को बनाए रखने में मदद कर सकता है, जिससे एसिडिटी की समस्या कम हो सकती है।
उन्होंने बताया कि घड़े का पानी गले को तरावट तो पहुंचाता ही है साथ ही यह पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है। गैस्ट्रिक और एसिडिटी की शिकायत दूर होती है और शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर भी बढ़ता है। यह पाचन तंत्र को बेहतर रखने, शरीर को हाइड्रेट करने और त्वचा के लिए लाभादायक होता है। फ्रिज के पानी में क्लोरीन और अन्य रसायन हो सकते हैं जबकि घडे का पानी इनसे मुक्त होता है। यह गले के संक्रमण, जुकाम जैसी समस्याओं से भी बचाव करता है, जो बहुत ठंडे पानी से हो सकती हैं। गांवों से लेकर शहरों तक मटका हर घर में गर्मी का एक सस्ता, टिकाऊ और स्वास्थ्यवर्धक समाधान है।
डा केसरवानी ने बताया कि मटके की मिट्टी में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। जब हम घड़ा भरते हैं, तो मटका धीरे-धीरे पानी को बाहर की ओर हवा की तरफ छोड़ता है। इस प्रक्रिया को वाष्पीकरण (इवेपोरेशन) कहते हैं। जब पानी बाहर की हवा में वाष्प बनता है, तो यह पानी की ऊर्जा को ग्रहण करता है और उसके साथ पानी का तापमान कम हो जाता है, जिससे मटका का पानी ठंडा रहता है। गर्मी के मौसम में जब बाहर की हवा गर्म होती है, तो वाष्पीकरण की प्रक्रिया तेज हो जाती है और पानी तेजी से ठंडा होता है।
उन्होंने बताया कि घड़ा के बाहर का हिस्सा सूरज की गर्मी से गर्म हो जाता है, लेकिन वह गर्मी अंदर की तरफ नहीं पहुंच पाती। इसका अंदरूनी भाग बहुत ठंडा रहता है, और इस ठंडक के कारण अंदर का पानी भी ठंडा रहता है। यह प्रकिया प्राकृतिक कूलिंग सिस्टम की तरह काम करती है। यह स्वास्थ्यवर्धक और पर्यावरण अनुकूल है। फ्रिज का पानी मानव शरीर के लिए हानिकारक है, मिट्टी के घड़े का पानी एकदम शुद्ध और सही तापमान वाला होता है जो गले को राहत प्रदान करने वाला होता है।
प्रजापति समाज लंबे समय से मिट्टी के बर्तन बनाने की पारंपरिक शिल्पकला से जुड़ा रहा है। आधुनिक तकनीक, प्लास्टिक के बढ़ते चलन के साथ तमाम झंझावतों के बीच प्रजापति समाज के कुम्हारों का यह पेशा काफी हद तक सिमट गया है। गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही “गरीबों की फ्रिज” टोटी वाले घडे और डिजाइनर सुराही की भारी मांग से कुम्हारों को रोजगार मिला जिससे उनके चेहरे एक बार फिर खिल गए हैं।
प्रयागराज के झूंसी, फाफामऊ और तेलियरगंज क्षेत्रों में रहने वाले कई कुम्हार परिवार अब दिन-रात मटके बनाने में जुटे हैं। कुम्हारों का आरोप है कि उनसे अधिक मुनाफ बिचौलिये कमा रहे हैं। उनसे 150 रूपए मटका और 60-70 रूपए में सुराही खरीद कर उपभोक्ताओं को 300 से 350 रूपए में मटका और 150-200 रूपए में सुराही बिक्री करते हैं। बाजार में टोटी लगे और सादे दोनो की मांग है। खासकर टोटी लगे मटके और डिज़ाइनर सुराहियों की बाजार में अच्छी मांग है। मिट्टी की समस्या, घडे या मिट्टी के अन्य बर्तनों को पकाने के लिए कच्चे ईंधन के मूल्यों में भारी इजाफा के साथ शारीरिक श्रम को देखते हुए उतना लाभ नहीं मिलता जितना मिलना चाहिए।
तेलियरगंज निवासी बलकरन प्रजापति ने बताया, पिछले साल की तुलना में इस बार दोगुने मटके बिक रहे हैं। लोग टोटी वाला मटका ज्यादा पसंद कर रहे हैं, वह दिखने में भी अच्छा लगता है और उपयोग में भी आसान है। उन्होंने बताया कि मिट्टी के घड़े बनाने के लिए दोमट मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है। यह मिट्टी चिकनी, रेत और गाद का मिश्रण होती है, जो घड़ा बनाने के लिए आदर्श होती है। दोमट मिट्टी में पानी और हवा का सही संतुलन होता है, जिससे घड़ा मजबूत बनता है और पानी को ठंडा रखने में भी मदद करता है।
एक अन्य बुजुर्ग सुखई प्रजापति ने बताया कि वर्तमान में इनके द्वारा निर्मित मिट्टी की कलाकृतियां आकर्षण की केंद्र तो हैं लेकिन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा सुधि नहीं लिए जाने तथा मिट्टी एवं ईंधन की सुविधा प्रदान न होने के कारण कुम्हारी कला पर ग्रहण लगता जा रहा है। वहीं प्लास्टिक के प्रचलन ने इस कला को पूर्णरूप से सिमटने पर मजबूर कर दिया है। उन्होंने अपनी तकलीफ को इस प्रकार बयां किया “माटी के बर्तन के दाम मटिये बराबर, पेट पाले की चिंता में लइकन के ना पढ़वनी।”
पुरानी झूंसी निवासी मदारी प्रजापति ने बताया कि उनके परिवार में नौ सदस्य हैं लेकिन माटी के बर्तन के दाम मटिये बराबर है, दिनभर पूरवा, सुराही, दीया बनावे लीं जा लेकिन शाम होत रोटी के चिंता होत है। पेट पाले के चिंता में अपनी लइकन के ना पढ़वनी। राजकुमार प्रजापति ने बताया कि प्लास्टिक के बर्तनों के प्रचलन ने उनके संपूर्ण कारोबार को ठप करके रख दिया है। उनके द्वारा बनायी जा रही मिट्टी के बर्तन सही दाम से न बिकने के कारण परिवार का खर्चा नहीं चल पाता। सबिता एवं लीलावती देवी ने बताया कि उन्हें माटी व ईंधन के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से इतिहास में बैचलर और काशी विद्यापीठ से सोशल वर्क में परास्नातक डिग्री हासिल करने वाले शैलेश मिश्र ने बताया कि कुम्हारी कला का इतिहास मानव सभ्यता के इतिहास जितना ही पुराना है। उन्होंने बताया कि इतिहास में मृदभांड के अवशेष मोहनजोदडो- हडप्पा की खुदाई से प्राप्त हुए हैं। मृदभांड अनाज और पानी रखने के उपयोग में आता था।
श्री मिश्र ने बताया कि यह एक ऐसी कला है जो समय के साथ विकसित हुई है और आज भी दुनिया भर में जीवित है। आज के दौर में जब ऊर्जा संकट और पर्यावरण संरक्षण की बातें हो रही हैं, मटका जैसे स्वदेशी विकल्पों का महत्व और भी बढ़ गया है। यह न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी अनुकूल है, इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि मटका आज भी देसी फ्रिज से कम नहीं है। यह सस्ता, टिकाऊ, पर्यावरण मित्र और स्वास्थ्यवर्धक है।
कुम्हारी कला भारतीय संस्कृति की विशिष्ट धरोहर है। इस कला से जुड़े परिवारों को हमें संभाल कर रखना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार भी कुम्हारी कला को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित है। मानव सभ्यता के विकास में कुम्हारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कहा जाता है कि कला का जन्म कुम्हार के घर में ही हुआ है। इन्हें उच्च कोटि का शिल्पकार वर्ग माना गया है। सभ्यता के आरंभ में दैनिक उपयोग के सभी वस्तुओं का निर्माण कुम्हारों द्वारा ही किया जाता रहा है।
श्री मिश्र ने बताया कि समय के साथ, कुम्हारी कला विकसित होती गई और विभिन्न संस्कृतियों में अलग-अलग रूप लेती गई। अन्य साक्ष्यों के साथ, मिट्टी के बर्तनों का अध्ययन उन समाजों के संगठन, आर्थिक स्थिति और सांस्कृतिक विकास पर सिद्धांतों के विकास में सहायक है, जिन्होंने मिट्टी के बर्तनों का उत्पादन या अधिग्रहण किया था। मिट्टी के बर्तनों के अध्ययन से किसी संस्कृति के दैनिक जीवन, धर्म, सामाजिक संबंधों, पड़ोसियों के प्रति दृष्टिकोण, अपनी दुनिया के प्रति दृष्टिकोण और यहां तक कि संस्कृति द्वारा ब्रह्मांड को समझने के तरीके के बारे में भी निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं।
: पीड़ित की बजाय आरोपित का साथ दे रही पुलिस-प्रशासन, पांवटा मामले पर बोले जयराम ठाकुर
By: divyahimachal
शिमला : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पांवटा साहिब में जो कुछ भी हो रहा है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस जिस तरीके से पीड़ित परिवार के साथ ज्यादती कर रही है और समुदाय विशेष का साथ दे रही है वह सरासर गलत है। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पक्षपात पूर्ण है। प्रशासन पीड़ित परिवार और उनके सहयोगियों को ही प्रताड़ित करने का काम कर रहा है। प्रशासन और पुलिस का काम न्याय करना है पीड़ित का साथ देना है न कि सरकार की राजनैतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करना। पुलिस एक तरफ पीड़ित के साथ न्याय नहीं कर रही है दूसरी तरफ से उन्हें प्रताड़ित करने का प्रयास कर रही है। देवभूमि में इस तरीके के घटनाओं को हम सहन नहीं करेंगे। पुलिस पीड़ित परिवार और उनके सहयोगियों को परेशान करने के बजाय न्यायपूर्ण कार्रवाई करे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि घटना के दिन से ही पुलिस का रवैया हैरानी भरा रहा है। पुलिस प्रशासन पहले दिन से ही पूर्वाग्रह से काम कर रही है। पुलिस पीड़ित परिवार के बजाय अपरहण के आरोपी के साथ खड़ी है। पुलिस आरोपी के परिवार और उनके समर्थकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है जबकि पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है। प्रशासन की इस हरकत को भाजपा सहन नहीं करेगी। एक तरफा कार्रवाई करके पुलिस सिर्फ पीड़ित परिवार को और परेशान करना चाहती है। पुलिस अपनी नाकामी छुपाने और अपने राजनैतिक आकाओं को खुश करने के लिए के लिए इस तरीके की कार्रवाई कर रही है जो स्वीकार नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विभिन्न सोर्सेज के माध्यम से यह सामने आया है कि आरोपित समुदाय ने लापता लड़की का धर्म परिवर्तन भी कराया है। जो सरासर गैर कानूनी है। हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकार ने ही धर्म परिवर्तन के कानूनों को सख्त करते हुए हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 को पारित किया था। जिसमें गलत तरीके से धर्म परिवर्तन करने पर 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इतना सख्त कानून होने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई करवाई इस मामले में भी नहीं की जा रही है। इसके पीछे सिर्फ एक वजह है कि पुलिस और प्रशासन अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी प्रशासन और सरकार से गुजारिश है कि वह इस मामले में परिवार के साथ किसी भी तरीके का पक्षपात न करे। जिससे पीड़ित को न्याय मिल सके, इस तरीके की घटनाओं पर रोक लग सके और शांति का वातावरण स्थापित हो सके।
: सीएम कल आनी को देंगे करोड़ों की सौगात, 1850 महिलाओं के खाते में आएंगे 4500-4500 रुपये
अमर उजाला
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा 17 जून को निरमंड उपमंडल के बागासराहन क्षेत्र की 1850 महिलाओं को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत तीन माह की सम्मान राशि के रूप में 4500 प्रदान किए जाएंगे। पढ़ें पूरी खबर...
आनी विधानसभा क्षेत्र के निरमंड उपमंडल के बागासराहन क्षेत्र की 1850 महिलाओं को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत तीन माह की सम्मान राशि के रूप में 4500 प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 17 जून को क्षेत्र के दौरे के दौरान लगभग 85 लाख की राशि इन महिलाओं के खातों में ट्रांसफर करेंगे।
सुक्खू के 17 और 18 जून तक निरमंड के बागासराहन दौरे को लेकर प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं । सभी विभागों को को प्रशासन ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 17 जून को बागासराहन में सरकार घर-द्वार कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री विभिन्न विभागों की पूर्ण हो चुकी योजनाओं-परियोजाओं को जनता को समर्पित करेंगे। साथ ही कुछ अन्य योजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे।
उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस. रवीश ने बताया कि मुख्यमंत्री करीब 63 करोड़ की लागत से निर्मित विभिन्न सड़क मार्गों, पेयजल और सिंचाई योजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। इसी तरह कार्ट ईको ट्रेल्स बागासराहन का शुभारंभ किया जाना है। प्रकृति व्याख्या एवं सेवा केंद्र जलोड़ी जोत का उद्घाटन भी किया जाएगा, जिस पर 6.28 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
मुख्यमंत्री 2 करोड़ की लागत से पंचायती राज विभाग के पंचायत सामुदायिक केंद्र पंचायत पोशना, जगातखाना, कोटी, बखन, शिशवी और 1.55 करोड़ की लागत से निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खनाग भवन का उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री बागासराहन में विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों की प्रदर्शनियों का अवलोकन और स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ करेंगे। बागासराहन सहित 5 पंचायतों के लिए सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना की पात्र महिलाओं को सम्मान राशि वितरित की जाएगी। एसडीएम निरमंड मोहन सिंह ने बताया कि योजना के अंतर्गत प्रदेशभर की 35,093 पात्र महिलाओं को यह राशि दी जा रही है। इसके अलावा सीएम आनी हलके को करोड़ों रुपये की सौगात देंगे।
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*फ्लाइट में पांच घंटे फंसे रहे यात्री, खाना मिला न पानी, एसी भी रहा बंद*
Air India Express Video: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में दुबई से जयपुर आ रहे पैसेंजर बिना एसी के 5 घंटे प्लेन में बैठे रहे। तकनीकी खराबी के कारण फ्लाइट टेक ऑफ नहीं कर पाई। इस दौरान लगभग 150 से ज्यादा पैसेंजर्स को फ्लाइट में ही बैठाए रखा गया। पढ़ें पूरी खबर
एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है। दुबई से जयपुर आने वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस की इंटरनेशनल फ्लाइट में तकनीकी खराबी के चलते पैसेंजर्स को करीब 5 घंटे तक विमान में ही बैठाए रखा गया। इस दौरान न तो एयर कंडीशनर चलाया गया और न ही यात्रियों को पानी या खाना उपलब्ध कराया गया। सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, हालांकि अमर उजाला वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
फ्लाइट में 150 से ज्यादा पैसेंजर्स फंसे रहे
घटना 13 जून की है। एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट संख्या IX-196 दुबई से शाम 7.25 बजे जयपुर के लिए उड़ान भरने वाली थी। लेकिन तकनीकी खराबी के चलते विमान निर्धारित समय पर टेकऑफ नहीं कर सका। फ्लाइट के अंदर करीब 150 से ज्यादा पैसेंजर्स फंसे रहे। पांच घंटे से अधिक समय तक विमान में एसी बंद रहा, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
खाने-पीने की भी नहीं मिली सुविधा
फ्लाइट में फंसे यात्रियों ने बताया कि पांच घंटे के इंतजार के दौरान उन्हें पानी तक नहीं दिया गया। ना ही खाने-पीने का कोई अन्य सामान उपलब्ध कराया गया। परेशान यात्रियों ने एयर इंडिया एक्सप्रेस की लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई और इसे यात्रियों की सुरक्षा में गंभीर चूक बताया।
करीब सवा पांच घंटे की देरी से जयपुर पहुंची फ्लाइट
काफी इंतजार के बाद फ्लाइट तकनीकी समस्या दूर कर रात 12 बजकर 44 मिनट पर दुबई से रवाना हुई। फ्लाइट 13-14 जून की दरमियानी रात 2 बजकर 44 मिनट पर जयपुर एयरपोर्ट पहुंची। इस देरी के चलते यात्रियों को न केवल मानसिक और शारीरिक परेशानी उठानी पड़ी, बल्कि एयरलाइन की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं।
फिर हुई एयर इंडिया की फजीहत
गौरतलब है कि हाल के दिनों में अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही एयर इंडिया का एक बोइंग 787 विमान क्रैश हो गया था। हादसे के कुछ ही सेकेंड्स में विमान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया और आग का गोला बन गया। इस हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। वहीं फिर से एयर इंडिया की फ्लाइट में उत्पन्न हुई इस घटना से लोग इसकी फजीहत कर रहे हैं।
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*Divya Himachal Survey: भारत की विदेश नीति पर हिमाचल का जबाव*
‘दिव्य हिमाचल’ सर्वे में लोगों ने दी राय, चार फीसदी ने कमेंट करने से किया किनारा
क्या आप मानते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में भारत की विदेश नीति कमजोर हुई है? ‘दिव्य हिमाचल’ मीडिया हाउस के इस बार के साप्ताहिक सर्वे में यह सवाल पूछा गया। इस सवाल की सात दिन तक 19431 लोगों तक रीच रही। कुल 1034 प्रबुद्धजनों ने अपनी राय दी। सर्वे में 59 प्रतिशत लोगों ने माना कि भारत की विदेश नीति पिछले कुछ साल में कमजोर हुई है। हालांकि 37 प्रतिशत लोग भारत की विदेश नीति से संतुष्ट दिखे। उन्होंने भारत की विेदश नीति को सफल बताया। वहीं, चार फीसदी लोगों ने पता नहीं कहकर सवाल का जवाब देना सही नहीं समझा।
सर्वे में सबसे ज्यादा रिएक्शन यूट्यूब पर मिले, तो न्यूज वेबसाइट ‘दिव्य हिमाचल’ डॉटकॉम और ‘दिव्य हिमाचल’ टीवी के फेसबुक पेज पर भी कई लोगों ने अपनी राय दी। कुल मिलाकर सर्वे में लोगों ने अपनी मिलीजुली प्रतिक्रिया दी। अगर आप भी ‘दिव्य हिमाचल’ के सवाल पर कोई कमेंट या राय देना चाहते हैं तो आप यूट्यूब, न्यूज वेबसाइट ‘दिव्य हिमाचल’ डॉटकॉम और फेसबुक पेज पर दे सकते हैं।
