पानी पीते ही लगने लगती है टॉयलेट, जानिए किस बीमारी के हैं लक्षण

Urination after Drinking Water: अगर हर बार पानी पीते ही तुरंत पेशाब जाने की इच्छा हो रही है, तो यह केवल हाइड्रेशन का मामला नहीं हो सकता. यह लक्षण किसी गंभीर बीमारी की चेतावनी भी हो सकता है? बार-बार टॉयलेट जाना न सिर्फ आपके रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि शरीर में हो रहे संभावित असंतुलन की ओर भी इशारा करता है. डॉक्टर्स के अनुसार, अगर यह समस्या लगातार बनी रहे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं कि पानी पीते ही पेशाब लगने की आदत किन-किन बीमारियों से जुड़ी हो सकती है और इसका समाधान क्या है.
ये भी पढ़े- कोविड वैक्सीन नहीं तो क्या है कार्डियक अरेस्ट का कारण? जान लीजिए असली वजह
अत्यधिक पानी पीना
अगर आप दिनभर में 3 लीटर से ज्यादा पानी पी रहे हैं, तो शरीर अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने के लिए पेशाब के रूप में बाहर करता है. यदि थोड़ी मात्रा में पानी पीते ही पेशाब लगे, तो यह जांच का विषय बन जाता है.
कैफीन का सेवन
चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजों में डाइयूरेटिक तत्व होते हैं, जो मूत्र बनने की प्रक्रिया को तेज कर देते हैं. इसके कारण भी बार-बार टॉयलेट जाने की समस्या हो सकती है.
डॉक्टर्स के मुताबिक बीमारियां
ओवरएक्टिव ब्लैडर
यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें ब्लैडर की मांसपेशियां जरूरत से ज्यादा संवेदनशील हो जाती हैं. इसका परिणाम यह होता है कि थोड़ी-सी मात्रा में मूत्र बनते ही व्यक्ति को टॉयलेट जाने की तीव्र इच्छा होती है.
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
महिलाओं में यह अधिक आम है. इसमें पेशाब के दौरान जलन, बार-बार पेशाब लगना और कभी-कभी दर्द भी होता है. यदि पानी पीते ही टॉयलेट जाना बार-बार हो रहा है, तो UTI की जांच कराना जरूरी है.
डायबिटीज
हाई ब्लड शुगर लेवल शरीर से अतिरिक्त ग्लूकोज को पेशाब के जरिए बाहर निकालने की कोशिश करता है, जिससे बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होती है. बार-बार प्यास लगना और थकान भी महसूस हो, तो यह डायबिटीज का संकेत हो सकता है.
प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याएं
प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने पर मूत्र मार्ग पर दबाव पड़ता है जिससे व्यक्ति को बार-बार और कम मात्रा में पेशाब आता है.
पानी पीते ही बार-बार टॉयलेट जाना अगर कभी-कभार हो, तो घबराने की बात नहीं, लेकिन अगर यह रोज की परेशानी बन गई है, तो इसे नजरअंदाज न करें. यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है. समय पर जांच और डॉक्टर की सलाह से इस समस्या को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: फैटी लिवर... एक साइलेंट किलर, सिरोसिस से लेकर कैंसर तक का खतरा; जानें कब हो जाएं सतर्क
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
What's Your Reaction?






