आज सुबह के मुख्य समाचार पत्र ✉ *जिला चंबा में राज्य बिजली बोर्ड में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे वर्षों तक नौकरी करने और जांच में पता चलने के बाद नौकरी छोड़ने का मामला सामने आया है।*

Jul 19, 2025 - 08:26
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आज सुबह के मुख्य समाचार पत्र ✉ *जिला चंबा में राज्य बिजली बोर्ड में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे वर्षों तक नौकरी करने और जांच में पता चलने के बाद नौकरी छोड़ने का मामला सामने आया है।*

: *जिला चंबा में राज्य बिजली बोर्ड में फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे वर्षों तक नौकरी करने और जांच में पता चलने के बाद नौकरी छोड़ने का मामला सामने आया है।*

: *Himachal : हिमाचल प्रदेश सरकार ने हक की लड़ाई के लिए किशाऊ प्रोजेक्ट पर लगाई तीन शर्तें* 

सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने राष्ट्रीय महत्त्व की परियोजना पर कैबिनेट का फैसला बदला, अब प्रोजेक्ट में एक भी पैसा नहीं लगाएगा हिमाचल प्रदेश

हिमाचल सरकार ने अपनी ही कैबिनेट के फैसले को बदलते हुए किशाऊ डैम प्रोजेक्ट पर अब तीन शर्तें लगा दी हैं। बीबीएमबी एरियर पर हिमाचल का हक लेने के लिए राज्य सरकार ने यह सख्त रुख अपनाया है। करीब 600 मेगावाट का किशाऊ प्रोजेक्ट सिरमौर जिला में बन रहा है, जिससे हरियाणा को पानी चाहिए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर इस परियोजना पर हुई बैठक के लिए ऊर्जा सचिव राकेश कंवर दिल्ली गए थे। दिल्ली में 17 जुलाई को यह बैठक कैबिनेट सचिवालय में हुई। इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय महत्त्व का दर्जा हासिल है। इसमें हिमाचल की तरफ से तीन प्रमुख शर्तें लगाई गई हैं। हिमाचल ने कहा है कि भारत सरकार इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह से फंड करे। यानी हिमाचल इसमें पैसा नहीं लगाएगा। बिजली और पानी कंपोनेंट के प्रोजेक्ट की पूरी लागत भारत सरकार ही वहन करे। परियोजना को उत्तराखंड और हिमाचल के ज्वाइंट वेंचर में बनाया जाए, जिसे पहले ही फंक्शनल कर दिया गया है। दूसरी शर्त हिमाचल की तरफ से रखी गई है कि इस प्रोजेक्ट से पैदा होने वाली बिजली 100 फीसदी हिमाचल और उत्तराखंड में बांटी जाए, जिसमें बराबर की हिस्सेदारी हो। तीसरी शर्त बीबीएमबी एरियर के भुगतान की भी लगा दी गई है। हिमाचल सरकार ने कहा है कि भारत सरकार लंबे समय से लंबित चल रहे इस मसले को सुलझाए, ताकि सुप्रीम कोर्ट में चल रही लड़ाई खत्म हो।

केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिवालय में सेक्रेटरी कोआर्डिनेशन को यह पत्र ऊर्जा सचिव राकेश कंवर की ओर से शुक्रवार को भेजा गया। हिमाचल ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट पर एग्रीमेंट साइन करने से पहले हिमाचल की ओर से लगाई गई शर्तों पर केंद्र सरकार कार्रवाई करे। हिमाचल का हक लेने के लिए इस तरह का सख्त कदम किसी सरकार ने पहली बार उठाया है। इससे पहले इसी परियोजना पर 10 जनवरी, 2025 को हुई कैबिनेट की बैठक में हिमाचल सरकार ने किशाऊ बांध परियोजना के विद्युत घटक के लिए 90:10 वित्तपोषण फार्मूला अपनाने का अनुरोध किया था। यह बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में ही हुई थी। तब कैबिनेट ने कहा था कि केंद्र सरकार किशाऊ परियोजना के लिए अंतर-राज्यीय समझौते के तहत विद्युत घटक के लिए राज्य सरकार द्वारा देय संपूर्ण राशि के लिए 50 वर्ष का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाए, लेकिन अब सारा खर्चा केंद्र के हिस्से डाला गया है।

हिमाचल की तीन शर्तें

भारत सरकार इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह से फंड करे और परियोजना के निर्माण से जुड़े सारे खर्चे भी उठाए

प्रोजेक्ट से पैदा होने वाली 100 फीसदी बिजली हिमाचल और उत्तराखंड में फिफ्टी-फिफ्टी बांटी जाए

लंबे समय से लंबित चल रहे बीबीएमबी एरियर के भुगतान के मसले को सुलझाए भारत सरकार

टोंस नदी पर बनेगा डैम, लागत 7193 करोड़

करीब 7,193 करोड़ रुपए की लागत वाला किशाऊ बांध हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा के बीच बहने वाली टोंस नदी पर प्रस्तावित गुरुत्व डैम है। इस परियोजना में यमुना नदी की सहायक नदी टोंस पर 236 मीटर ऊंचा कंक्रीट का गुरुत्व बांध और 660 मेगावाट क्षमता का एक बिजली घर बनाने की परिकल्पना की गई है। यह मुख्य रूप से टोंस नदी के विशाल मानसूनी जल प्रवाह का दोहन सिंचाई और बिजली के लिए नियंत्रित जल का भंडारण और उपयोग करेगा।

: *Himachal High Court: हिमाचल को हैल्थ मिशन के लिए दिए गए 521.68 करोड़ के खर्च की जांच करे केंद्र* 

Himachal High Court :

हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव के दिए विवरण को बताया अस्पष्ट

चार सप्ताह में जांच पूरी कर शपथ पत्र दायर करने के आदेश

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत हिमाचल प्रदेश को दिए 521.68 करोड़ रुपए के खर्चे की जांच करने के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य सचिव द्वारा इस बाबत दिए विवरण को अस्पष्ट बताते हुए केंद्र सरकार को आदेश दिए कि वह राज्य सरकार द्वारा दिए गए खर्च से जुड़े विवरण की पड़ताल करे। हाई कोर्ट ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 521.68 करोड़ रुपए की अनुदान सहायता के उपयोग के बारे में सभी आवश्यक विवरण की जानकारी देने के आदेश जारी किए थे। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने इस बाबत स्वास्थ्य सचिव द्वारा दायर शपथपत्र को अस्पष्ट बताते हुए केंद्र सरकार को आदेश दिए कि वह राज्य सरकार द्वारा दिए गए विवरण सत्यापन करने के पश्चात चार सप्ताह के भीतर जरूरी शपथपत्र दायर करें। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को यह बताने के आदेश भी दिए थे कि दिसंबर 2024 में स्थानांतरित किए गए 93 चिकित्सा अधिकारियों में से कितने ने वास्तव में नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण किया है और कार्यमुक्त होने के बावजूद कितने डाक्टरों ने अपने नए स्टेशनों पर कार्यभार क्यों नहीं संभाला है और क्या उक्त अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने 21 डाक्टरों के स्थानांतरण आदेशों को रद्द करने के कारण भी पूछे थे।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव द्वारा दायर शपथपत्र का अवलोकन करने पर पाया कि 11 डाक्टरों को अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में समायोजित किया गया है और 93 डाक्टरों में से 32 के स्थानांतरण रद्द कर दिए गए है, जिन्हें 23 दिसंबर, 2024 की अधिसूचना के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि स्पष्ट रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कम से कम 43 स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है। सरकार का कहना था कि 11 और डाक्टरों को विभिन्न रिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात करने का आदेश दिया गया है और वे सभी मार्च से जून 2025 के बीच कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि अभी भी कम से कम 32 और डाक्टरों की कमी है, जिन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किया जाना है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के पश्चात हाई कोर्ट ने उपरोक्त आदेश जारी किए हैं।