भारत की विदेश नीति सबसे सफल
सर्वे के कमेंट सेक्शन में सूरज राणा ने लिखा कि विदेश नीति कमजोर नहीं खत्म हुई है। एक अन्य यूजर ने लिखा कि बहुत कमजोर हुई है। अरविंद ठाकुर ने लिखा कमजोर तो हुई है, लेकिन उतनी नही, जितनी पाकिस्तान की। रामपाल शर्मा ने कहा कि भारत की विदेश नीति सबसे सफल है। आरएस भारद्वाज ने भी माना कि विदेश नीति सशक्त हुई है। संजीव चौहान ने कहा कि विदेश नीति मजबूत हुई है।
: *Pre-Monsoon : हिमाचल में प्री-मानसून की एंट्री, मानसून भी जल्द देगा दस्तक, जानिए कब तक*
मौसम विभाग का पूर्वानुमान, इस बार मानसून भी जल्द देगा दस्तक
हिमाचल में प्री-मानसून की एंट्री हो गई है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर रविवार को बरसीं फुहारों के साथ सोमवार को हुई बारिश प्री-मानसून की एंट्री बताई गई है। इस बार प्रदेश में प्री-मानसून ने समय से पहले ही एंट्री कर ली है, ऐसे में मानसून के भी जल्द दस्तक देने का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। प्रदेश में बरस रही बौछारें जहां लोगों को गर्मी से राहत लेकर आई हैं, वहीं बारिश को बागवानी सहित कृषि के लिए भी लाभदायक माना जा रही है। सोमवार को प्रदेश में पहाड़ों के साथ कई मैदानी इलाकों में कई स्थानों पर झमाझम बारिश हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा इन बौछारों को प्री-मानसून की बौछारें रिकार्ड किया जा रहा है। एक-दो दिन में पूरे हिमाचल में प्री मानसून का असर दिखाई देगा।
प्रदेश में प्री-मानसून की बौछारों के साथ-साथ मानसून के भी जल्द दस्तक देने का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। हालांकि प्रदेश में मानसून के प्रवेश करने की नार्मल डेट 24 जून है, मगर इस बार प्रदेश में मानसून के भी सामान्य अवधि से तीन-चार दिन पहले प्रवेश की संभावना जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि केरल में भी नॉर्मल टाइम से एक सप्ताह पहले मानसून की एंट्री हुई थी। मौसम विज्ञान कंेद्र द्वारा हवाओं के चक्र को देखते हुए हिमाचल में भी सामान्य अवधि से पहले मानसून के प्रवेश की उम्मीदें जताई जा रही है।
मानसून में सामान्य से अधिक बारिश के आसार
प्रदेश में इस बार मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला व दिल्ली द्वारा बीते दिनों के दौरान जारी पूर्वानुमान में मानसून के दौरान अधिकतर जिलों में झमाझम बारिश होने की संभावना जताई गई थी। इतना ही नहीं, कई स्थानों पर बहुत ज्यादा बारिश होने का भी पूर्वानुमान लगाया गया था। प्रदेश में अगर भारी बारिश होती है, तो जनता को फिर से बीतें सालों की तरह नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
: *Himachal : पुलिस में भर्ती करवाने पर ठगी, सात आरोपी हिरासत में, पेपर लीक के फिलहाल संकेत नहीं*
जवाली के दो शातिरों संग पांच उम्मीदवार भी शामिल, पेपर लीक के फिलहाल संकेत नहीं
हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा को पास करवाने के नाम पर अब ठगी का मामला सामने आया है। इस संदर्भ में पुलिस विभाग कांगड़ा के तहत पालमपुर में सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनसे रविवार से ही इस मामले में पूछताछ जारी है। उक्त सात आरोपियों में पांच पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में बैठे थे, जिन्हें परीक्षा के दौरान ही पुलिस ने हिरासत में लिया था, जबकि पुलिस इंटेलिजेंस की सूचना के आधार पर जवाली के शातिरों को भी हिरासत में लिया गया है। हालांकि शुरुआती पुलिस जांच में पेपर लीक होने की कोई भी बात सामने नहीं आई है। बावजूद इसके पुलिस विभाग की ओर से हर पहलू व पैसों के लेन- देन के विषयों को भी जांचा जा रहा है। मामले में शामिल लोगों के लिंक कहां-कहां हैं, पुलिस इसकी जांच में जुट गई है। पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में संदेह के आधार पर कुछ युवकों को पुलिस द्वारा रविवार को डिटेन कर पूछताछ की गई थी। इस संदर्भ में बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत पालमपुर थाना में मामला दर्ज कर लिया गया है। गौर हो कि इससे पहले भी वर्ष 2018-19 के पुलिस भर्ती नकल मामले के गिरोह में भी ज्वाली के किगंपिन सहित बड़ी संख्या में शातिर शामिल थे।
एसएसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि पुलिस इंटेलिजेंस सोर्स से सूचना मिली थी कि कुछ लोग पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में पास करवाने के नाम पर ठगी कर रहे हैं और पैसों को वसूली कर रहे हैं। पुलिस ने संज्ञान लेकर कुछ लोगों से पूछताछ की। इस मामले में पुलिस थाना पालमपुर में बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला भर्ती करवाने के नाम पर धोखाधड़ी का लग रहा है, जिसमें पुलिस जांच जारी है। जांच उपरांत ही मामले से जुड़े अन्य तथ्य सामने आ पाएंगे। उन्होंने बताया कि धर्मशाला क्षेत्र में इस तरह के चार से पांच मामले दर्ज हुए हैं। हाल ही में धर्मशाला के खनियारा में भी ऐसा मामला सामने आया था, जिसमें आर्मी में भर्ती करवाने के नाम पर ठगी की गई थी। पालमपुर में भी पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा को पास करवाने के नाम पर लोगों से पैसों की डिमांड को गई और लोगों से ठगी की कोशिश की गई है। इस मामले की जड़ तक जाने का प्रयास किया जाएगा।
2019 में भी पकड़े थे जवाली के दोनों शातिर
पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में ठगी मामले में पकड़े गए ज्वाली निवासी विक्रम व वलविंद्र उर्फ सोनू जरयाल पूर्व में भी संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं। वर्ष 2022 में पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण तथा वर्ष 2019 में अवैध ब्लूटूथ डिवाइस के प्रयोग में भी इनकी संलिप्तता सामने आई थी। एसएसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि हिमाचल पुलिस भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता व पारदर्शिता बनाए रखने हेतु पूरी तरह सतर्क है और ऐसे अपराधों में संलिप्त किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
: *Himachal Accident : कोकसर के पास गिरी टैम्पो ट्रैवलर; दो लोगों की मौत, 22 घायल*
कोकसर-रोहतांग सडक़ मार्ग पर सोमवार शाम छह बजे ग्रांफु के समीप एक टैम्पो ट्रैवलर वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर सडक़ से नीचे जा गिरा। वाहन में कुल 24 यात्री सवार थे। इस दर्दनाक हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 22 घायल हैं। घायल यात्रियों को प्राथमिक उपचार के बाद मनाली रैफर किया गया है। मामले की पुष्टि करते हुए एसपी लाहुल-स्पीति एल्मा फिरोज ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही लाहुल-स्पीति पुलिस प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंचा। एसपी मुख्यालय केलांग केनेतृत्व में पुलिस की तीन टीमें तुरंत राहत एवं बचाव कार्य हेतु घटनास्थल पर पहुंचीं।
पुलिस द्वारा स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को सुरक्षित बाहर निकालकर एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर से आमजन से अपील की गई है कि किसी भी प्रकार की अपुष्ट जानकारी या अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के साथ सहयोग करें। बताया जा रहा हे सैलानी हरियाणा से मनाली घूमने के लिए आए थे और सोमवार को रोहतांग घूमने के लिए गए थे।
वाहन चालकों से अपील
पुलिस विभाग ने जिला के सभी वाहन चालकों से आग्रह किया है कि वे पहाड़ी क्षेत्रों में वाहन चलाते समय विशेष सावधानी बरतें। नशे की हालत में वाहन न चलाएं, ड्राइविंग करते समय मोबाइल फोन का उपयोग न करें और सडक़ सुरक्षा नियमों का पूर्णत: पालन करें, ताकि इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
[: *UPS : ऑल इंडिया सर्विस अधिकारियों के लिए Unified Pension Scheme लागू*
हिमाचल में ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एनपीएस की जगह अब यूपीएस यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू होगी। भारत सरकार ने ऑल इंडिया सर्विसेज के लिए इस नए सिस्टम को पहली अप्रैल, 2025 से लागू करने के बारे में पत्र भेजा था। इसी पत्र के अनुसार अब राज्य के वित्त विभाग के पेंशन विंग ने भी ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर दिया है। इस मेमोरेंडम में नेशनल पेंशन सिस्टम को यूनिफाइड पेंशन स्कीम में कन्वर्ट करने के लिए गाइडलाइन दी गई है। इस गाइडलाइन के अनुसार एनपीएस सब्सक्राइबर कर्मचारियों और अधिकारियों को ऑप्शन नए सिरे से देनी होगी। इस ऑप्शन के अनुसार फिर हेड ऑफ ऑफिस और ट्रेजरी बाकी औपचारिकता को पूरा करवाएगी।
केंद्र सरकार ने अपने यहां एनपीएस को यूपीएस में कन्वर्ट कर लिया है। हिमाचल में ऑल इंडिया सर्विसेज के लिए ऐसा करने को लेकर 19 मार्च, 2025 के बाद 30 अप्रैल, 2025 को दोबारा पत्र आया था। अब राज्य सरकार ने इसी पत्र पर कार्यवाही करते हुए 18 नवंबर, 2009 से एनपीएस में डाले गए ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों के लिए अब यूपीएस को लागू कर दिया है। सरकार के अपने कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू है और उसमें इस कार्यालय आदेश के माध्यम से कोई परिवर्तन नहीं होगा।
: *खिलाड़ी छात्रों की नहीं लगेगी एबसेंट, CM का बड़ा ऐलान, स्पोर्ट्सपर्सन को मिलेगी विशेष खेल अवकाश उपस्थिति*
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में खेल बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुख्यमंत्री राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन प्रदान कर रहे हैं। राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री ने विभिन्न खेल निकायों को निर्देश जारी किए हैं कि वे राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाडिय़ों को उस अवधि के दौरान विशेष अवकाश उपस्थिति के रूप में दर्ज करें। इस निर्णय का उद्देश्य विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में विभिन्न खेल संघों, महासंघों या बोर्डों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को विशेष अवकाश प्रावधान की कमी के कारण स्कूलों में अनुपस्थित अंकित किया जाता है। इससे न केवल उनकी उपस्थिति प्रभावित होती है, बल्कि उनके आंतरिक मूल्यांकन व शैक्षणिक रिकॉर्ड पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्रदेश सरकार अब यह अनिवार्य कर दिया गया है कि मान्यता प्राप्त खेल निकायों द्वारा प्रतियोगिता अथवा कोचिंग कैंप के लिए जारी भागीदारी प्रमाणपत्र या संस्था पत्र स्वीकार किया जाएगा। स्कूलों को ऐसे छात्रों को अनुपस्थित अंकित करने के बजाय विशेष अवकाश उपस्थित करने के रूप में अंकित करने के आदेश दिए गए हैं।
गांव में पहुंच रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गांव स्तर तक खेलों की असाधारण प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें उचित मंच प्रदान करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। सरकार के यह प्रयास इंगित कर रहे हैं कि खेल केवल जुनून नहीं बल्कि खेलों का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
नम्होल में रुके मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ऊना से शिमला जाते समय कुछ देर नम्होल में ब्यास कामधेनु में रुके। उन्होंने यहां पर एक आउटलेट पर हिम ईरा के उत्पादों की बिक्री के बारे में भी जानकारी हासिल की।
खिलाडिय़ों के जीवन में पोषणयुक्त आहार का भी महत्त्व
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रशिक्षण के साथ-साथ खिलाडिय़ों के जीवन में पोषणयुक्त आहार का भी महत्व रहता है। इसके दृष्टिगत सरकार द्वारा 421 खिलाडिय़ों को डाइट मनी के रूप में 76.98 लाख रुपए और 235 खिलाडिय़ों को यात्रा व्यय के लिए 6.01 लाख रुपए दिए गए हैं। यह निर्णय दर्शाते हैं कि प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाडिय़ों को सम्मानित करने के साथ-साथ खेल की तैयारी करने के लिए बेहतर प्रशिक्षण के साथ बेहतर डाइट और यात्रा सुविधा भी प्रदान की जाती है। राज्य में खेल अधोसंरचना का उन्नयन किया जा रहा है। सरकार हमीरपुर के नादौन में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल स्टेडियम निर्मित कर रही है। इस विश्व स्तरीय सुविधा से युवा खिलाड़ी अपनी खेल प्रतिभा निखार सकेंगे।
अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को बांटी करोड़ों की राशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अंतरराष्ट्रीय खेल विजेताओं की सम्मान राशि में उल्लेखनीय वृद्धि की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को बड़ी हुई पुरस्कार राशि के साथ 14.77 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया। सरकार के इस कदम का उद्देश्य राज्य के खिलाडिय़ों की कड़ी मेहनत, समर्पण और अंतरराष्ट्रीय सफलता को मान्यता प्रदान करना है। ऊना जिले के पैरा ओलंपियन निषाद कुमार को प्रतिष्ठित टोक्यो पैरा ओलंपिक सहित विभिन्न पैरा-खेलों में ऊंची कूद में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए 7.80 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई।
इसके साथ मंडी के पैरा एथलीट अजय कुमार को 400 मीटर दौड़ में पदक जीतने के लिए 2.50 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया गया। प्रदेश के लिए सम्मान अर्जित करने वाले हमीरपुर के विकास ठाकुर को भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक जीतने के लिए दो करोड़ रुपए का पुरस्कार दिया गया। कबड्डी के खेल में, सिरमौर से एथलीट रितु नेगी, पुष्पा और सुषमा शर्मा, बिलासपुर से निधि शर्मा, सोलन से ज्योति और ऊना से विशाल भारद्वाज को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में राज्य का नाम रोशन करने के लिए प्रत्येक एथलीट को 33.32 लाख रुपए का पुरस्कार दिया गया। शिमला की क्रिकेट स्टार रेणुका सिंह ठाकुर को भी खेल में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए 13.32 लाख रुपए प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त इन सम्मानों के अलावा, अन्य उत्कृष्ट एथलीटों को लगभग 44 लाख रुपए की राशि प्रदान की।
[: *दुनिया पर मंडराया बड़ा खतरा, रिपोर्ट में हो गया बड़ा खुलासा*
परमाणु हथिया.रों में भारत की लंबी छलांग, भारत ने 1 साल में बना लिए कई हथियार, भारत से काफी पीछे है पड़ोसी पाकिस्तान, बढ़ती संख्या कहीं जं.ग की आहट तो नहीं
खास खबर में आज हम बात करेंगे उस रिपोर्ट की, जिसने राहत तो दी है लेकिन साथ ही ईशारा भी किया है उस बड़े खतरे की ओर जो दुनिया पर मंडरा रहा है.. ये खतरा है परमाणु युद्ध का- क्योंकि परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ रही है। आज हर देश परमाणु समपन्न बनने की कोशिश मे जुटा है, लेकिन जिन देशों के पास परमाणु है वो अब और खतरनाक साबित हो सकते हैं। सबसे पहले बात भारत की करें तो दुनिया में बढ़ते परमाणु यु्द्ध के खतरे के बीच भारत संयम, संतुलन और रणनीति के सहारे चुपचाप वैश्विक मंच पर एक नई स्थिति गढ़ रहा है। भारत… अब इस परमाणु दौड़ में सिर्फ शामिल नहीं है—बल्कि काफी आगे है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हाल ही में जारी स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताज़ा रिपोर्ट में यह साफ तौर पर सामने आया है कि भारत अब न सिर्फ पाकिस्तान से आगे निकल चुका है, बल्कि एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में भी विश्वसनीय पहचान बना चुका है। जहां एक ओर भारत ‘नो फर्स्ट यूज़’ की नीति पर अडिग है, वहीं वह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और तकनीकी श्रेष्ठता की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। स्टॉक कहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के पास पाकिस्तान से ज्यादा परमाणु हथियार हैं।
2024 में भारत के पास 172 परमाणु हथियार थे… 2025 में यह संख्या बढ़कर 180 हो गई है। यही नहीं भारत ने परमाणु हथियारों को ले जाने वाली मिसाइलों को भी बेहतर बनाया है। भारत की नई कैनिस्टर मिसाइलों द्वारा परमाणु हथियार को ज्यादा सुरक्षा के साथ ले जाना संभव होगा। साथ ही निकट भविष्य में एक मिसाइल से ही कई परमाणु हथियार ले जाना भी संभव हो सकेगा। जबकि बात दूसरी ओर पाकिस्तान की करे तो पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों की संख्या इस वक्त 170 है। लगभग पीछले एक साल में इस संख्या में कोई बदलाव भी नहीं हुआ है। हालांकि रिपोर्ट में इस बात का जिक्र जरूर किया गया है कि पाकिस्तान भी नई मिसाइलें बना रहा है। पाकिस्तान परमाणु हथियार बनाने के संसाधन जुटा रहा है और जल्द ही उसके परमाणु हथियारों के जखीरे में भी इजाफा देखने को मिल सकता है।
