क्या सच में होता है हॉलीवुड फिल्मों वाला मल्टीवर्स, इसके पीछे क्या कहता है विज्ञान?

Jul 14, 2025 - 08:20
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क्या सच में होता है हॉलीवुड फिल्मों वाला मल्टीवर्स, इसके पीछे क्या कहता है विज्ञान?

साइंस की फैंटेसी फिल्मों में हमने या तो काल्पनिक किरदार देखे होते हैं, या फिर ऐसे असाधारण लोग देखे होते हैं, जिनके पास अनोखी शक्तियां होती है. भले ही ये आम जिंदगी में हासिल नहीं हो सकती हैं, लेकिन कई बार सच्चाई दिखाने के लिए और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए साइंस के कॉन्सेप्टस का इस्तेमाल किया जाता है. मार्वल सीरीज की फिल्मों में मल्टीवर्स देखने को मिलता है. हालांकि मल्टीवर्स न सिर्फ साइंस या साहित्य में लोकप्रिय है, बल्कि थ्योरिटिकल फिजिक्स और कॉस्मोलॉजी में भी रिसर्च का टॉपिक है. चलिए जाने कि आखिर मल्टीवर्स क्या होता है और क्या सच में इसका अस्तित्व है या फिर यह सिर्फ एक फैंटेसी है. 

मल्टीवर्स क्या होता है?

मल्टीवर्स यानि अपने ब्रह्मांड की तरह कई ब्रह्मांड होने के आस्तित्व को कहा जाता है. यह सैद्धांतिक अवधारणा है, इसका अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. कुछ साइंटिस्ट और फिलॉस्फर मानते हैं कि मल्टीवर्स का आस्तित्व संभव है, जबकि कुछ लोग इसे सिर्फ एक कल्पना मात्र ही मानते हैं. अभी तक मल्टीवर्स का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिल पाया है, लेकिन कुछ वैज्ञानिक अभी भी इस कॉन्सेप्ट का समर्थन करते हैं. वहीं कुछ सिद्धांत भी हैं, जो कि मल्टीवर्स के आस्तित्व का समर्थन करते हैं, हालांकि यह सिद्धांत अभी अप्रमाणित हैं. 

क्या सच में है मल्टीवर्स

मल्टीवर्स को समझने के लिए पहले हमें ब्रह्मांड को समझना होगा. हम अंतरिक्ष में मौजूद जितनी भी चीजों को समझ पाते हैं, वे सभी ब्रह्मांड का हिस्सा है. यहां पर हर जगह एक ही नियम लागू होते हैं, जिसको यूनिवर्सल नियम कहा जाता है. हमें नहीं पता है कि हमारा ब्रह्मांड कितना बड़ा है, ऐसा भी हो सकता है कि हमारे ब्रह्मांड के आगे अरबों प्रकाशवर्ष दूर भी एक ब्रह्मांड फैला हो, जिसमें कि तारे और ग्रह मौजूद हो सकते हैं. इस बात की भी संभावना है कि धरती जैसे ग्रह और भी मौजूद हो सकते हैं, जो कि अभी हमारी पहुंच से दूर हों. क्या पता वहां भी हमारे ग्रह की तरह जीवन होता हो. मल्टीवर्स से संबंधित कई सवाल अभी भी अनुत्तरित ही हैं. इसीलिए मल्टीवर्स पर अभी भी रिसर्च ही चल रही है. 

हिंदू पुराणों में भी मल्टीवर्स की बातें

मल्टीवर्स की कहानियां सिर्फ फिल्मों में ही नहीं हैं, बल्कि हिंदू धर्म का ब्रह्मांड पहले ही इनकी व्याख्या कर चुका है. भागवद् पुराणों की मानें तो ब्रह्मांड सात परतों पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु, आकाश, पूर्णं ऊर्जा और मिथ्या अहंकार से ढंका है, हर परत पिछली परत से दस गुना बड़ी है. इस ब्रह्मांड के अलावा भी असंख्य ब्रह्मांड हैं, जो कि असीमित रूप से बड़े हैं. हिंदू ग्रंथों में सृष्टि की उत्पत्ति और उसके विनाश के बारे में भी वर्णन मिलता है. उपनिषदों में तो ब्रह्मांड और पृथ्वी, मनुष्यों और अन्य प्राणियों के सृजन व विनाश का भी वर्णन है. हिंदू ग्रंथों के अनुसार धरती की आयु लगभग 4,320,000,000 साल बताई गई है. यह समय चक्र के पूरा होते ही इसका विनाश होता है और फिर से नई सृष्टि का निर्माण होता है.

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Admin तेज रफ्तार न्यूज देश का बोलबाला