इटावा में यादव कथावाचक के साथ अभद्रता ने पकड़ा तूल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने दी चेतावनी

UP News: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में पिछड़ी जाती के कथावाचक के साथ अमानवीय कृत्या का मामला अब पूरी तरह से तूल पकड़ चुका है. पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी जनता पार्टी स्वामी प्रसाद मौर्य ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसे हिंदू धर्म की संरचना पर सवाल उठाते हुए ब्राह्मण धर्म का हिस्सा बताया है.
दरअसल 21 जून को इटावा के दंदरपुर गांव में आयोजित एक सप्ताहिक भगवत कथा के दौरान हुई थी. मुकुट मणि यादव, जो एक धार्मिक प्रचारक हैं और यादव समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, कथा का आयोजन कर रहे थे. कलश यात्रा के दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने उनकी जाति पर सवाल उठाए, जिसके बाद यह हिंसक रूप ले लिया. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि पीड़ितों का सिर मुंडवाया गया और उन्हें बंधक बनाकर प्रताड़ित किया गया.
स्वामी प्रसाद मौर्या का बयान
अपने आधिकारी एक्स हैंडल पर लिखते हुए स्वामी प्रसाद मौर्या ने इस घटना को अत्यंत निंदनीय बताते हुए ट्वीट किया, "इटावा में यादव भगवताचार्य के साथ ब्राह्मणों द्वारा किया गया कुकृत्य और वीभत्स नंगानाच की घोर निंदा करता हूं. इससे स्पष्ट हो गया कि हिंदू धर्म के ठेकेदार अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जातियों को हिंदू मानते ही नहीं. वास्तव में यह ब्राह्मण धर्म है, जो ब्राह्मणों के धंधे का आधार बन गया है." उन्होंने मांग की कि दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो और भाजपा सरकार इस असंवैधानिक कृत्य पर जवाब दे.
राजनीतिक दलों ने भी दी प्रतिक्रिया
घटना के बाद समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता जिनमें सांसद जितेंद्र दोहरे और विधायक रघवेंद्र गौतम ने पीड़ितों से मुलाकात की और पुलिस अधीक्षक से कार्रवाई की मांग की. खुद अखिलेश यादव ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो वे इसके खिलाफ आन्दोलन करेंगे. इसके अलावा दलित-बहुजन वर्ग के कई बुद्धिजीवियों ने घटना की निंदा करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है.
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