: *जाखू मंदिर में 108 फुट ऊंचा झंडा, सीएम ने स्थापित की हनुमान ध्वजा, मांगी प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि* 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को शिमला के ऐतिहासिक जाखू मंदिर में पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने मंदिर परिसर में 108 फुट ऊंची हनुमान ध्वाजा स्थापना समारोह में भी भाग लिया। इसके उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जाखू मंदिर के प्रति प्रदेशवासियों की विशेष आस्था है। यहां भगवान हनुमान की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है और प्रदेश सरकार इस मंदिर को आध्यात्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से और अधिक आकर्षक बनाने के लिए प्रयासरत है। मंदिर परिसर में भगवान श्रीराम की प्रतिमा लगाने का भी कार्य प्रस्तावित है और वन संरक्षण अधिनियम से जुड़ी कुछ प्रक्रियात्मक औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि यहां श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग, बैठने की व्यवस्था और अन्य बुनियादी सुविधाओं में भी सुधार किया जाएगा।

सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान और प्रभावितों को राहत देने एवं पुनर्वास के लिए दिन-रात कार्य कर रही है। नेता प्रतिपक्ष भी लगातार उनके संपर्क में हैं, क्योंकि उनके निर्वाचन क्षेत्र में सर्वाधिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा धर्मपुर, करसोग और नाचन क्षेत्रों में भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में अपने दिल्ली दौरे के दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों को प्रदेश में आपदा से हुए नुकसान से अवगत करवाया और सहायता का आग्रह किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जब केंद्रीय गृह मंत्री हिमाचल दौरे पर आएंगे, तो प्रदेश को केंद्र सरकार से कुछ राहत अवश्य मिलेगी। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रभावित लोगों का पुनर्वास प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें गैर-वन भूमि पर बसाया जाएगा, जबकि वन भूमि के आबंटन के लिए केंद्र सरकार की स्वीकृति आवश्यक होगी।

मुख्यमंत्री बोले, प्रदेश में पर्यटन को लेकर हो रहा भ्रामक प्रचार

सीएम ने प्रदेश में आने वाले पर्यटकों का भी स्वागत किया और कहा कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हिमाचल के पर्यटन को लेकर भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भले ही कुछ क्षेत्रों में बारिश से नुकसान हुआ है, लेकिन प्रदेश का अधिकांश हिस्सा सुरक्षित है और पर्यटकों के लिए खुला है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, विधायक कमलेश ठाकुर, देवेंद्र श्याम, विशाल चंबियाल, सुरेंद्र चौहान, उमा कौशल, उपायुक्त अनुपम कश्यप आदि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

: *सोशल मीडिया पर वायरल हुआ डरावना खिलौना, एक्टर्स से लेकर इन्फ्लुएंसर्स तक सब इसके चंगुल में* 

छोटी सी यह गुड़िया क्या सच में है शैतानी, बच्चों से दूर रखने की दी जा रही सलाह, भूतिया हंसी और शैतानी मुस्कान का क्या है पूरा सच

सोशल मीडिया पर कब क्या ट्रेंड कर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता, कभी पुराने गाने तो कभी कोई डांस स्टेप या फिर कोई हैक। लेकिन आजकल एक खिलौना ट्रेंडिंग में चला है। अब जाहिर सी बात है कि यह कोई आम खिलौना तो होगा नहीं जो इतना जयदा ट्रेंड कर रहा है। आपको बता दें की इस खिलोने की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। देखो खिलौने का जब जिक्र होता है तो हमेशा बच्चों की ही याद आती है। क्यूंकि बच्चों को ही खिलोने ज्यादा पसंद होते है। लेकिन ये जो खिलौना है वो सिर्फ बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। या ऐसा कह लो की बच्चों से ज्यादा तो बड़े इस खिलोने के दिवाने हो रहे है। दरअसल ये खिलौना एक डॉल है यानि गुड़िया। लेकिन ये कोई बार्बी डॉल या कोई और आम डॉल नहीं है बल्कि एक डरावनी शक्ल वाली गुड़िया है जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इस डॉल का नाम है लाबुबु डॉल।

जिसे लोग एक शैतानी गुड़िया भी कह रहे है। अजीबोगरीब और डरावनी दिखने वाली लाबूबू गुड़िया इन दिनों वायरल हो रही है। इसकी बड़ी-बड़ी आंखें, शैतानी नुकीले दांत और शैतानी मुस्कान इसे बेहद डरावना बनाती है। इस डॉल का क्रेज़ इतना बढ़ गया है कि कई एक्टर्स, बिजनेसमैन, क्रिकेटर्स आपको लाबुबू डॉल खरीदते हुए, इसके बारे में बात करते हुए दिखाई देंगे। अब तक कई एक्टर्स लाबुबू डॉल के साथ फोटो पोस्ट कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तो एक्ट्रेस या बाकि लोगों के बैग पर यह गुड़िया दिखाई दे रही है। कुछ लोगों को तो ये बहुत पसंद आ रही है लेकिन कुछ लोग इस से दूर रहने की भी नसीहत दे रहे है। उनका कहना है कि यह एक शैतानी गुड़िया है। लोग इस गुड़िया को लेकर कई खतरनाक दावे कर रहे हैं। कुछ का तो ये भी कहना है कि इसे बच्चों को देना खतरनाक हो सकता है। लेकिन क्या सच में ये गुड़िया शैतानी है, क्या सच में कोई खिलौना किसी को नुकसान पंहुचा सकती है या फिर यह सिर्फ एक अफवाह है। इस सब सवालों का जबाब जानने चलिए जानते है इस रहस्यमयी गुड़िया का पूरा सच…

दरअसल लाबुबू डॉल एक काल्पनिक कैरेक्टर है। इसको साल 2015 में हांगकांग के आर्टिस्ट कासिंग लुंग ने बनाया था। उन्होंने साल 2015 में एक पिक्चर बुक सीरीज बनाई थी, उसका नाम था द मॉन्स्टर। इसी किताब में लाबुबू नाम का एक किरदार भी था। उस समय वो भी नहीं जानते थे कि पूरे 10 साल बाद लोग इस कैरेक्टर के लिए क्रेजी हो जाएंगे। इस डॉल का लुक काफी डरावना है। बड़ी-बड़ी आंखें और नुकीले दांत हैं। ऐसा लगता है कि यह खुराफाती गुड़िया है। लाबुबू की मशहूर होने की कहानी चीन से शुरू हुई। चीन की कंपनी Pop Mart ने इसको पॉपुलर बना दिया है। दरअसल, इस गुड़िया की पॉपुलैरिटी इसके बेचने की स्ट्रेटेजी है। इस गुड़िया को आप इस तरह नहीं खरीद सकते कि आपको जो रंग और जिस तरह की गुड़िया पसंद आए आप वो ले लेंगे, बल्कि इसको ‘ब्लाइंड बॉक्स’ में बेचा जाता है। पॉप मार्ट ने साल 2019 में इसको ब्लाइंड बॉक्स के फॉर्मेट में बेचना शुरू किया था। यह पूरी तरह आपकी किस्मत के ऊपर होता है कि आपको कौनसी गुड़िया मिलेगी। इसी के चलते कई लोग अब तक अपनी मन चाही लाबुबू डॉल पाने के लिए कई सारी डॉल खरीद चुके हैं। लोग इसे ‘लकी ड्रॉ’ की तरह खरीद रहे हैं।