हालांकि इस रिपोर्ट में जिक्र सिर्फ भारत पाक का नहीं है बल्कि तमाम परमाणु सम्पन्न देशों का किया गया है, और जो सबसे बड़ा चौंकाने वाला खुलासा है वो चीन को लेकर किया गया है। भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को आधुनिक बना रहे हैं, लेकिन चीन इससे भी ज्यादा तेजी से अपने हथियार बढ़ा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन 2023 से हर साल लगभग 100 नए परमाणु हथियार बना रहा है। जनवरी 2025 तक, चीन ने उत्तर और पूर्व में 350 नए ICBM बनाए हैं। ICBM का मतलब है, ऐसी मिसाइलें जो एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक मार कर सकती हैं। रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि इस दशक के अंत तक चीन, रूस और अमेरिका के बराबर इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें बना चुका होगा। चीन अगले सात से आठ वर्षों में 1000 परमाणु हथियार बना सकता है हालांकि चीन अभी भी रूस और अमेरिका के परमाणु हथियारों के मुकाबले अभी बहुत पीछे है। फिलहाल रूस के पास सबसे ज्यादा न्यूक्लियर वारहेड्स हैं। रूस के पास मौजूद समय में 5,459 परमाणु हथियार हैं। वहीं अमेरिका के पास 5,177 परमाणु हथियार होने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस और अमेरिका के पास दुनिया के कुल परमाणु हथियारों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है। इसके अलावा इजरायल के पास 90 परमाणु हथियार हैं। वहीं उत्तर कोरिया के पास 40 से 50 न्यूक्लियर हथियार होने का दावा किया गया है।
हालांकि ये बात तो हो गई कि कौन किस से कितना आगे हैं। मगर परमाणु हथियारों की बढ़ती संख्या बड़े खतरे की आहट भी है। क्योंकिं परमाणु हथियारों से लैस 9 के 9 देश अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। यानि कि दुनिया में परमाणु हथियारों की होड़ तेज हो गई है, और खतरनाक हथियारों का किसी भी देश के पास होना कभी भी किसी भी तरह के तनाव को एक परमाणु युद्ध में बदल सकता है। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जिस तरह से परमाणु हथिय़ार बनाने की रेस बढ़ रही है ये आने वाले समय में इससे स्थिती काफी भयावह हो सकती है, एक समय था जब हजारों न्यूक्लियर हथियार नष्ट कर दिए गए जिनमें सबसे ज्यादा रूस ने अपने परमाणु हथियार नष्ट किए. लेकिन वो युग फिर से बीत चुका है। अब हर देश परमाणु हथियारों की संख्या में इजाफा करने में जुट चुका है जो किसी बड़ें खतरे की आहट है।
खैर परमाणु हथियार को लेकर आप क्या राय रखते हैं कमेंट में बताए जरूर- इनमें होने वाला इजाफा आपकी नजर में किसी भी देश दुनिया के लिए कितनी सही ।
[: *Cyprus ने पीएम मोदी को दिया सर्वोच्च सम्मान, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी भारत को दिया समर्थन*
तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में साइप्रस पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी को सोमवार को साइप्रस सरकार ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने पीएम मोदी को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस 3 से सम्मानित किया। इसके बाद राष्ट्रपति निकोस ने पीएम मोदी के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में खुले समर्थन का ऐलान किया। सम्मान मिलने के बाद पीएम मोदी ने इसके लिए राष्ट्रपति निकोस को धन्यवाद भी दिया।
उन्होंने कहा कि मैं साइप्रस सरकार और यहां के लोगों का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं। यह सिर्फ नरेंद्र मोदी का ही नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह हम भारतीयों की क्षमताओं और आकांक्षाओं का सम्मान है। उन्होंने कहा कि हम न केवल अपने देशों की संयुक्त प्रगति को मजबूत करेंगे, बल्कि एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वैश्विक वातावरण बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी जी-7 सम्मिट में हिस्सा लेने के लिए कनाडा रवाना हो गए।
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: *Himachal Congress: सभी से तालमेल बिठाकर होगा प्रदेशाध्यक्ष का फैसला*
प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल दो-तीन नामों पर करेंगी नेताओं से बात, जल्द ही दिल्ली जा सकते हैं मुख्यमंत्री व अन्य नेता
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद पर हाईकमान सभी नेताओं में आपसी तालेमल बनाकर ही निर्णय करेगी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने साफ कहा है कि किसी भी तरह का विवाद नहीं रहना चाहिए। आपसी सहमति से निर्णय हो, जिसके बाद यहां कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन किया जाए। बता दें कि रविवार को विनय कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से चर्चा की थी, जिन्हें विशेष रूप से बातचीत को दिल्ली बुलाया गया था। उनके साथ बातचीत के बाद यह साफ हो गया है कि सभी नेताओं के साथ आपसी मशविरे के बाद ही तय होगा कि प्रदेश कांगे्रस का अध्यक्ष कौन बनेगा। अभी तक पार्टी हाइकमान इसके बारे में सोच रही है और जरूरी नहीं है कि प्रतिभा सिंह को इस पद से हटाया जाए, मगर जिस तरह से नेताओं के नाम हाईकमान को गए हैं और यहां सह प्रभारियों ने अपनी रिपोर्ट में कई बातों का जिक्र किया है। उसके बाद यहां अध्यक्ष पद पर बदलाव के साथ पूरी कार्यकारिणी में नए चेहरों को जगह देने की बात कही जा रही है। क्योंकि वरिष्ठ नेताओं का दौर कांग्रेस देख चुकी है, लिहाजा अब नए चेहरों पर दांव खेलकर उसे फायदा मिलेगा, जैसा पिछले विधानसभा चुनावों में हो भी चुका है। यहां उपचुनाव में भी कांग्रेस ने नए चेहरे सामने लाए थे और उन्होंने जीत भी हासिल की।
संगठन में भी बड़ा बदलाव करना जरूरी है, जिसके लिए यहां वर्कर्ज ने सह-प्रभारियों से चर्चा के दौरान कहा भी है। वर्कर्ज ने इस बातचीत में कहा कि ऐसे लोगों को आगे लाया जाए, जिनकी लोगों के बीच में अच्छी पैठ हो। अभी क्योंकि कांग्रेस की सरकार भी है, तो उसका फायदा संगठन को मिल सकता है। पार्टी का मत है कि यहां पर अनुसूचित जाति वर्ग के किसी नेता को आगे लाया जाए और उनमें कौन दमदार चेहरा है, इसकी तलाश कांग्रेस कर रही है। इसी के चलते विनय कुमार का नाम सामने आया था, वहीं विधायक विनोद सुल्तानपुरी का भी नाम आगे आया है। कांगड़ा से बात करें, तो यादविंदर गोमा भी कांग्रेस पास बड़ा चेहरा हैं, जिनको पूर्व में अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंपी जा चुकी है। हालांकि वह मंत्रीपद नहीं छोडऩा चाहते, क्योंकि इससे कांगड़ा जिला के राजनीतिक समीकरण बदल जाएंगे।
खडग़े हिमाचल के मामलों पर लगातार कर रहे चर्चा
पार्टी यह चाहती है कि सभी के साथ समन्वय बनाकर नेता का चयन हो। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और अन्य नेता आने वाले दिनों में दिल्ली जा सकते हैं। वैसे सीएम की रजनी पाटिल से तो बातचीत हो चुकी है, मगर वह दूसरे आला नेताओं से भी बात करना चाहते हैं। अभी प्रियंका गांधी भी उपलब्ध नहीं हैं, और न ही राहुल गांधी। सोनिया गांधी की तबीयत खराब होने की वजह से वह व्यस्त हैं और उनका विदेश दौरा भी बताया जा रहा है। ऐसे में यहां राजनीतिक सरगर्मियां जोर पकड़ रही हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े लगातार हिमाचल के मामलों को लेकर नेताओं से चर्चा कर रहे हैं। आगामी दिनों में वह कुछ और नेताओं को भी दिल्ली तलब कर सकते हैं।
: *रोजगार को एजेंटों को नहीं देने पड़ेंगे पैसे, विदेश मंत्रालय ने एचपीएसईडीसी को दिया भर्ती के लिए लाइसेंस*
राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को विदेशों में नौकरी के अवसर प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रही है। इस दिशा में विदेश मंत्रालय से सोमवार को हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिॉनिक्स विकास निगम (एचपीएसईडीसी)को भर्ती एजेंट लाइसेंस प्राप्त हो गया है। इसके अनुसार निगम को आधिकारिक तौर पर भर्ती करने की गतिविधियां शुरू करने की अनुमति मिल गई है। यह प्रमाण पत्र निगम को विदेशी नियोक्ताओं के लिए भारतीय श्रमिकों की भर्ती करने के लिए अधिकृत किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अब भारत के उन अग्रणी राज्यों में शुमार हो गया है जो निजी लाइसेंस धारकों के माध्यम से नही, बल्कि सरकारी स्तर पर श्रमिकों को विदेश में रोजगार प्रदान करेगा।
अब युवाओं को विदेश में रोजगार पाने के लिए एजेंटों को पैसे नहीं देने पड़ेंगे। इससे विदेश में रोजगार के इच्छुक लोगों को गुमराह होने से बचाया जा सकेगा और उन्हें रोजगार के उचित अवसर प्रदान किए जाएंगे। इससे अब निगम अंतरराष्ट्रीय रोजगार नियुक्तियों को नियंत्रित करने वाले नियमों की अनुपालना सुनिश्चित कर सकेगा। राज्य के लोगों को विदेशों में नौकरी करने के अवसर उपलब्ध होंगे।
: *मौजां ही मौजां : खूब दौड़ रहा पर्यटन सीजन, चार महीने में 44 लाख से ज्यादा मेहमान हिमाचल आए*
प्रदेश में में खूब दौड़ रहा पर्यटन सीजन; मई में आया बूम, गर्मी से निजात पाने को पहाड़ों की ओर रुख कर रहे पर्यटक
हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की आमद लगातार बढ़ रही है। जो आंकड़ा सरकार के पास है उसके मुताबिक चार महीने में अच्छी खासी संख्या में टूरिस्ट हिमाचल प्रदेश में आए हैं। इसमें और ज्यादा इजाफा वर्तमान में चल रहे टूरिस्ट सीजन से होगा, जिसके आंकड़े बहुत सुखद रहेंगे, यह तय है। इन दिनों प्रदेश में बड़ी संख्या में टूरिस्ट पहुंच रहे हैं। राज्य की पर्यटक सैरगाहें पर्यटकों से भरी पड़ी है। हालांकि इस दौरान पर्यटन क्षेत्रों में जाम की स्थिति भी विकराल हो चुकी है, मगर बड़ी संख्या में अपने वाहन लेकर टूरिस्ट यहां पहुंच रहे हैं। जनवरी से अप्रैल के अंत तक प्रदेश में 44 लाख 67 हजार 051 टूरिस्ट पहुंचे हैं। यह आंकड़ा सभी जिलों का है, जो कि जिला पर्यटन विकास केंद्रों ने पर्यटन विभाग को उपलब्ध करवाया है। अभी क्योंकि मई महीने का सीजन चल रहा है और इसमें काफी ज्यादा संख्या में पर्यटक पहुंचे हैं, तो साफ है कि कुल आंकड़ा और ज्यादा बढ़ेगा। अहम बात है कि पिछले महीने बड़ी संख्या में पर्यटकों ने अपनी बुकिंग को रद्द भी करवाया, क्योंकि उस दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति चल रही थी। गौर हो कि पहलगाम आंतकी घटना के बाद जम्मू कश्मीर से पर्यटक निराश हुए हैं, लिहाजा टूरिस्ट ने हिमाचल का रूख किया है। पर्यटन कारोबारियों की मानें तो मई के महीने में लगभग 10 लाख से ज्यादा पर्यटक अलग-अलग सैरगाहों पर पहुंच चुके हैं।
पिछले साल के आंकड़े की बात करें, तो हिमाचल प्रदेश में पिछले साल कुल एक करोड़ 81 लाख 24 हजार 694 टूरिस्ट पहुंचे थे। यह आंकड़ा वर्ष 2023 से कुछ ज्यादा का है। पर्यटन विभाग और कारोबारियों की मानें तो इस साल इस आंकड़े से ज्यादा टूरिस्ट यहां पर पहुंचेंगे। इन दिनों यदि बात करें तो यहां टैक्सी ऑपरेटर्ज का अच्छा खासा कारोबार निकल पड़ा है, तो वहीं दूसरे पर्यटन व्यवसायियों की भी चांदी है। अब जैसे ही प्रदेश में बरसात शुरू होगी, तो फिर पर्यटक यहां नहीं आाएंगे, क्योंकि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं के लिए जाना जाता है। यहां हर साल बरसात के दिनों में कुछ ऐसे हादसे हो जाते हैं, जिससे पर्यटक घबरा जाते हैं। अब बरसात के बाद ही यहां पर टूरिस्ट आएंगे और फिर विंटर सीजन में भी टूरिस्ट का फ्लो अच्छा खासा रहेगा, यह तय है। (एचडीएम)
ईको टूरिज्म से सरकार की कमाई
सरकार ने पर्यटकों के लिए यहां ईको टूरिज्म को भी स्टार्ट किया है। इसके जरिए 200 करोड़ की कमाई इस साल में करने की सोची है। सबसे अहम है कि हिमाचल में आने वाले पर्यटकों को कुछ दिनों के लिए यहां ठहराया जाए। इसके लिए भविष्य में कई स्तर पर रणनीति बनाई जा रही है और नई साइट्स को डवलप करने पर काम किया जा रहा है। इसके साथ यहां रोप-वे के प्रोजेक्टों पर भी काम किया जा रहा है जिससे टूरिस्ट का आकर्षण बढ़े। वहीं इको टूरिज्म साइट्स को जंगल में स्थापित किया जा रहा है जहां पर पर्यटक घूमकर स्वच्छ आबोहवा और हरियाली का मजा ले सकें।
[: *घुमारवीं के जोल में दुर्लभ टेक्टाइट्स की खोज, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य का दावा, खेत में काम करते समय मिले टेक्टाइट्स*
सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य सोहनलाल शर्मा का दावा, खेत में काम करते समय मिले टेक्टाइट्स
जिला बिलासपुर के घुमारवीं क्षेत्र के गांव जोल में एक व्यक्ति को दुलर्भ टेक्टाइट्स मिले हैं। खेतों में काम करते हुए यह टेक्टाइट्स किसान के हाथ लगे हैं। जोल गांव से संबधित सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य सोहनलाल शर्मा ने अपने खेत में अति दुर्लभ टेक्टाइट्स होने का यह दावा किया है। यह टेक्टाइट्स हिमाचल या पूरे उत्तरी भारत में पहले कभी नहीं मिले हैं। सोहनलाल शर्मा ने जीवाश्म विज्ञान के कई शोध पत्रों में सहयोग किया है और अब इस दुर्लभ टेक्टाइट्स खोज के लिए क्षेत्र और देश के वैज्ञानिक समुदाय से सहयोग के लिए अमंत्रित किया है। अति दुर्लभ टेक्टाइट्स प्राकृतिक कांच का एक रूप है। टेक्टाइट्स तब बनते हैं, जब एक उल्कापिंड पृथ्वी से टकराता है, जिससे चट्टानें पिघल जाती हैं और वायुमंडल में फेंक दी जाती हैं। पिघला हुआ पदार्थ वायुमंडल में तेजी से ठंडा होता है, जिससे कांच के आकार बनते हैं, जो पृथ्वी पर वापस गिरते हैं।
ये संरचना मुख्य रूप से सिलिका से बने टेक्टाइट्स में अन्य तत्त्व जैसे लोहा और एल्यूमीनियम भी हो सकते हैं। घुमारवीं क्षेत्र के गांव जोल में टेक्टाइट्स पाया गया है वह काले रंग का और गोल आकार में है। इसका ब्यास लगभग पांच सेंटीमीटर और भार 32 ग्राम है। ‘वैज्ञानिक महत्त्व’ टेक्टाइट्स उन प्रभाव घटनाओं में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं, जिन्होंने हमारे ग्रह को आकार दिया है और पृथ्वी की पपड़ी की संरचना का अध्ययन करने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। टेक्टाइट्स दुनिया भर में पुरातात्विक स्थलों में पाए गए हैं। कुछ मार्केट में इनकी कीमत लाख रुपए से अधिक भी होती है। उन्होंने इस दुर्लभ टेक्टाइट्स खोज और खोज के लिए क्षेत्र और देश के वैज्ञानिक समुदाय से सहयोग के लिए अमंत्रित किया है।
: *कुनिहार में गुरु-शिष्य के रिश्ते तार-तार, स्कूल के अध्यापक पर बच्चियों से छेड़छाड़ के आरोप, जांच शुरू*
देवभूमि हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर गुरु-शिष्य के रिश्ते तार-तार हुए हैं। एक अध्यापक ने स्कूल में पढ़ रही नाबालिग बच्चियों के साथ अश्लील हरकतें की। यह सिलसिला कई दिनों से चल रहा था। हालांकि इसका खुलासा तब हुआ जब बच्चियां स्कूल जाने से कतराने लगी, तो अभिभावकों ने इसका कारण पूछा तो उन्होंने आपबीती सुनाई। इसके बाद अभिभावकों ने पुलिस में इसकी रिपोर्ट की। मामला कुनिहार के नजदीक एक प्राथमिक स्कूल का है। पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी अध्यापक को गिरफ्तार कर लिया है। एक बच्ची की मां ने पुलिस थाना कुनिहार में शिकायत दी कि इसकी बेटी सात साल की है और तीसरी कक्षा में पढ़ती है। बेटी ने बताया कि अध्यापक इसके साथ गलत हरकतें करता है।
महिला ने गांव की अन्य महिलाओं से भी बात की तो खुलासा हुआ यह अध्यापक एक नहीं बल्कि स्कूल की पांच छात्राओं के साथ इस तरह की हरकत करता था और उन्हें डराता भी था। डर के मारे बच्चियां स्कूल जाने सभी कतरा रही थीं। जब अभिभावकों ने बच्चियों से इसका कारण पूछा तो उन्होंने अध्यापक की इन हरकतों के बारे में बताया। इसके पश्चात पांचों बच्चियों व अभिभावकों ने पंचायत प्रधान को साथ लेकर पुलिस थाना कुनिहार पहुंच अपनी शिकायत दर्ज करवाई। डीएसपी अशोक चौहान ने बताया कि इस संदर्भ में पुलिस थाना में शिकायत प्राप्त हुई थी। मामला दर्ज कर आरोपी अध्यापक को गिरफ्तार कर लिया है।
[: *Bilaspur News: सतलुज में बही तीन मोटरबोट, अचानक जलस्तर बढऩे से हादसा, संचालकों को नुकसान*
