क्या होते हैं राज्यसभा सांसद के कार्य? लोकसभा से कितना अलग होता है चुनाव

Jul 14, 2025 - 08:20
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क्या होते हैं राज्यसभा सांसद के कार्य? लोकसभा से कितना अलग होता है चुनाव

संसद के दो सदन होते हैं, एक लोकसभा और दूसरा राज्यसभा. लोकसभा निचला सदन होता है, जिसके सांसद जनता द्वारा सीधे चुनकर आते हैं. वहीं दूसरा होता है राज्यसभा जो कि उच्च सदन होता है. इसके सदस्यों को जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के द्वारा यानि विधायक के द्वारा चुना जाता है. हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार सांसदों को मनोनीत किया है. जिनमें से एक प्रतिष्ठित वकील, सामाजिक कार्यकर्ता व शिक्षाविद्, इतिहासकार और एक और शिक्षाविद् को उच्च सदन राज्यसभा के लिए चुना है. यह अधिसूचना बीते दिन गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई थी. वैसे तो राज्यसभा का चुनाव हर दो साल पर होता है. चलिए जानें कि इनके काम क्या होते हैं और लोकसभा से कितना अलग उनका चुनाव होता है.

कौन होते हैं राज्यसभा सांसद

राज्यसभा सांसद देश के उच्च सदन के सदस्य होते हैं. राज्यों की विधानसभा के सदस्य उनको चुनते हैं. ये सांसद प्रदेश का प्रतिनिधित्व संसद में करते हैं. इनको जनता के द्वारा सीधे नहीं चुना जाता है, बल्कि इनके चयन का तरीका लोकसभा के सांसदों से काफी ज्यादा अलग होता है. इनका कोई क्षेत्र नहीं होता है, बल्कि ये किसी क्षेत्र के स्थान पर राज्य के प्रतिनिधि होते हैं. राज्यसभा सांसद जिस राज्य से चुने गए हैं, वे उस राज्य में कहीं पर भी काम करा सकते हैं. 

राज्यसभा सांसद के काम

राज्यसभा सांसद के कुछ प्रमुख काम होते हैं, जैसे कि कानून बनाना, सरकार पर निगाहें रखना, राज्यों का प्रतिनिधित्व करना और धन विधेयक पर चर्चा करना. विधायी कार्य जिसमें राज्यसभा कानून बनाने की प्रक्रिया में हिस्सा लेती है और यह सुनिश्चित करती है कि कानून संविधान के अनुसार बने और वो देश के लिए फायदेमंद हो. राज्यसभा इस बात की भी निगरानी करती है कि सरकार अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन करे. इसके अलावा वे राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करती है. धन विधेयक जो कि लोकसभा में पेश किए जाते हैं, उन पर राज्यसभा सिफारिश कर सकती है. इस सिफारिश को लोकसभा स्वीकार या अस्वीकार कर सकती है. इसके अलावा वे वित्तीय बजट और पंचवर्षीय योजनाओं पर भी चर्चा करते हैं. 

कितना अलग होता है चुनाव

राज्यसभा में हर दो साल पर एक तिहाई सांसदों का कार्यकाल पूरा हो जाता है और उन सीटों को भरने के लिए दोबारा चुनाव कराए जाते हैं. साल 2020 में 55 सीटों पर चुनाव हुआ था. राज्यसभा के चुनाव में एमएलए हिस्सा लेते हैं. एमएलसी यानि विधान परिषद सदस्य इसमें हिस्सा नहीं लेते हैं. इसमें पहली पसंद का खेल होता है. इसके लिए विधायक वोट तो करते हैं, लेकिन सभी सीटों के लिए नहीं. हर विधायक का वोट सिर्फ एक बार ही गिना जाता है, इसलिए वे हर सीट के लिए वोटिंग नहीं कर सकते हैं. ऐसे में उनको प्राथमिकता के आधार पर वोट देना होता है. उनको यह बताना होता है कि उनकी पहली पसंद कौन है और दूसरी कौन है. पहली पसंद का जिसे ज्यादा वोट मिलेगा वही चुनाव में जीतेगा.

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Admin तेज रफ्तार न्यूज देश का बोलबाला