लाबुबू डॉल की अचानक हो रही बिक्री में जहां इसका डिजाइन, इसका यूनिक स्टाइल और इसका बिक्री का तरीका अहम रोल निभा रहा है। वहीं, इसकी बिक्री और पूरी दुनिया में इसको फेमस करने में सबसे ज्यादा अहम रोल निभा रहे हैं एक्टर्स और इन्फ्लुएंसर्स और इसी वजह से इंडिया में भी इसका क्रेज बढ़ा है। K-Pop स्टार Lisa ने भी सोशल मीडिया पर लाबुबू डॉल के साथ फोटो शेयर की थी, जिसके बाद अब तक कई बड़े इंटरनेशनल सेलेब्रिटीज इस ट्रेंड का हिस्सा बन चुके हैं। अनन्या पाण्डे से लेकर उर्वशी रौतेला और सिंगर रिहाना से लेकर दुआ लिपा ने भी इन डॉल के साथ तस्वीरें पोस्ट की है। ज्यादातर एक्टर्स बैग पर डॉल का कीचैन की तरह इस्तेमाल कर रही है और अब सभी इस ट्रेंड को फॉलो कर रहे है। बता दें कि इस वक्त लाबुबू डॉल की मांग इतनी बढ़ गई है कि पॉप मार्ट की इससे खूब कमाई हो रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लाबुबू फर्म का मुनाफा कम से कम 350% बढ़ने की उम्मीद है। 2025 में, लाबुबू डॉल ने लगभग 400 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू जेनरेट किया। हाल ही में बीजिंग में एक 131 सेंटीमीटर ऊंची लाबुबू डॉल की नीलामी करीब 1.2 करोड़ रुपये में हुई है। इतना ही नहीं, इस डॉल के छोटे वर्जन भी लाखों में बिक रहे हैं। बताया जा रहा है की इस डॉल की कीमत 4000 हजार से स्टार्ट होकर लाखों तक है।

अब सवाल ये आता है कि लाबुबु डॉल को शैतानी क्यों माना जा रहा है। इस डॉल के वायरल होने के बाद अब कुछ लोग इसको खतरनाक भी बता रहे है। इस डॉल को लेकर डर तब शुरू हुआ जब इंस्टाग्राम पर एक वीडियो वायरल हुआ। उस वीडियो में लाबुबू डॉल को एक डरावनी इमेज के पास दिखाया गया था। साथ ही वीडियो में मशहूर अमेरिकी कार्टून शो ‘द सिम्पसन्स’ का एक सीन भी डाला गया था। उस सीन में एक महिला गलती से एक शैतानी गुड़िया खरीद लेती है और उसका बच्चा परेशान हो जाता है। इस वीडियो को देखकर लोगों ने मान लिया कि लाबुबू डॉल भी किसी बुरी ताकत से जुड़ी हुई है। देखते ही देखते यह सोच इंटरनेट पर फैल गई। साथ ही कुछ वीडियो में पेरेंट्स को सलाह दी जा रही है कि वो अपने बच्चों को इस गुड़िया से दूर रखे। वहीं, दूसरी तरफ कुछ फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट्स ने इस दावे को पूरी तरह से अफवाह करार दिया। और न ही इस तरह की कोई पुष्टि हुई है। हम तो यही कहेंगे कि ये मात्र एक अफवाह है।

: *पाक समर्थित टीआरएफ आतंकी संगठन घोषित, ट्रंप सरकार का ऐलान, पहलगाम हमले की ली थी जिम्मेदारी* 

अमरीका की ट्रंप सरकार का ऐलान, पहलगाम हमले की ली थी जिम्मेदारी

अमरीका ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को विदेशी आतंकवादी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी की लिस्ट में डाल दिया है। इससे टीआरएफ की मुश्किलें बढऩा तय है। अमरीका द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद टीआरएफ पर कई तरह के कानूनी प्रतिबंध लगेंगे। इसमें वित्तीय पाबंदी, यात्रा पर रोक समेत कई अन्य पाबंदियां होंगी। अमरीकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार को बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। मार्को रुबियो ने बयान में लिखा कि लश्कर-ए-तैयबा (रुद्गञ्ज) का एक मुखौटा और प्रॉक्सी, टीआरएफ ने 22 अप्रैल, 2025 को भारत के पहलगाम में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। यह 2008 में मुंबई हमलों के बाद लश्कर का भारत में नागरिकों पर किया गया सबसे घातक हमला था।

टीआरएफ ने भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों की जिम्मेदारी भी ली है, जिनमें 2024 का हमला भी शामिल है। अमरीकी सरकार का यह फैसला राष्ट्रपति ट्रम्प की तरफ से पहलगाम हमले के लिए न्याय दिलाने की कोशिश है। यह कदम दिखाता है कि ट्रंप सरकार देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ी है। गौर हो कि टीआरएफ एक आतंकी संगठन है, जो मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है। यह अक्सर ऐसे लोगों को भर्ती करता है जो आम नागरिकों जैसे दिखते हैं, लेकिन गुप्त रूप से आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं। इन्हें हाइब्रिड आतंकवादी कहा जाता है। भारत सरकार ने पांच जनवरी, 2023 को टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया था।

भारत ने अमरीकी निर्णय का किया स्वागत

नई दिल्ली। भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले में शामिल आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करने के अमरीका के निर्णय का स्वागत किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई और आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करने में वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर लगातार जोर देता रहा है। टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित करना एक समयोचित और महत्त्वपूर्ण कदम है, जो आतंकवाद-निरोध पर भारत और अमरीका के बीच गहन सहयोग को दर्शाता है।

: *हो जाइए सावधान! Free Wi-Fi से हो सकता है बहुत बड़ा नुकसान, लीक हो सकता है आपका डाटा* 

फ्री वाई फाई के चक्कर में लीक हो सकता है आपका डाटा

ओपन वाईफाई नेटवर्क की संख्या में हो रही काफी बढ़ोतरी

साइबर हैकर्स ठगी करने को उठा रहे वाईफाई नेटवर्क का फायदा

ओपन वाईफाई नेटवर्क को लेकर साइबर सेल ने जारी की एडवाइजरी

फ्री वाई फाई के चक्कर में आपका पर्सनल डाटा लीक हो सकता है। फ्री ओपन वाईफाई नेटवर्क का खामियाजा आपको अपनी मेहनत की कमाई को या पर्सनल डेटा को गंवाकर चुकाना पड़ता है। बड़े शहरों में फाइबर कनेक्टिविटी अच्छी होने के चलते इंटरनेट की स्पीड में पहले की तुलना में काफी इजाफा हुआ है। जिसके चलते ओपन वाईफाई नेटवर्क की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है, जिससे यूजर अपनी डिवाइस को कनेक्ट कर काफी तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी प्राप्त कर सकता है। ऐसे में साइबर क्रिमिनल्स विभिन्न शहरों के पॉश एरिया में जाकर फ्री ओपन वाईफाई नेटवर्क यूजर को उपलब्ध करवाते हैं और जैसे ही यूजर अपनी डिवाइस को उस ओपन नेटवर्क से कनेक्ट करता है, वैसे ही उसका तमाम पर्सनल डेटा साइबर क्रिमिनल के पास अपने आप पहुंचने लगता है, जिसका साइबर क्रिमिनल किसी भी तरीके से गलत इस्तेमाल कर सकता है। ओपन वाईफाई नेटवर्क को लेकर साइबर सेल शिमला ने भी एडवाइजरी जारी की है। आज के दौर में मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप, कंप्यूटर व अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट इस्तेमाल करने वाला यूजर पूरी तरह से इंटरनेट कनेक्टिविटी पर निर्भर करता है। चाहे ऑफिस का काम हो, स्टूडेंट की पढ़ाई या अन्य इंटरनेट सर्फिंग, इन तमाम चीजों के लिए यूजर फास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी के अलग-अलग विकल्प तलाशने में लगा रहता है।