सतलुज नदी का जलस्तर अचानक ही बढऩे के चलते एक बार फिर बड़ा हादसा होने से टल गया। हालांकि जलस्तर बढऩे के चलते तीन मोटरबोट नदी में बह गए। इससे मोटरबोट संचालकों को नुकसान पहुंचा है। जलस्तर बढऩे का कारण एनटीपीसी द्वारा बिना सूचना के ही पानी छोडऩा माना जा रहा है। इससे पहले भी सतलुज का जलस्तर बढऩे के चलते कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं। एनटीपीसी कोलडैम की ओर से समय-समय पर पानी छोड़ा जाता है। एनटीपीसी प्रबंधन की मानें तो पानी छोडऩे से पहले जहां हुटर्स हुटर्स बजाया जाता है। एनटीपीसी के हुट्र्स डैहर तक लगाए हैं, लेकिन फिर भी लोगों को समय पर सूचना दी जाती है। बताया जा रहा है कि रविवार रात सतलुज में अत्यधिक पानी आने से बिलासपुर में ऋषिकेश घाट पर खड़े तीन मोटरबोट बह गए। तीनों मोटरबोट बहते हुए मंडी भराड़ी पुल से भी बहुत आगे निकल गए।
एक मोटरबोट को गाह घोड़ी गांव में चालक ने पकड़ लिया, जबकि दो अन्य मोटरबोट पानी के बहाव में बहते हुए काफी आगे निकल गए थे। यह मोटरबोट रामकृष्ण शर्मा, सुरेश कुमार और चमनलाल के थे। उन्होंने जिला प्रशासन और सरकार से मांग की है कि उनके मोटरबोट बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिसकी भरपाई एनटीपीसी प्रबंधन से करवाई जाए। एनटीपीसी प्रबंधन का कहना है कि पानी छोडऩे से पहले हुटर्स के माध्यम से सतर्क किया जाता है। वहीं, अन्य स्तर पर भी जानकारी मुहैया करवाई जाती है। पानी छोडऩे को लेकर नियमानुसार प्रक्रिया अपनाई जाती है।
[: *ऊना में CM सुक्खू का ऐलान, हिमाचल में नशे के सौदागरों की अवैध संपत्तियां की जाएंगी ध्वस्त*
ऊना में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ऐलान, खनन और चिट्टा माफिया को नहीं बख्शेंगे
अब देवभूमि हिमाचल में भी नशे के सौदागरों की अवैध संपत्तियों को ध्वस्त किया जाएगा। यह ऐलान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊना में अवैध खनन और चिट्टा माफिया पर बड़ा हमला करते हुए किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन व चिट्टा माफिया को लेकर कई सूचनाएं एंजेसियों से सरकार को प्राप्त हुई हैं। नशे के अवैध मामलों में चाहे कोई कर्मचारी हो या कोई अन्य हो, किसी भी स्तर पर बख्शा नहीं जाएगा। नशे के मामलों में पकड़े गए अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध भी सरकार जल्द ही बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने खुले मंच से खनन और चिट्टा माफिया को कुचलने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस खुलेहाथ से ऐसे माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई करे, जो आमजन को नशे के दलदल में धकेल रहे हैं। नशे को बढ़ावा देने वालों की प्रॉपटी जब्त होगी। वहीं चिट्टा माफिया को संरक्षण देने वालों को भी सलाखों के पीछे डाला जाएगा। हमने नशा माफिया के खिलाफ विधानसभा में सख्त कानून बनाया है। नशे के व्यापारियों और संरक्षणकर्ताओं पर भी कड़ा एक्शन होगा। मुख्यमंत्री ने नशे के खात्मे के लिए जनता से भी सहयोग की अपील की है। ऊना में विभिन्न विकासात्मक योजनाओं के लोकार्पण के उपरांत डिग्री कालेज में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बीते अढ़ाई वर्षांे के दौरान प्राकृतिक व राजनीतिक आपदाओं से निपटते हुए राज्य सरकार आम जनता के हितों की रक्षा करते हुए जनकल्याण के कार्यों को आगे बढ़ा रही है। वहीं, प्रदेश की तंगहाल आर्थिक स्थिति में भी सुधार लाने के लिए आवश्यक पग उठा रही है। राज्य सरकार का ध्येय सत्ता सुख भोगना नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन करके आम जनता को सरकारी नीतियों का लाभ पहुंचाना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक हालत संतोषजनक नहीं थी। इसके बावजूद पूर्व भाजपा सरकार ने फिजूलखर्ची करते हुए करोड़ों रुपए व्यय किए। पूर्व जयराम सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए प्रदेश की अर्थव्यवस्था को तार-तार करके रख दिया था। हमने विपरीत आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद चुनौतियों का सामना करते हुए प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में काम करना शुरू किया। व्यवस्था परिवर्तन करने के लिए कुछ समय, तो मुझे अफसरों को समझाने में लगा, जब बात अफसरों को समझ आई, तो प्रदेश में बड़ी प्राकृतिक आपदा आ गई, जिसमें 23 हजार घर तबाह हो गए। हमने केंद्र सरकार से मदद के लिए आग्रह किया और केंद्र से आई टीम ने 12 हजार करोड़ के नुकसान का आकलन किया, लेकिन पूरी राहत राशि केंद्र की तरफ से हमें नहीं मिल पाई। फिर भी हमने 4500 करोड़ का राहत पैकेज दिया। जिनके घर टूट गए थे, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केवल डेढ़ लाख मिलते थे, हमने उसको बढ़ाकर सात लाख किया। फिर इसके बाद हमारे ऊपर राजनीतिक आपदा आई। हमारी सरकार को गिराने के प्रयास किए गए, लेकिन जनता के सहयोग से हमने उसको भी पार कर लिया। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारी सरकार ने बड़े सुधार किए हैं, जबकि भाजपा ने वोट बैंक के चक्कर में जाते-जाते आनन-फानन में आधे-अधूरे 600 शिक्षण संस्थान खोल दिए। हमने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए स्कूल ऑफ एजुकेशन और कालेज का एक-एक निदेशालय बनाया। ऊना के स्कूल में सीबीएसई बोर्ड शुरू होगा। वहीं ऊना में पांच डे-बोर्डिंग स्कूल बनेंगे। एक स्कूल में 15 से 20 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी, जिसमें पीटीआई, फाइन आट्र्स, म्यूजिक के अध्यापक भी होंगे। 1350 करोड़ की राशि मेडिकल टेक्रोलॉजी पर खर्च की जाएगी। मेडिकल कालेजों में 20 साल पुरानी मशीनरी बदली जाएगी।
: *Himachal News : भाजपा नेताओं पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज*
पांवटा में कांग्रेस और सिरमौर मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने राजीव बिंदल; सुखराम चौधरी पर दंगा भडक़ाने का जड़ा आरोप, छानबीन शुरू
पुलिस थाना माजरा के तहत लडक़ी के कथित अपहरण, लव जिहाद के आरोप और हिंसक घटनाओं का मामला राजनीतिक रंग ले लिया है। पुलिस ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल और पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है, दूसरी तरफ कांग्रेस और सिरमौर मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने डा. बिंदल पर जमकर हमला बोला। वहीं, भाजपा ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। पांवटा में सोमवार को पुलिस, डा. राजीव बिंदल व मुस्लिम संगठन ने अलग-अलग प्रेस वार्ताएं कर अपना पक्ष रखा। मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन का आरोप है कि माजरा थाना क्षेत्र के तहत धार्मिक उन्माद और हिंसक घटनाओं के पीछे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का हाथ है।
मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने इन संबंध में पुलिस और प्रशासन को शिकायत देकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। दूसरी और जिला पुलिस अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पांवटा साहिब विधायक पर अटेंप्ट मर्डर की धाराएं क्यों लगी है। एडिशनल एसपी सिरमौर योगेश रोल्टा ने बताया कि घायल पुलिस कर्मी के बयान के आधार पर यह धारा लगाई गई। पुलिस कर्मियों पर हमले और चोट पर 13 जून को दर्ज एफआईआर संख्या 97/24 में धारा 299, 132, 192 (2) 191 (3) 190, 351 (2), 115 (2) बीएनएसएस, पीएस माजरा के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारियों पर दबाव बनाने का प्रयास
दूसरी ओर कांग्रेस व मुस्लिम संगठनों को भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को घेरने का मुद्दा मिल गया है। पांवटा साहिब में आयोजित पत्रकार वार्ता में सिरमौर मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन व कांग्रेस पदाधिकारियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर जमकर हमला बोला। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने क्षेत्र का धार्मिक सौहार्द बिगडऩे का प्रयास किया है और कानून व्यवस्था बनाने में जुटे अधिकारियों को दबाने का भी प्रयास किया है
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने पुलिस कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
कीरतपुर हिंसा के मामले में अटेंप्ट मर्डर में आरोपी बनाने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और अधिक मुखर हो उठे हैं। वह पहले भी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे थे और अब भी उन्होंने पुलिस को सवालों के घेरे में लिया है। डा. राजीव बिंदल का कहना है कि जिस समय हिंसा हुई वह और विधायक सुखराम चौधरी पुलिस अधिकारियों और एसडीएम से बात कर रहे थे। ऐसे में उन पर अटेंप्ट मर्डर की धारा कैसे लगी है यह समझ से परे है।
एसडीएम-डीएसपी को सौंपा शिकायत पत्र
मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन और कांग्रेस पदाधिकारियों ने डा. बिंदल को चेतावनी दी है कि वह अपनी हरकतों से बाज आएं अन्यथा पब्लिक उन्हें हमेशा के लिए राजनीति से बाहर कर देगी। सिरमौर मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने इस संबंध में स्थानीय डीएसपी और एसडीएम को एक शिकायत पत्र भी भेजा है, जिसमें डा. राजीव बिंदल पर धार्मिक सौहार्द बिगडऩा, दंगा भडक़ाने सहित कई आरोप लगाए हैं।
युवती के बयान से विवादों पर विराम
मैं अपनी मर्जी से गई थी, इसमें युवक का कोई लेना-देना नहीं
पांवटा साहिब में पुलिस थाना माजरा में दर्ज अपहरण के मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब सोमवार को पुलिस ने अदालत 164 में युवती के बयान दर्ज करवाए। पुलिस के अनुसार युवती ने अपने बयान में कहा कि वह जिस युवक के साथ गई थी, वो और मैं आपस में अच्छे दोस्त हैं। वह अपने दोस्त के साथ अपनी मर्जी से घर से गई थी, जिसमें युवक का कोई लेना-देना नहीं है। न तो उन्होंने कोई गलत काम किया और न ही उन्होंने शादी की है। इस दौरान युवती ने कहा कि उसके साथ गया युवक उसका अच्छा दोस्त है। बता दें कि माजरा थाना क्षेत्र की जिस युवती के कथित अपहरण और लव जिहाद मामले ने बड़ा बवाल मचा कर रख दिया था उसने सोमवार को न्यायालय में बयान देकर तमाम विवादों को विराम लगा दिया है। युवती ने बयान दिया है कि वह अपनी मर्जी से अपने मित्र के साथ घूमने गई थी। एसपी सिरमौर निश्चल सिंह नेगी ने युवती के अदालत में दिए बयान की पुष्टि की है।
हथियार लेकर आए हमलावर फोटो में कैद
माजरा में दंगे के दौरान तीन पुलिस कर्मियों पर किया था हमला
कार्यालय संवाददाता-पांवटा साहिब
पांवटा साहिब के पुलिस थाना माजरा के क्षेत्राधिकार में गांव कीरतपुर में पुलिस तथा उपद्रवियों के बीच हुई झड़प में कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया था। इसको लेकर पुलिस हैडक्वार्टर नाहन से एक फोटो जारी की है, जिसमें लोगों को तेजधार हथियार लेकर भीड़ में आते हुए दिखाया गया। एएसपी योगेश रोल्टा ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है तथा वीडियो रिकॉर्डिंग सीसीटीवी कैमरे की मदद से लोगों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को तो गिरफ्तार किया है। साथ ही दोनों ओर से क्रॉस मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बीते 13 जून को घटी वारदात में तीन पुलिस कर्मी घायल हो गए थे। पुलिस द्वारा सभी वीडियो और सीसीटीवी कैमरे के रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। पुलिस अधीक्षक सिरमौर निश्चिंत सिंह नेगी का कहना है कि इस मामले में पुलिस अभी और आरोपियों को गिरफ्तार करेगी।
चार गांवों का दौरा कर जांची कानून व्यवस्था
उपायुक्त सिरमौर द्वारा तनाव को देखते हुए इलाके में धारा 163 लगा दी, जिससे क्षेत्र में माहौल शांत बना रहे। सिरमौर के पुलिस अधीक्षक एनएस नेगी ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश रोल्टा व पुलिस उपअधीक्षक पांवटा मानवेंद्र ठाकुर के साथ माजरा, पड़दूनी, फतेहपुर और कीरतपुर गांवों का दौरा किया गया और कानून व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया।
कश्यप बोले, भाजपा नेताओं सहित 50 लोगों पर केस करना निंदनीय
स्टाफ रिपोर्टर-शिमला
भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कंाग्रेस सरकार के इशारे पर प्रशासन द्वारा भाजपा के नेताओं पर केस करना निंदनीय है। भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा सिरमौर जिले के पांवटा साहिब के माजरा गांव में एक युवती के अपहरण के विरोध में शांतिपूर्ण धरना दे रहे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल, विधायक सुखराम चौधरी सहित 50 लोगों पर कांग्रेस सरकार के इशारे पर प्रशासन द्वारा भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत मामला दर्ज करना अत्यंत निंदनीय है। यह घटना प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौरान बढ़ते गुंडाराज और प्रशासनिक दमन का स्पष्ट प्रमाण है। माजरा गांव में बीते चार जून को युवती को भगाने की घटना और इसके बाद सामाजिक टकराव के दौरान हुए पथराव में तीन पुलिस कर्मचारियों के घायल होने की घटना बेहद चिंताजनक है। इसके बावजूद, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे भाजपा नेताओं और हिंदू संगठनों के लोगों पर प्रशासन द्वारा केस दर्ज करना कांग्रेस सरकार के दबाव में लिया गया एक पक्षपातपूर्ण कदम है।
: *विशेष बच्चों के सपनों को मिले पंख, एक्सपोजर विजिट पर भेजे छात्र, पहली बार की हवाई यात्रा*
एक्सपोजर विजिट पर भेजे छात्र; पहली बार हवाई यात्रा की, समग्र शिक्षा की ऐतिहासिक पहल
समग्र शिक्षा ने समावेशी शिक्षा को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक और सराहनीय पहल की है। पहली बार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को देश की राजधानी दिल्ली और चंडीगढ़ की चार दिवसीय एक्सपोजर विजिट पर भेजा गया है। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा के नेतृत्व में की गई इस पहल का उद्देश्य इन बच्चों को भारत की सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक विरासत से परिचित कराना, उनमें आत्मविश्वास जागृत करना तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोडऩा है। यह यात्रा न केवल उनके लिए एक शिक्षण अनुभव है, बल्कि जीवन को नए दृष्टिकोण से देखने का एक अनमोल अवसर भी है। इस यात्रा के लिए 65 विशेष आवश्यकता वाले बच्चों सहित 110 सदस्यीय दल रविवार को शिमला से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुआ।
राजेश शर्मा की अगवाई में गए इस दल में समावेशी शिक्षा की राज्य समन्वयक प्रतिभा बाली, स्पेशल एजुकेटर व अधिकारी शामिल रहे। चंडीगढ़ पहुंचने पर बच्चों ने एक होटल में रात्रि विश्राम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिसने सभी को अभिभूत कर दिया। सोमवार सुबह बच्चों ने सुखना झील की सैर की, बोटिंग का आनंद लिया। इस यात्रा की सबसे विशेष बात रही बच्चों की पहली हवाई यात्रा, जो उनके लिए रोमांच और उत्साह से भरपूर एक अविस्मरणीय अनुभव बना। यह उड़ान केवल एक सफर नहीं थी, बल्कि एक सपने को छू लेने जैसा अनुभव था। समग्र शिक्षा ने इन बच्चों के उन सपनों को पंख दिए हैं, जिन्हें उन्होंने शायद केवल कल्पनाओं में ही देखा था। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि समग्र शिक्षा का यह प्रयास विशेष बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोडऩे और उनके आत्मविश्वास को सुदृढ़ करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
समृद्ध अनुभवों के साथ लौटेगा दल
दिल्ली से वापसी पर यह दल शताब्दी एक्सप्रेस से चंडीगढ़ पहुंचेगा और 18 जून को शिमला लौट आएगा। यह चार दिवसीय यात्रा इन बच्चों के जीवन में न केवल एक सुंदर स्मृति बनेगी, बल्कि आत्मबल, सामाजिक सहभागिता और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण के विकास का माध्यम भी सिद्ध होगी।
: *पांवटा साबिह में जो घटित हो रहा, वह दुर्भाग्यपूर्ण, सरकार और प्रशासन करे निष्पक्ष कार्रवाई*
