क्या है ब्लड मनी, जिससे बच सकती है निमिषा प्रिया जान? जानें क्या कहता है यमन का शरिया कानून

यमन में हत्या के मामले में दोषी ठहराई गई केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया को 16 जुलाई 2025 को मौत की सजा दी जाएगी. भारत सरकार और निमिषा का परिवार उन्हें बचाने की कवायद में अभी भी जुटी हुई है. बताया जा रहा है कि अगर पीड़ित का परिवार ब्लड मनी को स्वीकार कर लेता है तो निमिषा की जान बच सकती है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर ब्लड मनी क्या होता? हालांकि इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है.
क्या है ब्लड मनी, जिससे बच सकती है निमिषा की जान?
ब्लड मनी के एक प्रकार का आर्थिक मुआवजा होता है, जो दोषी की तरफ से पीड़ित परिवार को दिए जाने की पेशकश की जाती है. इस्लामी शरिया कानून के अनुसार हत्या दो प्रकार के होते हैं, जानबूझकर की गई हत्या और गलती से की गई हत्या. शरिया कानून के अनुसार, जानबूझकर की गई हत्या की सजा मौत या अपराध के मुताबिक कोई अन्य सजा है. जबकि अगर गलती से हत्या की गई है तो ब्लड मनी का प्रावधान है. अगर मृतक का उत्तराधिकारी अपनी मर्जी से माफ कर देता है तो दोषी को तय की गई रकम देना होगा.
पीड़ित परिवार के हाथों में दोषी के भाग्य का फैसला
यमन एक ऐसा देश है जो इस्लामी शरिया कानून का पालन करता है, जिस वजह से यहां ब्लड मनी का विकल्फ महत्वपूर्ण है. इसमें अपराधी के भाग्य का फैसला पीड़ित परिवार के हाथों में होता है. निमिषा प्रिया का परिवार पहले भी ब्लड मनी के लिए सहमत हो चुका है. वे निमिषा प्रिया को मौत की सजा से बचाने के लिए मृतक तलाल अब्दो महदी के परिवार से बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं.
फांसी रुकवाने की कोशिशों में लगा है भारत सरकार
केरल के पलक्कड़ जिले की 38 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया को 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या का दोषी ठहराया गया था. उन्हें 2020 में मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में उनकी अंतिम अपील खारिज कर दी गई. वह वर्तमान में यमन की राजधानी सना की एक जेल में कैद हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा कि भारत निमिष प्रिया की फांसी रुकवाने की कोशिशों में लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि हम स्थानीय अधिकारियों और उसके परिवार के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में हैं और हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं.
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