इसमें सबसे आसानी से उपलब्ध होने वाला विकल्प फ्री ओपन वाईफाई नेटवर्क है। इसका सर्वाधिक फायदा साइबर हैकर्स व ठगों द्वारा उठाया जा रहा है। यूजर बिना वेरीफाई किए किसी भी फ्री ओपन वाईफाई नेटवर्क से अपने इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को कनेक्ट कर लेते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें अपनी मेहनत की कमाई को या पर्सनल डेटा को गंवाकर चुकाना पड़ता है। इसके साथ ही साइबर क्रिमिनल यूजर की विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर ट्रोजन भेजते हैं जो यूजर की डिवाइस में एक बोट का काम करता है। इस प्रकार से साइबर क्रिमिनल सैकड़ों की तादाद में विभिन्न डिवाइस पर बोट भेजते हैं, जिसका प्रयोग किसी भी वेबसाइट की बैंडविथ फुल कर उस वेबसाइट को स्लो डाउन करने में किया जाता है जिसके चलते कोई भी व्यक्ति जब उस संबंधित वेबसाइट पर जाकर अपना महत्वपूर्ण काम करना चाहता है तो वह नहीं कर पाता।

वित्तीय ट्रांजैक्शन करने में प्रयोग न फ्री ओपन वाईफाई नेटवर्क: डीआईजी

डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला का कहना है कि किसी भी तरह की वित्तीय ट्रांजैक्शन करने में फ्री ओपन वाईफाई नेटवर्क का प्रयोग न करें। उन्होंने बताया कि साइबर क्रिमिनल्स यूजर को फ्री ओपन वाईफाई नेटवर्क उपलब्ध कराने के बाद यूजर की डिवाइस को पूरी तरह से अपने हाथ का खिलौना बना लेते हैं। जिसके बाद साइबर क्रिमिनल यूजर की डिवाइस में कीलॉगर के जरिए पैकेट कैपचरिंग करता है, जिसके जरिए यूजर के विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइट, इंटरनेट बैंकिंग व अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं से जुड़ी हुई यूजर आईडी और पासवर्ड को चुरा लिया जाता है। ऐसा करने के बाद साइबर क्रिमिनल यूजर के बैंक खातों से लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन कर लेते हैं और इसके साथ ही यूजर की पर्सनल जानकारी का गलत तरीके से इस्तेमाल कर दूसरे लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं।

: *कांगड़ा में रोमांच की तलाश में ‘मौत’ की उड़ान* 

जिला की पैराग्लाइडिंग साइट्स में अनियमितताओं के चलते हादसे का शिकार हो रहे पायलट-सैलानी

हिमाचल प्रदेश के पर्यटन राजधानी के रूप में पहचान बनाने वाले जिला कांगड़ा में हवाओं के रोमांच में अनियमितताओं के चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं। पिछले दो दशक में जिला कांगड़ा में 15 से अधिक बड़े हादसे हो चुके हैं, जिसमें विदेशी पॉयलट संग टेंडम फ्लाइट में भी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। कांगड़ा में अब तक पर्यटन विभाग के पास पैराग्लाइडिंग वैध रूप से करवाए जाने के लिए कुल चार साइट्स पंजीकृत हैं। बैजनाथ के बीड़-बिलिंग, धर्मशाला के इंद्रूनाग, ज्वालामुखी के बिल पट्टियां शामिल हैं, इसमें चौथी साइट के रूप में नरवाणा भी है, जो कि सैन्य विभाग की तरफ से रिन्यू के लिए अभी पेंडिंग चल रही है। जिला भर में साहसिक खेल पैराग्लाइडिगं के लिए कुल 384 पॉयलटों ने पंजीकरण करवाया है, जिसमें 284 पॉयलट लाइसेंस धारी हैं, जो कि टेंडम फ्लाइट यानी दूसरे व्यक्ति को अपने साथ लेकर फ्लाई करने के लिए अधिकृत हैं, जबकि150 पायलट लाइसेंस प्राप्त कर टेंडम फ्लाइट उड़ाने की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।

इसमें अब तक उक्त फ्लाइट को मनाली में स्थित संस्थान में एसआईजी स्पेशल इंट्रस्ट ग्रुप की कसौटियों से पार पाना होगा। इसके तहत ही उक्त 150 पायलटों को लाइसेंस दिए जाएंगे। बीड़ बिलिंग विश्व की दूसरी व देश की पहली बेहतरीन व खूबसूरत पैराग्लाइडिंग साइट है। यहां हवाबाजी के खेल के कई अंतरराष्ट्रीय मुकाबले हो चुके हैं। यह साइट जितनी खूबसूरत है, उतनी ही खतरनाक भी है। दो दशकों में एक दर्जन पायलटों की जिंदगी लील चुकी है, और कईयों को गहरे जख्म दे चुकी है। -एचडीएम

384 पॉयलट पंजीकृत

जिला कांगड़ा के पर्यटन अधिकारी विनय धीमान ने बताया कि जिला में चार पैराग्लाइडिंग साइट पंजीकृत हैं, जिसमें 384 पॉयटल पंजीकृत हैं, इनमें 284 को टेंडम उड़ान के लिए लाइसेंस मिले हैं। हर साइट में मार्शल की तैनाती की जाती है, जिसमें नियमों को ध्यान में रखने पर ही उड़ान भरने की अनुमति होती है।

छह बार प्री, एक बार वल्र्ड कप

बिलिंग घाटी में छह बार पैराग्लाइडिंग प्री वल्र्ड कप का आयोजन हो चुका है। वर्ष 2015 में पहली दफा देश के पहले पैराग्लाइङ्क्षडग वल्र्ड कप का आयोजन यहां हुआ था। बिङ्क्षलग बैजनाथ उपमंडल के बीड़ गांव से 14 किलोमीटर ऊपर धौलाधार की पहाड़ी पर स्थित है। यहां इटली के बाद विश्व का दूसरी बेहतरीन पैराग्लाइङ्क्षडग साइट है। यहां से दो सौ किमी तक उड़ान की सुविधा है। यह साइट 1984 में अस्तित्व में आई थी, जबकि इंद्रूनाग में पर्यटक उड़ानें होती हैं, वहीं नरवाणा में दो बार प्री-एक्यूरेसी वल्र्ड कप के आयोजन हो चुके हैं।

कांगड़ा में अब तक कितने हादसे

साल 2004 में चंडीगढ़ के केके टंडन की टेंडम फ्लाइंग से गिरने से मौत, 2009 में रूस के डेनिस व फायल आदि हिमानी चामुंडा की पहाडिय़ों में फंसकर घायल, 2009 में रूस के फ्री फ्लायर उडेन का शव पहाडिय़ों में भेड़पालकों को मिला, 2012 अमेरिका के 75 वर्षीय पायलट रॉन व्हाइट की उतराला की पहाडिय़ों में मौत, 2015 में उज्बेकिस्तान के पायलट कोनस्टेनटिन की मौत, 2015 में यूनाइटेड किंग्डम की रूथ फ्री फ्लाइंग के दौरान गिरने से घायल, 2016 में घोघरधार में एचटी लाईन की चपेट में आने से रूस के पायलट की मौत, 2018 में उतराला में सिंगापुर के पायलट कोक चांग की मौत हो गई थी। 2018 में सेना के एक्यूरेसी पैराग्लाइडिंग कप के दौरान थल सेना के चार पायलट लापता हो गए थे, और एक की मौत हो गई थी। 2018 में पैराग्लाइडिंग के दौरान सिंगापुर में कमांडो 53 वर्षीय एनजी कॉकचूंग की गई जान, 2020 में फरवरी में टेंडम फ्लाइट का प्रशिक्षण लेते छोटा भंगाल के 24 वर्षीय युवक की मौत, 2020 में फ्रांस के पायलट की प्रशिक्षण के दौरान गई थी जान, 2021 जनवरी में नई दिल्ली के एक पायलट रोहित भदोरिया की उड़ान भरने के दौरान मौत, 2025 में इंद्रूनाग साइट पर जनवरी में अहमदाबाद की 19 वर्षीय युवती की मौत व अब बनगोटू में 13 जुलाई, 2025 को इंद्रनाग साइट पर 25 साल के गुजराती टूरिस्ट की मौत हुई है।