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक विपिन सिंह परमार, हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर, जिला पालमपुर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विनय शर्मा ने कहा कि पांवटा साहिब में हाल ही में घटित मामले में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डा. राजीव बिंदल और विधायक सुखराम चौधरी पर दर्ज एफआईआर पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। भाजपा नेताओं ने कहा कि पांवटा साहिब में जो कुछ भी हो रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन पर पीड़ित परिवार के प्रति अन्याय और एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा कि कानून व्यवस्था पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण होती जा रही है। उन्होंने बताया कि उक्त मामला बीएनएस की धारा 163 के उल्लंघन के आरोप में 50 लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस पीड़ित परिवार और उनके सहयोगियों को प्रताड़ित कर रही है, जबकि दूसरी ओर आरोपी पक्ष और समुदाय विशेष का साथ दे रही है, वह सरासर गलत और निंदनीय है। उन्होंने कहा कि देवभूमि में ऐसी घटनाओं को कतई सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस आरोपी के परिवार और समर्थकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि पीड़ित परिवार को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने इसे भाजपा और प्रदेशवासियों का अपमान बताते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में उनकी सरकार द्वारा पारित हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2022 में जबरन धर्म परिवर्तन पर 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इसके बावजूद पुलिस द्वारा इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। भाजपा नेताओं ने प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन से उक्त मामले में निष्पक्ष और न्यायसंगत कार्रवाई की अपील की है, जिससे कि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। उन्होंने चेताया कि यदि पुलिस और प्रशासन इस तरह की राजनीति से प्रेरित कार्रवाई करते रहे, तो भाजपा इसे सडक़ से सदन तक उठाएगी।
[: *कोटला में रात को खड्ड में नहाते दिखा तेंदुआ, फिर चट्टान पर फरमाया आराम, लोगों की नींद हराम*
विधानसभा क्षेत्र जवाली के अधीन कोटला की देहर खड्ड में तेंदुआ दिखाई देने से लोगों में दहशत का माहौल है। कोटला स्थित देहर खड्ड में तेंदुआ पानी में नहाकर पास ही चट्टान पर लेटकर आराम फरमा रहा था। जिसने भी तेंदुआ देखा, उसके होश उड़ गए। कुछ लोगों ने पानी में नहाते व चट्टान पर आराम फरमाते हुए तेंदुआ की वीडियो बना ली।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आदमी से बिलकुल निडर होकर बड़े आराम से यह तेंदुआ फेटी रजोल अनुही वन बीट जंगल की ओर चला गया। 10 से 15 फुट की दूरी पर तेंदुआ को आमने-सामने देखकर थोड़ी देर के लिए लोगों की सांस रुक गई, पर जब तेंदुआ जंगल में चला गया तो लोगों ने राहत की सांस ली। ग्राम पंचायत रजोल में गांव राजोल में जरनैल सिंह, सैफ अली, बुद्धि सिंह की भेड़ बकरियों व कुत्तों को तेंदुआ अपना शिकार बना चुका है। स्थानीय लोगों ने बताया कि वन बीट अनूही में एक मादा तेंदुआ अपने दो शावकों के साथ घूमती रहती है और तीन अन्य इसी क्षेत्र में देखे गए हैं।
गांव अनूही, रजोल, सुंदरकूट, कुरनाला, भरनाला, डुम, सलाण, पालिया, ओडरी के लोग अकसर ही कोटला में अपने रोजगार के लिए हर रोज जंगली रास्ते से आते जाते हैं। अब बाघ के डर से 5 बजे ही दुकान बंद कर अपने घरों को निकल जा रहे हैं, जिससे दुकानदारों की कमाई पर विपरीत असर पड़ रहा है। लोगों ने वन विभाग से मांग की है कि तेंदुआ को पकड़ कर दूरदराज छोड़ा जाए। इस बारे में डीएफओ नूरपुर अमित शर्मा ने बताया कि तेंदुआ एक कॉमन जानवर है, इससे लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। यह बकरियां तथा कुत्तों का शिकार करता है, जिसका सरकार मुआवजा देती है। अगर कहीं मिले तो हल्ला डालने से भाग जाता है। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील की।
[: *हेल्थ सेक्टर में jica की एंट्री, अस्पतालों में व्यवस्था सुधारने के लिए 1384 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी*
हिमाचल के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था बदलने को लेकर हिमाचल सरकार के एक महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग की स्क्रीनिंग कमेटी ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। मंगलवार को डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनोमिक अफेयर्स के एडिशनल सेक्रेटरी ने विभिन्न राज्यों के साथ बाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं पर बैठक की। इसमें हिमाचल का 1384 करोड़ का यह प्रोजेक्ट भी शामिल था। केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी देते हुए अगले तीन दिनों में तीन आपत्तियों का जवाब भी मांगा है। हालांकि परियोजना मंत्रालय को भी पसंद आई है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग इस प्रोजेक्ट को अपनी सहमति दे चुका है। कुल 1384 करोड़ रुपए का यह प्रोजेक्ट जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी यानी जाइका से फंड करवाने के लिए हिमाचल सरकार ने भेजा है। यह पहली बार है कि जाइका हिमाचल में हेल्थ सेक्टर में एंटर हो रहा है। केंद्र सरकार ने राज्यों को एक्सटर्नल एडिड प्रोजेक्ट देने के लिए कैपिंग लगा रखी है।
राज्य सरकार के पास भी इसमें 2500 करोड़ रुपए की लिमिट थी। इसमें से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 1384 करोड़ का यह प्रोजेक्ट हेल्थ के लिए तैयार किया है। इसके तहत राज्य के मेडिकल कालेजों, जिला अस्पतालों, सिविल अस्पताल से लेकर आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में आधुनिक मशीन और उपकरण दिए जाएंगे। राज्य में छह मेडिकल कालेज, 12 जिला अस्पताल और 59 आदर्श स्वास्थ्य संस्थान हैं। इन सभी को आधुनिक उपकरण मिलने वाले हैं। इसके साथ ही इसी प्रोजेक्ट के तहत हमीरपुर मेडिकल कालेज में कैंसर केयर पर आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना भी होगी, जिसके ऊपर 300 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट की खासियत यह है कि यदि यह लागू हो गया, तो हिमाचल के स्वास्थ्य संस्थानों के पास वर्षों बाद आधुनिक उपकरणों की खरीद और इन्हें स्थापित करने का मौका मिलेगा। प्रोजेक्ट का नाम स्टेट वाइड स्ट्रैंथनिंग ऑफ हेल्थकेयर फैसेलिटीज इन हिमाचल प्रदेश दिया गया है।
: *ईरान का मोसाद मुख्यालय पर हमला, इजरायल की मिलिट्री इंटेलिजेंस की बिल्डिंग को भी बनाया निशाना, भारी नुकसान*
इजराइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष के पांचवें दिन मंगलवार को ईरान ने तेल अवीव में इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय पर हवाई हमला किया। हमले में मोसाद की बिल्डिंग को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा मिलिट्री इंटेलिजेंस से जुड़ी खुफिया एजेंसी एएनएएन की बिल्डिंग को भी निशाना बनाया गया। उधर, इजराइली हवाई हमले में ईरान के डिप्टी कमांडर मेजर जनरल अली शादमानी की मौत हो गई है। शादमानी ईरान की खतम-अल-अनबिया हैडक्वार्टर्स यानी सैन्य आपात कमान के हैड थे। उन्होंने चार दिन पहले ही यह पद संभाला था। उन्हें 13 जून को इजरायली हमले में मारे गए मेजर जनरल गुलाम अली राशिद की जगह यह जिम्मेदारी दी गई थी।
राशिद की मौत पिछले शुक्रवार को हुई थी। इजराइली हमलों में अब 234 ईरानी मारे जा चुके है, जबकि 1,481 लोग घायल हुए हैं। वहीं, इजराइल में अब तक 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 600 से ज्यादा घायल हैं। इसी बीच इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई की हत्या की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि खामनेई की हत्या होगी, उसके बाद ही यह युद्ध थमेगा। इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कात्ज ने कहा कि खामनेई का अंजाम भी इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन जैसा होना तय है। सद्दाम की तरह खामनेई को ईरान में ईरान के ही लोग फांसी पर लटकाएंगे। यह अब तक की सबसे सीधी और गंभीर धमकी मानी जा रही है। साथ ही यह भी संकेत हैं कि इजरायल जल्द ही कुछ बहुत बड़ा करने वाला है।
: *BJP विधायक ने की CM की तारीफ, बोले, सरकार की कई योजनाओं से जनता को धरातल पर मिल रहा फायदा*
एमएलए लोकेंद्र कुमार बोले, सरकार की कई योजनाओं से जनता को धरातल पर मिल रहा फायदा
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भारतीय जनता पार्टी के विधायक लोकेंद्र ने ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम में पहुंचकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की योजनाओं की प्रशंसा की। उन्होंने भरी सभा में कहा कि मुख्यमंत्री की कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जो निचले स्तर तक गांव की जनता को लाभान्वित कर रही हैं। बता दें कि सीएम की जनसभा में भाजपा विधायक लोकेंद्र कुमार भी पहुंचे थे, जिन्होंने सरकारी योजनाओं पर खूब प्रशंसा की। इसके साथ उन्होंने न केवल मुख्यमंत्री का स्वागत किया, बल्कि ‘स्वागत है, भई स्वागत है… मुख्यमंत्री का स्वागत है’ के जोरदार नारे भी लगाए। विधायक ने मुख्यमंत्री की दूध के दाम बढ़ाने की तारीफ की और कहा कि इस योजना का लाभ उनके इलाके की महिलाओं को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी अंतरात्मा की यह आवाज है, और नैतिक जिम्मेदारी है कि वह मुख्यमंत्री का स्वागत करें।
लोगों ने उन्हें जीता कर भेजा है लिहाजा सरकारी कार्यक्रम में आना उनका दायित्व है। उन्होंने सीएम से आनी में भी आने का आग्रह किया। सरकार ने उन्हें मंच से बोलने का पूरा मौका दिया। लोकेंद्र ने कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र पिछड़ा हुआ है, इस क्षेत्र को आगे ले जाने में पूर्व के विधायकों और दिवंगत सीएम वीरभद्र सिंह का भी योगदान रहा है। आउटर सराज हिमाचल में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला क्षेत्र है, बशलेऊ पास सडक़ इस क्षेत्र की सबसे बड़ी मांग है, सामुदायिक अस्पताल बनाने की मांग भी उन्होंने रखी। उन्होंने सीएम से आनी, नित्थर में भी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने की मांग रखी। इसके साथ ही कहा कि समेज त्रासदी में ग्रीनको कंपनी को प्रभावितों को मुआवजा देने के निर्देश दें। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, सरकार इस ओर भी ध्यान दे।
: *ड्रग माफिया पर ईडी ने कसा शिकंजा, नालागढ़, बद्दी, झाड़माजरी समेत छह राज्यों में एक साथ छापामारी*
देशभर में फैले ड्रग नेटवर्क के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए हिमाचल प्रदेश के नालागढ़, झाड़माजरी और बद्दी समेत छह राज्यों के 15 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापामारी की। यह कार्रवाई पंजाब पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा 2024 में दर्ज एक एनडीपीएस केस से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की कडिय़ों को खंगालने के लिए की गई। सूत्रों के मुताबिक इस रैकेट के तार पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और महाराष्ट्र तक फैले हुए हैं, लेकिन हिमाचल के फार्मा हब माने जाने वाले बद्दी, नालागढ़ और झाड़माजरी इस पूरे नेटवर्क का अहम केंद्र बनकर सामने आए हैंए जहां कुछ फार्मा कंपनियों पर नशीली दवाओं के निर्माण और आपूर्ति का संदेह है। ईडी ने जिन कंपनियों के ठिकानों पर दबिश दी, उनमें झाड़माजरी, बद्दी और नालागढ़ के मैसा टिब्बा स्थित इकाइयां शामिल हैं।
इन कंपनियों पर फार्मास्युटिकल दवाओं की आड़ में नशे के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स का निर्माण कर उन्हें अवैध चैनलों से सप्लाई करने का आरोप है। साथ ही, इससे होने वाली मोटी कमाई को मनी लांड्रिंग के जरिए सफेद करने की साजिश की जा रही थी। यह मामला उस समय उजागर हुआ, जब पंजाब एसटीएफ ने 2024 में दो नशा तस्करों और एक कथित बिचौलिए एलेक्स पालीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। जांच के दौरान सात लोगों की गिरफ्तारी और फार्मा ड्रग्स की बड़ी खेप की बरामदगी ने एक संगठित रैकेट की ओर इशारा किया, जिसकी मनी ट्रेल अब जांच का विषय है।
: *मुझे स्कर्ट नहीं पहननी, पैंट ले दो, कुनिहार में शिक्षक की दरिंदगी से डरी छात्राओं का छलका दर्द*
कुनिहार-नालागढ़ रोड पर एक प्राइमरी स्कूल के शिक्षक द्वारा स्कूली बच्चियों के साथ लगातार की गई छेडख़ानी में नया खुलासा हुआ है। शिक्षक द्वारा की जा रही घिनौनी हरकतों से घबराई छह व सात साल की छात्राओं ने अपने-अपने घरों में स्कर्ट पहनकर स्कूल जाने से मना कर दिया था तथा वह परिजनों से पैंट लेने की मांग करने लगी थी। पंचायत प्रधान सुरेंद्र ने यह खुलासा करते हुए कहा कि सहमी बच्चियों से जब उनके अभिभावकों ने इस डर का कारण पूछा तो इस मामले में एक के बाद एक कड़ी जुड़ती गई तथा पुलिस ने कथित आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले में देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रमुख रूमित सिंह ठाकुर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को थाना प्रभारी कुनिहार से मिला तथा उन्होंने मांग की है कि इस शिक्षक को नौकरी से निलंबन नहीं अपितु बर्खास्त किया जाए। साथ ही आरोपी शिक्षक की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाने की मांग की है। बता दें कि कुनिहार थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक महिला की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। महिला ने अपनी शिकायत में बताया था कि इसकी बेटी सात साल की है और तीसरी कक्षा में पढ़ती है। बेटी ने उसे बताया कि अध्यापक इसके साथ गलत हरकतें करता है।
आरोपी शिक्षक पहले से डिफाल्टर
आरोपी अध्यापक इससे पहले भी कई बार विवादों में रहा है। वर्ष 2018 में अर्की पुलिस थाना में आईपीसी की धारा 295 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके अतिरिक्त आरोपी पहले भी कई अन्य विवादों में घिरा रहा है।
[: *15 अगस्त तक मछली पकडऩे पर रोक, जलाशयों किनारे मत्स्य विभाग ने जमाया डेरा, अवैध शिकार पर कड़ी नजर*
जलाशयों किनारे मत्स्य विभाग ने जमाया डेरा, अवैध शिकार पर कड़ी नजर
प्रदेश के जलाशयों में आगामी दो महीने के लिए मत्स्य आखेट पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। 16 से लेकर 15 अगस्त तक मछली पकडऩे पर पाबंदी रहेगी क्योंकि यह समय मछलियों का प्रजननकाल होता है। ऐसे में प्रदेश के पांच जलाशयों क्रमश: गोबिंदसागर, पौंग, चमेरा, कोलडैम और रणजीत सागर में मछली का शिकार नहीं किया जा सकेगा। वर्तमान में गोबिंदसागर, पौंग, चमेरा, कोलडैम और रणजीत सागर का क्षेत्रफल 43785 हेक्टेयर के करीब है। इसमें 6300 से अधिक मछुआरे मछली पकडऩे का कार्य कर रहे हैं, जबकि प्रदेश के सामान्य जलों ट्राउट जलों के अतिरिक्त जिसकी लंबाई 2400 किलोमीटर के लगभग है में 6300 से अधिक मछुआरे फैंकवां जाल के साथ मछली पकडऩे के कार्य में लगे हैं।
इस वर्ष बिलासपुर में कुल 20 कैंप लगेंगे, जिसमें गोबिंदसागर झील में 17 व कोलडैम में तीन कैंप शुमार हैं। साथ ही एक उडऩदस्ता भी तैनात रहेगा। इसी तरह पौंगडैम में कुल 17 कैंप और एक उडऩदस्ता जबकि चंबा के चमेरा में कुल पांच कैंप लगाए जाएंगे। चमेरा में तीन तथा रणजीत सागर में दो कैंप लगेंगे और एक उडऩदस्ता का गठन किया है। मछली का शिकार करते पकड़े जाने पर तीन साल कैद अथवा पांच हजार तक का जुर्माना या फिर दोनों सजा एक साथ का भी नियमों में प्रावधान है।
: *Plane Crash : 163 मृतकों की पहचान, 124 शव सौंपे, पायलट सुमीत का मुंबई में अंतिम संस्कार*
डीएनए मिलान कर परिजनों को सौंपी पार्थिव देह, मृतकों में से पांच विमान पर नहीं थे सवार, पायलट सुमीत का मुंबई में अंतिम संस्कार
अहमदाबाद में विमान हादसे के पांच दिन बाद डीएनए जांच से 163 मृतकों की पहचान कर ली गई है, जबकि 124 शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। मंगलवार को अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अहमदाबाद जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. राकेश जोशी ने बताया कि मंगलवार तक 163 शवों का डीएनए मिलान कर लिया गया है, जिन 124 लोगों के शव परिजनों को सौंपे गए हैं, उनमें से पांच लोग विमान पर सवार नहीं थे, बल्कि वह जमीन पर हादसे की चपेट में आए थे। श्री जोशी ने बताया कि जिन लोगों के शव सौंपे गए हैं उनमें गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान व दीप के लोग शामिल हैं। इसी बीच अहमदाबाद में हादसे का शिकार हुए एयर इंडिया विमान के पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई के उपनगर चकला स्थित एक विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
इस दौरान कैप्टन के पिता व परिवार के अन्य सदस्यों ने 56 वर्षीय पायलट को बेहद गमगीन माहौल में नम आंखों से अंतिम विदाई दी। मंगलवार सुबह सभरवाल का शव विमान द्वारा मुंबई लाया गया। स्थानीय विधायक सहित बड़ी संख्या में लोगों ने दिवंगत कैप्टन को श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं दुर्घटनाग्रस्त हुआ बोइंग अमरीका में बना था, इसलिए अमरीकी एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड भी हादसे की जांच में जुट गई है। उसने घटनास्थल का दौरा भी किया। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी, ब्रिटेन की एयर एक्सीडेंट्स इनवेस्टिगेशन ब्रांच, अमरीकी फेडरल एविएशन एजेंसी, बोइंग कंपनी, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय भी जांच कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि अहमदाबाद विमान हादसे की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
