सोना तो खूब सुना होगा, लेकिन किस देश के पास है सबसे ज्यादा चांदी? नहीं जानते होंगे आप

Jul 7, 2025 - 14:28
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सोना तो खूब सुना होगा, लेकिन किस देश के पास है सबसे ज्यादा चांदी? नहीं जानते होंगे आप

जब भी कीमती धातुओं की बात होती है, तो सबसे पहले दिमाग में सोना आता है. शादी-ब्याह से लेकर निवेश तक, सोने की चमक ने लोगों को सदियों से आकर्षित किया है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया में सबसे ज्यादा चांदी  किस देश के पास है? अगर नहीं, तो यह जानकारी आपके लिए चौंकाने वाली हो सकती है. चांदी भले ही सोने से सस्ती हो, लेकिन इसकी उपयोगिता और भंडारण क्षमता को लेकर कई देश सबसे आगे हैं. चलिए, आपको उन देशों के बारे में बताते हैं, 

चांदी क्यों है खास?

चांदी सिर्फ आभूषणों तक सीमित नहीं है. इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल उपकरण, सोलर पैनल, बैटरियों, फोटोग्राफी और औद्योगिक मशीनों में बड़े पैमाने पर होता है. चांदी एक बेहतरीन कंडक्टर होती है यानी यह बिजली को सबसे तेज गति से प्रवाहित कर सकती है. इस कारण से यह तकनीकी उपकरणों में बेहद महत्वपूर्ण है.

किस देश के पास है सबसे ज्यादा चांदी? 

मेक्सिको दुनिया का सबसे बड़ा चांदी उत्पादक देश है. वर्ल्ड सिल्वर सर्वे के अनुसार, हर साल दुनिया भर में जितनी भी चांदी खनन होता है, उसमें अकेले मेक्सिको का हिस्सा करीब 20 प्रतिशत से भी ज्यादा होता है. मेक्सिको की प्रमुख खदानें जैसे कि Fresnillo, Saucito, और San Julian दुनिया की सबसे बड़ी चांदी उत्पादक साइट्स में गिनी जाती हैं. 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, मेक्सिको ने लगभग 6,200 टन चांदी का उत्पादन किया था.

अन्य प्रमुख चांदी उत्पादक देश

मेक्सिको के बाद चीन, पेरू, चिली, रूस, ऑस्ट्रेलिया, और पोलैंड जैसे देश भी चांदी के बड़े उत्पादक हैं. चीन चांदी के उत्पादन में दूसरा स्थान रखता है और तकनीकी उपकरणों के निर्माण में इसका बड़ा उपभोक्ता भी है. पेरू भी दक्षिण अमेरिका में एक प्रमुख चांदी उत्पादक देश है और यहां की कई पुरानी खदानें आज भी सक्रिय हैं.

भारत की स्थिति

भारत चांदी का बड़ा उपभोक्ता है, लेकिन उत्पादन के मामले में पीछे है. भारत में राजस्थान और झारखंड में चांदी के कुछ भंडार जरूर हैं, लेकिन देश की अधिकांश जरूरतें आयात के जरिए पूरी की जाती हैं. खासकर धार्मिक, सांस्कृतिक और निवेश के उद्देश्यों से भारत में चांदी की मांग हमेशा बनी रहती है. कुल मिलाकर अगर कहा जाए तो भले ही सोने की डिमांड काफी ज्यादा हो लेकिन चांदी के बिना कई जरूरतें पूरी नहीं होने वाली हैं. औद्योगिक उत्पादन या फिर निवेश चांदी की उपयोगिता अब पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है. इसकी चमक भी दुनिया की अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका निभा रही है.

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Admin तेज रफ्तार न्यूज देश का बोलबाला