: *Himachal Monsoon: हिमाचल में दो दिन बारिश से राहत, इस दिन से फिर ऑरेंज अलर्ट* 

हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में अगले दो दिन तक बारिश से राहत रहेगी। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार इन दो दिनों में बारिश नहीं होगी। ऐसे कई जिला हैं जहां पर लोगों को बारिश से राहत मिलने वाली है। इसके अनुसार 19 व 20 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा ,कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन, किन्नौर व लाहुल-स्पीति में बारिश नहीं होने वाली। 20 जुलाई को बिलासपुर, शिमला, सोलन व सिरमौर जिला में भारी बारिश हो सकती है मगर इस दिन भी ऊना, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी जिलों में बारिश नहीं होगी, ऐसी संभावना जताई गई है। 21 व 22 जुलाई की बात करें तो चार जिलों में ऑरेंज अलर्ट दिया है। इसमें मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर शामिल हैं।

यहां पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान दिया गया है। कांगड़ा जिला में भी 22 जुलाई का ऑरेंज अलर्ट है। पिछले 24 घंटों की बात करें तो जोगिंद्रनगर में 40 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। इसके अलावा सराहन में 38,जतौन बैराज में 28.6,कोठी में 28.4, शिलारू में 26.4, मुरारी देवी में 25 और नारकण्डा में 23 मिलीमीटर बारिश हुई है।

: *Minjar Fair: मिंजर में आए देवी-देवताओं का बढ़ाया नजराना, अब मिलेंगे इतने रुपए, प्रशासन ने दी स्वीकृति* 

अब मिलेंगे 11 हजार रुपए; प्रशासन ने दी स्वीकृति, स्वच्छ चंबा थीम से निकलेगी शोभायात्रा

अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला की शोभायात्रा में शामिल होने वाले देवी-देवताओं की नजराना राशि को 7600 रुपए से बढ़ाकर 11 हजार रुपए कर दिया है। इसके लिए प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई है। साथ ही मेले की शोभायात्रा में इस वर्ष स्वच्छ चंबा थीम को भी शामिल किया जाएगा। इसमें विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के सदस्य और वरिष्ठ नागरिक स्वच्छता का संदेश देते नजर आएंगे। यह फैसले शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला मेला शोभायात्रा उपसमिति की बैठक में लिए गए। बैठक की अध्यक्षता मिंजर मेला शोभा यात्रा उपसमिति की संयोजक एवं नगर परिषद चंबा की अध्यक्ष नीलम नैय्यर ने की। बैठक में नगर परिषद की वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी राखी कौशल, सहायक अभियंता संजीव शर्मा और कनिष्ठ अभियंता नीतिका भी विशेष तौर से मौजूद रही। बैठक में उपसमिति के सदस्यों से मिंजर मेले के शुभारंभ और समापन मौके पर निकलने वाली शोभायात्रा को और आकर्षक बनाने को लेकर सुझाव भी लिए गए।

बैठक के माध्यम से शहरवासियों से आग्रह किया गया है कि वे मिंजर मेले की शोभायात्रा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। बैठक में शहर के विभिन्न वार्डों के पार्षदों से भी लोगों को शोभायात्रा में शामिल होने का न्योता देने का आग्रह किया गया। मिंजर मेला शोभा यात्रा समिति की संयोजक नीलम नैय्यर ने बताया कि प्रशासनिक स्वीकृति के बाद मेले के समापन मौके की शोभायात्रा में शामिल होने वाले देवी-देवताओं की नजराना राशि को बढ़ाकर 11 हजार कर दिया है। शोभायात्रा में छह देवी-देवता शिरकत करते हैं।

शहर को साफ-सुथरा रखने का संदेश

मेले की शोभायात्रा के दौरान लोगों को स्वच्छता को लेकर भी जागरूक किया जाएगा। उन्होंने साथ ही बताया कि मेले के दौरान शहर को साफ-सुथरा रखने को लेकर भी कदम उठाए जाएंगे। बैठक में समिति के गैर सरकारी सदस्य उदय शर्मा, राकेश कुमार, भूपिंद्र जसरोटिया, अजितेश शर्मा, एजाज मिर्जा, ओमप्रकाश, मनजीत जसरोटिया व चौगान वार्ड के पार्षद खालिद मिर्जा आदि मौजूद रहे।

: *राहुल गांधी बोले, रॉबर्ट वाड्रा-प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ हर साजिश के खिलाफ लड़ूंगा* 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा तथा उनके पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मोदी सरकार लगातार साजिश कर रही है और वह इसके विरुद्ध अपनी बहन और बहनोई के साथ खड़े रहेंगे। राहुल गांधी का यह बयान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ हरियाणा में कथित जमीन घोटाले के मामले में गुरुवार को आरोपपत्र दायर किए जाने के संदर्भ में आया है। ईडी ने आरोप पत्र दायर करने के बाद ही वाड्रा की करीब 36 करोड़ की संपत्तियां भी एटैच की हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि पिछले 10 साल से वाड्रा परिवार को इसी तरह के षड्यंत्रों के तहत तंग किया जा रहा है, लेकिन उनका परिवार बहादुर है और वे हर साजिश के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे। राहुल गांधी ने कहा कि मेरे बहनोई को पिछले दस वर्षों से यह सरकार परेशान कर रही है। यह ताजा आरोपपत्र उसी षड्यंत्र का एक और हिस्सा है। मैं रॉबर्ट, प्रियंका और उनके बच्चों के साथ खड़ा हूं, क्योंकि उन्हें दुर्भावनापूर्ण, राजनीतिक रूप से प्रेरित बदनामी और उत्पीडऩ का एक और हमला झेलना पड़ रहा है।

: *सरला देवी पर टूटा दुखों का पहाड़, त्रासदी ने छीने पति-सास, पल भर में उजड़ गया संसार* 

सराज की बाड़ा निवासी सरला देवी पर टूटा दुखों का पहाड़, घर-जमीन सब बाढ़ में बहे

सराज त्रासदी ने मंडी को इतने जख्म दिए हैं कि हर कोई अपने भीतर गमों की बाढ़ को समेटे बैठा है। बाड़ा पंचायत में जलजला आया, तो एक परिवार की दुनिया ही उजाड़ कर चला गया। इस जलजले में सरला नाम के महिला के सिर का ताज बह गया और गोद में रह गए दो मासूम बच्चे। अब वह मददगार के सहारे पंचायत भवन में रातें काट रही हैं। सरला देवी पर दो बच्चों के साथ अपने ससुर को संभालने की जिम्मेदारी भी है। पति का साथ छूटा, सास आंखों के सामने से गुम हो गई। सिर छुपाने को घर रहा नहीं और अब नया आशियाना बनाने के लिए जमीन भी नहीं।