हादसे की साइट से 800 ग्राम सोना, 80 हजार कैश मिला
एयर इंडिया का प्लेन जहां क्रैश हुआ था, वहां से 80 तोला (800 ग्राम) गोल्ड, 80 हजार कैश, एक मोबाइल फोन, भगवद गीता की कॉपी, नौ पासपोर्ट्स और दूसरा सामान बरामद हुआ। घटना के दौरान मौके पहुंचे शख्स राजेश पटेल के मुताबिक जब वे घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां अंधेरा था। मलबे में एक मोबाइल मिला, एक लैपटॉप भी है। इसके अलावा जेवर, नकदी, पासपोट्र्स मिले हैं। इन सबको सरकारी अधिकारियों के पास जमा कराया गया है। 4-5 बैग भी सौंपे हैं। इससे पहले गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा था कि घटनास्थल से जो सामान रिकवर किया गया है उसका डॉक्यूमेंटेशन किया जा रहा है। इसके बाद मृतकों से जुड़ा सामान उनके परिजनों को लौटाया जाएगा। बता दें कि सोमवार को प्लेन का कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर बरामद हुआ। इससे पहले फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर बरामद हुआ था।
एयर इंडिया प्लेन क्रैश होते ही हॉस्टल की बालकनी से कूदने लगे थे छात्र
वीडियो वायरल, इमारत में लगी आग के बीच चादर के सहारे लगाई छलांग
एजेंसियां — अहमदाबाद
गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान 12 जून को क्रैश हो गया था। यह विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास बीजे मेडिकल कालेज हॉस्टल की इमारत से टकराकर क्रैश हुआ था। इस विमान में 241 लोग सवार थे, जिनमें से 240 की मौत हो गई थी। हॉस्टल की दीवार से टकराने की वजह से भी कई छात्र भी इस हादसे का शिकार हुए थे। अब इस घटना का एक नया वीडियो सामने आया है। एयर इंडिया के प्लेन क्रैश के बाद का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि प्लेन क्रैश के बाद आसपास के हॉस्टल में रहने वाले छात्र किस तरह अपनी बचा रहे हैं।
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कि किस तरह से एमबीबीएस के स्टूडेंट्स दूसरी और तीसरी मंजिल से कपड़ा बांधकर नीचे उतरने की कोशिश कर रहे हैं। इन छात्रों को चादर के सहारे कूदते देखा जा सकता है। वीडियो में हॉस्टल के सामने आग लगी देखी जा सकती है और लोग डर की वजह से चीख रहे हैं। कुछ छात्रों को बेडशीट से रस्सियां बनाते देखा जा सकता है जबकि कुछ जान बचाने के लिए इन चादरों का इस्तेमाल कर रेलिंग से नीचे कूदते देखा जा सकता है।
: *Monsoon : बिहार-झारखंड पहुंचा मानसून, यूपी समेत चार राज्यों में बिजली गिरने से 19 की मौत*
दक्षिण पश्चिम मानसून मंगलवार को बिहार-झारखंड पहुंच गया। चार जिलों औरंगाबाद, किशनगंज, कटिहार और बांका में तेज बारिश हुई है। सोमवार को मानसून ने गुजरात-मध्य प्रदेश में एंट्री की थी। महाराष्ट्र के विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ इलाकों में भी मानसून आगे बढ़ा है। फिलहाल देश के 19 राज्यों में भारी बारिश का दौर जारी है। यूपी, एमपी, राजस्थान और बिहार में बिजली गिरने से पिछले 24 घंटों के दौरान 19 लोगों की मौत हो गई। इधर, राजस्थान में प्री-मानसून की बारिश जारी है। मध्य प्रदेश में अगले दो दिन में मानसून भोपाल-इंदौर में दस्तक दे सकता है।
तब तक 40 जिलों में आंधी-बारिश जारी रहेगी। मानसून सबसे आखिर में ग्वालियर-चंबल पहुंचेगा। मौसम विभाग का अनुमान है, अगले दो दिन में मानसून गुजरात, महाराष्ट्र, एमपी, ओडिशा, छत्तीसगढ़ के शेष हिस्सों में आगे बढऩे के साथ ही यूपी में दस्तक दे सकता है। इस हफ्ते के अंत तक मानसून पश्चिमी यूपी, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों तक भी पहुंच जाएगा।
[: *स्मृति मंधाना आईसीसी वनडे रैंकिंग में नंबर-वन, भारतीय टीम की इस खिलाडी को दूसरा स्थान*
छह साल बाद टॉप पर पहुंचीं भारतीय टीम की उपकप्तान नताली को दूसरा स्थान
भारत की उपकप्तान स्मृति मंधाना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की वनडे बल्लेबाजी रैंकिंग में 2019 के बाद पहली बार शीर्ष स्थान पर पहुंच गईं। दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लॉरा वोलवार्ट ने 19 रेटिंग अंक गंवाए, जिसका फायदा भारतीय बल्लेबाज को मिला। मंधाना के कुल 727 रेटिंग अंक हैं। उनके बाद इंग्लैंड की कप्तान नताली साइवर-ब्रंट 719 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
वोलवार्ट अब 719 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। मंधाना के बाद इस सूची में अगली दो भारतीय बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत कौर हैं, जो क्रमश: 14वें और 15वें स्थान पर हैं।
टीम इंडिया दोनों फॉर्मेट में तीसरे नंबर पर
दोनों ही फॉर्मेट की टीम रैंकिंग में भी बदलाव नहीं हुआ। इंडिया वूमंस वनडे में 121 और टी-20 में 260 रेटिंग प्वाइंट्स के साथ तीसरे नंबर पर है। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दोनों फॉर्मेट में पहले और दूसरे नंबर पर हैं।
[: *Central University: सीयू धर्मशाला में करें इंजीनियरिंग, 33 सीटों के लिए होगा एंट्रेंस एग्जाम*
बैचलर इन टेक्नोलॉजी इसी सत्र से, 33 सीटों के लिए होगा एंट्रेंस एग्जाम
अब केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में प्रदेश सहित देशभर के छात्रों को इंजीनियरिंग की पढ़ाई का मौका मिल पाएगा। केंद्रीय विवि की ओर से स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग का इसी शैक्षणिक सत्र 2025-26 में आगाज करने जा रहा है। इसमें पहले चरण में बैचलर इन टेक्नोलॉजी बीटेक में इसी सत्र में दाखिल प्रदान किए जाएंगे। इसमें 33 सीटें केंद्रीय विवि प्रशासन की ओर से निर्धारित की गई हैं। प्रवेश प्रक्रिया से बीटेक चार वर्षीय डिग्री कार्यक्रम में छात्रों को दाखिले मिल पाएंगे। इसके बाद सीयू के शाहपुर कैंपस में अध्ययन करवाया जाएगा। वहीं, केंद्रीय विवि का अपना कैंपस देहरा व धर्मशाला में सुचारू रूप से शुरू होने पर स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के अन्य सभी कोर्स भी सुचारू रूप से चलाए जाएंगे। ऐसे में अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए देश व विदेश के अन्य संस्थानों में छात्रों को जाने की जरूरत नहीं रहेगी। पहाड़ी राज्य में ही इंजीनियरिंग का उच्च स्तरीय अध्ययन करने का मौका मिल पाएगा।
इसके लिए सीयूएचपी की ओर से पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। प्रवेश एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर प्रदान किया जाएगा। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली एंट्रेंस एग्जाम जेईई मेन एवं जेईई एडवांस सहित विवि के अपने स्तर पर होने वाली प्रवेश प्रक्रिया के लिए सीयू की ओर से जल्द ही नोटिफिकेशन वेबसाइट में जारी की जाएगी। उधर, इस संबंध में केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने बताया कि इस वर्ष शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से विवि में स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग का आगाज करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले चरण में बीटेक शाहपुर कैंपस में शुरू की जा रही है।
454 छात्रों को आज मिलेंगी स्नातक-पीजी उपाधियां
केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला द्वारा आठवें दीक्षांत समारोह में 454 छात्रों को स्नातक व परास्नातक पीजी की उपाधियां प्रदान की जाएगी। बुधवार को पीजी कालेज धर्मशाला के त्रिर्गत सभागार में केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के आठवें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जाएगा। दीक्षांत समारोह में भारतीय विश्वविद्यालय संघ नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पाठक बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। इनके अलावा सीयू के कुलाधिपति पद्मश्री आचार्य हरमहेंद्र सिंह बेदी मुख्य संरक्षक मौजूद रहेंगे।
: *ट्राई के नए फैसले से बदलेगा पूरे देश का इंटरनेट गेम, आम आदमी को फायदा, जानिए कैसे*
अब हर चाय की दुकान पर मिलेगा सस्ता वाई-फाई
भारत में इंटरनेट की पहुंच लगातार बढ़ रही है, लेकिन अब यह सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं रहेगा। गांव, कस्बों और दूरदराज इलाकों तक भी अब तेज और सस्ता इंटरनेट पहुंच सकेगा। इसकी बड़ी वजह है टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का ताजा फैसला, जिसमें पब्लिक वाई-फाई सेवा को सस्ता करने की दिशा में अहम कदम उठाया गया है। अब छोटे दुकानदार भी कम दाम में इंटरनेट खरीद सकेंगे और अपने ग्राहकों को सस्ती दरों पर वाई-फाई सेवा दे सकेंगे। ट्राई ने यह तय किया है कि पब्लिक डाटा ऑफिस जैसे कि चाय की दुकान, किराना स्टोर या पान की गुमटी पर वाई-फाई देने वाले छोटे दुकानदारों को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर उतनी ही कीमत पर सेवा देंगे, जितनी वे एक आम ब्रॉडबैंड यूजर से वसूलते हैं।
यह नया नियम उन पब्लिक डाटा ऑफिस पर लागू होगा जिनकी वाई-फाई स्पीड 200 एमबीपीएस तक है। इसका सीधा फायदा उन ग्राहकों को होगा, जो अब तक महंगे मोबाइल डाटा के कारण सीमित इंटरनेट इस्तेमाल कर पाते थे। फैसले से पहले ट्राई ने इंडस्ट्री के कई स्टेकहोल्डर्स से फीडबैक मांगा था। कुछ इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें अपनी सेवाओं के लिए कीमत तय करने का अधिकार होना चाहिए। लेकिन ट्राई ने यह स्पष्ट किया कि इस निर्णय का उद्देश्य आम जनता को सस्ता इंटरनेट उपलब्ध कराना है, न कि कंपनियों के मुनाफे को प्रभावित करना। इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि कंपनियां एक निश्चित सीमा से ऊपर शुल्क नहीं वसूल सकेंगी।
इसलिए जरूरी था फैसला
ट्राई का मानना है कि भारत के ग्रामीण और कमजोर आर्थिक वर्ग के क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच अभी भी सीमित है। पीएम-वानी (प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस) योजना के तहत छोटे दुकानदारों के जरिए पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। लेकिन जब तक इन दुकानदारों को महंगे रेट पर इंटरनेट मिलता रहेगा, वे सस्ती सेवा नहीं दे पाएंगे। ट्राई का यह फैसला केंद्र के डिजिटल इंडिया मिशन को गति देगा।
[: *Baga Sarahan : हिमाचल के अनछुए पर्यटक स्थलों को दुनिया के सामने लाने की जरूरत*
खजियार जैसा है कुल्लू का बागा सराहन; प्रदेश में रमणीक स्थलों की कमी नहीं, सरकार की नजर-ए-इनायत की दरकार
कुल्लू जिला का सबसे दूरवर्ती इलाका बागा सराहन एक ऐसा अनछुआ पर्यटक स्थल है, जिसे आज तक पर्यटन मानचित्र पर उभारा नहीं जा सका है। मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के तहत बागा सराहन पहुंचे, जहां की नैसर्गिक सुंदरता देखते ही बनती है। हिमाचल प्रदेश में ऐसे कई अनछुए पर्यटक स्थल हैं, जहां पर अभी तक पर्यटक नहीं पहुंच पाए हैं। हिमाचल प्रदेश में भी ऐसे बहुत कम लोग हैं, जो बागा सराहन को जानते हैं और यहां आ चुके हैं। बागा सराहन के लिए रामपुर और निरमंड से होते हुए रास्ता निकलता है। जहां एक तरफ श्रीखंड यात्रा के लिए लोग जाते हैं, वहीं दूसरी ओर एक रास्ता बागा सराहन के लिए पहुंचता है।
बागा सराहन बेहद खूबसूरत और रमणीक स्थल है, जिसे यदि विकसित किया जाए, तो यहां बड़े पैमाने पर पर्यटन कारोबार बढ़ सकता है। यहां की सबसे बड़ी समस्या जिला मुख्यालय तक रोड कनेक्टिविटी की है, क्योंकि जिला मुख्यालय कुल्लू तक पहुंचाने के लिए यहां के लोगों को लगभग सात घंटे का सफर तय करना पड़ता है। बागा सराहन के लोग चाहते हैं कि कुल्लू जिला मुख्यालय को जोडऩे के लिए एक मार्ग का सर्वे किया गया है, जहां से केवल 28 से 30 किलोमीटर की दूरी पर जिला मुख्यालय पड़ता है। इस मार्ग के निर्माण के लिए यदि सरकार बजट दे, तो बागा सराहन तक पहुंचने में पर्यटकों को आसानी होगी और बड़े पैमाने पर यहां रोजगार के द्वार खुल खुल सकेंगे।
सीएम के प्रयास ला रहे रंग
बागा सराहन जैसे कई और भी इलाके प्रदेश के दूरवर्ती क्षेत्र में है, जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है। हरी-भरी वादियों के बीच एक बड़ा खुला मैदान चंबा के खजियार जैसा मनोरम है। मुख्यमंत्री प्रदेश के अनछुए पर्यटक स्थलों को उभारने के प्रति गंभीरता रखते हैं, इसी वजह से उन्होंने बागा सराहन में आने का कार्यक्रम बनाया और काफी हद तक उनका यह प्रयास सफल भी रहा है। बागा सराहन के लोग अपने बीच में सरकार को पाकर बेहद ज्यादा खुश हैं और उन्होंने सरकार के सम्मुख कई मांगे भी रखी हैं।
महाभारत से है बागा सराहन का संबंध
इस गांव का महत्त्व धार्मिक रूप से भी है, क्योंकि पौराणिकता के साथ इसका संबंध बताया जाता है। यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि बागा सराहन में कभी महाभारत काल में कौरव और पांडव भी आए थे। पांडवों ने यहां सराहन का मैदान समतल किया था। पांडव यहां से कुछ दूरी पर एक अन्य स्थान पर भी ठहरे थे, जहां उन्होंने सरसों उगाई और बताया जाता है कि आज भी वहां इस तरह से सरसों खुद ब खुद उग जाती है। धार्मिक महत्त्व वाले इस इलाके की सुंदरता बेहद ज्यादा है, जिसे विकसित करने पर यहां बड़ा पर्यटन क्षेत्र बन सकता है। बागा सराहन के इतिहास को लेकर स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां स्थित विशाल मैदान पांडवों ने एक ही रात में बनाया था और कौरवों ने इसी गांव के साथ लगते दिआउगी गांव में मैदान बनाया था। लोगों ने बताया कि ब्रिटिश राज के दौरान अंग्रेज यहां से बशलेऊ पास होते हुए कुल्लू जाते थे। पौराणिक कथा के अनुसार जब बूढ़े सरौहनी यानी शाना ऋषि बंजार के देउरी क्षेत्र से यहां आए थे, तो उन्होंने यहां पर तपस्या कर रहे एक ड्रोपू देवता को बरछा मारकर भगाया था, जिसके बाद यहां मैदान के साथ बहती नदी सर्पिले आकार में बनी थी। जनश्रुतियों के अनुसार एक बार पूरा सराहन गांव पहाड़ी के नीचे दब गया था, उस जगह का नाम डाक डावर है। पहाड़ी के नीचे दबने से केवल एक ही औरत जिंदा बच पाई थी, जिसने बाद में एक भाट से शादी की और उसकी पीढ़ी यहां भाटनु खानदान के रूप में आगे बढ़ी। यहां अन्य सात खानदान भी हैं, जो उस औरत के ही वंशज माने जाते हंै। किसी समय शाना ऋषि कुल्लू दशहरा में जाते थे, लेकिन जब से भगवान रघुनाथ जी के रथ के दाएं ओर चलने के लिए बालू नाग और श्रृंगा ऋषि के देवलुओं के बीच विवाद और लड़ाई हुई थी, तब से ये देवता कुल्लू दशहरा में नहीं जाते हैं।
: *15 अगस्त तक मछली पकडऩे पर रोक, जलाशयों किनारे मत्स्य विभाग ने जमाया डेरा, अवैध शिकार पर कड़ी नजर*
जलाशयों किनारे मत्स्य विभाग ने जमाया डेरा, अवैध शिकार पर कड़ी नजर
प्रदेश के जलाशयों में आगामी दो महीने के लिए मत्स्य आखेट पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। 16 से लेकर 15 अगस्त तक मछली पकडऩे पर पाबंदी रहेगी क्योंकि यह समय मछलियों का प्रजननकाल होता है। ऐसे में प्रदेश के पांच जलाशयों क्रमश: गोबिंदसागर, पौंग, चमेरा, कोलडैम और रणजीत सागर में मछली का शिकार नहीं किया जा सकेगा। वर्तमान में गोबिंदसागर, पौंग, चमेरा, कोलडैम और रणजीत सागर का क्षेत्रफल 43785 हेक्टेयर के करीब है। इसमें 6300 से अधिक मछुआरे मछली पकडऩे का कार्य कर रहे हैं, जबकि प्रदेश के सामान्य जलों ट्राउट जलों के अतिरिक्त जिसकी लंबाई 2400 किलोमीटर के लगभग है में 6300 से अधिक मछुआरे फैंकवां जाल के साथ मछली पकडऩे के कार्य में लगे हैं।
इस वर्ष बिलासपुर में कुल 20 कैंप लगेंगे, जिसमें गोबिंदसागर झील में 17 व कोलडैम में तीन कैंप शुमार हैं। साथ ही एक उडऩदस्ता भी तैनात रहेगा। इसी तरह पौंगडैम में कुल 17 कैंप और एक उडऩदस्ता जबकि चंबा के चमेरा में कुल पांच कैंप लगाए जाएंगे। चमेरा में तीन तथा रणजीत सागर में दो कैंप लगेंगे और एक उडऩदस्ता का गठन किया है। मछली का शिकार करते पकड़े जाने पर तीन साल कैद अथवा पांच हजार तक का जुर्माना या फिर दोनों सजा एक साथ का भी नियमों में प्रावधान है।
: *ई-कार्ट खरीदने के लिए मिलेगी 50 फीसदी सबसिडी, CM सुक्खू का बागा सराहन के युवाओं के लिए ऐलान*
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आनी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले बागा सराहन से कुल्लू मुख्यालय को जोडऩे के लिए सडक़ बनाने को सर्वे करने के लिए एक करोड़ रुपए की घोषणा की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बागा सराहन गांव के युवाओं को ई-कार्ट खरीदने पर 50 फीसदी सबसिडी देने का ऐलान किया। इसके अलावा बागा सराहन में झील निर्माण के लिए भी एक करोड़ रुपए की राशि जारी करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मंगलवार को आनी विधानसभा क्षेत्र के बागा सराहन में सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के तहत जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस इलाके में पर्यटन विस्तार के लिए कई बड़े ऐलान किए, साथ ही यहां की कई बड़ी समस्याओं का निवारण करने के लिए घोषणाएं की। आनी को नगर पंचायत बनाने का भी सीएम ने ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल को हरित, आत्मनिर्भर और समृद्धशाली राज्य बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि बागा-सराहन से निरमंड और आनी उपमंडल के लिए 81.30 करोड़ रुपए की 21 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करके क्षेत्रवासियों को लाभान्वित किया गया है। इससे पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। विभिन्न पंचायतों के प्रधानों, युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं, कांग्रेस नेताओं, महिला कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री को सम्मानित किया। मिल्कफेड के अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर ने करोड़ों रुपए के विकास कार्यों की सौगात प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। विधायक सुंदर सिंह ठाकुर एवं लोकेंद्र कुमार ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।
आनी विधानसभा क्षेत्र में खुलेगा डे-बोर्डिंग स्कूल
मुख्यमंत्री ने आनी विधानसभा क्षेत्र में डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने की घोषणा की। इसके अलावा आनी क्षेत्र में सीबीएसई से संबंधित स्कूल जल्द खोलने का आश्वासन दिया। उन्होंने जलोड़ी जोत से रघुपुर गढ़ और सरेउलसर तक ब्राडर पाथ बनाने, बागा सराहन से बठाड़ सडक़ का सर्वेक्षण कार्य के लिए एक करोड़ रुपए जारी करने और आनी को नगर पंचायत बनाने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने महिला मंडलों को एक-एक लाख रुपए देने तथा बागा सराहन में नेचर पार्क विकसित करने की घोषणा भी की।
: *भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल व पांवटा के विधायक सुखराम चौधरी को हाई कोर्ट से मिली राहत*
पांवटा में दोनों नेताओं पर दर्ज हुआ था केस
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल व पांवटा के विधायक सुखराम चौधरी को सिरमौर जिला के माजरा थाना क्षेत्र में शनिवार को धारा 163 का उल्लंघन करने से जुड़े मामले में हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। न्यायाधीश विरेंदर सिंह ने उक्त मामले के जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह आवेदकों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई अमल न लाए। जमानत याचिकाओं पर सुनवाई 24 जून को होगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार माजरा थाना के तहत एक युवती के कथित अपहरण के मामले के बाद 13 जून को सैकड़ों लोगों ने विशेष समुदाय के लडक़े के गांव की तरफ रैली निकाली थी।
माहौल न बिगड़े, इसे लेकर उपायुक्त ने पुलिस थाना माजरा के अंतर्गत आने वाले पांच गांवों में धारा-163 लागू कर दी थी, जिसमें इलाके में पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध था। अगले ही दिन बिंदल के नेतृत्व में लोगों ने धारा 163 को कथित्तौर पर तोड़ते हुए माजरा थाना मार्ग पर धरना प्रर्दशन किया। पुलिस ने धारा 163 का उल्लंघन करने पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व पांवटा के विधायक समेत 50 लोगों के खिलाफ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया। पुलिस ने युवती को अंबाला के साहा से बरामद कर लिया था ।
[: *सतलुज नदी उफान पर, नाथपा बांध से आज छोड़ा जाएगा पानी, नदी के किनारे जाने पर प्रतिबंध, एडवाइजरी जारी*
नदी के किनारे जाने पर प्रतिबंध, एसजेवीएन ने जारी की एडवाइजरी
प्री मानसून के शुरू होते ही जिला भर में भारी बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं। ऐसे में सतलुज नदी का जल प्रवाह भी लगातार बढ़ रहा है। एसजेवीएन ने नाथपा बांध से अतिरिक्त पानी को सतलुज में छोडऩे का फैसला लिया है। यह पानी बुधवार को छोड़ा जा सकता है। ऐसे में एसजेवीएन ने एडवाइजरी जा कर दी है। एसजेवीएन ने सतलुज के किनारे पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया और नदी किनारे रहने वाले लोगों को चेतावनी दी है कि इस समय सजग रहें। सतलुज का पानी बढऩे से ततापानी व सुन्नी क्षेत्रों में भी खतरा मंडरा सकता है।
फिलहाल बांध से सिर्फ अतिरिक्त पानी ही छोड़ा जा रहा है ऐसे में एसजेवीएन का कहना है कि इसमें ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन इस दौरान सजग रहने की जरूरत है। क्योंकि इन दिनों लगातार बारिश से अन्य नाले भी उफान पर हैं ऐसे में हर जगह से सतलुज में पानी आ रहा है और पानी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है।
: *श्रीमणिमहेश यात्रा में श्रद्धालुओं का फुल इंतजाम*
चंबा के भरमौर स्थित मणिमहेश झील हिंदुओं और शिव भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है
उपायुक्त चंबा ने अधिकारियों से की चर्चा, एनजीटी के नियम अपनाने पर जोर
उत्तरी भारत की प्रसिद्ध श्रीमणिमहेश यात्रा-2025 की तैयारियों को लेकर मंगलवार को लघु सचिवालय के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। उपायुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में मणिमहेश यात्रा के दौरान प्रशासनिक दायित्वों तथा श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुख-सुविधाओं के बारे विस्तृत विचार-विमर्श किया। बैठक में श्रीमणिमहेश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधाओं के दृष्टिगत कानून व्यवस्था, सडक़ों की मरम्मत संबंधी कार्यों, परिवहन सुविधा, यातायात व पार्किंग प्रबंधन, साफ-सफाई, श्रद्धालुओं के पंजीकरण, भोजन तथा रहने संबंधी व्यवस्थाओं, जलापूर्ति, चिकित्सा सुविधा, विद्युत एवं ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं, दूरसंचार व सूचना प्रणाली, संभावित आपदा की स्थिति में बचाव कार्यों के अलावा पर्यटन को बढ़ावा देने संबंधी गतिविधियों बारे विस्तृत चर्चा की गई। बैठक के दौरान उपायुक्त चंबा मुकेश रेप्सवाल ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया जाए।
बैठक में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालन सुनिश्चित करने बारे विस्तृत चर्चा की गई तथा यह निर्णय लिया गया कि एनजीटी के आदेशों अनुरूप यात्रा मार्ग पर शौचालय व स्वच्छता संबंधी प्रबंधों तथा व्यावसायिक गतिविधियों के बारे में बनाएं गए नियमों की अनुपालना सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को राष्ट्रीय उच्च मार्ग 154 भरमौर से लेकर बग्गा तक टायरिंग का कार्य तीव्र गति से पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि 15 जून से पूर्व हड़सर से गुई नाला सडक़, गुई नाला से दोनाली मार्ग के सुधार व चौड़ीकरण, तोंस का गोठ से दोनाली तक घोड़ेे के लिए अलग मार्ग निर्मित व दोनाली के पास दूसरा ब्रिज प्राथमिकता के आधार पर स्थापित किया जाए।
मीटिंग में येे रहे मौजूद
बैठक में पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, एडीएम भरमौर कुलवीर सिंह राणा, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग हरमिंद्र चौणा, लोक निर्माण विभाग संजय शर्मा, वनमंडलाधिकारी नवनाथ माने और खंड विकास अधिकारी रमनवीर चौहान सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
: *रोड कनेक्टिविटी से आएगी पर्यटकों की बहार*
सरकार को अपने बीच पाकर बागा सराहन के लोग खुश, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बड़ी खास
बागा सराहन के लोगों को सरकार से बेहद ज्यादा उम्मीदें हैं। यहां के लोग सरकार को अपने बीच पाकर बेहद खुश है। इनका कहना है कि सरकार गंभीरता से प्रयास करें तो इस इलाके में साल भर पर्यटन कारोबार दौड़ सकता है। इसके लिए लोग चाहते हैं कि उन्हें बेहतर रोड कनेक्टिविटी मिले। इसे लेकर बागा सराहन में जब ‘दिव्य हिमाचल’ ने यहां के स्थानीय लोगों से बात की तो उनका यही कहना था कि जिला मुख्यालय के साथ जुडऩे के लिए एक सीधा और कम दूरी का मार्ग तैयार किया जाए, जिसका सर्वेक्षण पहले किया जा चुका है, तो यहां के लोगों की आजीविका का बड़े पैमाने पर विस्तार होगा और लोग स्वरोजगार अपना सकेंगे। साथ ही हिमाचल का यह इलाका पर्यटन मानचित्र में भी उभर सकता है।
स्थानीय निवासी बसंत लाल का कहना है कि भगत रहना से यदि जिला मुख्यालय कुल्लू जाना हो तो करीब सात घंटे का सफर तय करना पड़ता है। इससे नजदीक लोगों को राजधानी शिमला का सफर रहता है, जहां वह पांच घंटे में पहुंच जाते हैं। रोड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना बड़ा जरूरी है
पर्यटन मानचित्र पर उभरेगा बघा सराहन
रमेश कुमार जो कि स्थानीय निवासी हैं और ठेकेदारी का काम करते हैं का कहना है कि बागा सराहन को जिला मुख्यालय से जोडऩे के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। मुख्यमंत्री सुक्खू का यह अहम कदम है कि वह प्रदेश के ऐसे इलाकों में पहुंच रहे हैं। उन्हें सरकार से यह उम्मीद है कि वह बघा सराहन को पर्यटन मानचित्र पर उभरने के लिए बड़े कदम उठाएंगे।
सराहन में सैलानियों को बेहतर सुविधाएं
एडवोकेट अमर सिंह ठाकुर का कहना है कि बागा सराहन इलाके को पर्यटन की दृष्टि से उभारा जा सकता है। कुल्लू जिला का यह दूरवर्ती इलाका बेहद रमणीक है, जहां पर यदि टूरिस्ट आए, तो कुछ दिन यहां आराम से ठहर सकते हैं। इसके लिए जरूरी होगा की मूलभूत सुविधाओं की कमियों को दूर किया जाए।
विकास के लिए सडक़ जरूरी
अर्णव ठाकुर का कहना है कि विकास के लिए सडक़ मार्ग बेहद ज्यादा जरूरी होता है। बागा सराहन पहुंचने के लिए सिंगल रोड है जो की जगह-जगह खतरों से भरा हुआ है। इस मार्ग के किनारे पर एक भी पैराफिट कहीं नजर नहीं आता जिससे दुर्घटनाओं का भी अंदेशा रहता है। अगर सडक़ अच्छा हो और बेहतर कनेक्टिविटी हो तो आसानी से लोग यहां पहुंच सकते हैं।
: *क्लोनिंग वॉइस से लोगों को ठग रहे साइबर ठग*
साइबर सेल शिमला ने लोगों से की स्तर्क रहने की अपील
मदद के नाम पर साइबर ठग लोगों से कर रहे पैसे की डिमांड
लोगों को ठगने के लिए साइबर ठग भी अपना रहे हाईटेक तरीके
साइबर ठग क्लोनिंग वॉइस के झांसे में फंसाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। शातिर आपके नंबर पर आपके बेटा, आपका पति, आपकी पत्नी की आवाज में आपसे पैसे की मांग करता है और ऑनलाइन भेजने की बात कहता है तो बिल्कुल पैसे देने से मना कर दें। अगर आपने गलती से भी ऐसा कर दिया तो आपके खाते से एक पल में सारे पैसे राशि गायब हो सकती है। साइबर ठगों ने लोगों को ठगने के लिए कई तरह के वॉयस मैसेज तैयार कर लिए हैं। फोन कॉल पर शातिर कभी वो आपकी पत्नी बन सकता है तो कभी वो आपका पिता बन सकता है। इसलिए जब कोई आपको अपना दूसरे नंबर से कॉल करे तो सबसे पहले उसके पर्सनल नंबर पर कॉल करें। इसके बाद जांच करे कि क्या वाकई में बेटा को क्रेडिट कार्ड का डिटेल्स चाहिए था, उसके बाद ही फिर कोई निर्णय लें। साइबर सैल शिमला में लोगों से साइबर ठगों में झांसे में न आने की अपील की है। साइबर सैल शिमला की ओर से ठगों से बचने के लिए एडवाईजरी भी जारी की गई है। जैसे-जैसे इंटरनेट की दुनिया हाईटेक हो रही है, ठीक उसी तरह इस इंटरनेट की दुनिया में साइबर ठग भी हाईटेक तरीके अपनाकर लोगों को निशाना बना रहे हैं। साइबर ठग आपकी आवाज से आपको अपने जाल में फंसा रहे हैं।
साइबर ठग आपका बेटा या कोई और रिश्तेदार बनकर कॉल करेंगे। इस खेल को अंजाम देने के लिए एक पूरा प्रोसेस होता है। साइबर अपराधी आपका दोस्त बनकर आपको सीधे कॉल करते हैं। जब आप कॉल करते हैं तो इस दौरान आपकी आवाज रिकॉर्ड हो जाती है। जब ये आपको दोस्त कहकर कॉल करते हैं तो महज तीन सेकेंड में आपकी आवाज रिकॉर्ड कर लेते हैं और एआई की मदद से कई मैसेज तैयार कर लेते हैं। साइबर ठगों का सारा खेल यही से शुरू होता है। उधर, डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला का कहना है कि अगर कोई आपके पर्सनल नंबर से आपको कॉल करे तो ही उस पर विश्वास करें। साइबर ठगों के जाल में फंसे लोग क्लोनिंग वॉइस यानी आपकी आवाज और डुप्लीकेट आवाज को नहीं पहचान पाते हैं और शातिरों के झांस में फंस जाते हैं। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि लोग मुसीबत में पड़ जाते हैं और कॉल करते हैं तो ऐसे में आप पहले अपने रिश्तेदार के पर्सनल नंबर पर एक बार कॉल करें और उसके बाद ही मदद करने का फैसला लें।
: *पुष्पा की तरह अमीर बना सकता है यह दरख्त, मेहनत भी कम और कमाई भी चोखी*
पुष्पा फिल्म तो सभी ने देखी है। फिल्म में अल्लू अर्जुन चंदन की तस्करी कर रातों-रात अमीर बन जाता है, लेकिन यह सब गैरकानूनी है और फिल्मी है। हकीकत में भी ऐसा हो सकता है। एक ऐसे पेड़ की खेती आपको लखपति बना सकती है। खास यह है कि इसे उगाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी, बस कुछ सालों का इंतजार करना पड़ता है। हमारे आसपास कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जो हमारे वातावरण को तो शुद्ध करते ही हैं, लेकिन साथ ही इनका उपयोग दवाईयां बनाने के लिए भी किया जाता है। साथ ही इनकी लकड़ी भी महंगी बिकती है। इन पेड़ों में से एक है सफेदे का पेड़, जो आपको हिमाचल में काफी संख्या में मिल जाएंगे।
सफेदा को यूकेलिप्टस और नीलगिरी भी कहा जाता है। इसकी खेती किसी को भी माला माल कर सकती है। सफेदा एक तेजी से बढऩे वाला सदाबहार वृक्ष है, जिसकी पत्तियों से निकलने वाली सुगंध इसे विशेष बनाती है। इसकी उत्पत्ति यूं तो ऑस्ट्रेलिया से मानी जाती है, लेकिन अब यह भारत सहित दुनियाभर के कई क्षेत्रों में उगाया जाता है। हिमाचल में भी खूब सफेदा आपको देखने में मिलेगा। कई जगह पर वन विभाग, तो कई जगह किसान इसकी व्यावसायिक खेती भी करते हैं। तेजी से बढऩे के साथ ही सफेदा जलवायु की विविध स्थितियों को भी सहन कर सकता है। सफेदा की लकड़ी से लेकर पत्ते तक का इस्तेमाल किया जाता है।
बिमारियां दूर भगाए
सफेदा की लकड़ी बहुत ही उपयोगी होती है, इसका इस्तेमाल पेटियां, ईंधन, हार्ड बोर्ड, फर्नीचर और पार्टिकल बोर्ड इत्यादि बनाने के लिए किया जाता है। इसकी लकड़ी को पल्प बनाकर कागज उद्योग में प्रयोग किया जाता है। सफेदा की पत्तियों से निकलने वाला तेल सांस की बीमारियों जैसे अस्थमा, सर्दी, खांसी और ब्रोंकाइटिस के इलाज में उपयोग होता है। यह भी कहा जाता है कि सफेदे के तेल की मालिश गठिया और मांसपेशियों के दर्द को कम करने में सहायक होती है। चोट, सूजन या मोच में भी इसका तेल फायदेमंद माना जाता है। यह तेल एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इसकी पत्तियों की खुशबू और तेल मच्छरों को दूर भगाते हैं। इसलिए इसका प्रयोग प्राकृतिक मच्छर-रोधी दवाओं में होता है। इसके अलावा इसकी पत्तियां वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करती हैं और हवा को शुद्ध बनाती हैं। यहीं नहीं सफेदा का उपयोग अपच, गैस और पेट दर्द में किया जाता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और भूख बढ़ाने में मदद करता है।
50 से 60 लाख तक की कमाई
सफेदा की खेती कर किसान कम समय में अधिक लाभ कमाने के लिए कर सकते हैं, क्योंकि यह 8-10 वर्षों में कटाई योग्य हो जाता है। इसकी खेती में लागत भी कम लगती है। एक हेक्टेयर के खेत में तकऱीबन एक से डेढ़ हज़ार पेड़ों को लगाया जा सकता है। पेड़ तैयार होने के बाद इन लकडिय़ों को बेच किसान आराम से 50 से 60 लाख तक की आमदनी आसानी से कमाई जा सकती है।
: *चम्बा मे जिस सांप ने डसा, उसे लिफाफे में डालकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंच गया व्यक्ति, जानें पूरा मामला*
आपातकालीन कक्ष में उसके सांप के साथ पहुंचते ही अफरातफरी मच गई। उसने वहां तैनात डॉक्टर को कहा कि उसे सांप ने डसा है।
जिस सांप ने व्यक्ति को डसा, उसे ही पकड़कर वह अपने साथ लेकर मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाने के लिए पहुंच गया। मामला हिमाचल प्रदेश के चंबा का है। आपातकालीन कक्ष में उसके सांप के साथ पहुंचते ही अफरातफरी मच गई। उसने वहां तैनात डॉक्टर को कहा कि उसे सांप ने डसा है। डॉक्टर ने पूछा, आपको कैसे पता कि सांप ने ही डसा है। क्या सांप को डसते हुए देखा था।
[: प्रिय शिव भक्तो,
हर हर महादेव!