सरला देवी पर दुखों का पहाड़ ऐसा टूटा है कि सास मुंगेरी देवी को बचाने की कोशिश में पति विधि सिंह का साथ भी छूट गया। पांच और आठ साल के दो बच्चे मां के आंसुओं को रोक भी नहीं सकते हैं। लोग मदद कर रहे हैं। खाने का इंतजाम हो रहा है, लेकिन घर बनाने को जमीन न होना भी सरला को परेशान कर रहा है। छह कमरों के मकान,गोशाला और पांच पशु भी काल का ग्रास बन गए। (एचडीएम)

नहीं थम रहा आंसुओं का सैलाब

सरला उस रात को याद कर अपने आंसू नही रोक पाती है। रात करीब 11 बजे मलबा आया। मकान टूटा, तो पति विधि सिंह अपनी मां को बचाने की कोशिश करने लगा और फिर दोनों ही आंखों के सामने ऐसे ओझल हुए कि फिर लाश बन गए। अब आंसुओं की बाढ़ को सरला समेट नहीं पा रही है।

प्रशासन ने दी फौरी राहत

सरला देवी को बाढ ने जख्म दिए तो प्रशासन ने राहत के रूप में करीब 20 हजार रुपए भी मुहैया करवा दिए, लेकिन इनसे हालात में सुधार नहीं हो सकता। मलबे ने घर का अस्तिव ऐसा मिटाया है कि अब उसी स्थान पर नया घर भी बन नहीं सकता और दूसरी सुरक्षित जगह पर जमीन है नहीं।

वीर मंडल ने 55 परिवारों को दिए तीन-तीन हजार

त्रासदी पीडि़तों को राहत सामग्री बांटने में लगे वीर मंडल मंडी के सदस्यों ने सरला को बाड़ा पंचायत में जाकर दस हजार की आर्थिक मदद की है। इस दौरन कुल 55 परिवारों का कंबल, कपड़े और रसोई का सामान भी उपल्ब्ध करवाया गया है। वीर मंडल के सदस्य चंद्रशेखर ने बताया कि थुनाग में 68 क्विंटल राशन भी दिया गया है। इसके अलावा 55 परिवारों को तीन-तीन हजार रुपए भी नकद दिए गए हैं।

: *दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से मिले उद्योगपति* 

कहा, ‘संशोधित शेड्यूल एम’ से सैकड़ों फार्मा कंपनियों पर संकट

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से 13 मुद्दों पर चर्चा

देश के एमएसएमई फार्मा उद्योग पर नीतिगत बोझ और नियामकीय शिकंजे से मंडरा रहे संकट के बीच लघु उद्योग भारती का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से नई दिल्ली में उनके आवास पर मिला। इस बैठक में प्रतिनिधियों ने फार्मा सेक्टर की जमीनी सच्चाई को 13 अहम बिंदुओं के साथ मंत्री के समक्ष रखा, जिसमें न सिर्फ सैकड़ों फार्मा इकाइयों के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा उजागर हुआ, बल्कि देश की दवा सुरक्षा और उत्पादन प्रणाली के तानेबाने को भी बेधडक़ सामने रखा गया। श्री नड्डा ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गहराई से सुना और मंत्रालय स्तर पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाकर तत्काल रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। प्रतिनिधिमंडल ने सबसे पहले ‘संशोधित शेड्यूल एम’ पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसे बिना व्यवहारिकता के लागू किया जा रहा है, जिससे 50 करोड़ से कम टर्नओवर वाली हजारों इकाईयों पर तालाबंदी का खतरा पैदा हो गया है।

मांग की गई कि ऐसे एमएसएमई यूनिट्स के लिए संशोधित मानकों को फेजवाइज ढंग से लागू किया जाए और उन्हें विशेष राहत दी जाए, अन्यथा आवश्यक दवाओं की आपूर्ति प्रणाली टूट सकती है। वहीं प्रतिनिधियों ने ‘नॉन स्टैंडर्ड क्वालिटी’ दवाओं को लेकर फैलाए जा रहे दुष्प्रचार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 97.3 फीसदी सैंपल पूरी तरह मानक के अनुरूप हैं, जबकि सिर्फ 2.64 फीसदी सैंपल एनएसक्यू पाए जाते हैं, फिर भी पूरे फार्मा उद्योग को बदनाम किया जाता है। उन्होंने मांग की कि फार्मा नीतियों के निर्धारण में जमीनी आवाज को भी स्थान मिलना चाहिए। एक्सपोर्ट एनओसी से जुड़े जटिलताओं को हटाकर 183 देशों में फार्मा निर्यात को सरल बनाने पर विशेष चर्चा हुई।

ड्रग ट्रिब्यूनल जरूरी

बैठक में यह भी साफ कहा गया कि ड्रग ट्रिब्यूनल की स्थापना अत्यंत आवश्यक है, ताकि दवा कंपनियों के विरुद्ध होने वाली कार्रवाईयों का निष्पक्ष और समयबद्ध निपटारा हो सके। यह जन विश्वास अधिनियम की भावना के अनुरूप भी होगा

ये रहे उपस्थित

इस महत्त्वपूर्ण वार्ता में लघु उद्योग भारती की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा, महासचिव ओमप्रकाश गुप्ता, फार्मा विंग प्रमुख डा. राजेश गुप्ता, महाराष्ट्र प्रमुख डा. रवलीन खुराना, मध्यप्रदेश प्रमुख अमित चावला, केमिकल व टैक्सटाइल उद्योग से रवि पोद्दार व महेश हुरकत, अशोक बत्रा, प्रवीण खंडेलवाल, दिनेश भटनागर, केसी गोयल, तरुण राठी, अंकित गोयल, अश्विनी गोयल और राजेश गोयल समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल रहे।

: *गडकरी से होगी एनएचएआई की शिकायत* 

मंत्री अनिरुद्ध बोले, कई अधिकारियों ने सोलन में खरीदे फ्लैट

पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने एनएचएआई के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एनएचएआई के कई अधिकारियों ने सोलन जिला के बड़ोग में फ्लैट खरीदे हैं और कुछ अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश में जमीनें खरीद ली हैं। उन्होंने कहा कि फ्लैट और जमीन की खरीद कैसे हुई है और कहां से इसके लिए पैसा आया, इसकी पूरी सूचना उनके पास है। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलेंगे और इसका पूरा मसौदा सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि सोलन जिला के जाबली क्षेत्र कुछ लोग उनसे मिलने उनके कार्यालय पहुंचे। 2023 में यहां पर फोरलेन निर्माण से भवन गिरे थे, जिससे लोग बेघर हो गए थे। अब वे लोग किराए के कमरे में रहने को मजबूर हंै। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों ने बार-बार पुलिस के पास शिकायत दी है, लेकिन मामले में अभी तक कोई एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई।

पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने तुरंत एसपी सोलन से फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि इस मामले में अधिकारियों के नाम सहित एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलने भी जाएंगे। उनके समक्ष पूरा ब्यौरा रखेंगे। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी पर अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ईडी को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है।

: *मस्याणा में रुकवाया डबल लेन का काम, मनमाने तरीके से काट दिया जंगल, पहाड़ी पर ब्लास्टिंग से खतरा, निरीक्षण करने पहुंची टीमें* 

शिमला-मटौर फोरलेन पर मनमाने तरीके से काट दिया जंगल, पहाड़ी पर ब्लास्टिंग से खतरा, निरीक्षण करने पहुंची टीमें