भगवान शिव की कृपा से हमें हर वर्ष पावन मणिमहेश यात्रा का अवसर मिलता है। यह यात्रा हमारी आस्था और प्रकृति दोनों का उत्सव है। लेकिन हाल के वर्षों में यात्रा मार्ग पर प्लास्टिक, बोतलें, रैपर और अन्य कचरा बहुत बढ़ गया है, जिससे न केवल प्राकृतिक सौंदर्य खराब हो रहा है, बल्कि पर्यावरण और स्थानीय जीव-जंतुओं को भी नुकसान पहुँच रहा है।
महादेव प्रकृति के रक्षक हैं। क्या हम उनके पवित्र धाम को गंदा होते देख सकते हैं? एक सच्चे शिव भक्त होने के नाते, यह हमारा कर्तव्य है कि हम मणिमहेश यात्रा मार्ग को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखें।
इसी उद्देश्य से, 15 जुलाई से 30 जुलाई 2025 तक श्री मणिमहेश यात्रा मार्ग (हड़सर से मणिमहेश झील) पर सफाई अभियान आयोजित किया जा रहा है। हम सभी शिव भक्तों से निवेदन करते हैं कि इस अभियान में स्वयंसेवक के रूप में भाग लें। आप अपने परिवार, मित्रों या समूह के साथ जुड़ सकते हैं
यह अभियान न केवल सेवा है, बल्कि सच्ची भक्ति भी है। स्वच्छ मणिमहेश, स्वच्छ आस्था! आइए, हम सब मिलकर महादेव के धाम की रक्षा करें और आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे सुंदर बनाएं।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 7827097975
Email ID: manimaheshyatra2025@gmail.com
व्यक्तिगत रूप से इस अभियान में भाग लेने के लिये इस फार्म को भरें
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संस्थागत रूप से इस अभियान में भाग लेने के लिये इस फार्म को भरें
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: *ईरान को छोडऩा ही होगा न्यूक्लियर प्रोग्राम, सरेंडर से कम कुछ भी मंजूर नहीं*
जी-7 समिट छोडक़र अमरीका पहुंचे ट्रंप की खामेनेई को चेतावनी
कनाडा से जी-7 समिट छोडक़र वशिंगटन आए अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के बहुत करीब है। ट्रंप ने कहा कि वह इजरायल-ईरान विवाद का वास्तविक अंत चाहते हैं। उन्होंने कहा कि तेहरान छोडऩा ईरानियों के लिए बेहतर होगा। ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह बढ़ते ईरान-इजरायल संघर्ष में सीजफायर से भी कुछ बेहतर चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि सीधी बात है कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बना सकता है। उसे इस मद्दे पर सरेंडर करना ही होगा, उससे कम कुछ नहीं हो सकता है।
इजरायल ने पांच दिनों तक मिसाइल हमलों के जरिए ईरान को काफी नुकसान पहुंचाया है और उसका मानना है कि अब वह तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को स्थायी रूप से तबाह कर सकता है। ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर ईरान ने मध्य पूर्व में अमरीकी सैनिकों पर हमला किया, तो अमरीका तैयार है।
राष्ट्रपति की चेतावनी; खाली करो तेहरान, दोनों देशों में तबाही
ईरान-इजरायल युद्ध के बीच अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ी चेतावनी दी है। ट्रंप ने ईरान को लेकर एक पोस्ट शेयर की है। पोस्ट में लिखा है कि ‘ईरान को उस सौदे पर हस्ताक्षर कर देने चाहिए था, जिस पर मैंने कहा था। यह कितनी शर्म की बात है और मानव जीवन की बर्बादी है। ईरान का न्यूक्लियर डील साइन न करना मूर्खता है। सीधे शब्दों में कहें तो ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता। सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए। ट्रंप ने कहा कि उनके प्रयासों से इजरायल और ईरान के बीच भी जल्द शांति स्थापित हो सकती है।
: *कनाडा के कालगरी पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्रा के दूसरे चरण में कनाडा के कालगरी पहुंच गए, जहां वह अल्बर्टा के कानानास्की में 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी का कालगरी हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया
श्री मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी द्वारा भारत को आउटरीच अतिथि देश के रूप में 2025 के जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किए जाने पर यहां पहुंचे हैं। यह लगातार छठी बार है, जब भारत एक अतिथि देश के रूप में जी-7 में भाग ले रहा है
[: *Bimal Negi Death Case: विमल नेगी मौत मामले में भोरंज के एक होटल का खंगाला रिकॉर्ड, हमीरपुर में सीबीआई की दस्तक*
रविवार को जिला के भोरंज स्थित एक निजी होटल में टीम ने रिकॉर्ड खंगाला। यहां पर विमल नेगी के लापता होने के दौरान उनके करीबी लोगों के रुकने की सूचना पर तथ्य खंगाले गए हैं। पढ़ें पूरी खबर...
पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले की जांच की आंच अब हमीरपुर तक पहुंच गई है। सीबीआई की टीम के जिला हमीरपुर में दस्तक की सूचना है। बीते दो से -तीन दिनों से सीबीआई की टीम लगातार हमीरपुर में कई जगह पर दबिश देकर जांच कर चुकी है। रविवार को जिला के भोरंज स्थित एक निजी होटल में टीम ने रिकॉर्ड खंगाला। यहां पर विमल नेगी के लापता होने के दौरान उनके करीबी लोगों के रुकने की सूचना पर तथ्य खंगाले गए हैं।
वहीं, हमीरपुर में पावर कॉरपोरेशन से जुड़ा कैंप ऑफिस भी है। ऐसे में यहां पर जांच की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। शनिवार को टीम भोरंज पहुंची थी और इसके बाद रविवार व सोमवार को जिले के विभिन्न स्थानों पर टीम ने दबिश दी है। भोरंज के साथ जिला मुख्यालय स्थित एक होटल में टीम गई, जहां मामले से जुड़े कुछ तथ्यों को लेकर पूछताछ की गई। नेगी मौत मामले से जुड़े एक अधिकारी के हमीरपुर से तार होने के साक्ष्य जांच एजेंसी को मिले हैं।
ऐसे में इस अधिकारी के यहां पर हमीरपुर कार्यकाल की गतिविधियां भी एजेंसी की निगाह में हैं। विमल नेगी मौत मामले से प्रदेश के कई जिलों में सीबीआई की टीमें दबिश दे रही हैं। हालांकि हमीरपुर में पुलिस, प्रशासन और पावर कॉरपोरेशन से जुड़े किसी अधिकारी से कोई पूछताछ नहीं की गई है।
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*जीत सिंह कृषि विभाग के निदेशक, बागबानी विभाग में डा. सतीश कुमार अतिरिक्त निदेशक बने*
राज्य के कृषि विभाग में सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। यह बदलाव हाई कोर्ट के ऑर्डर के बाद किया गया है। कृषि विभाग में निदेशक का पद आईएएस से वापस लेकर विभागीय अधिकारी को दिया गया है। एडिशनल डायरेक्टर एग्रीकल्चर जीत सिंह को अब डायरेक्टर बनाया गया है। हालांकि वह बहुत जल्द रिटायर भी होने वाले हैं। इससे पहले इस विभाग में आईएएस को ही निदेशक नियुक्त किया जाता था। दूसरी तरफ, बागबानी विभाग में डा. सतीश कुमार को अतिरिक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति दी गई है। बागबानी सेवा संघ ने इसका स्वागत किया है। बागबानी सेवा संघ, हिमाचल प्रदेश की ओर से डा. सतीश कुमार को बागबानी विभाग में अतिरिक्त निदेशक के पद पर पदोन्नत किए जाने पर हार्दिक बधाई दी है।
यह पद विगत पांच वर्षों से रिक्त चला आ रहा था। ऐसे में इस महत्त्वपूर्ण पद पर वरिष्ठ अधिकारी की पदोन्नति से विभाग में हर्ष एवं उत्साह की लहर है। संघ के अध्यक्ष डा. रंजन शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. शमशेर नेगी, उपाध्यक्ष डा. समीर सिंह राणा, महासचिव डा. कुशाल सिंह मेहता, वित्त सचिव डा. अजय रघुवंशी, सचिव डा. जिना बनयाल, डा. राजेश भाकटा, डा. शैलजा राणा एवं प्रेस सचिव डा. राहुल चौधरी ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर डा. सतीश कुमार को इस उपलब्धि पर बधाई दी है। संघ ने इस नियुक्ति हेतु हिमाचल प्रदेश सरकार और विशेष रूप से बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के अनुभव और सेवा भावना को सम्मान देना विभागीय प्रगति के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
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*BJP विधायक ने की CM की तारीफ, बोले, सरकार की कई योजनाओं से जनता को धरातल पर मिल रहा फायदा*
एमएलए लोकेंद्र कुमार बोले, सरकार की कई योजनाओं से जनता को धरातल पर मिल रहा फायदा
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भारतीय जनता पार्टी के विधायक लोकेंद्र ने ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम में पहुंचकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की योजनाओं की प्रशंसा की। उन्होंने भरी सभा में कहा कि मुख्यमंत्री की कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जो निचले स्तर तक गांव की जनता को लाभान्वित कर रही हैं। बता दें कि सीएम की जनसभा में भाजपा विधायक लोकेंद्र कुमार भी पहुंचे थे, जिन्होंने सरकारी योजनाओं पर खूब प्रशंसा की। इसके साथ उन्होंने न केवल मुख्यमंत्री का स्वागत किया, बल्कि ‘स्वागत है, भई स्वागत है… मुख्यमंत्री का स्वागत है’ के जोरदार नारे भी लगाए। विधायक ने मुख्यमंत्री की दूध के दाम बढ़ाने की तारीफ की और कहा कि इस योजना का लाभ उनके इलाके की महिलाओं को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी अंतरात्मा की यह आवाज है, और नैतिक जिम्मेदारी है कि वह मुख्यमंत्री का स्वागत करें।
लोगों ने उन्हें जीता कर भेजा है लिहाजा सरकारी कार्यक्रम में आना उनका दायित्व है। उन्होंने सीएम से आनी में भी आने का आग्रह किया। सरकार ने उन्हें मंच से बोलने का पूरा मौका दिया। लोकेंद्र ने कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र पिछड़ा हुआ है, इस क्षेत्र को आगे ले जाने में पूर्व के विधायकों और दिवंगत सीएम वीरभद्र सिंह का भी योगदान रहा है। आउटर सराज हिमाचल में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला क्षेत्र है, बशलेऊ पास सडक़ इस क्षेत्र की सबसे बड़ी मांग है, सामुदायिक अस्पताल बनाने की मांग भी उन्होंने रखी। उन्होंने सीएम से आनी, नित्थर में भी डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने की मांग रखी। इसके साथ ही कहा कि समेज त्रासदी में ग्रीनको कंपनी को प्रभावितों को मुआवजा देने के निर्देश दें। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, सरकार इस ओर भी ध्यान दे।
[: *ई-कार्ट खरीदने के लिए मिलेगी 50 फीसदी सबसिडी, CM सुक्खू का बागा सराहन के युवाओं के लिए ऐलान*
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आनी विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले बागा सराहन से कुल्लू मुख्यालय को जोडऩे के लिए सडक़ बनाने को सर्वे करने के लिए एक करोड़ रुपए की घोषणा की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बागा सराहन गांव के युवाओं को ई-कार्ट खरीदने पर 50 फीसदी सबसिडी देने का ऐलान किया। इसके अलावा बागा सराहन में झील निर्माण के लिए भी एक करोड़ रुपए की राशि जारी करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मंगलवार को आनी विधानसभा क्षेत्र के बागा सराहन में सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के तहत जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस इलाके में पर्यटन विस्तार के लिए कई बड़े ऐलान किए, साथ ही यहां की कई बड़ी समस्याओं का निवारण करने के लिए घोषणाएं की। आनी को नगर पंचायत बनाने का भी सीएम ने ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल को हरित, आत्मनिर्भर और समृद्धशाली राज्य बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि बागा-सराहन से निरमंड और आनी उपमंडल के लिए 81.30 करोड़ रुपए की 21 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करके क्षेत्रवासियों को लाभान्वित किया गया है। इससे पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष पंकज परमार ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। विभिन्न पंचायतों के प्रधानों, युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं, कांग्रेस नेताओं, महिला कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री को सम्मानित किया। मिल्कफेड के अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर ने करोड़ों रुपए के विकास कार्यों की सौगात प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। विधायक सुंदर सिंह ठाकुर एवं लोकेंद्र कुमार ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।
आनी विधानसभा क्षेत्र में खुलेगा डे-बोर्डिंग स्कूल
मुख्यमंत्री ने आनी विधानसभा क्षेत्र में डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने की घोषणा की। इसके अलावा आनी क्षेत्र में सीबीएसई से संबंधित स्कूल जल्द खोलने का आश्वासन दिया। उन्होंने जलोड़ी जोत से रघुपुर गढ़ और सरेउलसर तक ब्राडर पाथ बनाने, बागा सराहन से बठाड़ सडक़ का सर्वेक्षण कार्य के लिए एक करोड़ रुपए जारी करने और आनी को नगर पंचायत बनाने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने महिला मंडलों को एक-एक लाख रुपए देने तथा बागा सराहन में नेचर पार्क विकसित करने की घोषणा भी की।
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*उधार के पैसे चुकाने के लिए परीक्षा पास कराने का झांसा दे अभ्यर्थियों से ऐंठे 35 लाख*
हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में पास करवाने का झांसा देकर आरोपियों ने अभ्यर्थियों से करीब 35 लाख रुपये ऐंठे हैं। पढ़ें पूरी खबर...
हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों से पैसे लेने के मामले में पुलिस ने मंगलवार को तीन और लोगों से पूछताछ की। पुलिस अभी तक 10 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। वहीं, पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार किए जवाली निवासी विक्रम और बलविंद्र उर्फ सोनू जरियाल ने अभ्यर्थियों से पैसे लेने की बात कबूल की है। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अपने इलाके में कुछ लोगों से कुछ रकम उधार ली हुई है और लोग उन्हें बार-बार पैसे लौटाने के लिए दबाव बना रहे थे। इसके चलते उन्होंने कांगड़ा और चंबा के कुछ अभ्यर्थियों को पुलिस भर्ती परीक्षा में पास करवाने का झांसा दिया और उनसे पैसे वसूल किए थे।
सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने करीब 35 लाख रुपये ऐंठे हैं। इसके चलते पुलिस ने दोनों आरोपियों के बैंक खातों की डिटेल हासिल करने के लिए बैंक प्रबंधकों को चिट्ठी लिखी है। साथ ही जिन लोगों का उधार चुकाने की बात कर रहे हैं, उनके बैंक खाते भी जांचे जाएंगे। हालांकि, अभी तक की जांच में पेपर लीक का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन गिरफ्तार दोनों आरोपी वर्ष 2019 और 2022 की पुलिस भर्ती गड़बड़ी मामले में भी संलिप्त रह चुके हैं। इसलिए पुलिस इन दोनों आरोपियों के संपर्क में कौन-कौन लोग शामिल हैं, उनका पता लगाने में जुटी हुई है। वहीं, पुलिस ने उन अभ्यर्थियों से भी पूछताछ की है, जिन्होंने विक्रम और सोनू को पैसे दिए थे। पूछताछ के दौरान जिस तरह पुलिस के सामने अभ्यर्थियों ने सवालों के जवाब दिए, उससे इन अभ्यर्थियों के पास होने की कोई उम्मीद पुलिस को नजर नहीं आ रही।
यह है मामला
रविवार को पालमपुर परीक्षा केंद्र में परीक्षा देने के बाद पुलिस ने चार अभ्यर्थियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। इसके बाद सोमवार को जवाली से दो युवक गिरफ्तार किए। मंगलवार को दोपहर बाद पुलिस ने आरोपी विक्रम और सोनू को न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को 23 जून तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। उधर, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि पूछताछ में दोनों ने बताया कि उन्होंने जो अभ्यर्थियों से पैसे लिए थे, वह रकम उधार चुकाने में दे दिए। पुलिस दोनों आरोपियों के संपर्क में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ कर रही है।
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*प्रदेश से बाहर पंजीकृत वाहनों पर लग सकता है ग्रीन शुल्क*
चंबा। लघु सचिवालय के सभागार में मंगलवार को विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) भरमौर की बैठक का आयोजन चेयरमैन एवं उपायुक्त चंबा मुकेश रेपसवाल की अध्यक्षता हुआ। *बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 का आय एवं व्यय लेखा तथा 2024-25 के लिए वार्षिक बजट और कार्य योजना को अनुमोदित किया गया। साथ ही वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भी प्रमुख प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई*। बैठक में साडा भरमौर की आय में वृद्धि के लिए साडा की ओर से स्वीकृत दुकानों, जिम हॉल व पार्किंग परिसर को किराये पर देने, पुराने बस स्टैंड के पास स्थित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को किराये पर देकर आय अर्जित करने, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों पर मेंटेनेंस शुल्क लगाना, बिल्डिंग प्लान रेगुलेशन का सख्ती से पालन और प्रवर्तन,ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को सुदृढ़ करने सहित भरमौर नगर में सफाई सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में यह भी निर्णय लिया कि साडा भरमौर क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश से बाहर पंजीकृत वाहनों पर ग्रीन शुल्क लगाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शीघ्र भरमौर में घर-घर से प्लास्टिक कचरा एकत्रित और कचरा प्रबंधन व निष्पादन योजना को अमलीजामा पहनाया जाए।
बैठक में पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, एडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा, अधिशासी अभियंता जल शक्ति विभाग हरमिंदर चौणा, लोक निर्माण विभाग संजय शर्मा, वन मंडल अधिकारी नवनाथ माने, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से धर्मेंद्र कुमार, खंड विकास अधिकारी रमनवीर चौहान सहित अन्य उपस्थित रहे।
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*चंबा:बिना जांच किए लौटाया, महिला ने की शिकायत*
चंबा। मेडिकल कॉलेज में शाम 4:00 बजे एक मरीज को बिना जांच किए लौटा दिया गया। *इसको लेकर महिला ने जिला प्रशासन से शिकायत की है। मैहला निवासी संतोष ने बताया कि उनका बेटा चार दिन से बीमार है।* सोमवार को वह सीटी स्कैन करवाकर डॉक्टर से जांच करवाने ओपीडी में पहुंचीं। यहां तैनात डॉक्टर ने कहा कि शाम 4:00 बजे तक ओपीडी की सेवाएं चलती हैं। इस दौरान 100 मरीजों की जांच की जाती है। उन्हें अगले दिन जांच करवाने के लिए बुलाया। साथ ही उन्होंने डॉक्टरों की कमी का भी हवाला दिया। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के रिक्त पद भरे जाने चाहिए। साथ ही ओपीडी में डॉक्टरों के बैठने का समय शाम 5:00 बजे तक निर्धारित होना चाहिए जिससे दूरदराज के इलाकों से आने वाले मरीजों को बिना जांच करवाए न लौटना पड़े। उन्होंने इस बात को लेकर भी नाराजगी जताई है कि ओपीडी में डॉक्टर ने जांच किए बिना ही उनके बेटे को लौटा दिया। प्रशासन की तरफ से इस संबंध में उचित जांच करवाने का आश्वासन दिया गया।
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