शिमला-मटौर फोरलेन के चीलबाहल से कोहली तक के टू-लेन पैच में मस्याणा के जंगल में मनमाने तरीके से पेड़ काटने के लगे आरोपों और पहाड़ी पर बिना अनुमति के ब्लास्टिंग किए जाने के मामले में शुक्रवार को फोरेस्ट विभाग के अधिकारी और एनएचएआई की टीम मौके का मुआयना करने पहुंची। वन विभाग के अधिकारियों ने यहां पर 90 डिग्री की सीध में काटी गई पहाड़ी और कुणाह खड्ड में डपिंग पर एक्शन लिया है और डैमेज रिपोर्ट (डीआर) काटी गई है। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि ब्लास्टिंग के लिए अनुमति ली गई है। उन्होंने माना कि बरसात के कारण जहां कहीं ब्लॉकेज हुई है उसे दुरुस्त किया जाएगा। वन महकमे के अनुसार जिस तरह कटिंग की गई है, वो गलत की गई है इसके लिए बकायदा कंडीशन थी कि कटिंग किस तरह की जानी है।

स्थानीय लोगों के अनुसार बीते कुछ दिनों से लगातार यहां पर ब्लास्टिंग से मस्याणा जंगल की पहाड़ी पर कंपन हो रही है, जिससे लोग भी दहश्त में हैं। पहाड़ी के मलबे को सीधा कुणाह खड्ड में फेंका जा रहा है। फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए काम को रुकवा दिया गया है। ग्रामीण अशोक कुमार व विजय कुमार के अनुसार कई दफा प्रशासन, एनएचएआई को सूचित किया गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। सैकड़ों पेड़ मलबे में दफन कर दिए गए है। दुकानों में पहाड़ी से कटा मलबा घुसा है। कई दफा इस बारे में प्रशासन को बताया गया। मुख्यमंत्री हेल्फलाइन पर शिकायत की गई है। -एचडीएम

: *दिसंबर 2026 तक पूरी होगी शोंगटोंग परियोजना* 

कैबिनेट सब-कमेटी ने टारगेट समय पर पूरा करने के दिए निर्देश

लोन लेकर प्रोजेक्ट बना रहा है पावर कारपोरेशन

किन्नौर जिला में बन रही पावर कारपोरेशन की शोंगटोंग जलविद्युत परियोजना को दिसंबर, 2026 में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए कैबिनेट सब-कमेटी ने टारगेट रखा है और इसके अनुसार परियोजना को पूरा करने को कहा है, क्योंकि प्रोजेक्ट में पहले से काफी देरी हो चुकी है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां न्यायालयों के मुआवजे के दावों पर गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों की समीक्षा की गई तथा समस्त सरकारी संपत्तियों सहित लोक निर्माण विभाग की सडक़ों को राजस्व रिकॉर्ड में कब्जा दर्ज करने के बारे में व्यापक विचार-विमर्श किया गया। राजस्व मंत्री ने लोक निर्माण व राजस्व विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में 20 वर्ष से अधिक समय से निर्मित सरकारी संपत्तियों सहित विशेषकर लोक निर्माण विभाग की सडक़ों को राजस्व रिकॉर्ड में कब्जा दर्शाने के लिए सभी उपायुक्तों एवं अन्य राजस्व अधिकारियों को गिरदावरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में अगस्त, 2025 तक तुरंत कार्रवाई करने तथा अनुपालना रिपोर्ट मंत्रिमंडलीय उपसमिति को उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन माह के दौरान प्रदेश में लोक निर्माण विभाग की 214 सडक़ों का इंद्राज सरकार के नाम कर लिया गया है। इसके उपरांत राजस्व मंत्री ने एचपीपीसीएल की 450 मेगावाट की शोंगटोंग जल विद्युत परियोजना से संबंधित मुद्दों पर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति बैठक की अध्यक्षता की। राजस्व मंत्री ने परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा कि इस परियोजना का लगभग 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने अधिकारियों को परियोजना के निर्धारित लक्ष्य को दिसंबर, 2026 से पूर्व पूर्ण करने का आह्वान किया। बैठक में पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड तथा एडीएचएल कंपनी के प्रतिनिधियों ने परियोजना से संबंधित किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी उपलब्ध करवाई। बैठक में समिति के सदस्य नगर नियोजन, आवास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, लोक निर्माण विभाग के सचिव डा. अभिषेक जैन, एमडी एचपीपीसीएल आबिद हुसैन सादिक, विशेष सचिव हरबंस सिंह ब्रसकोन सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

: *हिमाचल में बनी 58 दवाएं सब-स्टैंडर्ड, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की रिपोर्ट में खुलासा* 

देशभर में निर्मित दवाओं की गुणवत्ता को लेकर एक बार फिर से गंभीर स्थिति सामने आई है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा जून माह के लिए जारी ड्रग अलर्ट में कुल 188 दवाओं के सैंपल जांच में फेल हुए हैं, जिनमें से 58 दवाएं हिमाचल प्रदेश के 31 दवा उद्योगों में निर्मित पाई गई हैं। इस रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इनमें से तीन दवाएं पूरी तरह नकली पाई गई हैं। जानकरी के अनुसार सीडीएससीओ और राज्य लैबों की रिपोर्ट में हिमाचल के 31 उद्योगों में बनी 58 दवाएं गुणवत्ता में फेल पाई गई। इनमें से 23 दवाएं सीडीएससीओ की लैबए और शेष राज्य प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट में फेल घोषित की गई। जिन औद्योगिक क्षेत्रों से ये दवाएं संबंधित हैं, उनमें बद्दी, बरोटीवाला, कालाअंब, पांवटा साहिब,परवाणू, सोलन, ऊना और संसारपुर टैरेस प्रमुख हैं। सिर्फ हिमाचल ही नहीं, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हैदराबाद, चेन्नई और जम्मू जैसे राज्यों में स्थित दवा इकाइयों में बनी 127 दवाएं भी सबस्टैंडर्ड पाई गई हैं।

राज्य में बनी जिन 58 दवाओं के सैंपल जांच में फेल हुए हैं, वे गंभीर और आम बीमारियों के इलाज में दी जाने वाली दवाएं हैं, जिनमें हृदय रोग की दवाएं, मधुमेह नियंत्रक, एसिडिटी और पेप्टिक अल्सर रोग, जीवाणु संक्रमण के एंटीबायोटिक्स, दर्द और सूजन निवारक, खांसी की सिरप्स (सूखी व बलगमी खांसी),आयरन और मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स, उच्च रक्तचाप व एनीमिया से संबंधित दवाएं।शामिल है। जांच में जिन दवाओं को फेल घोषित किया गयाए उनमें कई गंभीर निर्माण दोष पाए गए जैसे सक्रिय तत्त्वों की कमी , गलत लेबलिंग, अनुचित पीएच स्तर, डिसइंटिग्रेशन टेस्ट में विफलतासॉल्युबिलिटी व कंटेंट यूनिफॉर्मिटी में गड़बड़ी शामिल है

: *रोड खोलने को मशीनें भेजो, तेल खर्च हम देंगे, जयराम की लोगों से अपील, सराज की बंद सडक़ों ने बढ़ाया मर्ज* 

सेब सीजन के बीच बंद सडक़ों ने सराज का मर्ज और बढ़ा दिया है। त्रासदी के कारण सडक़ें बेहाल हैं और सेब सीजन सामने खड़ा है। शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों का जायज़ा लिया और प्रभावित परिवारों की मदद की। उन्होंने कहा कि कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सडक़ें अभी नहीं बहाल हुई हैं। सेब का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में आपदा से जो बाग बगीचे बच गए हैं, उनके उत्पाद को बाजार तक पहुंचाना बहुत बड़ी चुनौती बन गई है। इस काम में तेजी लाने के लिए नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश के जेसीबी मशीन मालिकों से मदद करने का अनुरोध किया है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जिनके पास भी मशीन हैं, वे हमारी मदद करें और आपदा प्रभावित क्षेत्र में सडक़ें खोलने में उन्हें लगाएं। मशीनों के तेल आदि पर होने वाला खर्च हम वहन करेंगे।

दान से पहले प्रभावितों की करें पहचान

जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा प्रभावितों के नाम पर दानी सज्जनों की उदारता का कुछ लोग फ़ ायदा उठा रहे हैं। इसलिए दानी सज्जनों से आग्रह है कि आपदा राहत सही मायनों में प्रभावितों तक पहुंचे, इसलिए वेरिफकेशन भी करें। इसके लिए लोग प्रशासन या हमारी मदद ले सकते हैं। जयराम ने कहा कि दान करने वाले चेक साइन कर लें और उस पर अपनी इच्छानुसार अमाउंट भर लें और अपनी उपस्थिति मेें प्रभावित परिवारों को दें।

: *Chitta: शिमला में कार में मिली युवक की डेडबॉडी, चिट्टे की ओवरडोज से मौत की आशंका* 

 हिमाचल में लगातार चिट्टे की ओवरडोज से युवाओं की मौत हो रही है। ताजा मामला शिमला का है। यहां पर एक गाड़ी में युवक की लाश मिली है। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है और ड्रगओवर डोज से मौत की आशंका जताई है। हालांकि मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम में चलेगा। जानकारी के अनुसार गरुवार शाम को शिमला शहर के आईएसबीटी टूटीकंडी में कुछ लोगों ने एक युवक को निजी गाड़ी में अचेत हालत में देखा। युवक गाड़ी की सीट पर बैठा हुआ था और एक तरफ उसका सिर झुका हुआ था।

इस दौरान उसकी आंखें पूरी तरह से खुली थीं। पुलिस की जांच में मृतक की पहचान निशांत (31) निवासी नाभा, शिमला अर्बन के रूप में हुई है। निशांत का शव शिमला नंबर की गाड़ी में संदिग्ध अवस्था में पाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रारंभिक जांच के आधार पर मौत का कारण नशे की ओवरडोज होने की आशंका जताई है. हालांकि, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि युवक ड्रग एडिक्ट था और नशा मुक्ति केंद्र में भी रह चुका है। फिलहाल मामले की गहनता से जांच की जा रही है।

: *आपदा प्रभावित सराज के लिए HRTC की मिनी बसें बहाल* 

कई दिनों के बाद आखिर सराज विधानसभा क्षेत्र के कई रूटों पर बस सेवाएं बहाल हो पाई हैं। एचआरटीसी ने मिनी बसों को यहां के लिए चलाया है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम ने शुक्रवार से आपदा प्रभावित सराज विधानसभा क्षेत्र के कई मार्गों पर मिनी बस टैंपो ट्रैवलर सेवाएं बहाल कर दी हैं।

उन्होंने कहा कि सराज के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जन.जीवन सामान्य होने लगा है। उन्होंने कहा कि मिनी बस सेवाओं की शुरुआत होने से क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिलेगी क्योंकि वे लंबे समय से यातायात सुविधा के अभाव से जूझ रहे थे। अब निगम की ओर से बगस्याड़, जंजैहली, छतरी, सराची, थुनाग और चियूणी चेत सहित विभिन्न दुर्गम मार्गों पर टैंपो ट्रैवलर सेवाएं संचालित की जा रही हैं। उप.मुख्यमंत्री ने कहा कि इन टेम्पो ट्रैवलर सेवाओं को बगस्याड़ में निगम की अन्य बस सेवाओं से जोड़ा गया है जिससे यात्रियों को जिला मुख्यालय मंडी सहित अन्य गंतव्यों तक आसानी से पहुंचने की सुविधा मिलेगी। निगम ने यह सुनिश्चित किया है कि परिवहन व्यवस्था सुचारू और समयबद्ध हो ताकि स्थानीय लोगों को राहत मिल सके। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सराज क्षेत्र के लोगों को आपदा के बाद यातायात अवरुद्ध होने के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर सभी आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

: *गला घोंट कर मार डाली मेरी बेटी, काजल की मां ने ससुरालियों के लिए मांगी फांसी* 

उपमंडल जवाली के कस्बा जरोट की एक बेटी की पटियाला के समीप एक कस्बा में मौत हो गईं है। जिस पर मृतका की माँ ने इंसाफ की मांग की है। गुरुवार को मृतका की मां सुनीता ने बेटी काजल की मौत पर बिलखते हुए इन्साफ की मांग की है। पीडि़त मां ने रोते -रोते बताया कि जिस तरह उसकी बेटी को फांसी लगाई है, उसी तरह उसके ससुराल बालों को भी फांसी लगाई जाए। इसी मुद्दे पर पंचायत जरोट प्रधान शमशेर सिंह ये फोन पर बात की तो उन्होंने बताया काजल की शादी पटियाला के एक नजदीकी कस्बा में हुई थी, जिसका वहां पर निधन हुआ है।

उन्होंंने बताया कि मृतका के परिजनों के बयान पर स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, तो वहीं शव को जरोट लाया गया है, जहां पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतका के परिजनों ने उसके ससुराल वालों पर गला घोंटकर बेटी की हत्या का आरोप लगाया है। काजल की मां सुनीता देवी तथा उसके परिवार ने आरोप लगाया है कि जबसे उसकी शादी की हुई थी, तब से उसका पति तथा परिवार के लोग उसे दहेज के लिए तंग करते थे, जबकि मंगलवार को काजल के ससुराल वालों का फोन आया कि उनकी बेटी ने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। सूचना मिलते ही वे तुरंत पटियाला पहुंचे और वहां देखा कि उसने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या की गई थी। पीडि़त परिजनों ने ससुरालियों के विरुद्ध हत्या का मामला स्थानीय पुलिस थाना में दर्ज करवाया।

: *अब टैम्पो ट्रैवलर के इस दिन तक करें आवेदन* 

परिवहन विभाग ने तीन दिन बढ़ाई तारीख

ट्रैम्पो ट्रैवलर के लिए आवेदन की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। अब 21 जुलाई तक आवेदन मांगे हैं , जिसमें अभी दो-तीन दिनों का और समय दे दिया है। प्रदेश में लोगों को बेहतर यातायात सुविधा देने के लिए सरकार ने 350 रूट निजी क्षेत्र को देने का निर्णय लिया है, परंतु लोगों की तरफ से इससे भी ज्यादा रूटों की डिमांड आई है। इसे लेकर परिवहन विभाग ने रूट आबंटन से पहले इसका सर्वे करवाया। इसमें पूछा गया कि यहां पर बस चलाने की जरूरत है या नहीं। सर्वेक्षण में प्रदेशभर से 450 नए रूट शुरू करने की मांग आई है।

विभाग ने निजी ऑपरेटरों से भी इसकी राय ली थी। बड़ी बसों के बजाए 18 सीटर छोटी बसें चलाने को लेकर डिमांड आई। राज्य सरकार ने 350 रूट पहले चरण में निजी क्षेत्र को देने का निर्णय लिया। 18 सीटर टैम्पो ट्रैवलर के लिए आवेदन मांगे गए। परिवहन निदेशक डीसी नेगी ने बताया कि आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसका आबंटन किया जाएगा। सरकार ने 100 टैम्पो ट्रैवलर खरीदने की मंजूरी दे रखी है, जिस पर अभी टेंडर प्रक्रिया चल रही है।

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Admin तेज रफ्तार न्यूज देश का बोलबाला